आज के समय में जिम करने वाले सभी व्यक्ति मजबूत और बड़ी जांघ चाहते हैं। ऐसा करने के लिए वह बेहद कठिन कसरत करते हैं और घंटों जिम में बिताते हैं। यह बात भी सभी जानते हैं कि डेडलिफ्ट टांगों की एक बेहतरीन कसरत है।

सामान्य डेडलिफ्ट व्यायाम के कुछ नुकसान भी होते हैं जैसे कि कमर पर पड़ने वाला अत्यधिक तनाव। सूमो डेडलिफ्ट में पीठ पर कम तनाव पड़ता है। डेडलिफ्ट के वैसे तो कई प्रकार हैं, लेकिन आज हम आपको डेडलिफ्ट की दूसरी सबसे लोकप्रिय कसरत के बारे में बताएंगे। इस व्यायाम का नाम है सूमो डेडलिफ्ट, दरअसल इस कसरत के दौरान पीठ पर कम प्रभाव पड़ता है।

सूमो डेडलिफ्ट, सामान्य डेडलिफ्ट जितनी ही प्रभावशाली होती है। इस व्यायाम में भी हम अपनी टांगों को उतनी ही तीव्रता से ट्रेन करते हैं, जितना कि अन्य डेडलिफ्ट में कर सकते हैं। सूमो डेडलिफ्ट से स्ट्रेंथ, एंड्यूरेंस और स्टैमिना के स्तर में बढ़ोतरी होती है। तो चलिए जानते हैं इस सूमो डेडलिफ्ट के फायदों, करने के तरीके और कुछ सावधानियों व सुझाव के बारे में।

  1. सूमो डेडलिफ्ट क्या है? - What is Sumo Deadlift in Hindi?
  2. सूमो डेडलिफ्ट के फायदे - Benefits of Sumo Deadlift
  3. सूमो डेडलिफ्ट करने का सही तरीका - How to Perform Sumo Deadlift
  4. सूमो डेडलिफ्ट की सामान्य गलतियां और सुझाव - Common Errors and Tips for Sumo Deadlift

सूमो डेडलिफ्ट और सामान्य डेडलिफ्ट में ज्यादा फर्क नहीं होता है। हालांकि, सूमो स्क्वाट्स की तरह सूमो डेडलिफ्ट एक बेहतर और सुरक्षित विकल्प है। सामान्य डेडलिफ्ट में कमर के क्षतिग्रस्त होने का जोखिम बना रहता है जबकि, सूमो डेडलिफ्ट में पैरों के बीच 1 फुट का गैप रखने पर इस गतिविधि को अपनाने से कमर को सहारा मिलता है, जिससे स्लिप डिस्क की आशंका कम की जा सकती है।

प्रभावित मांसपेशियां

  • मुख्य मांसपेशियां - हैमस्ट्रिंग, ग्ल्युट्स और क्वाड्रिसेप

यह सभी मांसपेशियां टांगों की मुख्य अंगों में स्थित होती हैं, जैसे- जांघों के आगे और पीछे की तरफ। बड़ी और मजबूत टांगें पाने के लिए इन मांसपेशियों को ट्रेन करना बेहद आवश्यक होता है।

  • अन्य मांसपेशियां - बांह, लोअर बैक और कंधे

यह मांसपेशियां शरीर के ऊपरी भाग में स्थित होती हैं इसलिए इन पर टांगों के मुकाबले कम प्रभाव पड़ता है।

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कम खतरनाक - सूमो डेडलिफ्ट में पैरों को अधिक चौड़ा खोल लेने से सामान्य डेडलिफ्ट की गतिविधि के मुकाबले पीठ पर कम तनाव पड़ता है। इसके कारण आप अधिक रैप और वजन भी उठा सकते हैं।

वजन उठाने में मजबूती -  सूमो डेडलिफ्ट, डेडलिफ्ट का एक अन्य ऐसा प्रकार है, जिसे वजन उठाने की क्षमता और मसल मास बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस कसरत में अत्यधिक वजन उठाने से ऊपरी शरीर के अंग जैसे कंधो और पीठ की मजबूती में भी बढ़ोतरी होती है।

फैट लॉस - इस व्यायाम को करने से वजन कम करने में मदद मिलती है, क्योंकि यह शरीर के साइड में जमी वसा को बर्न करता है।

