ब्लैडर इंफेक्शन - Bladder Infection in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

August 19, 2018

January 30, 2024

ब्लैडर इंफेक्शन
ब्लैडर इंफेक्शन

ब्लैडर इन्फेक्शन क्या है ?

ब्लैडर इन्फेक्शन (मूत्राशय में संक्रमण) एक प्रकार का यूरिन इन्फेक्शन (मूत्र मार्ग संक्रमण: UTI) है।
ब्लैडर (मूत्राशय), श्रोणि (Pelvis) में स्थित मांसपेशियों का एक खोखला अंग होता है जिसके दो काम होते हैं - मूत्र का संग्रह करना और मूत्र को शरीर से बाहर निकालना (निष्कासित करना)। दोनों गुर्दों से मूत्र मूत्रनली (Ureter) के द्वारा मूत्राशय में आता है जो निष्कासित होने तक वहीं रहता है। बाहर निकलते समय, मूत्राशय की मासपेशियां सिकुड़ती हैं और मूत्र मूत्रमार्ग (Urethra) द्वारा शरीर से बाहर जाता है।

बैक्टीरिया, मूत्र मार्ग द्वारा शरीर में प्रवेश करता है और मूत्राशय तक पहुंच जाता है, जिससे ब्लैडर इन्फेक्शन होता है। ब्लैडर इन्फेक्शन के अधिकतर मामले अचानक होते हैं और कुछ मामलों में यह बार-बार भी हो सकता है।

ब्लैडर इन्फेक्शन से सिस्टाइटिस (Cystitis: मूत्राशयशोध) हो सकता है जिसमें मूत्राशय में सूजन हो जाती है। आमतौर पर सिस्टाइटिस बैक्टीरिया के कारण हुए संक्रमण की वजह से ही होता है लेकिन कुछ मामलों में यह यीस्ट (Yeast) या वाइरस (Virus) से हुए संक्रमण, ब्लैडर के केमिकल उत्तेजक और कुछ अज्ञात कारणों से भी हो सकता है।

(और पढ़ें - वायरल इन्फेक्शन)

ब्लैडर इन्फेक्शन ज्यादातर गंभीर नहीं होते लेकिन यह गुर्दे तक फैल सकते हैं, जिससे गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसीलिए ब्लैडर इन्फेक्शन का जल्द इलाज करना महत्वपूर्ण है। ज्यादातर मामलों में डॉक्टर बैक्टीरिया को मारने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग करते हैं।

(और पढ़ें - किडनी इन्फेक्शन)

पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ब्लैडर इन्फेक्शन होने का जोखिम अधिक होता है, इसीलिए उन्हें इसके लक्षणों का खास ध्यान रखना चाहिए।

ब्लैडर (मूत्राशय) इंफेक्शन के लक्षण - Bladder Infections Symptoms in Hindi

ब्लैडर इन्फेक्शन के लक्षण क्या होते हैं ?

ब्लैडर इन्फेक्शन के लक्षण उसकी तीव्रता के आधार पर अलग -अलग हो सकते हैं। पेशाब करते समय आपको तुरंत इसके लक्षणों और दर्द की तीव्रता के आधार पर इसका एहसास हो जाएगा।

इसके कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं -

ब्लैडर इन्फेक्शन के फैलने से पीठ के बीच के हिस्से में भी दर्द हो सकता है जो गुर्दे के संक्रमण से सम्बंधित होता है। यह दर्द आपकी गतिविधि या अवस्था पर निर्भर नहीं करता और लगातार होता रहता है। 

अगर आपको पेशाब करने में दर्द के साथ-साथ निम्नलिखित में से कोई भी लक्षण होते हैं, तो अपने डॉक्टर के पास जाएं -

इन लक्षणों का अर्थ जानलेवा किडनी रोग, प्रोस्टेट संक्रमण, मूत्राशय का ट्यूमर, किडनी ट्यूमर या मूत्र मार्ग की पथरी हो सकता है।

