हाइपरथायरायडिज्म - Hyperthyroidism in Hindi

Dr. Anurag Shahi (AIIMS)MBBS,MD

June 28, 2017

February 05, 2024

हाइपरथायरायडिज्म
हाइपरथायरायडिज्म

हाइपरथायरायडिज्म एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपके शरीर में मौजूद थायरॉयड ग्रंथि थायरोक्सिन (Thyroxine) हार्मोन का उत्पादन अधिक करती है।

थायरॉयड एक छोटी सी तितली के आकार की ग्रंथि होती है जो आपकी गर्दन के आगे वाले हिस्से में स्थित होती है।

यह ग्रंथि टेट्रायोडोथायरोनिन (टी4; Tetraiodothyronine) और ट्रीओडोथायरोनिन (टी3; Triiodothyronine) बनाती है, जो दो प्राथमिक हार्मोन हैं। यह हार्मोन आपकी कोशिकाओं को ऊर्जा इस्तेमाल करने में नियंत्रित करते हैं। थायरॉयड ग्रंथि इन हार्मोनों के रिलीज के माध्यम से आपके चयापचय (Metabolism) को नियंत्रित करती है। थायरॉयड तब बढ़ता है जब थायरॉयड ग्रंथि टी4, टी3 या दोनों हार्मोन बहुत ज़्यादा बनाती है।

हाइपरथायरायडिज्म आपके शरीर के चयापचय (Metbolism) को असाधारण रूप से बढ़ा सकता है, जिससे अचानक वजन घटना, दिल की धड़कन तेज़ या अनियमित होना, पसीना आना, घबराहट और चिड़चिड़ापन हो सकते हैं। हाइपरथायरायडिज्म का सबसे आम कारण ग्रेव्स रोग, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक प्रचलित है।

थायराइ विकार दो प्रकार के होते हैं -
1. हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism; थायराइड कम होना)
2. हाइपरथायराइडिज्म (Hyperthyroidism; थायराइड बढ़ना) - इसके बारे में इस लेख में बताया गया है।

(और पढ़ें - थायराइड कम करने के घरेलू उपाय)

हाइपरथायरायडिज्म के लक्षण - Hyperthyroidism Symptoms in Hindi

टी 4, टी 3 या दोनों हार्मोनों की मात्रा बढ़ने के कारण चयापचय दर भी बढ़ जाती हैं। इसे हाइपरमेटाबॉलिक (Hypermetabolic) अवस्था कहा जाता है। इस अवस्था में, आपको हृदय की दर में तेज़ी, उच्च रक्तचाप और हाथों में कंपन का अनुभव हो सकता है। आपको अधिक पसीना आ सकता है और गर्मी के प्रति कम सहिष्णुता हो सकती है। हाइपरथायरायडिज्म आतों की अधिक गतिशीलता, वजन घटना और महिलाओं में, अनियमित मासिक धर्म चक्र उत्पन्न कर सकता है।

थायरॉयड ग्रंथि स्वयं भी सूज कर गोइटर (Goiter) बन सकती है। आपकी आंखें भी काफी बाहर निकली हुई दिखाई दे सकती हैं, जो एक्सोफ़थैल्मोस (Exophthalmos) का एक लक्षण है और ग्रेव्स रोग से संबंधित है।

1. हाइपरथायरायडिज्म के अन्य लक्षण निम्नलिखित हैं -

  1. भूख बढ़ना
  2. घबराहट
  3. बेचैनी
  4. ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता
  5. दुर्बलता
  6. अनियमित दिल की धड़कन
  7. नींद आने में कठिनाई
  8. नाज़ुक बाल होना
  9. खुजली
  10. बाल झड़ना
  11. मतली और उल्टी
  12. पुरुषों के स्तन बढ़ना

2. निम्नलिखित लक्षणों को तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है -

  1. चक्कर आना
  2. साँस लेने में कठिनाई
  3. बेहोशी
  4. तेज या अनियमित हृदय की गति

हाइपरथायरायडिज्म, आर्टरियल फिब्रिलेशन (Atrial Fibrillation) का कारण बन सकता है जो एक खतरनाक अतालता (Arrhythmia: असामान्य दिल की धड़कन) है जिससे स्ट्रोक और हार्ट फेल भी हो सकता है।

हाइपरथायरायडिज्म के कारण और जोखिम कारक - Hyperthyroidism Causes and Risk Factors in Hindi

