जिम में आपने सभी को डंबल व रॉड का इस्तेमाल करते देखा होगा। यह दोनों ही जिमींग के बेहद आम और बेहतरीन उपकरण हैं। हालांकि, इनके अलावा भी जिम में एक ऐसा उपकरण मौजूद होता है जिसकी मदद से आप ठोस और मजबूत व्यायाम कर सकते हैं।

इस उपकरण का नाम है केटलबेल, इसका इस्तेमाल लगभग डंबल की ही तरह किया जाता है, लेकिन कुछ विभिन्न गतिविधियों के साथ। केटलबेल को आप सभी प्रकार के कर्ल व्यायामों में इस्तेमाल कर सकते हैं और साथ ही स्क्वाट्स में भी।

पिछले कई वर्षो में केटलबेल ने भारतीय जिम में अपनी एक अलग जगह बना ली है। यह अधिकतर पेशेवर व अधिक समय से जिम करने वाले व्यक्तियों का मनपसंद उपकरण बन चुका है। केटलबेल रूस द्वारा बनाया गया उपकरण है, जिसे कुछ बदलावों के साथ दुनिया भर के जिम व विभिन्न व्यायामों में इस्तेमाल किया जाता है।

इसकी शुरुआत 18वी शताब्दी में हुई थी, जिसके बाद इसकी बढ़ती लोकप्रियता और प्रभावशीलता के चलते 1960 में केटलबेल को उठाना एक स्पोर्ट बन गया है। आज यह स्पोर्ट मुख्य रूप से विश्व भर में एशियन केटलबेल चैंपियनशिप और आईजीएसएफ केटलबेल वर्ल्ड चैंपियनशिप द्वारा आयोजित किया जाता है। भारत भी इस खेल प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुका है, जिसमें वर्ष 2019 में दक्षिण भारत के विगनेश हरिहरण चैंपियन बने थे।

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि नए प्रकार व अधिक प्रगतिशील वाले केटलबेल व्यायाम वर्कआउट में स्ट्रेंथ शामिल करने के लिए बेहतर उपकरण हैं। नीचे दिए गए केटलबेल के छह प्रकार के व्यायामों के बारे में पढ़ें, जिनकी मदद से आप अपने फिटनेस गोल्स को पूरा कर सकेंगे।

  1. केटलबेल व्यायाम के फायदे - Kettlebell workout benefits
  2. केटलबेल व्यायाम के प्रकार - Types of kettlebell exercises
  3. केटलबेल व्यायाम करते समय निम्न बातों का खास ध्यान रखें - Things to keep in mind for kettlebell workouts

जहां डंबल और रॉड का वजन सामान रूप से दोनों सिरों पर बटा होता है, वहीं केटलबेल का संपूर्ण वजन उसके निचले हिस्से में केंद्रित होता है। इस कारण आप जब कभी केटलबेल को उठाएंगे तो उसका वजन नियंत्रित करने के लिए आपको अपने कोर मसल्स का इस्तेमाल करना होगा। केटलबेल व्यायामों के अभ्यास से निम्न फायदे मिलते हैं -

समय की बचत - कई मांसपेशियों को टारगेट करने वाले पारंपरिक व्यायामों के मुकाबले केटलबेल व्यायामों के जरिए वर्कआउट को आधे से भी कम समय में पूरा किया जा सकता है।

स्ट्रेंथ व कार्डिओ का मेल - केटलबेल व्यायाम बेहद कठिन और प्रभावशाली होते हैं। वजन के साथ यह एक से दूसरे व्यायाम को करने से शारीरिक और हृदय संबंधी स्ट्रेंथ को तेजी से बढ़ाता है।

रोजाना के कार्यों में मिलता है लाभ - डंबल कर्ल के कई सेट आपकी बांजुओ को मजबूत तो बना देंगे, लेकिन आप यह गतिविधि कभी भी अपने रोजाना के कार्यों में इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। हालांकि, ओलिंपिक लिफ्ट की ही तरह केटलबेल व्यायाम भी कार्यशील होते हैं, जिनकी गतिविधि का इस्तेमाल आप अपने रोजाना के कार्यो में कर सकते हैं।

अधिक जगह की आवश्यकता नहीं होती - व्यायाम करने के लिए आपको जिम व घर में अधिक उपकरणों व जगह की आवशयकता नहीं होती है। कोई भी व्यायाम पूरा करने के लिए एक या दो केटलबेल पर्याप्त होते हैं।

