ट्रेडमिल या क्रॉस ट्रेनर पर भागना, भारी-भरकम कसरत करना जितना प्रभावशाली होता है, उतना ही बोरिंग भी हो सकता है खासतौर से जब आप वजन घटाने की या फिट रहने की कोशिश कर रहे हों।

बेशक हममें से कई लोगों को जिम जाना या स्पोर्ट्स में भाग लेना बिल्कुल अच्छा नहीं लगता, लेकिन व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों की यही खूबसूरती है कि इसका किसी पर भी सामान्य प्रभाव नहीं पड़ता है।

उदाहरण के लिए जानवरों कि गतिविधियों (एनिमल मूवमेंट वर्कआउट) से प्रेरित अभ्यास। मार्शल आर्ट्स के बारे में लगभग हर कोई जानता है, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि वह जानवरों की गतिविधियों से प्रेरित होते हैं। 1970 के दशक में आइ जैकी चैन की सभी कूंग-फू पर आधारित फिल्में बेहद मनोरंजक हुआ करती थीं। आप चाहें तो इन गतिविधियों को अपने रोजाना के व्यायाम में शामिल कर सकते हैं।

इन कसरत की सबसे खास बात यह है कि आप इन्हें घर पर कहीं भी कभी भी कर सकते हैं और इसके बेहतरीन लाभ ले सकते हैं। एनिमल मूवमेंट वर्कआउट एनिमल मूवमेंट व्यायाम के फायदों में मांसपेशियों और जोड़ों को मजबूत बनाने में और लचीलापन बेहतर करने व संतुलन और स्टैमिना बढ़ाने में मदद करती हैं। क्योंकि इनमें से अधिकतर व्यायाम कम्पाउन्ड गतिविधियां (एक से अधिक मूवमेंट और शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित करने वाली) होती हैं, यह मसल बनाने और कैलोरी बर्न करने में मददगार होती हैं।

एनिमल मूवमेंट व्यायाम के प्रकार
आइसोलेटेड एक्सरसाइज (एक ही मसल और जोड़ों पर काम करने वाले व्यायाम) कार्य-संबंधित नहीं होती हैं। बाइसेप कर्ल इसका एक अच्छा उदाहरण है। जिम के बाहर इस कसरत की गति में आपने कभी किसी को कोई भी कार्य करता नहीं देखा होगा। बेशक, ऐसे कई उदाहरण हैं।

कई ट्रेनर फंक्शनल ट्रेनिंग को बढ़ावा देते हैं, क्योंकि शरीर की इन प्राकृतिक गतिविधियों को लगातार करने से मांसपेशियों और जोड़ों में खिंचाव आता है और वह मजबूत बनते हैं।

एनिमल मूवमेंट में हमारा पूरा शरीर कार्य करता है। क्योंकि इन व्यायामों में हम अपने शरीर के वजन का इस्तेमाल करते हैं और इनके लिए जिम या किसी उपकरण की भी जरूरत नहीं होती है। आप चाहें पार्क में हों या घर पर, जहां चाहे वहां इन एनिमल मूवमेंट एक्सरसाइज का अभ्यास कर सकते हैं।

ऐसे कई व्यायाम हैं जो जानवरों की गतिविधियों से प्रेरित हैं। नीचे आठ व्यायाम दिए गए हैं, जिन्हें आसान से मुश्किल क्रम में रखा गया है 

(और पढ़ें - व्यायाम से सम्बंधित मिथ्स जिन्हें दूर करना है ज़रूरी)