निम्नलिखित समस्याएं होने पर भी अपने डॉक्टर के पास जाएं -

  • उपचार के बाद भी इन्फेक्शन के लक्षण अनुभव करना।
  • लगातार दर्द होना या पेशाब करने में कठिनाई होना। यह भी एक एसटीडी, योनि के संक्रमण, गुर्दे की पथरी, प्रोस्टेट बढ़ना, मूत्राशय या प्रोस्टेट ट्यूमर के लक्षण हो सकते हैं। (और पढ़ें - योनि में इन्फेक्शन के उपाय)
  • योनि स्त्राव या पेनिस से रिसाव होना। यह एसटीडी (यौन संचारित रोग), पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी, श्रोणि सूजन की बीमारी) या किसी अन्य गंभीर संक्रमण का एक लक्षण हो सकता है।

ब्लैडर (मूत्राशय) इंफेक्शन के कारण - Bladder Infections Causes & Risk Factors in Hindi

ब्लैडर इन्फेक्शन क्यों होता है?

सब प्रकार के मूत्र मार्ग इन्फेक्शन संक्रमण करने वाले जीव, ब्लैडर में मौजूद जीवों की संख्या और शरीर की इन जीवों से लड़ने की क्षमता पर निर्भर करते हैं।

बैक्टीरिया का शरीर के बाहर से मूत्र प्रणाली (Urinary system) में जाने का सबसे आम तरीका है मूत्रमार्ग (वह नली जिससे मूत्र ब्लैडर से शरीर के बाहर तक जाता है) के द्वारा प्रवेश करना। 

  • मूत्र मार्ग संक्रमण करने वाले बैक्टीरिया का सबसे आम स्रोत है मल।
  • महिलाओं में यह बैक्टीरिया मल मार्ग से होकर योनि से होता हुआ मूत्राशय तक जाता है।
  • कभी-कभी बैक्टीरिया आसपास की त्वचा से भी मूत्रमार्ग में प्रवेश करता है।
  • मूत्रमार्ग की लम्बाई कम होने के कारण महिलाओं को ब्लैडर इन्फेक्शन होने का जोखिम अधिक होता है।
  • एक साल तक के बच्चों में, लड़कों को मूत्र मार्ग संक्रमण होने की सम्भावना अधिक होती है और उसके बाद इसकी सम्भावना लड़कियों में अधिक होती है जो बड़े होने पर भी अधिक ही रहती है।

अभी तक ई कोलाई (E. coli) को ब्लैडर इन्फेक्शन करने वाला सबसे आम बैक्टीरिया माना जाता है।

(और पढ़ें - बैक्टीरियल संक्रमण)

कभी-कभी ब्लैडर इन्फेक्शन फफूंद के कारण भी होता है और कैंडीडा (Candida) इसके लिए जिम्मेदार सबसे आम फफूंद है।

(और पढ़ें - फंगल इन्फेक्शन)

कुछ दुर्लभ मामलों में वायरस भी ब्लैडर इन्फेक्शन करते हैं। अस्थि-मज्जा का प्रत्यारोपण ऑपरेशन होने के बाद (bone marrow transplantation) और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों को वायरल सिस्टाइटिस (ब्लेडर में सूजन) हो सकता है।

(और पढ़ें - रोग प्रत्तिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय)

ब्लैडर इन्फेक्शन का खतरा कब बढ़ जाता हैं ?

  • ब्लैडर इन्फेक्शन किसी भी व्यक्ति को हो सकता है लेकिन मूत्रमार्ग की लम्बाई कम होने के कारण पुरुषों की तुलना में महिलाओं को इसका अधिक जोखिम होता है क्योंकि इससे बैक्टीरिया का मूत्राशय तक पहुंचना आसान हो जाता है।
  • पुरुषों की तुलना में महिलाओं का मूत्राशय, मलाशय से ज्यादा पास होता है जिससे बैक्टीरिया के लिए मूत्रमार्ग तक पहुंचना आसान हो जाता है।
  • उम्र के साथ-साथ पुरुषों में उनकी पौरुष ग्रंथि का आकार बढ़ सकता है, जिससे मूत्र के प्रवाह में रुकावट आती है और उन्हें यूटीआई होने का जोखिम बढ़ जाता है।

महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए ब्लैडर इन्फेक्शन के अन्य जोखिम कारक निम्नलिखित हैं -

  • प्रेगनेंसी
  • शुगर
  • उम्र का बढ़ना
  • यूरिनरी रिटेंशन
  • मूत्र मार्ग में सर्जरी होना
  • मूत्रमार्ग का संकुचित होना
  • कम चलना फिरना (Immobility)
  • प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होना
  • तरल पदार्थों का कम सेवन करना
  • मूत्राशय या मूत्रमार्ग में रुकावट होना
  • आंत्र असंयम
  • जन्म से या चोट के कारण मूत्रमार्ग की असामान्यता
  • मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस जैसी तंत्रिका तंत्र से सम्बंधित समस्याएं जो मूत्राशय को प्रभावित करती हैं
  • स्वयं मूत्र न कर पाने की स्थिति में मूत्र के प्रवाह के लिए मूत्रमार्ग द्वारा मूत्राशय तक एक ट्यूब डालना (Urinary catheterization)

ब्लैडर इंफेक्शन से बचाव- Prevention of Bladder Infections in Hindi

ब्लैडर इंफेक्शन होने से कैसे रोक सकते हैं?

जीवन शैली में कुछ बदलावों से ब्लैडर इन्फेक्शन होने का जोखिम कम किया जा सकता है। यदि आपको बार-बार ब्लैडर इन्फेक्शन हो रहे हैं, तो आपके डॉक्टर आपको रोजाना कुछ मात्रा में एंटीबायोटिक दवाएं लेने की सलाह दे सकते हैं।

जीवन शैली में बदलाव
निम्नलिखित जीवन शैली के बदलावों से ब्लैडर इन्फेक्शन होने का जोखिम कम किया जा सकता है -

  • रोज़ाना करौंदा (क्रैनबेरी) का जूस पिएं।
  • ज़रुरत महसूस होते ही पेशाब करें।
  • कॉटन का अंडरवियर और ढीले कपडे पहनें।
  • सेक्स से पहले और बाद में पेशाब करें। (और पढ़ें - सुरक्षित सेक्स कैसे करें)
  • नहाने के लिए बाथटब या बाल्टी की जगह शॉवर को प्राथमिकता दें।
  • अगर आप एक महिला हैं, तो पेशाब करने के बाद अपने अंगों को सही से पोंछें और पोंछते वक्त आगे से पीछे की ओर हाथ घुमाएं। 
  • रोज़ाना छः से आठ गिलास पानी पिएं लेकिन पहले डॉक्टर से अपने स्वास्थ्य के आधार पर तरल पदार्थ की सही मात्रा के बारे में सलाह लें।
  • गैर-स्पर्मिसाइड (non-spermicide) चिकनाई वाले कंडोम का उपयोग करें। (और पढ़ें - कंडोम का इस्तेमाल)
  • जन्म नियंत्रण के लिए डायाफ्राम (Diaphragm) या स्पर्मिसाइड (spermicide) का प्रयोग कतई न करें बल्कि इसकी जगह अन्य  तरीकों का इस्तेमाल करें।

एंटीबायोटिक दवाएं
अगर आप एक महिला हैं और आपको बार-बार ब्लैडर संक्रमण हो रहे हैं, तो आपके डॉक्टर आपके ब्लैडर इन्फेक्शन के लक्षणों का अनुभव जानने के बाद आपको रोजाना कुछ एंटीबायोटिक दवाएं लेने की सलाह दे सकते हैं। अथवा दिक्क्त महसूस होने पर ली जाने वाली दवाएं भी दे सकते हैं।
इसके साथ ही वे आपको किसी यौन गतिविधि के बाद भी एंटीबायोटिक दवा की खुराक लेने की सलाह दे सकते हैं। 

ब्लैडर इंफेक्शन का परीक्षण - Diagnosis of Bladder Infections in Hindi

ब्लैडर इन्फेक्शन का निदान कैसे होता है?