विभिन्न स्थितियों के कारण हाइपरथायरायडिज्म हो सकता है। ग्रेव्स बीमारी, हाइपरथायरायडिज्म का सबसे आम कारण है। यह एंटीबॉडीज (Antibodies) थायरॉयड को बहुत अधिक हार्मोन बनाने के लिए उत्तेजित करता है। ग्रेव्स बीमारी पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक होती है। यह बीमारी परिवारों आनुवंशिक होती है, यदि आपके रिश्तेदारों को यह बीमारी है तो अपने डॉक्टर को बताएं।

हाइपरथायरायडिज्म के अन्य कारण हैं -

  1. अत्यधिक आयोडीन (टी4 और टी 3 में एक प्रमुख घटक)।
  2. थायरॉयडिटिस (Thyroiditis) या थायरॉयड की सूजन, जो टी4 और टी3 का ग्रंथि से बाहर निकलने का कारण बनती है।
  3. अंडाशय या वृषण (Testes) में ट्यूमर।
  4. थायराइड या पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर।
  5. आहार या दवा के माध्यम से बड़ी मात्रा में ट्रीओडोथायरोनिन (टी 3) लेना।
  6. थायरॉयड गाठों का अत्यधिक काम करना (जहरीला एडिनोमा, विषाक्त बहुपक्षीय गोइटर, प्लम्मर रोग)। हाइपरथायरायडिज्म का यह रूप तब होता है जब आपके थायरॉयड के एक या अधिक एडेनोमा बहुत ज्यादा टी4 का उत्पादन करते हैं।

हाइपरथायरायडिज्म के जोखिम कारक

हाइपरथायरायडिज्म, विशेष रूप से ग्रेव्स रोग, अनुवांशिक होता है और पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक आम है। यदि आपके परिवार के किसी अन्य सदस्य को थायरॉयड की कोई समस्या है, तो अपने डॉक्टर से बात करें कि आपके स्वास्थ्य के लिए इसका क्या मतलब हो सकता है और क्या आपके वह आपको समय-समय पर थायरॉयड की जांच करवाने की सलाह देते हैं या नहीं।

हाइपरथायरायडिज्म से बचाव - Prevention of Hyperthyroidism in Hindi

ज्यादातर मामलों में, हाइपरथायरायडिज्म को होने से रोका नहीं जा सकता है। यह अनुवांशिक हो सकता है (ग्रेव्स रोग) या तब हो सकता है जब आपका शरीर अधिक मात्रा में थायरॉयड हार्मोन बनता है, जैसे कि गर्भावस्था के दौरान या बाद में। यदि आपके परिवार में किसी को ग्रेव्स रोग है तो अपने डॉक्टर से आपको इसके होने की आशंका के बारे में ज़रूर बात करें।

हाइपरथायरायडिज्म की जांच - Diagnosis of Hyperthyroidism in Hindi

हाइपरथायरायडिज्म का निदान निम्नलिखित तरीकों से किया जाता है -

  1. मेडिकल इतिहास और शारीरिक परीक्षण
    परीक्षण के दौरान आपके चिकित्सक आपकी उंगलियों में कंपन, अनैच्छिक गतिविधियों, आंखों में बदलाव व गर्माहट,त्वचा की नमी का परीक्षण करते हैं।  डॉक्टर आपकी थायरॉयड ग्रंथि की भी जांच करेंगे यह देखने के लिए यह बढ़ी या उभरी हुई तो नहीं है और यह भी देखेंगे की आपकी नब्ज़ तेज़ तो नहीं है।
     
  2. कोलेस्ट्रॉल परीक्षण
    आपके चिकित्सक को आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच करनी पड़ सकती है। कम कोलेस्ट्रॉल भी ज़्यादा चयापचय दर का संकेत हो सकता है।
     
  3. टी 4, फ्री टी 4, टी 3 परीक्षण
    ये परीक्षण आपके रक्त में थायराइड हार्मोन (टी 4 और टी 3) का मूल्यांकन करते हैं।
     
  4. थायरॉयड स्टिमुलेटिंग हार्मोन स्तर परीक्षण
    थायरॉयड स्टिमुलेटिंग हार्मोन (टीएसएच: Thyroid stimulating hormone level test) एक पिट्यूटरी ग्रंथि का हार्मोन होता है जो थायरायड ग्रंथि को हार्मोन उत्पन्न करने के लिए उत्तेजित करता है। जब थायरॉयड हार्मोन का स्तर सामान्य या ज़्यादा होता है तो टीएसएच कम होना चाहिए। एक असामान्य रूप से कम टीएसएच हाइपरथायरायडिज्म का पहला संकेत हो सकता है।
     
