अगर आप वजन घटाने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको ज्यादातर लोगों से यही सलाह मिल रही होगी कि आपको चावल खाना बंद कर देना चाहिए क्योंकि चावल खाने से वजन बढ़ता है और पेट भी निकलने लगता है। ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें चावल खाना पसंद होता है लेकिन सिर्फ इस डर से कहीं उनका वजन न बढ़ जाए, ऐसे लोग चावल को अपनी डाइट से बाहर कर देते हैं या फिर बेहद कम या कभी कभार ही चावल का सेवन करते हैं। चावल दुनियाभर में सबसे ज्यादा खाए जाने वाले अनाज में से एक है। लेकिन क्या सचमुच चावल, मोटापे के लिए जिम्मेदार है?
वाइट राइस या सफेद चावल संशोधित या रिफाइंड होता है, इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी अधिक होता है और संशोधन की प्रक्रिया के दौरान इसमें से फाइबर समेत कई मिनरल्स भी पूरी तरह से हट जाते हैं। इस कारण जब कोई व्यक्ति सफेद चावल खाता है तो शरीर में शुगर तुरंत टूटकर खून में रिलीज हो जाता है। यही मुख्य कारण है जिस वजह से ज्यादातर लोग सफेद चावल को मोटापा या वजन बढ़ने के लिए जिम्मेदार मानते हैं।
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चावल खाने को लेकर की गई स्टडी, 136 देश के आंकड़े शामिल
हालांकि साल 2019 में हुई एक स्टडी चावल के बारे में कुछ और ही राय रखती है। जापान के क्योटो स्थित दोशीशा विमेन्स कॉलेज ऑफ लिबरल आर्ट्स के अनुसंधानकर्ताओं ने 136 देशों के आंकड़ों को इक्ट्ठा कर उसकी जांच की। इस दौरान अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि वैसे देश जहां के लोग रोजाना करीब 150 ग्राम चावल का सेवन करते हैं वहां पर लोगों के बीच मोटापे का दर उन देशों की तुलना में कम है जहां पर लोग चावल की वैश्विक औसत मात्रा से कम, लगभग 14 ग्राम प्रतिदिन चावल खाते हैं।
शोधकर्ताओं ने इस दौरान स्टडी के नतीजों को प्रभावित करने वाले कई कारकों को ध्यान में रखा जिसमें शिक्षा का औसत स्तर, धूम्रपान दर, कुल कैलोरी की खपत, स्वास्थ्य पर खर्च किए गए धन, 65 से अधिक जनसंख्या का प्रतिशत, और प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद दर शामिल है। ये सभी कारक उन देशों में काफी कम थे, जिनके निवासी सबसे ज्यादा चावल खाते थे। हालांकि, अपने विश्लेषण में इन चीजों का हिसाब रखने के बाद भी, शोधकर्ताओं ने पाया कि मोटापे पर चावल का सकारात्मक प्रभाव बना रहा।
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ब्राउन राइस या वाइट राइस- क्या है बेहतर?
हालांकि इतने बड़े स्तर पर हुई इस स्टडी में अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने इस बात की जांच नहीं की कि आबादी का एक बड़ा हिस्सा किस तरह के चावल का सेवन करता है। उदाहरण के लिए- फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर साबुत अनाज ब्राउन राइस को वजन घटाने के लिए बेहतर माना जाता है लेकिन वहीं सफेद चावल जो बहुत ज्यादा संशोधित होता है उसमें फाइबर की मात्रा बिलकुल नहीं होती। लिहाजा कोई व्यक्ति कितने फाइबर का सेवन कर रहा है यह भी मोटापे के खतरे में अहम रोल निभाता है। कोरिया के 10 हजार वयस्कों पर की गई एक स्टडी में यह बात सामने आयी थी कि सफेद चावल वाले डाइट का सेवन करने वालों में मोटापे का खतरा था।
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चावल को हेल्दी चीजों के साथ मिलाकर खाएं
हालांकि ज्यादातर हेल्थ एक्सपर्ट्स और न्यूट्रिशनिस्ट्स की मानें तो पके हुए आधा कप चावल में सिर्फ 120 कैलोरी होती है जो कि एक छोटी सी रोटी या ब्रेड के बराबर है। अगर आप चावल को किसी अनहेल्दी चीज के साथ खा रहे हैं तो इससे आपका वजन बढ़ सकता है लेकिन अगर आप चावल को प्रोटीन से भरपूर दाल और पोषक तत्वों से भरपूर सब्जी जैसी हेल्दी चीजों के साथ खाएं तो यह वेट लॉस में मदद कर सकता है।
कितना चावल खा रहे हैं, मात्रा पर रखें कंट्रोल
इसके अलावा पोर्शन कंट्रोल भी बेहद जरूरी है यानी कि आप कितना चावल खा रहे हैं, इस पर भी नियंत्रण रखना चाहिए। सिर्फ चावल ही किसी भी चीज को अगर आप बहुत ज्यादा खाएंगे तो आपके शरीर को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा। भारत में ही ऐसे कई राज्य हैं फिर चाहे वे दक्षिण भारत के राज्य हों या फिर पूर्वी भारत के जहां दिन में कम से कम एक बार सफेद चावल जरूर खाया जाता है। जापान, चीन समेत एशिया के कई देशों में तो दिन में 4 बार तक सफेद चावल खाया जाता है।
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