ब्लैडर इन्फेक्शन का पता लगाने के लिए आपके डॉक्टर आपके कुछ आसान से परीक्षण कर सकते हैं। अगर आपको बार-बार ब्लैडर इन्फेक्शन होता है, तो इसके कारण को जानने के लिए आपके कुछ अन्य परीक्षण भी किए जा सकते हैं।

  • सबसे पहले आपके डॉक्टर आपका एक शारीरिक परीक्षण करेंगे और आपसे आपके लक्षणों के बारे में पूछेंगे जो ब्लैडर इन्फेक्शन का पता लगाने के लिए काफी होता है।
  • अगर इससे ब्लैडर इन्फेक्शन का पता नहीं लग पाता है, तो आपके डॉक्टर आपका यूरिन टेस्ट करेंगे। यह टेस्ट आपके मूत्र में बैक्टीरिया, खून या पस की जांच करता है।
  • इन्फेक्शन कर रहे बैक्टीरिया की जांच करने के लिए आपके डॉक्टर आपका यूरिन कल्चर (Urine culture) टेस्ट भी कर सकते हैं। 

अन्य परीक्षण
कभी-कभी ब्लैडर इन्फेक्शन होना परेशानी पैदा कर सकता है लेकिन यह आमतौर पर कोई गंभीर समस्या नहीं होती है। हालांकि इन्फेक्शन की वजह का पता लगाना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि हो सकता है केवल दवाओं से इसका इलाज करना काफी न हो।

निम्नलिखित लोगों के अन्य परीक्षण भी किए जा सकते हैं -

  • बच्चों के
  • पुरुषों के (क्योंकि पुरुषों को ब्लैडर इन्फेक्शन होने की सम्भावना कम होती है, यह किसी और समस्या का लक्षण हो सकते हैं)
  • ऐसे लोग जिनकी किडनी को कुछ नुकसान हुआ है।
  • ऐसी महिलाएं जिन्हें एक साल में तीन या तीन से ज्यादा बार ब्लैडर इन्फेक्शन होता है या जिनके मूत्र में खून आता है।

ब्लैडर इन्फेक्शन की वजह जानने के लिए आपके निम्नलिखित परीक्षण किए जा सकते हैं -

  1. सिस्टोस्कोपी (Cystoscopy) - इस परीक्षण में आपके डॉक्टर आपके मूत्र मार्ग में एक पतली सी ट्यूब डालते हैं जिस पर एक छोटा सा कैमरा होता है जिससे मूत्र मार्ग की समस्याओं का पता चलता है। इससे बायोप्सी (Biopsy) के लिए एक टिश्यू का नमूना भी लिया जा सकता है।
  2. इमेजिंग परीक्षण - अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन और एमआरआई स्कैन से ट्यूमर और अन्य समस्याओं का पता चलता है।
  3. इंट्रावीनस यूरोग्राम (Intravenous urogram) - यह एक प्रकार का एक्स-रे है जो डाई का उपयोग कर के मूत्राशय, मूत्रनली और गुर्दों की तस्वीरें लेता है।
  4. वोईडिंग सिस्टयूरेथ्रोग्राफी (Voiding cystourethrography) - इस परीक्षण में आपके डॉक्टर आपके मूत्राशय में एक डाई डालकर यह देखते हैं कि क्या मूत्र आपके मूत्राशय से वापस आपके गुर्दों की तरफ जाता है।
  5. रेट्रोग्रेड यूरेथ्रोग्राफी (Retrograde urethrography) - इस परीक्षण में डाई के द्वारा आपके मूत्र मार्ग की समस्याओं को देखा जाता है।

(और पढ़ें - पैप स्मीयर टेस्ट)

ब्लैडर (मूत्राशय) इंफेक्शन का इलाज - Bladder Infections Treatment in Hindi

ब्लैडर संक्रमण का उपचार कैसे होता है?