  5. ट्राइग्लिसराइड टेस्ट
    आपका ट्राइग्लिसराइड के स्तर का भी परीक्षण किया जा सकता है। कम कोलेस्ट्रॉल के समान, कम ट्राइग्लिसराइड्स उच्च चयापचय दर का संकेत हो सकता है।
     
  6. थायराइड स्कैन
    थायराइड स्कैन आपके डॉक्टर को यह देखने की अनुमति देता है कि आपका थायरायड अतिसक्रिय है या नहीं। विशेष रूप से, यह बताता है कि संपूर्ण थायराइड ग्रंथि या उसका सिर्फ एक ही क्षेत्र अति-सक्रियता पैदा कर रहा है।
     
  7. अल्ट्रासाउंड
    अल्ट्रासाउंड पूरी थायरायड ग्रंथि के आकार को मापता है, साथ ही यह भी देखता है की इसमें किसी भी प्रकार का जमाव है या नहीं।
     
  8. सीटी या एमआरआई स्कैन
    एमआरआई या सीटी स्कैन दिखा सकते हैं कि कहीं पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर तो नहीं है जो कि हाइपरथायरायडिज्म कर रहा है।

हाइपरथायरायडिज्म का इलाज - Hyperthyroidism Treatment in Hindi

आपका इलाज आपकी उम्र, हाइपरथायरायडिज्म के कारण, शरीर कितना थायराइड हार्मोन बना रहा है और अन्य चिकित्सा स्थितियों पर निर्भर करता है। हाइपरथायरायडिज्म के तीन उपचार होते हैं जन्में से एंटीथायरॉयड दवाएं और रेडियो-एक्टिव आयोडीन मुख्य हैं। कुछ दुर्लभ मामलों में सर्जरी भी की जा सकती है। हाइपरथायरायडिज्म से अधिक गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं इसलिए यदि आपके लक्षण दुविधा नहीं भी कर रहे हैं, तो भी आपको इलाज की आवश्यकता है।

हाइपरथायरायडिज्म का शुरुआती उपचार
हाइपरथायरायडिज्म का शुरुआती उपचार आमतौर पर एंटीथायरॉयड दवाएं या रेडियो-एक्टिव आयोडीन से होता है। यदि आपके लक्षण ज़्यादा हैं तो आपके डॉक्टर आपको पहले एंटीथायरॉयड दवाएं लेने के लिए सलाह दे सकते हैं और फिर यह तय करेंगे कि आपको रेडियो-एक्टिव आयोडीन के उपचार की ज़रुरत है या नहीं।

  1. एंटीथायरॉयड दवाएं
    एंटीथायरॉयड दवाएं सबसे अच्छा काम करती हैं यदि आपको माइल्ड हाइपरथायरायडिज्म है, यदि आपका पहली बार ग्रेव्स रोग का इलाज हो रहा है, यदि आप 50 वर्ष से कम उम्र के हैं या यदि आपकी थायरॉयड ग्रंथि में थोड़ी सूजन है।
     
  2. रेडियो-एक्टिव आयोडीन (Radioactive Iodine)
    रेडियो-एक्टिव आयोडीन की सलाह तब दी जाती है जब आपको ग्रेव्स बीमारी है और आप 50 से अधिक उम्र के हैं या यदि आपको थायरॉयड की गांठ है जो बहुत अधिक थायराइड हार्मोन बना रही है। रेडियो-एक्टिव आयोडीन का उपयोग नहीं किया जाता है यदि -
    आप गर्भवती हैं या आप उपचार के 6 महीने के भीतर गर्भवती बनना चाहती हैं।
    आप स्तनपान करवा रही हैं।
    आपको थायरोडिटिस या अन्य प्रकार का हाइपरथायरोडिज़्म है जो अस्थायी है।
     
  3. सर्जरी
    आमतौर पर प्रारंभिक उपचार में सर्जरी नहीं की जाती है। यह तभी की जाती है यदि आपकी थायरॉयड ग्रंथि इतनी बढ़ गई है कि आपको निगलने या सांस लेने में तकलीफ हो रही है या एक बड़ी थायरॉयड गांठ बहुत अधिक थायरायड हार्मोन बना रही है या यदि आपको एंटीथायरॉयड दवाओं और रेडियो-एक्टिव आयोडीन से बहुत सारे दुष्प्रभाव हो रहे हैं।
     

