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लिंग का साइज कितना होता है, इसको लेकर हमेशा लोगों के मन में कई भ्रम रहते हैं. ब्रिटिश जर्नल ऑफ यूरोलॉजी इंटरनेशनल की एक रिसर्च के अनुसार, एक ढीले लिंग की औसत लंबाई 3.61 इंच तक होती है, जबकि एक इरेक्ट लिंग की औसतन लंबाई 5.16 इंच होती है. लोगों को हमेशा इस बात का भ्रम रहता है कि लिंग का साइज यौन संतुष्टि में अहम भूमिका निभाता है या नहीं. आज हम इस लेख में जानेंगे कि लिंग का साइज औसतन कितना होता है ?

और पढ़ें - (लिंग का साइज कितना होता है? - मानव लिंग का आकार - myUpchar)

  1. नॉर्मल पेनिस साइज़ कितना होता है?
  2. लिंग का साइज़ कैसे चेक करें? - ling ka size kaise check kare
  3. लिंग के साइज का पुरुषों के लिए महत्व
  4. पेनिस कितना बड़ा होना चाहिए?
  5. भारत में पेनिस का नॉर्मल साइज क्या है?
  6. पेनिस की सबसे अच्छी लंबाई कितनी होती है?
  7. पेनिस की मोटाई कितनी होनी चाहिए?
  8. पेनिस पर सरसों का तेल लगाने से क्या होता है?
  9. क्या पेनिस का साइज बढ़ाया जा सकता है?
  10. पेनिस की कमजोरी का क्या कारण है?
  11. पेनिस साइज बढ़ाने के लिए क्या खाएँ?
  12. पेनिस को मजबूत कैसे बनाएं?
  13. पेनिस को मोटा और लंबा करने के लिए कौन सा तेल लगाना चाहिए?
  14. पेनिस एक्सरसाइज कैसे करें?
  15. पेनिस साइज बढ़ाने की दवा और तेल
  16. पेनिस के साइज़ को प्रभावित करने वाले फैक्टर
  17. क्या पेनिस का साइज़ बढ़ाने के लिए पेनिस एनलार्जमेंट जरूरी है?
  18. सारांश
पेनिस का नार्मल साइज कितना होता है? के डॉक्टर

यौवन के दौरान लिंग जैसे यौन अंग बढ़ते हैं, जो आमतौर पर 9 से 14 वर्ष की आयु के बीच शुरू होता है और अगले 5 वर्षों तक जारी रहता है। इसका मतलब है कि जब आप 20 की उम्र तक पहुँचते हैं, तब तक लिंग का सबसे ज्यादा आकार तक बढ़ चुका होता है।

अगर आप सोच रहे हैं कि इस उम्र में लिंग का औसत आकार क्या होता है, तो इसका जवाब आपको चौंका सकता है। ज़्यादातर पुरुषों का मानना ​​है कि इरेक्शन में में लिंग का औसत आकार 15.24 सेंटीमीटर (6.0 इंच) या उससे ज़्यादा होता है। पिछले दशक में कुछ अध्ययन किए गए हैं जिनमें मानक प्रक्रियाओं का उपयोग करके स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा लिंग के सही आकार का माप लिया गया था। इनमें से एक अध्ययन के अनुसार, लिंग के अलग-अलग अवस्थाओं में उनके औसत आकार ये हैं:

  • बिना इरेक्शन वाले लिंग की लंबाई: 9.16 सेंटीमीटर (3.61 इंच)
  • बिना इरेक्शन वाले लिंग की लंबाई: 13.24 सेंटीमीटर (5.21 इंच)
  • पूरी तरह से खड़े हुए लिंग की लंबाई: 13.12 सेंटीमीटर (5.17 इंच)
  • बियाँ इरेक्शन वाले लिंग की मोटाई : 9.31 सेंटीमीटर (3.67 इंच)
  • खड़े हुए लिंग की मोटाई : 11.66 सेंटीमीटर (4.59 इंच)

ध्यान दीजिए कि बिना इरेक्शन वाले लिंग का आकार इस बात का साइन नहीं है कि यह इरेक्ट होने पर कितना बड़ा होगा। छोटे शिथिल लिंग बड़े लिंगों की तुलना में कठोर होने पर अधिक लंबे होते हैं।