  1. डॉन्की किक्स के फायदे, कैसे करें, सामान्य गलतियां और टिप्स इन हिन्दी - Donkey Kicks ke Fayde, Kaise Karein Tips in Hindi
  2. डक वाक के फायदे, कैसे करें, सामान्य गलतियां और टिप्स - Duck Walk ke Fayde, Kaise Karein Tips in Hindi
  3. बेयर क्रॉल के फायदे, कैसे करें, सामान्य गलतियां और टिप्स - Bear Crawl ke Fayde, Kaise Karein Tips in Hindi
  4. क्रैब वाक के फायदे, कैसे करें, सामान्य गलतियां और टिप्स - Crab Walk ke Fayde, Kaise Karein Tips in Hindi
  5. फ्रॉग जम्प के फायदे, कैसे करें, सामान्य गलतियां और टिप्स - Frog Jump ke Fayde, Kaise Karein Tips in Hindi
  6. मंकी शफल के फायदे, कैसे करें, सामान्य गलतियां और टिप्स - Monkey Shuffle ke Fayde, Kaise Karein Tips in Hindi
  7. क्रोकोडाइल वाक के फायदे, कैसे करें, सामान्य गलतियां और टिप्स - Crocodile Walk ke Fayde Kaise Karein Tips in Hindi
  8. क्राउचिंग टाइगर के फायदे, कैसे करें, सामान्य गलतियां और टिप्स - Crouching Tiger ke Fayde Kaise Karein Tips in Hindi

डॉन्की किक्स को मेडिकल भाषा में दी क्वाड्रोपैड बेंट-नी हिप एक्सटेंशन कहा जाता है। यह अभ्यास करने के लिए एनिमल मूवमेंट में सबसे आसान व्यायाम है। यह बेहद प्रभावशाली होती है और शरीर के निचले हिस्से को मजबूत बनाने में मदद करती है।

फायदे

  • मजबूत और गतिशील कूल्हे : कूल्हों की गतिशीलता और उन्हें सही आकार में बनाने के लिए यह एक बेहतरीन व्यायाम है। इस गतिविधि में हिप-फ्लेक्सर और लोअर बैक एक साथ कार्य करते हैं। मानव शरीर की सबसे बड़ी मांसपेशी को ग्लूटस मैक्सिमस कहा जाता है। यह अंग इस व्यायाम के दौरान लगातार इस्तेमाल होता रहता है।
    डॉन्की किक्स ग्लूटस को अन्य कम्पाउन्ड एक्सरसाइज के मुकाबले सबसे अधिक प्रभावित करती है, जैसे कि स्क्वाट्स और डेडलिफ्ट
  • थाई (जांघ) में मजबूती और खिचाव : इस कसरत के दौरान पैर को खींचने से हैमस्ट्रिंग (जांघ में पीछे की मांसपेशियां) पर भी प्रभाव पड़ता है और साथ ही वह भी मजबूत बनती हैं।
  • वजन कम होना : ग्लूटस और हैम्स्ट्रिंग दोनों ही बड़ी मांसपेशियां हैं। इन्हें टोन करने से वजन भी कम होता है।

सेट और रैप : 10 रैप के 3 सेट (दोनों पैरों से 20 रैप)

कैसे करें :

  • हाथों और पैरों के बल घोड़े की पोजीशन में आ जाएं।
  • ध्यान रहे कि दोनों हाथ कंधों के बराबर दूरी पर हों।
  • अब धीरे से अपने दाएं पैर को पीछे की ओर उठाएं और कुछ देर यह पोजीशन बनाए रखें।
  • शरीर की स्थिरता को खोए बिना पैर को जितना हो सके उतना ऊपर की ओर खींचें।
  • पैर को नीचे लाते हुए शुरुआती अवस्था में वापस आ जाएं।
  • अब यही प्रक्रिया बाएं पैर से दोहराएं।
  • यह एक रैप है, ऐसे 10 रैप करें।

सामान्य गलतियां

  • पैर और कूल्हों पर फोकस करते समय अक्सर लोग पीठ की सही पोजीशन के बारे में भूल जाते हैं। यह बेहद जरूरी होता है कि पीठ धनुषाकार में न हो और कोहनियां न मुड़ें, ताकि पैर की कसरत सही तरीके से हो पाए और किसी प्रकार की चोट न लगे।

  • अगर आपको लगे कि आप ऊपर की ओर देख रहे हैं या हर किक के साथ सिर को झुका रहे हैं तो तभी रुक जाएं। इसके कारण गर्दन और सिर पर अनावश्यक तनाव पड़ सकता है। इसकी बजाए अपने ऊपरी शरीर को जितना हो सके उतना आराम दें।