लगातार चलने वाला उपचार

  • हाइपरथायरायडिज्म के उपचार के दौरान और बाद में आपके थायराइड-उत्तेजक हार्मोन (टीएसएच) के स्तर की जांच करने के लिए नियमित रक्त परीक्षण होंगे। आपके टी 4 और टी 3 हार्मोनों के स्तरों की भी जांच की जाएगी। ये परीक्षण यह जानने में मदद करते हैं कि आपका उपचार कितनी अच्छी तरह से काम कर रहा है। यदि प्रारंभिक उपचार से आपके लक्षण ठीक नहीं होते हैं, तो आपको उपचार दोहराने या एक किसी और उपचार की आवश्यकता हो सकती है।
  • कभी-कभी उपचार हाइपरथायरायडिज्म ठीक कर देता है लेकिन  हाइपोथायरायडिज्म का कारण बन जाता है।
  • हाइपोथायरायडिज्म में थायरायड ग्रंथि बहुत कम थायराइड हार्मोन बनती है। रेडियो-एक्टिव आयोडीन के उपचार के बाद हाइपोथायरायडिज्म होना सबसे सामान्य है लेकिन यह सर्जरी के बाद और कभी-कभी एंटीथायरॉयड दवाएं लेने के बाद भी हो सकता है। यदि आपको हाइपोथायरायडिज्म के लक्षणों में से कोई भी अनुभव होते हैं जैसे कि वज़न बढ़ना, थकावट महसूस होना या सामान्य से ज़्यादा ठण्ड लगना, तो अपने चिकित्सक से तुरंत बात करें। यदि आपको हाइपोथायरायडिज्म है, तो आपको अपने पूरे जीवन थायरॉयड हार्मोन की दवा लेने की आवश्यकता हो सकती है।

हाइपरथायरायडिज्म की जटिलताएं - Hyperthyroidism Complications in Hindi

हाइपरथायरायडिज्म से निम्नलिखित जटिलताएं हो सकती हैं -

  1. ह्रदय की समस्याएं
    हाइपरथायरायडिज्म की सबसे गंभीर जटिलताओं में से एक है ह्रदय की समस्याएं जैसे - हृदय की गति में तीव्रता, आर्टरियल फिब्रिलेशन (Atrial Fibrillation) और कंजेस्टिव दिल फेलियर (ऐसी स्थिति जिसमें आपका दिल आपके शरीर की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त रक्त प्रसारित नहीं कर सकता पाता है)। ये जटिलताएं आमतौर पर उपयुक्त उपचार के साथ ठीक हो सकती हैं।
     
  2. हड्डियों की कमज़ोरी
    अनुपचारित हाइपरथायरायडिज्म से हड्डियों की कमज़ोरी (ऑस्टियोपोरोसिस) भी हो सकती है। आपकी हड्डियों की ताकत, कैल्शियम और अन्य खनिजों की मात्रा पर निर्भर करती है। बहुत ज्यादा थायराइड हार्मोन आपके शरीर की हड्डियों में कैल्शियम रहने की क्षमता के साथ हस्तक्षेप करता है।
     
  3. नेत्र समस्याएं
    ग्रेव्स ऑफ्थेलमोपथी (Graves' ophthalmopathy) से ग्रस्त लोगों को आँखों संबंधित समस्याएं होती हैं जैसे आँखों का उभरापन, लाल या सूजी हुई आंखें, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता, धुंधला दिखना और दोहरी दृष्टि। अनुपचारित, गंभीर नेत्र समस्याओं से आँखों की रौशनी भी जा सकती है।
     
  4. त्वचा में लालिमा और सूजन
    कुछ दुर्लभ मामलों में, ग्रेव्स रोग से ग्रस्त लोगों को ग्रेव्स डर्मोपैथी (Graves' dermopathy) होता है, जो त्वचा को प्रभावित करता है जिसमें त्वचा में लालिमा और सूजन होती है।
     
  5. थायरोटॉक्सिक क्राइसिस (Thyrotoxic crisis)
    हाइपरथायरायडिज्म से आपको थायरोटॉक्सिक क्राइसिस भी हो सकता है जिससे आपके लक्षणों की तीव्रता अचानक बढ़ जाती है जिससे बुखार, नब्ज़ की तेज़ी और यहां तक कि उन्माद भी हो सकते हैं। यदि ऐसा होता है, तत्काल चिकित्सा लें।

हाइपरथायरायडिज्म की बीमारी में किन चीजों के सेवन से बचना चाहिए? - What Foods Should be Avoided with Hyperthyroidism in Hindi?