माइक्रोपेनिस क्या है? 
माइक्रोपेनिस किसी भी अन्य लिंग की तरह ही काम करता है, लेकिन यह आकार में छोटा होता है, धीरे से खींचने पर 3.67 इंच से कम ही होता है है। यह अनुमान लगाया गया है कि दुनिया में केवल 0.6 प्रतिशत लोगों के पास माइक्रोपेनिस है। हार्मोन या आनुवंशिकी , लिंग को बड़ा होने से रोक सकते हैं। सबसे आम तौर पर  गर्भावस्था के दौरान यदि भ्रूण को पर्याप्त टेस्टोस्टेरोन नहीं मिल पाता , तब भी लिंग का साइज़ छोटा ही रह जाता है। 

(और पढ़ें - बढ़ती उम्र के साथ पेनिस में बदलाव)

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लिंग के साइज को मापने के लिए मेजरिंग टेप को पेनिस की उस जगह पर रखना है, जहां ये अंडकोष से जुड़ा होता है. इसके बाद टेप को लिंक के ऊपरी सिरे तक ले जाएं. ध्यान रहे कि लिंक को नीचे की ओर से नापना है न कि ऊपर की ओर से. औसतन इरेक्टेड पेनिस साइज 5 इंच यानी 13 सेंटीमेटर लंबा होता है. इसी तरह से पेनिस की मोटाई को नापा जाता है. इसके लिए टेप को पेनिस के उस बीच वाले हिस्से पर लपेटें, जो सबसे मोटा होता है. इस प्रकार आपको पेनिस की सही मोटाई पता चल जाएगी.

कुछ पुरुषों के लिए विशेष रूप से चिंता का विषय यह है कि क्या उनके लिंग का साइज साथी को यौन रूप से संतुष्ट कर पाएगा या नहीं. कुछ पुरुष इस बात को लेकर भी चिंतित हो सकते हैं कि संभोग के दौरान छोटा पेनिस कहीं सेक्स लाइफ को बर्बाद न कर दें, जबकि रिसर्च के मुताबिक, पेनिस का बड़ा साइज हमेशा बेहतर नहीं हो सकता है. अधिक बड़ा साइज संभोग के दौरान दर्द का कारण बन सकता है या कई बार महिलाओं के लिए डर का कारण भी हो सकता है । आमतौर पर लिंग का आकार और साइज अलग-अलग होता है. औसत लंबाई 12.9 से 13.97 सेमी मानी गई है. कुछ रिसर्च के मुताबिक, इरेक्शन के बाद 3 इंच लिंग का साइज भी महिलाओं को संतुष्ट करने के लिए काफी है. शोध में यह भी पाया गया कि उम्र और लिंग के आकार के बीच कोई संबंध नहीं है.

और पढ़ें - (लिंग को बड़ा करने के लिए सर्जरी )

पेनिस के साइज़ के लिए स्टडी 

पेनिस का नॉर्मल साइज़ क्या हो? इस को लेकर पुरुषों को बड़ी चिंता रहती है। इस स्टडी का उद्देश्य - भारतीय पुरुषों के लिंग की लंबाई और मोटाई का अनुमान लगाना और परिणामों की तुलना अन्य देशों के नंबर से करना है। इरेक्शन और बिना इरेक्शन वाले 301 पुरुषों पर ये अध्ययन किया गया। 93 पुरुषों के लिंग को इरेक्शन के साथ उसकी लंबाई और मोटाई मापी गई। जिसमें औसत बिना इरेक्शन की लंबाई 8.21 सेमी, और इरेक्शन के साथ लंबाई 10.88 सेमी और मोटाई  9.14 सेमी पाई गई। और जब इसे अन्य देशों के साथ मापा गया तो लंबाई और मोटाई में महत्वपूर्ण अंतर पाया गया। 