टिप्स
इस व्यायाम में ऊपरी शरीर की ताकत की कोई आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन जब एक पैर उठाया जाता है तो यह निचले शरीर को सहारा देने में मदद करता है।

  • इस व्यायाम को करते समय सिर को नीचे की ओर रखें, क्योंकि इसे ऊपर की ओर उठाने से पीठ में दर्द उत्पन्न हो सकता है।
  • पैर को ऊपर की ओर उठाते समय कमर को सीधा रखें। अपनी फॉर्म पर ध्यान दें और सुनिश्चित करें कि आपको ग्लूटेस पर प्रेशर महसूस हो रहा हो न कि कमर पर।

इस व्यायाम को करने के कई प्रकार हैं, लेकिन आमतौर पर यही सलाह दी जाती है कि पहले बेसिक गतिविधियों को पूर्ण रूप से सीख लें।

(और पढ़ें - जानिये व्यायाम छोड़ने का क्या होता है आपके शरीर पर प्रभाव)

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डक वाक एक्सरसाइज खुद में ही एक अनोखा व्यायाम है, इसके साथ ही यह पैरों के लिए एक इंटेंस वर्कआउट भी है। यह चलने वाली स्क्वॉट गतिविधि की तरह है, यानि नीचे की ओर बैठ कर चलना।

फायदे

  • मजबूत टांगें : डक वाक में स्क्वॉट्स की तरह पैर की जांघों की मांसपेशियां और हैम्स्ट्रिंग शामिल होते हैं, लेकिन इसमें पैर के अन्य हिस्से जैसे पिंडली की मांसपेशियां और ग्लूटस को मजबूत बनाने की गतिविधियां भी होती हैं। यानि संपूर्ण रूप से मजबूत और शक्तिशाली टांगें।
  • फ्लेक्सिबल हिप्स (लचकदार कूल्हे) : स्क्वॉटस् में जिस प्रकार हिप मसल को ठोस और केंद्रित रखना होता है, उसके विपरीत डक वाक कूल्हों में लचक भी शामिल कर देती है। आपने देखा होगा कि किस तरह मिलिट्री के जवान अपने अभ्यास में जांघों के बल बैठकर चलते हैं। इस व्यायाम से एड़ियां भी मजबूत होती हैं।

भले ही यह एक आसान व्यायाम लग रहा हो, लेकिन इसे कर पाना काफी मुश्किल होता है। डक वाक टांगों को ताकतवर और मजबूत बनाने वाली एक्सरसाइज माना जाता है।

एक शक्तिशाली वर्कआउट होने के कारण डक वाक को वेट ट्रेनिंग सेशन से पहले वॉर्म-अप एक्सरसाइज की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

सेट और रैप : 20-20 सेकेंड के 3 सेट

कैसे करें

  • फर्श पर सीधे तलवों के सहारे अपनी जांघों के बल नीचे बैठ जाएं।
  • हाथों को घुटनों के ऊपर रखकर एक-दूसरे से जोड़ लें ताकि शरीर का संतुलन नियंत्रित रहे।
  • इसी पोजीशन में चलना शुरू करें, हो सकता है आपका संतुलन थोड़ा अनियंत्रित हो जाए। भ्यास के दौरान सबसे महत्वपूर्ण है इसे करने का सही ढंग।

सामान्य गलतियां

  • इस व्यायाम के दौरान पैर के अंगूठों पर बल पड़ सकता है। इस कसरत का पूरा लाभ उठाने के लिए अंगूठों पर बल न डालने की कोशिश करें।
  • संतुलन बनाए रखने के लिए हो सकता है कि आप आगे या पीछे की ओर झुकें। इन दोनों ही स्थितियों में उल्टा प्रभाव पड़ सकता है।
  • अगर आप बिगिनर हैं तो इसका अत्यधिक अभ्यास न करें। याद रखें कि कसरत के बाद काफी ज्यादा दर्द होता है, इसलिए धीरे-धीरे आगे बढ़ें।