हल्का ब्लैडर इन्फेक्शन कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन ऐसा नहीं होने पर इसका इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है। इसके बाद व्यक्ति को एक या दो दिन में बेहतर महसूस होने लगता है लेकिन सारी दवाओं को डॉक्टर द्वारा बताए गए तरीके से सावधानी से लें।

  • हल्के ब्लैडर इन्फेक्शन से ग्रस्त महिलाओं को आमतौर पर तीन से सात दिन तक एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं, हालांकि कुछ डॉक्टर दवा की केवल एक खुराक भी दे सकते हैं। गंभीर इन्फेक्शन होने पर या बार-बार इससे ग्रस्त होने पर आपको सात से दस दिन के लिए एंटीबायोटिक दवाएं लेनी पड़ सकती हैं।
  • यदि आपको शुगर जैसी कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या है, तो आपको ज़्यादा समय के लिए एक स्ट्रांग एंटीबायोटिक (ज़्यादा असरदार) दवा दी जा सकती है।
  • रजोनिवृत्ति होने के बाद वाली महिलाओं के लिए डॉक्टर एक एस्ट्रोजन युक्त योनि की क्रीम की सलाह दे सकते हैं।
  • प्रोस्टेट इन्फेक्शन के कारण हुए ब्लैडर इन्फेक्शन से ग्रस्त पुरुषों को कुछ हफ्तों के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी जा सकती हैं। (और पढ़ें - प्रोस्टेट बढ़ने का इलाज)
  • ब्लैडर इन्फेक्शन के लक्षणों जैसे दर्द और मूत्र करने की लगातार भावना पर नियंत्रण रखने के लिए डॉक्टर इससे जुड़ी दवाएं दे सकते हैं।

प्राकृतिक उपचार

मूत्राशय के संक्रमण से आराम पाने के लिए आप निम्नलिखित घरेलु उपचार कर सकते हैं -

  1. सेक्स न करें।
  2. अधिक मात्रा में पानी पिएं लेकिन शराब, कैफीन और मसालेदार खाना खाने से बचें। इनसे आपके लक्षण और बढ़ सकते हैं। (और पढ़ें - शराब छुड़ाने के उपाय)
  3. दर्द निवारक दवा लें।
  4. पंद्रह से बीस मिनट तक गर्म पानी से नहाएं।
  5. पेट के निचली तरफ गर्म पानी की बोतल या पैड (हीटिंग पैड) से सिकाई करें।

ब्लैडर इंफेक्शन की जटिलताएं - Bladder Infections Complications in Hindi

ब्लैडर इन्फेक्शन की जटिलताएं क्या होती हैं ?

सही से उपचार या निदान न होने के कारण ब्लैडर इन्फेक्शन की जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। जैसे -

  1. यह मूत्र मार्ग में बढ़ सकता है और किडनी इन्फेक्शन कर सकता है।
  2. यह खून में प्रवेश कर सकता है जिससे सेप्सिस (खून का संक्रमण) होता है जो जानलेवा भी हो सकता है।
  3. खासकर बच्चों में किडनी इन्फेक्शन से किडनी को स्थायी नुकसान हो सकता है।
  4. गर्भवती महिलाओं में मूत्राशय का संक्रमण होने से बच्चे का वजन कम होना और समय से पूर्व बच्चा होने का जोखिम बढ़ जाता है।
  5. बार-बार मूत्र मार्ग के संक्रमण या गोनोरिया जैसे यौन संचारित रोगों से मूत्र मार्ग संकुचित हो जाता है।

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संदर्भ

  1. National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases [internet]: US Department of Health and Human Services; Definition & Facts
  2. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Cystitis - acute
  3. National Kidney Foundation. Urinary Tract Infections. [internet]
  4. American Academy of Family Physicians. Diagnosis and Treatment of Acute Uncomplicated Cystitis. Am Fam Physician. 2011 Oct 1;84(7):771-776. University of Maryland School of Medicine, Baltimore, Maryland
  5. National Health Service [Internet]. UK; Urinary tract infections (UTIs)
  6. National Health Service [Internet]. UK; Urinary tract infections (UTIs)

ब्लैडर इंफेक्शन की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Bladder Infection in Hindi

ब्लैडर इंफेक्शन के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।