स्टडी - लिंग की लंबाई को नापने के लिए एक अध्ययन किया गया । इस अध्ययन का उद्देश्य औसत लिंग की लंबाई निर्धारित करना था। अध्ययन में कुल 1132 पुरुषों को शामिल किया गया और उनकी आयु, ऊंचाई और वजन को नोट किया गया। लिंग का माप सुबह 10:00 बजे से शाम 4:00 बजे के बीच कमरे के तापमान में किया गया, जिसमें पुरुष खड़े हुए थे और लिंग फर्श के समानांतर था। लिंग की लंबाई को मिलीमीटर के निशान वाले रूलर से लिंग के पृष्ठ भाग के साथ प्यूबोपेनाइल जंक्शन से ग्लान्स की नोक तक और अधिकतम, लेकिन दर्द रहित मापा गया।  लिंग की लंबाई को बिना इरेक्शन और इरेक्शन दोनों के साथ नापा गया।  अध्ययन में शामिल पुरुषों कीऔसत आयु करीब 20 से 30 वर्ष थी। और इरेक्शन और बिना इरेक्शन में लिंग की औसत लंबाई क्रमशः 9 से 15  सेमी के बीच थी । इरेक्शन के साथ लिंग की औसत लंबाई लगभग 5.5 सेमी थी जो औसत तनी हुई लिंग लंबाई से कम है।

पुरुष जननांग पथ के कई अंग वृद्धि और विकास को बढ़ावा देने के लिए एण्ड्रोजन पर निर्भर करते हैं। जन्म से पहले, बचपन में और जवानी के दौरान लिंग की वृद्धि टेस्टोस्टेरोन से काफी प्रभावित होती है और अंत तक पूरी हो जाती है। एक अध्ययन में, छोटे लिंग के आकार की शिकायत करने वाले रोगियों से पूछा गया कि उन्हें लगता है कि समस्या कब शुरू हुई। अधिकांश करीब 62.7% पुरुषों ने बताया कि उनकी चिंता बचपन में शुरू हुई और अश्लील चित्र देखने के बाद किशोरावस्था के दौरान जारी रही। लिंग वृद्धि के लिए शल्य चिकित्सा की योजना बनाने से पहले आकार से संबंधित चिंताओं पर सावधानी से विचार किया जाना चाहिए । 

और पढ़ें - (लिंग के रोग - Penis Disorders in Hindi)

  • Beta
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पुरुषों के पेनिस का साइज़ पूरी तरह से प्राकृतिक होता है और इसके लिए कोई "परफेक्ट" साइज़ तय नहीं है। इरेक्शन की स्थिति में 12 से 16 सेंटीमीटर लंबाई को नॉर्मल माना जाता है , और बिना इरेक्शन के औसतन लिंग की लंबाई 7 से 10 सेंटीमीटर के बीच होती है। महत्वपूर्ण बात यह है कि वह संभोग के समय पेनिस टाइट और सही इरेक्शन में हो। अधिकांश महिलाएँ भी मानती हैं कि लिंग का साइज़ नहीं बल्कि साथी का प्यार, संवेदनशीलता और संतुष्टि देने की योग्यता ज्यादा मायने रखती है। इसलिए लिंग के आकार को लेकर अनावश्यक तनाव न लें। 

भारत में पुरुषों के लिंग का औसत आकार कई अध्ययनों में 5 से 5.5 इंच (लगभग 13 से 14 सेंटीमीटर) इरेक्शन वाली अवस्था में पाया गया है। बिना इरेक्शन के लिंग औसतन 8 से 10 सेंटीमीटर लंबा होता है। यह औसत माप दुनिया के अन्य देशों से बहुत अलग नहीं है। कई बार लोग फिल्मों या विज्ञापनों के प्रभाव में आकर यह सोच लेते हैं कि बड़ा लिंग जरूरी है, जबकि वास्तविकता यह है कि भारतीय पुरुषों का औसत लिंग साइज यौन संतोष के लिए पूरी तरह पर्याप्त है।

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वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, संभोग के लिए सबसे उपयुक्त लिंग की लंबाई इरेक्शन की स्थिति में 12 से 16 सेंटीमीटर के बीच मानी जाती है। स्त्री की योनि सामान्यतः 7 से 10 सेंटीमीटर गहराई तक होती है, अतः बहुत बड़ी लंबाई की जरूरत नहीं होती। कई शोधों में यह भी पाया गया है कि लंबाई से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है सही समय पर पेनिस का टाइट होना और सही सेक्स करने की कला। 

और पढ़ें - (लिंग मुद्रा करने का तरीका व फायदे - myUpchar)