टिप्स

  • डक वाक जैसी एक्सरसाइज घुटनों पर दबाव पैदा करती है। अगर आपको पहले से घुटनों में दर्द की समस्या हो तो इस बात की सलाह दी जाती है कि धीरे-धीरे इसका अभ्यास करें और दोहराव को कम करते जाएं।
  • व्यायाम करते समय अगर आपको हल्की सी भी असुविधा महसूस हो तो तुरंत रुक जाएं और पैरों को सीधा करके कुछ समय आराम कर लें।
  • यह व्यायाम फ्लैट फुट (चपटे तलवे) वाले लोगों के लिए मुश्किल हो सकती है।

क्या कभी किसी शिशु को जमीन पर रेंगते देखा है? ठीक उसी गतिविधि में कुछ अन्य चीजें शामिल कर देने से वह बेयर क्रॉल का रूप ले लेती है, जिसे एनिमल मूवमेंट की सबसे सरल फॉर्म माना जाता है। इस व्यायाम में घुटनों का सहारा लेना हटा दिया जाता है। इससे यह एक बॉडीवेट-एक्सरसाइज बन जाती है, जिसमें आपके हाथ, कंधे, पैर, ग्लूटस और यहां तक कि कोर मसल भी काम करते हैं।

फायदे

  • शरीर की गतिशीलता और मजबूती : यह एक ऐसा व्यायाम है जिसमें ऊपरी, कोर (पेट) और निचले शरीर की मांसपेशियों का एक साथ इस्तेमाल होता है। यही कारण है कि यह फिटनेस पसंद लोगों में मनपसंद एक्सरसाइज मानी जाती है। अपनी पूरी बॉडी पर प्रेशर डालना एक बेहतरीन मोबिलाइज एक्सरसाइज है, जो मसल को जल्द ही वॉर्म-अप करने में मदद करती है। इस व्यायाम का इस्तेमाल आप चाहें तो कसरत शुरू करने से पहले भी कर सकते हैं।
    जैसा कि इस एक्सरसाइज में केवल हाथों और पैरों का इस्तेमाल किया जाता है, इसीलिए इनसे जुड़े सभी मसल जैसे छाती, कंधे, कोर और कूल्हे सक्रिय रहते हैं।
  • कम मुश्किल लेकिन अत्यधिक प्रभावशाली : क्रॉस-फिट ट्रेनिंग की महत्वपूर्ण एक्सरसाइज होने के साथ-साथ यह दुनिया की कई मुश्किल दौड़ों का भी हिस्सा है।
  • बेहतरीन कार्डियो एक्सरसाइज : जिस तरह इस व्यायाम का प्रभाव बॉडी के ऊपरी भाग पर प्रेशर के रूप में बनता है, ठीक उसी तरह यह एक कठिन हृदय संबंधित एक्सरसाइज भी मानी जाती है, कार्डियो और ट्रेडमिल की तरह। शरीर के पूरे वजन को ग्रैविटी के विपरीत जब आगे बढ़ाया जाता है तो कई गुना कैलोरी बर्न होती है।

सेट और रैप : 20 सेकेंड के 3 सेट

कैसे करें

  • हाथों और घुटनों के बल घोड़े की पोजीशन में आ जाएं।
  • अब हाथों और पैरों की मदद से शरीर को सहारा देने के लिए घुटनों को कुछ इंच ऊपर उठाएं। पीठ को सीधा और जमीन के समानांतर रखें।
  • कोहनियों को सीधा रखें। आपके पैर हल्के से मुड़े होने चाहिए। पेट को अंदर की ओर खींचे रखें।
  • अब अपने बाएं हाथ के साथ दाएं पैर को आगे की ओर बढ़ाएं, इसके बाद दाएं हाथ को बाएं पैर के साथ आगे बढ़ाएं। पूरे समय अपनी पीठ को सीधा रखें।

सामान्य गलतियां

  • शुरुआत में हो सकता है आप एक साथ एक ही तरफ के हाथ और पैर को आगे बढ़ाने लगें। चिंता न करें, क्योंकि यह एक सामान्य गलती है जो लगभग हर व्यक्ति करता है। समय के साथ-साथ आपको इस व्यायाम की गतिविधि की अपने आप आदत हो जाएगी।
  • प्राकृतिक तौर पर होने वाली गलती में अक्सर होता है कि लोग आगे बढ़ते हुए ऊपर देखने की कोशिश करते हैं। इस भावना से लड़ते हुए व्यायाम को पूरा करने की कोशिश करें।

