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Folinerve Dha इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
अन्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Folinerve Dha की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Folinerve Dha की खुराक अलग हो सकती है।
दवाई की खुराक बीमारी और उम्र के हिसाब से जानें
आयु वर्ग | खुराक |
रिसर्च के आधार पे Folinerve Dha के निम्न साइड इफेक्ट्स देखे गए हैं -
गंभीर
मध्यम
हल्का
सामान्य
क्या Folinerve Dha का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
क्या Folinerve Dha का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
Folinerve Dha का प्रभाव गुर्दे पर क्या होता है?
Folinerve Dha का जिगर (लिवर) पर क्या असर होता है?
क्या ह्रदय पर Folinerve Dha का प्रभाव पड़ता है?
Folinerve Dha को इन दवाइयों के साथ लेने से गंभीर दुष्प्रभाव या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं -
गंभीर
मध्यम
हल्का
अगर आपको इनमें से कोई भी रोग है तो, Folinerve Dha को न लें क्योंकि इससे आपकी स्थिति और बिगड़ सकती है। अगर आपके डॉक्टर उचित समझें तो आप इन रोग से ग्रसित होने के बावजूद Folinerve Dha ले सकते हैं -
लंबे समय तक Folinerve Dha की 800 से 1200 माइक्रोग्राम की खुराक लेने की वजह से ह्रदय रोग, फेफड़ों और प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा रहता है।
मानव शरीर में डीएनए के संश्लेषण, मरम्मत और मिथाइलेशन के लिए फोलेट की जरूरत पड़ती है। ये विभिन्न जैविक प्रक्रियाओं के लिए सहायक कारक के रूप में कार्य करता है। कोशिकाओं के विभाजन के दौरान फोलेट अहम भूमिका निभाता है और नवजात शिशु और गर्भवती महिलाओं के लिए फोलेट जरूरी होता है। स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं के संश्लेषण के लिए फोलेट आवश्यक होता है। फोलेट की कमी इन सभी चीज़ों को प्रभावित कर सकती है और इसके कारण एनीमिया हो सकता है। फोलेट की कमी और एनीमिया से बचने के लिए Folinerve Dha दी जाती है।
गर्भवती महिलाओं को Folinerve Dha लेने की सलाह इसलिए दी जाती है क्योंकि ये भ्रूण को जन्मजात दोषों जैसे कि न्यूरल ट्यूब विकार से बचाने के लिए आवश्यक सप्लीमेंट है।
खुद अपनी मर्जी से Folinerve Dha लेना सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है इसलिए डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही Folinerve Dha लेनी चाहिए।
स्पाइना बिफिडा एक जन्मदोष है जिसमें रीढ़ की हड्डी और मेरुदंड ठीक तरह से नहीं बन पाते हैं। इसे न्यूरल ट्यूब दोष की श्रेणी में रखा गया है। इस दोष के कारण भ्रूण की न्यूरल ट्यूब ठीक तरह से बंद नहीं हो पाती है और इस वजह से भ्रूण की रीढ़ की हड्डी पूरी तरह से नहीं बन पाती है। रिसर्च के मुताबिक Folinerve Dha भ्रूण को स्पाइना बिफिडा से बचाती है।