हाइपरथायरायडिज्म की स्थिति में थायरायड ग्लैंड अधिक हार्मोन का उत्पादन करते हैं, जिस कारण इसे ओवरएक्टिव थायरायड भी कहा जाता है. ऐसे में निम्न चीजों का सेवन हाइपरथायरायडिज्म वाले मरीजों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है -

  • ज्यादा आयोडीन वाली चीजों के सेवन से थायरायड ग्लैंड अधिक थायरायड हार्मोन का निर्माण करता है. ऐसे में हाइपरथायरायडिज्म के मरीजों को आयोडिन युक्त नमक, मछली, शैलफिश, डेयरी प्रोडक्ट्स, अंडे का पीला भाग, लाल डाई युक्त खाद्य पदार्थ जैसी चीजों के सेवन से बचना चाहिए.
  • हाइपरथायरायडिज्म के मरीजों के लिए सोया का सेवन भी हानिकारक साबित हो सकता है. इसके लिए सोया दूध, सोया सॉस, टोफू और सोयाबीन का तेल खाने से परहेज करना चाहिए.
  • हाइपरथायरायडिज्म वाले मरीज को कैफीन युक्त खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों के सेवन से भी बचने की कोशिश करनी चाहिए. इनमें रेगुलर कॉफी, काली चाय, चॉकलेट, रेगुलर सोडा और एनर्जी ड्रिंक्स शामिल हैं.

हाइपरथायरायडिज्म होने पर कैसा महसूस होता है? - How do You Feel When You Have Hyperthyroidism in Hindi?

जब किसी को पहली बार हाइपरथायरायडिज्म होता है, तो वो अपने आप में ज्यादा एनर्जी महसूस कर सकता है. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि थायरायड हार्मोन का निर्माण ज्यादा होने से मेटाबॉलिज्म की प्रणाली तेज हो जाती है. वहीं, बाद में मेटाबॉलिज्म में आई ये तेजी धीरे-धीरे शरीर को तोड़ने लगती है, जिससे मरीज थका हुआ महसूस कर सकता है.

क्या मुझे हाइपरथायरायडिज्म को लेकर चिंतित होना चाहिए? - Should I be Worried About Hyperthyroidism in Hindi?

अगर आप इन लक्षणों को नोटिस करते हैं, जैसे -

  • गर्मी न सहन कर पाना.
  • थकावट.
  • इमोशनल बदलाव.
  • पसीना और प्यास.
  • लगातार भूख लगना.
  • वजन घटना.
  • दस्त लगना.
  • या आंखों की समस्या.

ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. अगर थायरायड की बीमारी का इलाज न किया जाए, तो यह अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है, जैसे ऑस्टियोपोरोसिस, साथ ही दिल की परेशानी का खतरा भी बढ़ जाता है.

हाइपरथायरायडिज्म शरीर को कैसे प्रभावित करता है? - How does Hyperthyroidism Affect the Body in Hindi?

हाइपरथायरायडिज्म तब होता है, जब थायरायड ग्लैंड अधिक मात्रा में थायरोक्सिन हार्मोन का उत्पादन करता है. हाइपरथायरायडिज्म आपके शरीर के मेटाबॉलिज्म को भी प्रभावित करता है, जिससे मरीज का वजन कम हो सकता है और दिल की धड़कन तेज या अनियमित हो सकती है.



संदर्भ

  1. L D K E Premwardhana and J. H. Lazarus. Management of thyroid disorders.. Postgrad Med J. 2006 Sep; 82(971): 552–558.
  2. Michael T Sheehan. Biochemical Testing of the Thyroid: TSH is the Best and, Oftentimes, Only Test Needed - A Review for Primary Care.. Clin Med Res. 2016 Jun; 14(2): 83–92
  3. Simone De Leo, Sun Y. Lee and Lewis E. Braverman . Hyperthyroidism. Lancet. 2016 Aug 27; 388(10047): 906–918.Published online 2016 Mar 30.
  4. Office on Women's Health. [Internet]. U.S. Department of Health and Human Services. Thyroid disease.
  5. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Thyroid Diseases.