जीवन शैली में आता है सुधार - रोजमर्रा के कई ऐसे कार्य होते हैं जिनमें हमें बेहतर पोस्चर की आवश्यकता होती है। सूमो डेडलिफ्ट के लोअर बैक पर पड़ने वाले प्रभावों के कारण व्यक्ति को उठने-बैठने व सामान उठाने में मदद मिलती है।

इन सब के अलावा लोअर बॉडी का व्यायाम होने के कारण यह कसरत शरीर में ग्रोथ हॉरमोन बढ़ाने के साथ-साथ टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ाने में मदद करती है।

अनुभव (एक्सपीरियंस लेवल)

  • पेशेवर

आवश्यक उपकरण

  • बारबेल रॉड (छह फुट लंबी)
  • वजन (वेटेड प्लेट्स), क्षमता अनुसार

सेट और रैप

  • 10 से 15 रैप के 3 सेट

कैसे करें

  1. पैरों के बीच 3 फुट गैप रखें और सीधे खड़े हो जाएं
  2. घुटनों को हल्का मोड़ें और कूल्हों को जितना हो सके उतना पीछे की ओर खींचे
  3. बेहतर ग्रिप के लिए हाथों के बीच आधे फुट का गैप रखें
  4. एड़ियों को जमीन की ओर दबाते हुए, वजन को उठाएं और नजरें व सिर सामने की ओर रखें
  5. अब रॉड को उठाते हुए बिल्कुल सीधे खड़े हो जाएं
  6. गतिविधि के दौरान रीढ़ की हड्डी को मुड़ने या झुकने न दें
  7. रॉड को ऊपर तक उठाने के बाद कूल्हों को आगे की ओर धकेलें
  8. अब रीढ़ की हड्डी को स्थिर बनाए रखें उसी गतिविधि में शुरुआती पोजीशन में आ जाएं, यह एक रैप है
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अधिक तीव्र व्यायाम के दौरान होने वाली थोड़ी सी भी गलती भारी पड़ सकती है. इसीलिए सूमो डेडलिफ्ट का अभ्यास करने से पहले निम्न गलतियों और उनके सुझावों के बारे में जान लें :

  1. अक्सर लोग सूमो डेडलिफ्ट के दौरान पोजीशन में गलती कर बैठते हैं। चोट या स्लिप डिस्क से बचने के लिए व्यायाम के समय शरीर को बिल्कुल स्थिर रखना बेहद आवश्यक होता है। पोजीशन को सही ढंग से समझने और सीखने के लिए केवल रॉड या बिना किसी चीज के अभ्यास करें।
  2. सूमो डेडलिफ्ट जैसी कठिन कसरत के दौरान अच्छे से अच्छे पहलवान को भी मदद की जरूरत पड़ जाती है। तो अपनी गलतियों और कमियों को पहचानने के लिए किसी व्यक्ति की मदद लें या फिर अपने फोन या कैमरा में खुद की गतिविधि को रिकार्ड करके देखें और उन्हें ठीक करें।
  3. रॉड को उठाने से ज्यादा मुश्किल उसे नीचे रखना होता है। इसीलिए वजन को नीचे रखते समय अधिक सावधानी बरतें। इसके लिए चाहें तो रॉड को नीचे रखने वाली गतिविधि का अलग से अभ्यास करें।
  4. ग्लूट्स और हैमस्ट्रिंग के बेहतर परिणाम पाने के लिए टांगों और रॉड के बीच नियमित गैप रखें।
  5. धड़ को बिल्कुल सीधा रखें। कई लोग पीठ को सीधा रखने के चक्कर में धड़ को ऊंचा उठाने लग जाते हैं। ऐसा करने से कमर पर अनावश्यक तनाव पड़ सकता है।
  6. अधिक वजन उठाते समय सांस को पेट में भर लें, इससे रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है और व्यक्ति अधिक वजन उठा पाता है। इसके अलावा सांस को सही समय पर अंदर लेने और छोड़ने से पीठ संबंधी समस्याओं की आशंका भी कम हो जाती है।

वैकल्पिक व्यायाम

  • डेडलिफ्ट
  • बारबेल रैक पुल्ल डेडलिफ्ट
  • फार्मर्स वॉक
  • बारबेल हिप थ्रस्ट
  • सिंगल लेग डेडलिफ्ट

संदर्भ

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