पेनिस की मोटाई का औसत माप इरेक्शन वाली स्थिति में लगभग 10 से 12 सेंटीमीटर परिधि (गोलाई) के आसपास होता है। यदि व्यास के हिसाब से देखें तो लगभग 3 से 4 सेंटीमीटर चौड़ाई सामान्य मानी जाती है। अध्ययनों में यह पाया गया है कि सेक्सुअल संतोष में मोटाई भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि स्त्री की योनि दीवारों पर मोटे लिंग से अधिक संपर्क होता है। हालांकि, मोटाई और लंबाई दोनों से अधिक महत्वपूर्ण है कि लिंग पूरी तरह उत्तेजना के समय कठोर और सक्रिय हो ताकि सफल संबंध बनाया जा सके।

 सरसों के तेल में प्राकृतिक गर्माहट देने वाले तत्व होते हैं, जो त्वचा में रक्त प्रवाह को बढ़ाते हैं । यदि हल्के हाथ से सरसों के तेल से पेनिस की मालिश की जाए तो ब्लड सर्कुलेशन बेहतर हो सकता है, जिससे पेनिस में ऊर्जा और गर्मी का अहसास होता है। लेकिन सावधानी जरूरी है - सरसों के तेल में तीखे तत्व होते हैं, जो कुछ संवेदनशील लोगों की त्वचा में जलन या एलर्जी भी कर सकते हैं। इसलिए प्रयोग से पहले थोड़ा तेल लगा कर परीक्षण करना चाहिए। मालिश करते समय अत्यधिक दबाव या झटके से बचना चाहिए।

स्वस्थ पुरुषों में लिंग की प्राकृतिक लंबाई को बिना सर्जरी के स्थायी रूप से बढ़ाना लगभग असंभव है। बाज़ार में कई तेल, दवाइयाँ और क्रीम उपलब्ध हैं, जो बड़े-बड़े दावे करती हैं, लेकिन वैज्ञानिक रूप से उनका कोई ठोस प्रमाण नहीं है। कुछ एक्सरसाइज से थोड़ी बहुत मोटाई या रक्त प्रवाह में सुधार लाया जा सकता है, जिससे लिंग थोड़ा भरा-भरा दिख सकता है। लिंग की लंबाई बढ़ाने के लिए जो सर्जिकल विकल्प हैं, वे महंगे और जोखिमपूर्ण होते हैं .

 पेनिस की कमजोरी का मुख्य कारण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों से जुड़ा होता है। मानसिक तनाव, अवसाद, चिंता, शराब और धूम्रपान का अत्यधिक सेवन, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हार्मोन असंतुलन और दिल की बीमारियाँ इसके बड़े कारण हैं। साथ ही खराब खानपान, नींद की कमी और व्यायाम की कमी भी लिंग की कार्यक्षमता घटा सकते हैं। कई बार रिश्तों में तनाव या आत्मसम्मान की कमी भी यौन दुर्बलता की वजह बन जाती है। नियमित व्यायाम, पौष्टिक आहार, अच्छी नींद और मानसिक संतुलन बनाए रखकर इस समस्या में काफी सुधार किया जा सकता है।

और पढ़ें - (नपुंसकता (इरेक्टाइल डिसफंक्शन) के घरेलू उपाय - myUpchar)

पेनिस का प्राकृतिक आकार बदलने के लिए कोई विशेष भोजन नहीं है, लेकिन ऐसे आहार जो रक्त प्रवाह बढ़ाएँ और हार्मोन संतुलन सही रखें, वे यौन स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं। अनार, चुकंदर, पालक, तरबूज, अखरोट, बादाम, अंडा, लहसुन और अदरक नाइट्रिक ऑक्साइड बढ़ाते हैं, जिससे रक्त संचार सुधरता है। ज़िंक, विटामिन ई और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर चीजें खाने से भी पेनिस में ऊर्जा और ताकत बढ़ती है। साफ शब्दों में कहें तो संपूर्ण पौष्टिक आहार अपनाना और जंक फूड से बचना पेनिस के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।

(और पढ़ें - लिंग में दर्द)