टिप्स

  • व्यायाम का अभ्यास करते समय सुनिश्चित करें कि आपकी पीठ पूरे समय सीधी रहे।
  • आप जैसे-जैसे थकने लगेंगे वैसे-वैसे आपके कूल्हे ऊपर की ओर उठने लगेंगे, जिसके कारण वजन हाथों पर पड़ने लगेगा। वजन को कोर, हाथों और पैरों पर बराबर डालने की कोशिश करें।

दुनियाभर के ट्रेनर अलग-अलग खेलों और तकनीकों से प्रेरित होकर नए प्रकार की गतिविधियों और अधिक प्रभावशाली व्यायामों के आविष्कार में लगे रहते हैं। अलग-अलग प्रकार के व्यायामों को एक साथ मिलाने से किसी भी वर्कआउट की तीव्रता में नए चरण शामिल किए जा सकते हैं।

फायदे

शारीरिक कसरत : जिस तरह पुश अप अपर बॉडी को और स्क्वाट लोअर बॉडी को ट्रेन करते हैं, वैसे ही क्रैब वाक इन दोनों हिस्सों को एक साथ ट्रेन करने में मदद करती है। यह कोर को मजबूत बनाने और कंधों, हाथों और पैरों को प्रबल बनाने के लिए काम आती है।

वेटलॉस : इस कसरत से वजन कम करने में बेहद मदद मिलती है। यह पूरे शरीर की कैलोरी को बर्न करती है। क्रैब वाक के कई प्रकार हैं, लेकिन सभी को घर पर या कहीं भी आजमाया जा सकता है। सबसे इसके बेसिक में माहरत हासिल कर लेनी चाहिए और उसके बाद अन्य कठिन प्रकारों का अभ्यास शुरू करना चाहिए।

सेट और रैप : 15 से 20 सेकेंड के 3 सेट

कैसे करें

  • पैरों के बीच थोड़े गैप के साथ फर्श पर बैठ जाएं और घुटनों को ऊपर उठा लें। हाथों को कमर के पीछे की ओर फर्श पर रखें।
  • अब हाथों और पैरों के सहारे खुद को ऊपर उठाएं, शरीर को संतुलित करें और पेट को अंदर की ओर खींचे। ध्यान रहे कि आपका मुंह छत या आसमान की ओर हो। 
  • अपने बाएं हाथ और दाएं पैर को एक साथ आगे बढ़ाते हुए चलना शुरू करें। इस प्रक्रिया को विपरीत अंगों के साथ दोहराएं।
  • 20 सेकेंड का एक राउंड पूरा करें। 10 सेकेंड आगे की ओर जाएं और 10 सेकेंड उसी पोजीशन में वापस आएं।

सामान्य गलतियां

  • व्यायाम शुरू करने से पहले हाथों, पैरों और पीठ का वॉर्मअप करना न भूलें।
  • सिर को झुकने न दें।
  • कोहनियों को न मोड़ें।
  • व्यायाम के दौरान जल्दबाजी की बजाए गतिविधि को अधिक नियंत्रित करने की कोशिश करें।

टिप्स

  • व्यायाम में तीव्रता बढ़ाने के लिए कोर और कूल्हों को टाइट रखें और अधिक से अधिक मसल ग्रुप का इस्तेमाल करने की कोशिश करें।
  • कंधे की चोट से बचने के लिए एक ऐसी जगह ढूंढे जहां गतिविधि को सामंजस्य के साथ किया जा सके।
  • जो व्यक्ति बॉडीवेट ट्रेनिंग नहीं करते हैं उन्हें दूसरे या तीसरे सेट में थकावट होना सामान्य है।
  • क्रैब वाक बेयर वाक का विपरीत रूप है, इस कसरत में पैरों और धड़ के साथ, उल्टा चलने पर बाह और ट्राईसेप भी ट्रेन होते हैं।
  • अगर आपके कंधे पर कोई चोट लगी है या आपको लगता है कि इस गतिविधि को अपनाने से वो प्रभावित हो सकता है तो तुंरत रुक जाएं और किसी ट्रेनर से सलाह ले लें।
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कई वॉर्मअप रूटीन में इस्तेमाल की जाने वाली यह कसरत खासतौर से मार्शल आर्ट्स का एक हिस्सा है। फ्रॉग जम्प टांगों को मजबूत बनाने और हृदय संबंधित प्रक्रियाओं को बेहतर करने में मदद करती है।