हाइपरथायरायडिज्म के डॉक्टर

Dr. Narayanan N K Dr. Narayanan N K एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
16 वर्षों का अनुभव
Dr. Tanmay Bharani Dr. Tanmay Bharani एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
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हाइपरथायरायडिज्म की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Hyperthyroidism in Hindi

हाइपरथायरायडिज्म के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

हाइपरथायरायडिज्म पर आम सवालों के जवाब

सवाल लगभग 5 साल पहले

मुझे हाइपरथायराइडिज्म है। इसके लिए मैं रेग्युलर टैबलेट्स लेता हूं। क्या मुझे ये टैबलेट जीवनभर लेनी होंगी? क्या बिना दवाओं के इस समस्या का समाधान हो सकता है?

Dr. Haleema Yezdani MBBS , सामान्य चिकित्सा

इस समस्या से मुक्ति पाने के लिए नियमित रूप से दवाई लेना जरूरी है। हालांकि कुछ लोगों में दो-तीन सालों तक दवाई लेने के बाद थायराइड नॅार्मल हो जाता है। लेकिन सबके साथ ऐसा नहीं है। इसलिए कुछ सालों तक दवाई लेने के बाद आप अपने डाक्टर से इस संबंध में पूछें कि दवाई लेनी है या फिर बंद करनी है। वे आपके स्वास्थ्य के अनुसार आपको सही ट्रीटमेंट बताएंगे।

सवाल लगभग 5 साल पहले

थायराइड के दौरान कैसे करें वजन कम?

Dr. Ayush Pandey MBBS, PG Diploma , General Physician

आमतौर पर थायराइड के मरीजों के लिए वजन कम करना आसान नहीं होता है। थायराइड मेटाबाॅलिज्म को प्रभावित करता है जिस वजह से वजन कम करना मुश्किल हो जाता है। इसके लिए आपको अपने खानपान में कुछ बदलाव करने होंगे।

  • सबसे पहले तीन महीने के लिए ग्लूटेन फ्री डाइट लें। अगर खुद में एनर्जी बढ़ने और वजन घटने का अनुभव कर रहे हैं तो यह डाइट आपके लिए उपयोगी है।
  • अपने खानपान के टाइमिंग में भी बदलाव करें जैसे पूरे दिन में दो या तीन बार ही खाना खाएं और रात को 8 बजे के बाद खाना न खाएं। इससे आपके फैट को बर्न होने में मदद मिलेगी साथ ही हंगर हार्मोन भी नियंत्रण में रहेंगे।
  • नियमित एक्सरसाइज करें।

सवाल लगभग 5 साल पहले

मेरी पत्नी की उम्र 30 साल है। उसे हाइपरथाइरॅायडिज्म है। इसके लिए वह thyrocab 5 mg tab, डी3 टैबलेट, इवियोन कैल्शियम। इसके साथ कुछ और दवाईयां भी ले रही है। मेरी समस्या यह है कि दवाई लेने के बाद उसे अकसर थकन होने लगती है। लगभग 1 घंटे बाद वह सामान्य स्थिति में पहुंच पाती है। कृपया बताएं कि इसे कैसे कंट्रोल किया जा सकता है?

Dr. B. K. Agrawal MBBS, MD , कार्डियोलॉजी, सामान्य चिकित्सा, आंतरिक चिकित्सा

थकान होना, बहुत ज्यादा पसीना आना, गर्म तापमान में असहज महसूस करना, हाई बीपी, एंग्जाइटी या कंपकंपी, ये सब थायरोटोक्सीकोसिस के लक्षण हैं। बेहतर है आप उन्हें डाक्टर के पास ले जाएं। वे उन्हें जांच कर बताएंगे कि समस्या क्या है और इसका समाधान क्या हो सकता है।

सवाल लगभग 5 साल पहले

थायराइड के मरीजों के लिए दैनिक दिनचर्या क्या है?

Dr. Braj Bhushan Ojha BAMS , गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक

थायराइड के मरीजों को न सिर्फ खानपान को संतुलित रखना चाहिए बल्कि उन्हें अपनी दिनचर्या का भी पूरा-पूरा ख्याल रखना चाहिए। कहने की जरूरत नहीं है कि थायराइड की वजह से मरीज को तनाव हो सकता है बल्कि तनाव हार्मोन जैसे कोर्टिसोल आपके शरीर में थायराइड हार्मोन के स्तर को बदल सकते हैं। इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि तनाव कम से कम हो। जीवन में ज्यादा से ज्यादा पाॅजिटिव रहना सीखें। अपने रिश्तों को संभाले रखें। इसका असर आपकी जिंदगी पर पड़ता है जिससे तनाव में कमी और खुशियों में इजाफा होता है। इसके साथ अगर आप धूम्रपान करते हैं तो यह छोड़ दें।

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