कई नयी माताओं के मन में गर्भावस्था के बाद उनकी पहली माहवारी के बारे में कई प्रश्न आते हैं। मासिक धर्म चक्र की वापसी को प्रभावित करने वाले कई कारक हैं, लेकिन ज्यादातर महिलाओं को प्रसव के बाद चार हफ़्तों से छह महीनों के बीच कभी भी पहला पीरियड हो सकता है। बच्चे के पैदा होने के बाद आपको पीरियड्स फिर से कब शुरु होंगे, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप बच्चे को स्तनपान करा रही हैं या नहीं, और अगर करवा रही हैं, तो कितनी मात्रा में। इस लेख में गर्भावस्था के बाद माहवारी से जुड़े कुछ ऐसे ही सवालों पर चर्चा की गयी है।

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  1. डिलीवरी के बाद पहली माहवारी आने में कितना समय लगता है - How soon can a women expect her first period after delivery in Hindi
  2. क्या महिलाएं डिलीवरी के बाद दोबारा पीरियड शुरू होने से पहले गर्भवती हो सकती हैं - How quickly can a woman get pregnant after giving birth in Hindi
  3. क्या माहवारी गर्भावस्था से पहले की तरह ही होती है - Will your periods be the same as they were before delivery in Hindi
  4. प्रेगनेंसी के बाद पहली माहवारी में अनियमितताएं हो सकती हैं - Your periods going to be irregular at first after delivery in Hindi
  5. बच्चे के जन्म के बाद पीरियड्स न होने के पीछे के गंभीर कारण को कैसे पहचानें - How do you know if something is wrong with not getting periods after having a baby in Hindi

बच्चे को स्तनपान कराने की स्थिति का सीधा सम्बन्ध, प्रेग्नेंसी के बाद दोबारा पीरियड्स शुरु होने से होता है क्योंकि प्रोलैक्टिन (Prolactin; हार्मोन जो महिलाओं में दुग्ध उत्पादन के लिए ज़िम्मेदार होता है) ओव्यूलेशन (Ovulation) को रोक देता है। स्तनपान न कराने वाली महिलाओं को बच्चे के जन्म के बाद चार से आठ हफ़्तों में मासिक धर्म हो जाता है। चैपल हिल के नॉर्थ कैरोलिना विश्वविद्यालय में प्रसूति एवं स्त्री रोग विज्ञान की नैदानिक सहयोगी प्रोफेसर, एमिना व्हाइट के अनुसार, जो महिलाएं अपने बच्चों को प्रेग्नेंसी के बाद स्तनपान कराती हैं उन्हें फिर से पीरियड्स शुरू होने में हफ़्तों से महीनों तक लग सकते हैं। मतलब स्तनपान कराने वाली महिलाओं को दोबारा माहवारी आने में अधिक समय लगता है। इस प्रकार डिलीवरी के बाद छह महीने या उससे अधिक समय तक मासिक धर्म न होना सामान्य होता है। डॉ. व्हाइट कहते हैं, कई महिलाओं को तो स्तनपान कराना बंद करने से पहले पीरियड्स ही नहीं होते।

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कुछ महिलाएं इस दुविधा में होती हैं कि उन्हें पीरियड्स न होने का मतलब यह तो नहीं है कि वो फिर से गर्भवती हैं। न्यू जर्सी की डॉक्टर एंजेला जोन्स कहती हैं "मेरे पास कई ऐसी महिलाएं भी आती हैं जो डिलीवरी के बाद छह हफ्ते में होने वाले चेकअप के दौरान फिर से गर्भवती होती हैं। ऐसा इसलिए हो जाता है क्योंकि ओव्यूलेशन, मासिक धर्म के पहले होता है, एक बार जब आप ओव्यूलेट (Ovulate- अण्डोत्सर्ग) करती हैं, तो आप प्रजनन के लिए सक्षम हो जाती हैं, इसलिए आप डिलीवरी के बाद पीरियड्स होने से पहले भी गर्भवती हो सकती हैं। यह स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर भी लागू होता है।"