फायदे

  • मजबूत मेटाबॉलिज्म : अधिक तीव्रता वाले वर्कआउट जल्दी कैलोरी बर्न करते हैं। जहां वर्कआउट के समय सही फॉर्म और पोश्चर रखना अनिवार्य होता है वहीं फ्रॉग जम्प जैसे कठिन व्यायामों के जरिए मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में अत्यधिक मदद मिलती है।

  • बेहतर रक्त प्रवाह : वजन घटाने के लिए सबसे बेहतरीन एक्सरसाइज होने के साथ फ्रॉग जम्प पैरों में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाती है।

  • सहनशीलता : जो लोग ऐसे स्पोर्ट्स खेलते हैं जिनमें अधिक दौड़ या दिशा बदलना शामिल होता है, उनकी परफॉर्मेंस में सहनशीलता और स्टैमिना शामिल करने के लिए फ्रॉग जम्प एक बेहतरीन व्यायाम है।

सेट और रैप : 20 सेकेंड के 3 सेट

कैसे करें

  • जांघों के बल स्क्वाट पोजीशन में आ जाएं। अपनी पीठ को जितना हो सके उतना सीधा रखने की कोशिश करें, कूल्हों को बाहर और बाहों को पैरों के बीच या पीठ के पीछे रखें।
  • पैरों के दम पर आगे की ओर कूदें, हाथों को बिना हिलाए फर्श पर ज्यादा से ज्यादा आगे जाने की कोशिश करें।
  • अधिक से अधिक ऊंचा कूदने की कोशिश करें, ताकि हवा में पैरों में खिचावं पैदा करने का समय मिल सके। यह एक जम्प है।

सामान्य गलतियां

  • हाथों का न हिलने दें। छोटी छलांगें लगाना भी ठीक है। गतिविधि की आदत होने के बाद अपने आप बड़ी छलांगें लगने लगेंगी।
  • अगर आप बिगिनर हैं तो अपने हाथों को सामने की ओर रखें। लेकिन सहारे के लिए इनका इस्तेमाल न करें।

टिप्स

  • घुटने या जोड़ों में पुरानी चोट वाले व्यक्ति इस व्यायाम को अपनाने से पहले डॉक्टर से संपर्क कर लें।
  • चोट से बचने के लिए लैंड करते समय पैरों की उंगलियों पर आराम से आना उतना ही अनिवार्य है, जितना की पीठ को सीधा रखते हुए पैरों के बल आगे की ओर कूदना।

अन्य एनिमल वर्कआउट मूवमेंट में जिस तरह आगे या पीछे की ओर चला जाता है उससे हटकर मंकी शफल एक ऐसी एक्सरसाइज है, जिसमें साइड में चलने की गतिविधि को अपनाया जाता है। मंकी शफल भी कई प्रकार से की जा सकती है। हालांकि, कठिन प्रकार के अभ्यास से पहले बेहतर रहता है कि आप पहले आसान और बेसिक फॉर्म पर ध्यान दें।

फायदे

  • मजबूत कलाइयां और शोल्डर ब्लेड : मंकी शफल की तिरछी गतिविधियों से क्लाइयां और उंगलियां मजबूत होती हैं। इसके साथ ही इससे शोल्डर ब्लेड (कंधे का पिछला हिस्सा) और कूल्हे गतिशील बनते हैं। मंकी शफल से ऊपरी शरीर को हैंड स्टैन्ड (हाथों के बल खड़ा होना) करने में मजबूती मिलती है।
  • बेहतर सामंजस्य और संतुलन : “शफल” मूवमेंट आपके शरीर के संतुलन और सामंजस्य की क्षमता को टेस्ट करता है।
  • मजबूत कूल्हे : एक तरफ से दूसरी तरफ शफल करने से आपकी गतिशीलता में स्ट्रेचिंग और मजबूती आती है।