सभी अंग होते हैं सक्रिय - केटलबेल व्यायाम शरीर के कई अंगों को एक साथ प्रभावित करते हैं, जिससे वर्काआउट का समय तो प्रभावित होता ही है साथ ही पूरे शरीर में स्ट्रेंथ भी बढ़ती है।

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केटलबेल के जरिए कई प्रकार के व्यायाम किए जा सकते हैं, लेकिन इन्हें शुरू करने से पहले सबसे महत्वपूर्ण होता है सही वजन चुनना। केटलबेल व्यायाम, डंबल व्यायामों से अलग होते हैं, इसलिए आपको इनका वजन हैमर कर्ल जैसी आइसोलेटेड मसल एक्सरसाइज (कई मांसपेशियों को प्रभावित करने वाले व्यायाम) के मुकाबले थोड़ा अधिक उठाना चाहिए।

शुरुआत में केटलबेल व्यायामों को अपने रोजाना के वर्कआउट के सर्किट (व्यायामों का चक्र) में शामिल करें। इसके बाद केटलबेल की गतिविधियों को समझने पर उसके राउंड्स को बढ़ाते रहें, इससे वर्कआउट में तीव्रता आएगी।

व्यायाम को शुरू करने से पहले स्ट्रेचिंग बेहद महत्वपूर्ण होती है, इसलिए किसी भी व्यायाम को शुरू करने से पहले हमेशा 5 से 10 मिनट के लिए अपने जोड़ों व मांसपेशियों को सक्रिय बना लें। साथ ही किसी भी नए व्यायाम को ट्रेनर या किसी अनुभवी व्यक्ति के सामने करना चाहिए। इन दोनों ही बातों को ध्यान में रखने से किसी भी प्रकार की चोट से बचा जा सकता है।

निम्न केटलबेल व्यायामों को आप अपने रोजाना के कई प्रकार के वर्कआउट में शामिल कर सकते हैं -

केटलबेल स्विंग - Kettlebell swings

आपने जिम में कई लोगों को केटलबेल को अपनी टांगों के बीच में से कंधों तक स्विंग करते हुए बहुत बार देखा होगा। इस गतिविधि को केटलबेल स्विंग कहा जाता है, जो कंधों, पीठ, कूल्हों और टांगों को मजबूत बनाने के काम आती है। जिम ट्रेनर भी इस बात को बहुत अच्छे से जानते हैं कि यह व्यायाम संपूर्ण मांसपेशियों को टोन और पेट पर जमी अधिक वसा को कम करने में सक्षम है।

अनुभव

  • अनुभव की आवश्यकता नहीं

आवश्यक उपकरण

  • एक केटलबेल

प्रभावित मांसपेशियां

  • यह फुल बॉडी वर्कआउट है जिसमें कोर, पीठ, ग्लूट्स, टांगें और कूल्हे मुख्य रूप से सक्रिय होते हैं।

रैप और सेट

  • 10 से 15 रैप के 3 सेट

कैसे करें

केटलबेल का सबसे सामान्य व्यायाम डेडलिफ्ट की गतिविधि की तरह होता है, जिसमें वजन को आगे और ऊपर की और उठाना होता है।

  1. पैरो के बीच 3 से 4 फुट का गैप बनाएं और केटलबेल को टांगों के बिल्कुल बीच में रखें
  2. अब अपनी टांगों को हल्का मोड़ें, कूल्हों को नीचे की ओर झुकाएं और केटलबेल को दोनों हाथों से उठा लें
  3. अब एक ही गति में हाथों को सीधा रखते हुए केटलबेल को ऊपर की ओर उठाएं, जब तक वह आपके कंधों से थोड़ी ऊंची न चली जाए। इसके साथ ही अपनी टांगों को भी सीधा कर लें
  4. केटलबेल को ऊपर की ओर उठाते समय बल कूल्हों से कोर और हाथों में आना चाहिए, वह भी बढ़ती तेजी के साथ
  5. गति को बिना रोके कूल्हों को झुकाते व घुटनों को मोड़ते हुए केटलबेल को नीचे की ओर लाएं। केटलबेल को अपनी टांगों के बीच से गुजरने दें। यह एक रैप है