डॉ जोन्स के मुताबिक, कई महिलाएं स्तनपान को गर्भनिरोधक का तरीका मानती हैं, लेकिन वो हमेशा जन्म नियंत्रण की दूसरी विधि का उपयोग करने के लिए कहते हैं क्योंकि यह हर किसी के लिए सही नहीं होता। इस बारे में डॉक्टर से बात करें कि आपके लिए जन्म नियंत्रण का सबसे अच्छा तरीका कौन सा है, क्योंकि कुछ स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए गर्भनिरोधक गोलियां भी सही नहीं होती हैं। उदाहरण के लिए जिन गर्भनिरोधक गोलियों में एस्ट्रोजन होता है वो दूध उत्पादन में हस्तक्षेप करती हैं। इसलिए डॉक्टर से सलाह लेकर ही कोई भी उपाय अपनाएं।

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आपके पीरियड्स में थोड़ा परिवर्तन आ भी सकता है या हो सकता है कि बिल्कुल भी बदलाव न आये। डॉ. व्हाइट कहती हैं कि आपकी माहवारी पहले से लम्बी या छोटी हो सकती है, मात्रा में अधिक या कम हो सकती है और यहां तक ​​कि मासिक चक्र भी लंबा या छोटा हो सकता है। इसके साथ ही इस दौरान अनुभव होने वाली ऐंठन और मासिक धर्म में दर्द में भी अधिकता या कमी आने की सम्भावना होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपका गर्भाशय, गर्भावस्था के दौरान बढ़ चुका होता है। हालांकि यह प्रसव के बाद सिकुड़ता है लेकिन फिर भी पहले से थोड़ा बड़ा होता है। एंडोमेट्रियल अस्तर (Endometrial lining) जो मासिक धर्म के दौरान रक्त के रूप में बाहर निकलता है उसे खुद को फिर से तैयार करना पड़ता है क्योंकि प्रेगनेंसी में वो काफी परिवर्तनों से गुज़र चुका होता है। यह प्रक्रिया हर गर्भावस्था के बाद होती है, इसलिए आप हर बच्चे के जन्म के बाद अपने पीरियड्स में बदलाव महसूस कर सकती हैं। यदि आप प्रेग्नेंसी से पहले हार्मोनल गर्भ निरोधक (आईयूडी या गोलियों) का उपयोग कर रही थीं तो भी आपको डिलीवरी के बाद अधिक मात्रा में रक्तस्राव हो सकता है क्योंकि ये गर्भनिरोधक, एंडोमेट्रियल अस्तर को पतला कर देते हैं। यदि आपको नार्मल डिलीवरी हुयी है, तो आपको टैम्पोन का उपयोग करने में अलग महसूस हो सकता है।

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डॉ. व्हाइट बताती हैं कि आपके हार्मोनों को सामान्य होने में समय लग सकता है, खासकर यदि आप स्तनपान कराती हैं तो। हो सकता है कि गर्भावस्था के बाद आपका पहला माहवारी चक्र 24 दिन का हो, फिर अगला 28 दिन का और फिर उसके बाद 35 दिन का। ये चक्र कुछ महीनों में या फिर जब आप स्तनपान कराना बंद कर देती हैं तब स्थिर हो जाते हैं।

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प्रसव के बाद शुरुआती माहवारी में आपको सामान्य से अधिक और ज्यादा ऐंठन के साथ रक्तस्राव हो सकता है। लेकिन डॉ. जोन्स कहते हैं कि अगर आपको हर घंटे टैम्पोन या पैड बदलने की ज़रूरत पड़ रही है, तो डॉक्टर से संपर्क करें। यह संक्रमण या गर्भाशय फाइब्रॉएड का संकेत भी हो सकता है। यदि आप निम्न में से किसी स्थिति का अनुभव कर रही हैं तो एनीमिया या थाइरोइड रोग की पुष्टि के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

 

  1. सात दिन से अधिक समय तक माहवारी हो या अत्यधिक बड़े रक्त के थक्के रक्तस्राव के समय दिखाई दें।
  2. मासिक धर्म के दोबारा शुरु होने के बाद माहवारी न हो।
  3. पीरियड्स के बीच में स्पॉटिंग हो।
  4. यदि बच्चे के जन्म के तीन महीने बाद तक या स्तनपान रोकने के भी तीन महीनों बाद तक आपको मासिक धर्म शुरू नहीं हुए हों।

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