सेट और रैप : 20 सेकेंड के 3 राउन्ड

कैसे करें

  • हाथों को पैरों के बीच में जमीन पर रखें और मालासन या डीप स्क्वाट पोजीशन में आ जाएं।
  • अब हाथों को बिना हिलाए कूल्हों और दोनों पैरों को दाईं ओर उठाकर ले जाएं।
  • इसके तुरंत बाद दोनों हाथों को दाईं ओर लेकर जाएं 
  • अब इसे 10 सेकेंड तक दाईं ओर दोहराएं और उसके बाद 10 सेकेंड के लिए बाईं ओर दोहराएं।
  • यह एक राउन्ड है।

सामान्य गलतियां

  • इस व्यायाम में तेज गतिविधि के कारण संतुलन खो सकते हैं, इसीलिए आराम से करने की कोशिश करें।
  • शरीर का सारा वजन अपने हाथों और कलाइयों पर न डालें, इससे चोट लगने का खतरा रहता है।

टिप्स

  • गतिविधि को आराम से करें क्योंकि यह व्यायाम पूरी तरह से आपके शरीर के सामंजस्य पर निर्भर होता है।
  • यह व्यायाम एन्जॉय करते हुए करना चाहिए। तो शफल करते समय शरीर को ढीला छोड़ दें।

बात चाहे बेहतरीन शारीरिक गठन की हो या अपनी मनपसंद जीन्स पहनने की, अपने पेट को हर कोई पतला करना चाहता है। क्रोकोडाइल वाक आपके इस लक्ष्य को मुमकिन बना सकती है।

फायदे

  • स्ट्रॉग कोर : क्रोकोडाइल वाक कोर को मजबूत करने वाली एक एडवांस्ड फुल-बॉडी वर्कआउट है।
  • मजबूत टांगें और पीठ : क्रंचिस में पेट के सामने और साइड के भाग काम करते हैं, जबकि क्रोकोडाइल वाक में आपकी पीठ भी शामिल होती है। यह कूल्हों, जांघों और श्रोणि को मजबूत बनाने में मदद करती है।

सेट और रैप : 20 सेकेंड के 3 सेट

कैसे करें

  • पुश अप पोजीशन में आकर अपने पेट को टाइट कर लें और हाथों व पैरों को कंधों जितना खोल लें।
  • जमीन के ज्यादा से ज्यादा पास आने के लिए कोहनियों को मोड लें। अब एक घुटने को अपनी कोहनी की ओर लेकर आएं और उसके बाद इसी गतिविधि में दूसरे घुटने को दूसरी कोहनी के पास लेकर जाएं।
  • दोनों हाथों और पैरों से इस गतिविधि को करते हुए आगे बढ़ते जाएं।

सामान्य गलतियां

  • एक्सरसाइज के दौरान कोशिश करें कि आपकी अपर-बॉडी ऊपर की ओर न आए।
  • अपनी पोजीशन चेक करें और सुनिश्चित करें कि आपकी पीठ सीधी रहे और कूल्हे ऊपर न उठे हों।

टिप्स

  • प्रबल व्यायाम के समय दो चीजों का ध्यान रखना सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है- अपनी फॉर्म को बरकरार रखना और सांस लेने व छोड़ने पर फोकस करना। एक अच्छा फॉर्म आपको कसरत का संपूर्ण फायदा उठाने का मौका देता है और चोट लगने की आशंका को कम करता है।
  • क्रोकोडाइल वाक में शरीर की कई मांसपेशियां शामिल होती हैं, जैसे कोर, पीठ, जांघें, बाहें और कंधे। भले ही यह एक आसान एक्सरसाइज न हो, लेकिन यह बेशक सबसे प्रभावशाली व्यायामों में से एक है।
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आपने मिलिट्री के जवानों या ऑब्सटैकल रनर को कीचड़ में बाघ की तरह झुक कर चलते देखा होगा। यह एक अन्य प्रकार की रेंगने वाली गतिविधि है, जिसे आप अपने व्यायाम में शामिल कर सकते हैं।