टिप - यदि आपने यह व्यायाम कभी किसी को करते हुए नहीं देखा है, तो इसे सीखने का सबसे बेहतरीन तरीका है किसी अन्य व्यक्ति को यह अभ्यास करते हुए देखना। फिर चाहे वह कोई ट्रेनर हो या यूट्यूब पर कोई वीडियो। केटलबेल स्विंग के लिए अभ्यास और सही वजन कि आवश्यकता होती है। वजन न तो कम होना चाहिए और न ही अधिक, क्योंकि इसके कारण आपकी पीठ को क्षति पहुंच सकती है।

केटलबेल स्क्वाट्स - Kettlebell squats

यह वेटेड स्क्वाट्स का ही एक प्रकार है, जिसका अभ्यास एक या दो केटलबेल की मदद से किया जाता है। केटलबेल का असंतुलित वजन आपको अपने कोर मसल पर कार्य करने पर मजबूर करता है, जिससे वर्कआउट का परिणाम बेहतर आता है।

अनुभव

  • अनुभव की कोई आवश्यकता नहीं

आवश्यक उपकरण

  • एक या दो केटलबेल

प्रभावित मांसपेशियां

  • टांगें
  • कोर
  • पीठ
  • कूल्हे
  • फोरआर्म्स

रैप और सेट

  • 10 से 15 रैप के 3 सेट

कैसे करें

  1. पैरों के बीच कंधों की चौड़ाई के समांतर गैप के साथ सीधे खड़े हो जाएं
  2. केटलबेल को अपनी छाती के सामने रखें। यदि आप एक ही वजन के दो केटलबेल का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उनके हैंडल को अपने दोनों हाथों में पकड़ें और केटलबेल के अन्य भाग को अपने फोरआर्म्स पर रखें
  3. अपने कूल्हों को सक्रिय और कमर को सीधा रखते हुए केटलबेल को बिना हिलाए स्क्वॉट पोजीशन में नीचे जाएं
  4. अब घुटनों को सीधा करते हुए वापस सामान्य अवस्था में आ जाएं। यह एक रैप है

टिप - अगर आप नौसिखिया हैं तो पहले केवल एक केटलबेल से शुरुआत करें और अपनी क्षमता अनुसार वजन चुनें। ऐसा करने से वजन केंद्रति रहेगा और दोनों हाथ वजन के नियंत्रण में होंगे।

केटलबेल रशियन ट्विस्ट - Kettlebell Russian twist

यह साधारण व्यायाम है, जिसकी मदद से केटलबेल की गतिविधियों को आसानी से समझा जा सकता है। रशियन ट्विस्ट, कोल्ड वॉर के जमाने में बनाई गई थी, लेकिन यह अब काफी हद तक विकसित हो चुकी है।

अनुभव

  • अनुभव की आवश्यकता नहीं

आवश्यक उपकरण

  • एक केटलबेल

प्रभावित मांसपेशियां

  • कोर मसल
  • एब्स
  • ऑब्लिक्स
  • हिप फ्लेक्सर
  • पीठ

रैप और सेट

  • 15 से 20 रैप के 3 सेट

कैसे करें

  1. घुटनों को हल्का सा मोड कर नीचे बैठ जाएं और केटलबेल को अपने दोनों हाथों में उठा कर छाती के पास रख लें
  2. अब अपने ऊपरी शरीर को पीछे की ओर हल्का सा झुकाएं और अपनी कमर को केटलबेल के साथ दाईं से बाईं ओर घुमाएं, इस गति के दौरान अपनी कोर को सक्रिय, कमर को सीधा और टांगों को हल्का मुड़ा रखें

टिप - हर व्यायाम की तरह रशियन ट्विस्ट में भी सही फॉर्म बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। यदि आपको गतिविधि कठिन लगती है तो आप शुरुआत में किसी भी वजन वाले केटलबेल का इस्तेमाल कर सकते हैं और गतिविधि की आदत होने के बाद धीरे-धीरे वजन बढ़ा सकते हैं।

केटलबेल रिवर्स लंजिस - Kettlebell reverse lunges

बारबेल रॉड द्वारा रिवर्स लंजिस का अभ्यास करने से कंधों पर अनावश्यक तनाव पड़ता है, जबकि केटलबेल की मदद से आपके इस अनुभव को सुधारा जा सकता है।

अनुभव

  • इंटरमीडिएट (थोड़े अनुभवी)