पेनिस को मजबूत बनाने के लिए शारीरिक और मानसिक दोनों पहलुओं पर ध्यान देना आवश्यक है। नियमित व्यायाम करें, विशेषकर कीगल एक्सरसाइज जो पेल्विक मसल्स को मजबूत करती हैं। ताजे फल, हरी सब्जियाँ, प्रोटीन युक्त आहार और खूब पानी पीना चाहिए। तनाव से बचें, अच्छी नींद लें और धूम्रपान तथा शराब का सेवन बंद करें। हफ्ते में कम से कम 4 दिन कार्डियो एक्सरसाइज करें ताकि पूरे शरीर का रक्त प्रवाह सही रहे। आत्मविश्वास बनाए रखें और यदि फिर भी कमजोरी लगे तो बिना झिझक डॉक्टर से सलाह लें ताकि सही निदान और उपचार हो सके।

विज्ञान के अनुसार कोई भी तेल स्थायी रूप से लिंग की लंबाई या मोटाई नहीं बढ़ा सकता। लेकिन रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने और त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए कुछ तेलों से हल्की मालिश फायदेमंद हो सकती है। नारियल तेल, जैतून तेल, तिल का तेल और बादाम का तेल त्वचा को पोषण देते हैं और सूजन या जलन कम कर सकते हैं। कुछ लोग सरसों के तेल का भी उपयोग करते हैं, लेकिन इससे पहले त्वचा की संवेदनशीलता जांचना जरूरी है। याद रखें — तेल केवल सहायक साधन है, जादुई उपाय नहीं।

पेनिस एक्सरसाइज मुख्यतः रक्त प्रवाह बढ़ाने और पेल्विक मसल्स को मजबूत करने के लिए की जाती हैं। सबसे लोकप्रिय तकनीक है कीगल एक्सरसाइज — इसमें पेशाब रोकने वाली मांसपेशियों को 5-10 सेकंड तक सिकोड़कर फिर छोड़ते हैं। इसके अलावा jelqing तकनीक में हल्के हाथों से पेनिस को बेस से टिप की ओर धीरे-धीरे दबाया जाता है ताकि रक्त प्रवाह बेहतर हो। कुछ लोग स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज भी करते हैं जिसमें पेनिस को हल्के से अलग-अलग दिशा में खींचा जाता है। ध्यान रहे, अत्यधिक दबाव या जोर से खींचना खतरनाक हो सकता है।

और पढ़ें - (पेनिस मसाज के फायदे व नुकसान )

 बाजार में मिलने वाली ज्यादातर दवाएँ और तेल पेनिस साइज बढ़ाने के दावे तो करती हैं लेकिन उनके प्रभाव को लेकर वैज्ञानिक पुष्टि नहीं है। कुछ हर्बल तेलों में अश्वगंधा, गोखरू, सफेद मूसली जैसी जड़ी-बूटियाँ मिलाई जाती हैं, जो यौन स्वास्थ्य को बेहतर बना सकती हैं। लेकिन इनके इस्तेमाल से पहले प्रमाणित ब्रांड चुनना और डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। गलत दवा या नकली तेल से त्वचा को नुकसान या एलर्जी हो सकती है। इसलिए भरोसेमंद स्रोत से ही उत्पाद चुनें और साइज बढ़ाने के बजाय कार्यक्षमता बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान दें।

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आनुवंशिक के अलावा लिंग के आकार को कई चीजें प्रभावित कर सकती हैं. लिंग की वृद्धि काफी हद तक यौवन के दौरान टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के बढ़ने पर निर्भर कर सकती है. आमतौर पर 10 से 14 साल की उम्र के बीच लिंग का बढ़ना शुरू हो जाता है और 21-22 साल की उम्र तक लिंग का आकार सेट होता है. व्यक्ति के पैर, नाक, ऊंचाई और वजन का लिंग के आकार से संबंध नहीं देखा गया. अक्सर माना जाता है कि हाइट अच्छी होगी, तो लिंग का साइज भी लंबा होगा, लेकिन ये सिर्फ एक मिथक है. ऑस्ट्रेलिया के एक शोध में भी इस बात की पुष्टि की गई है कि उम्र, लंबाई और वजन का लिंग के साइज और आकार से कोई संबंध नहीं है.