फायदे

  • शरीर का सामंजस्य और मजबूती : क्राउचिंग टाइगर व्यायाम से आपके कंधों, कूल्हों, पीठ और ग्लूटस पर प्रभाव पड़ता है। ऐसा कोर को पूरे समय टाइट रखते हुए संतुलित अवस्था में आगे जाने के कारण मुमकिन हो पाता है।
  • विविधता और तीव्रता शामिल करें : अगर आप प्लैंक व्यायाम कर पाते हैं तो अपने वर्कआउट रूटीन में क्राउचिंग टाइगर जैसी विविधता शामिल करना एक बेहतर विकल्प होगा।

सेट और रैप : 20 सेकेंड के 3 राउन्ड

कैसे करें

  • मुंह नीचे की ओर रखें व कोहनियों और पैरों की उंगलियों के बल पर प्लैंक पोजीशन में आ जाएं।
  • बाएं हाथ की कोहनी के साथ दाएं पैर को आगे की ओर बढ़ाएं, अब इसी प्रक्रिया को दाएं हाथ की कोहनी और बाएं पैर से दोहराएं।
  • बेहतर परिणाम के लिए नीचे जाते समय जमीन के जितना हो सके उतना पास जाएं।

सामान्य गलतियां

  • थकावट के कारण कूल्हों को ऊपर की ओर उठाना सबसे सामान्य गलती है। अपनी फॉर्म को बनाए रखने की कोशिश करें।
  • किसी मुलायम सतह पर अभ्यास करें, जैसे पार्क में घांस पर या लकड़ी के फर्श पर। सख्त सतह से कोहनियों पर चोट लग सकती है।

टिप्स

  • क्राउचिंग टाइगर करते समय ध्यान रखें कि शरीर का वजन कोहनियों और पैरों पर एक समान हो, ताकि शरीर एक तरफ ज्यादा न झुके।
  • नीचे की ओर झुके रहें और अपने कूल्हों को ऊपर न उठने दें।

इन व्यायामों के दौरान निम्न बातों का खास ध्यान रखें

एनिमल मूवमेंट प्रकृति पर निर्भर होती हैं। भले ही, ये शुरुआत में कठिन लगती हैं, लेकिन समय के साथ-साथ हमारे शरीर को प्रेशर झेलने की आदत हो जाती है। इसीलिए धीरे-धीरे व्यायाम की तीव्रता बढ़ाना भी आवश्यक होता है।

  • इस बात का ध्यान रखें कि आप किसी अनुभवी व्यक्ति के साथ इन व्यायामों का अभ्यास कर रहें हों। व्यायाम शुरू करने से पहले कभी-भी वॉर्मअप करना न भूलें।
  • अगर आपको कोई पुराना रोग है या किसी चोट से ग्रस्त हैं तो किसी भी व्यायाम के अभ्यास से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह ले लें।

यह सभी मूवमेंट वर्कआउट के लिए उम्दा हैं (खासतौर से उन मांसपेशियों को ट्रेन करने के लिए जिन्हें आसानी से कार्य में नहीं लाया जा सकता जैसे साइड की कमर। लोगों में उनकी ताकत अनुसार अलग-अलग प्रकार की प्रगति होती है। डॉन्की किक से शुरुआत करना एक बेहतर विकल्प रहेगा और उसके बाद एक-एक करके क्राउचिंग टाइगर जैसी कठिन एक्सरसाइज को अपनाया जा सकता है।

याद रहे कि रोजाना एक ही प्रकार का व्यायाम करने से एक्सरसाइज की प्रभावशीलता कम हो सकती है और लगातार एक ही मांसपेशी पर प्रेशर पड़ने से उसमें दिक्कतें आ सकती हैं। इसीलिए रोजाना अलग-अलग दिनों पर अलग-अलग गतिविधियां करें। शरीर नई चीजें सीखने में बेहद माहिर होता है। तो आप जितना ही अपने शरीर को नई चुनौतियां देते रहेंगे वह उतना ही मजबूत और उन्नति करता जाएगा।

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