आवश्यक उपकरण

  • एक या दो केटलबेल

प्रभावित मांसपेशियां

  • ग्लूट्स
  • टांगें

रैप और सेट

  • 10 से 15 रैप के 3 सेट

कैसे करें

  1. दोनों हाथों से केटलबेल को छाती से लगाकर सीधे खड़े हो जाएं, यदि आप दो केटलबेल का इस्तेमाल कर रहे हैं तो दोनों हाथों से एक-एक केटलबेल का हैंडल पकड़ें और छाती के पास ले आएं, केटलबेल के भारी हिस्से को अपने फोरआर्म्स पर रखा रहने दें
  2. एक पैर को आगे की ओर धकेलने की बजाए, उसे पीछे की ओर ले जाएं ताकि उसका घुटना जमीन से टच होने लगे और आगे वाले पैर के घुटने को जमीन के एक सीध में रखें
  3. शुरुआती अवस्था में वापिस आने के लिए टांग को फिर से पीछे की ओर ले आएं
  4. संपूर्ण गतिविधि के दौरान कमर को सीधा रखें, यह एक रैप है

टिप - एक साथ दो केटलबेल का इस्तेमाल करना थोड़ा कठिन हो सकता है, क्योंकि यह एक एडवांस तकनीक होती है। इसलिए पहले एक केटलबेल से शुरुआत करें और गतिविधि को समझने के बाद ही आगे बढ़ें।

केटलबेल क्लीन - Kettlebell cleans

केटलबेल के कठिन व्यायामों की ओर बढ़ते हुए यह एक एडवांस एक्सरसाइज है। इस व्यायाम में “क्लीन” का अर्थ है वजन को आधी गति में कंधों के समानांतर लाना और आगे की गति को पूरा करते हुए सिर से अधिक ऊंचा उठाना। इस व्यायाम में रॉड की बजाए केटलबेल का इस्तेमाल करने से एक हाथ को सक्रिय रखा जा सकता है।

अनुभव

  • पेशेवर

आवश्यक उपकरण

  • एक केटलबेल

प्रभावित मांसपेशियां

यह एक अन्य प्रकार का फुल बॉडी वर्कआउट है, जिसमें संपूर्ण शरीर का इस्तेमाल किया जाता है। इस व्यायाम में अभ्यास की जाने वाली गतिविधि से रोजाना के कार्यों में भी मदद मिलती है। इसमें टांगों से लेकर ग्लूट्स, कूल्हे, कोर, कमर और कंधे तक प्रभावित होते हैं। केटलबेल वर्कआउट करने वाले लोगों के लिए क्लीन एक बेहतरीन गतिविधि है।

रैप और सेट

  • 10 से 15 रैप के 3 सेट

कैसे करें

  1. टांगों के बीच कंधों जितनी चौड़ाई के साथ सीधे खड़े हो जाएं और केटलबेल को अपनी टांगों के बीच जमीन पर रख दें
  2. घुटनों को हल्का सा मोड़ें। अब एक हाथ से केटलबेल को उठाएं। एक सामान गति के साथ वजन को छाती तक उठाएं
  3. केटलबेल का भार आपके फोरआर्म पर होना चाहिए, जैसे कि ऊपर बताया गया है
  4. पूरी गतिविधि के दौरान कमर को सीधा रखते हुए वजन को नीचे लेकर आएं। आप वजन और गतिविधि को संतुलित रखने के लिए दूसरे हाथ का प्रयोग कर सकते हैं। यह एक रैप है

टिप - केटलबेल क्लीन एक कठिन गतिविधि वाला व्यायाम है, जिसे किसी पेशेवर या जिम ट्रेनर के साथ करना बेहतर माना जाता है। इस गतिविधि में वजन को कूल्हों के बल से उठाया जाता है न कि हाथों के। यह वह स्थिति है जिसे समझने में लोग अक्सर गलती करते हैं व कुछ को व्यायाम के बाद दर्द महसूस होता है।

टर्किश गैट-अप - Turkish get-up

टर्किश गैट-अप एक और ऐसा व्यायाम है, जिसमें एक ही गतिविधि के जरिए पूरे शरीर को ट्रेन किया जा सकता है। यह कोर मसल्स को स्थिर बनाता है और आपकी कार्यात्मक क्षमता को बढ़ाता है। यह व्यायाम इतना गंभीर है कि इसका केवल एक ही रैप किया जाता है, इसलिए इसका अभ्यास अधिकतर पेशेवर ट्रेनर द्वारा ही किया जाता है।