(और पढ़ें - पेनिस पर दाने)

लिंग का आकार, आँख और त्वचा के रंग की तरह, ज़्यादातर आनुवंशिकी द्वारा निर्धारित होता है। अध्ययनों में एक और कारक पाया गया है जो शिथिल लिंग के आकार का एक मज़बूत संकेतक है: ऊँचाई। आश्चर्य की बात नहीं है कि आपकी ऊँचाई आपके आनुवंशिकी से भी प्रभावित होती है।

हार्मोन - गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल समस्याएँ एक पुरुष भ्रूण के विकास को प्रभावित कर सकती हैं, जिसमें उसका लिंग भी शामिल है। ऐसा तब हो सकता है जब गर्भवती माँ पर्याप्त मात्रा में ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (hCG) का उत्पादन नहीं कर पाती है, यह एक हार्मोन है जो भ्रूण में टेस्टोस्टेरोन विकसित करने में मदद करता है। असामान्य लिंग का आकार उन स्थितियों के कारण भी हो सकता है जो कम टेस्टोस्टेरोन के स्तर का कारण बनती हैं। हाइपोगोनैडोट्रोपिक हाइपोगोनाडिज्म नामक एक अधिक सामान्य स्थिति मस्तिष्क को टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन करने के लिए अंडकोष के लिए आवश्यक हार्मोन बनाने से रोकती है।

पोषण - गर्भावस्था के दौरान पर्याप्त पोषक तत्व न मिलने से भ्रूण का लिंग ठीक से विकसित नहीं हो पाता है। इसी तरह, जिन किशोरों को यौवन के समय पर्याप्त पोषण नहीं मिलता है, उनमें यौवन में देरी हो सकती है ।  एक ऐसी स्थिति जो छोटे अंडकोष और लिंग का कारण बनती है।

पर्यावरणीय रसायन - कई पर्यावरणीय रसायन, जैसे उर्वरक, प्लास्टिसाइज़र, कीटनाशक और फ़थलेट्स, भ्रूण में लिंग की वृद्धि को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वे आपके endocrine system को बाधित करते हैं, जो अंडकोष को सामान्य रूप से कम करने में मदद करने वाले हार्मोन बनाता और छोड़ता है।

लिंग की लंबाई से जुड़े कई मिथक हैं। उदाहरण के लिए, कई लोग मानते हैं कि पैर का आकार और हस्तमैथुन की आदतें लिंग के आकार को प्रभावित करती हैं। लेकिन शोध में इसका कोई सबूत नहीं मिला है। ऐसे बहुत कम सबूत हैं जो लिंग के आकार को नस्ल या यौन अभिविन्यास से जोड़ते हैं।

हार्मोन उपचार, सर्जरी और अन्य तकनीकों के द्वारा बहुत छोटे यानि निश्चित माप से कम लिंग के आकार को बढ़ाया जा सकता है. हालांकि इन उपचारों में जोखिम और साइड इफेक्ट्स बहुत होते हैं. रिसर्च के मुताबिक, ऐसे 67 प्रतिशत लोग हैं, जिनका असल में लिंग का साइज छोटा नहीं होता, लेकिन उन्हें छोटा होने का भ्रम होता है. इसके चलते वे ट्रीटमेंट तक करवाने जाते हैं, लेकिन अधिकतर लोगों को डॉक्टर द्वारा ऐसा न करने की सलाह दी जाती है.

(और पढ़ें - लिंग में सूजन)

प्रत्येक पुरुष के लिंग का आकार और साइज अलग होता है और वह अलग-अलग उम्र और दरों पर बढ़ता है. यौवन के दौरान, आमतौर पर 11 और 18 वर्ष की आयु के बीच, लिंग और टेस्टि‍कल्स अधिक तेजी से बढ़ते हैं. लिंग 21 वर्ष की आयु तक बढ़ सकता है. लिंग का आकार बहुत बार आनुवंशिकता पर भी निर्भर करता है और अन्य फैक्टर का भी इसमें योगदान होता है, जिसमें टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन फेल्टर भी हो सकते हैं. सिंड्रोम जैसी कुछ आनुवंशिक स्थितियां लड़कों में टेस्टोस्टेरोन उत्पादन को कम कर सकती हैं. आमतौर पर लिंग का साइज इरेक्शन के बिना 9 सेमी तक रहता है और औसत इरेक्टेड लिंग का आकार लगभग 13 सेमी से 18 सेमी (5in से 7in) तक हो सकता है. यदि लिंग का साइज इससे छोटा है, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, वही आपको सही राय दे सकते हैं कि इस स्थिति में आपको क्या करना चाहिए.

Dr. Hakeem Basit khan

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