अनुभव

  • पेशेवर

आवश्यक उपकरण

  • एक केटलबेल

प्रभावित मांसपेशियां

टर्किश गैट-अप में शरीर की लगभग हर मांसपेशी प्रभावित होती है। कोर शुरुआत से लेकर अंत तक सक्रिय रहता है और इसके बाद कंधे, ग्लूट्स, कूल्हे और आखिर में गतिविधि के पूरे होते समय टांगों पर प्रभाव पड़ता है।

रैप और सेट

  • 10 से 15 रैप के 3 सेट

कैसे करें

  1. एक हाथ में केटलबेल को पकड़े हुए उसे ऊपर की ओर सीधा रखें और अपनी कमर के बल लेट जाएं।
  2. वजन की तरफ वाली टांग को मोड़ें और पैर को जमीन पर स्थापित रखें।
  3. सहारा दे रहे हाथ को दूसरी तरफ सीधा कर लें।
  4. अब धीरे-धीरे अपने ऊपरी शरीर को आराम कर रहे हाथ की तरफ उठाएं, पूरा समय आंखें केटलबेल की तरफ रहें।
  5. केटलबेल को केंद्रति और हाथ को सीधा रखें। अब ऊपर की ओर उठने लगें, ऐसा करने के लिए अपने दूसरी तरफ के पैर को घुटने के बल ले आएं
  6. खड़े होने के लिए अपने कूल्हों को फर्श से ऊपर उठाएं। अब आराम कर रहे हाथ को फर्श से हटा लें। वजन वाला हाथ आपके कंधे के ठीक ऊपर नहीं होना चाहिए।
  7. शुरुआती अवस्था में आने के लिए इस गतिविधि को अब उल्टा अपनाएं। यह एक रैप है।

टिप - इस तरह की तकनीक वाले व्यायामों में टर्किश गैट-अप नए अभ्यासकर्ताओं को थोड़ी समस्या दे सकती है। व्यक्ति को पहले वजन के बिना गतिविधि को समझने और सीखने की आवश्यकता हो सकती है। इसके बाद धीरे-धीरे क्षमतानुसार वजन को बढ़ाते जाएं। गतिविधि पर महारत हासिल करने के बाद व्यक्ति केटलबेल की मदद से व्यायाम को पूरा कर सकता है।

केटलबेल व्यायाम को करना मनोरंजक व कार्यशील होता है। यह एक ही समय पर कई मांसपेशियों को सक्रिय बनाती हैं और अन्य व्यायामों के मुकाबले आधे से भी कम समय में पूरी की जा सकती हैं। सबसे जरूरी होता है, व्यक्ति पहले केटलबेल की गतिविधियों को अच्छे से सीखे व स्ट्रेंथ हासिल करने के बाद धीरे-धीरे कठिन व्यायामों की ओर बढ़ें। इससे व्यक्ति का आत्मविश्वास और काबिलियत दोनों बढ़ेंगी।

ऊपर बताई गई मात्रा कुछ ही ऐसे व्यायाम हैं, जिन्हें केटलबेल की मदद से किया जा सकता है। इनके अलावा कई ऐसे वर्काआउट हैं, जिनमें आप केटलबेल इस्तेमाल कर सकते हैं और उन्हें अपने डेली रूटीन में शामिल कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल चाहें तो वजन उठाने वाले व्यायामों में या क्रॉसफिट व्यायामों में भी कर सकते हैं।

संदर्भ

  1. Beardsley C and Contreras B. The Role of Kettlebells in Strength and Conditioning: A Review of the Literature. Strength and Conditioning Journal. 2014 Jun; 36(3):64-70.
  2. Meigh NJ et al. Kettlebell training in clinical practice: a scoping review.. BMC Sports Science, Medicine and Rehabilitation. 2019 Sep; 11(19).
  3. Mortara AJ et al. A Review of Kettlebell Research and its Implications for Exercise Programming. Research and Investigations in Sports Medicine. 2017 Nov; 1(2).
  4. Lake JP et al. Kettlebell Swing Training Improves Maximal and Explosive Strength. Journal of Strength and Conditioning Research. 2012 Aug; 26(8):2228-2233.
  5. Girard J and Hussain S. The effects of kettlebell training on strength, power, and endurance. Physical Therapy Reviews. 2015 Dec; 20(1):8-15.
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