अगर आप और आपकी पार्टनर लंबे समय से प्रेगनेंसी की प्लानिंग कर रहे हैं, लेकिन असफलता ही हाथ लग रही है, तो इसका कारण इनफर्टिलिटी हो सकती है. ऐसे में डॉक्टर कपल की प्रजनन क्षमता जांचने के लिए कुछ टेस्ट करवा सकते हैं. अगर टेस्ट में क्लियर होता है कि स्पर्म की समस्या के चलते प्रेगनेंसी नहीं हो रही है, तो इसे पुरुष बांझपन कहा जाता है. पुरुष बांझपन के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से एक टेराटोजोस्पर्मिया है. यह दुनियाभर में इनफर्टिलिटी के सबसे आम कारणों में से एक है.
आज इस लेख में आप विस्तार से जानेंगे कि टेराटोजोस्पर्मिया क्या है और इसके कारण व इलाज क्या है -
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- टेराटोजोस्पर्मिया क्या है?
- टेराटोजोस्पर्मिया का प्रभाव
- टेराटोजोस्पर्मिया के कारण
- टेराटोजोस्पर्मिया का इलाज
- सारांश
टेराटोजोस्पर्मिया क्या है?
जब किसी पुरुष के वीर्य में असामान्य आकार के शुक्राणु अधिक मात्रा में होते हैं, तो उसे स्थिति को टेराटोजोस्पर्मिया कहा जाता है. हर स्पर्म काउंट में असामान्य आकार के शुक्राणु काफी होते हैं, लेकिन अगर असामान्य आकार वाले ये शुक्राणु 96% से अधिक हों, तो इस स्थिति को टेराटोजोस्पर्मिया के रूप में जाना जाता है. इससे इनफर्टिलिटी की समस्या पैदा हो सकती है. सीमेन एनालिसिस से इस समस्या के बारे में पता लगाया जा सकता है. यह फर्टिलिटी टेस्ट वीर्य की मात्रा और शुक्राणु की मात्रा व गतिशीलता की भी जांच करता है.
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टेराटोजोस्पर्मिया का प्रभाव
टेराटोजोस्पर्मिया से ग्रस्त पुरुष के लिए अपनी महिला पार्टनर को गर्भवती करना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि महिला के अंडाणु को निषेचित करने में असामान्य आकार का शुक्राणु सफल नहीं होता है. ऐसे में कुशल डॉक्टर की देखरेख में टेराटोजोस्पर्मिया का समाधान संभव है.
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टेराटोजोस्पर्मिया के कारण
फिलहाल, स्पष्ट तौर पर यह कहना मुश्किल है कि टेराटोजोस्पर्मिया के पीछे मुख्य कारण क्या होते हैं. फिर भी कुछ अनुमानित कारक ऐसे हैं, जिनसे टेराटोजोस्पर्मिया की स्थिति पैदा हो सकती जैसे -
- टेराटोजोस्पर्मिया आनुवंशिक के कारण हो सकता है, अगर किसी परिवार में टेराटोजोस्पर्मिया की मेडिकल हिस्ट्री रही है, तो यह जोखिम का विषय हो सकता है.
- डायबिटीक पुरुषों को टेराटोजोस्पर्मिया होने का जोखिम रहता है. हालांकि, ऐसा क्यों होता है, इस बारे में जानने के लिए और शोध की जरूरत है.
- पुरुष नसबंदी को वापस खुलवाने से टेराटोजोस्पर्मिया की स्थिति देखी जा सकती है.
- पुरुष के साथ अगर कोई दुर्घटना हुई है और उसे चोट लगी है, तो टेराटोजोस्पर्मिया हो सकता है.
- धूम्रपान, नशीली दवाएं व शराब का सेवन टेराटोजोस्पर्मिया का जोखिम पैदा कर सकता है.
- सीमेन में कुछ इन्फेक्शन या प्रोस्टेट इन्फेक्शन के कारण टेराटोजोस्पर्मिया देखने को मिल सकता है.
- कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं या कीमोथेरेपी से टेराटोजोस्पर्मिया का जोखिम पैदा हो सकता है.
- व्यक्ति में कुपोषण और बढ़ती आयु टेराटोजोस्पर्मिया का एक कारण हो सकती है.
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टेराटोजोस्पर्मिया का इलाज
टेराटोजोस्पर्मिया के इलाज निम्न प्रकार से किया जा सकता है -
- डॉक्टर मरीज को विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट युक्त दवाइयां दे सकते हैं, क्योंकि इनसे शुक्राणु को सही आकार में लाने में मदद मिल सकती है.
- कुछ मामलों में हार्मोन थेरेपी भी इस्तेमाल की जाती है.
- डॉक्टर डायबिटीज, कुपोषण और मोटापे जैसी मेडिकल कंडीशन में सुधार करने के लिए दवाएं सुझा सकते हैं.
- आहार में बदलाव और जीवनशैली में सुधार के जरिए भी शुक्राणुओं के आकार को सुधारने में मदद मिल सकती है.
- अगर किसी भी तरह टेराटोजोस्पर्मिया के कारण पैदा हुई इनफर्टिलिटी में सुधार नहीं होता है, तो प्रेग्नेंसी के लिए आईयूआई, आईसीएसआई (इंट्रासाइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन) के साथ इन विट्रो फर्टिलाइजेशन जैसे विकल्प अपनाए जा सकते हैं.
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सारांश
अगर टेराटोजोस्पर्मिया को समय पर पहचान लिया जाए, तो इसका समाधान निकाला जा सकता है. इसलिए, बिना किसी संकोच के अपने वीर्य की जांच कराएं और अपनी जीवनशैली को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने की दिशा में कार्य करें. बुरी आदतों जैसे - शराब पीना और स्मोकिंग करने से जितनी जल्दी हो निजात पाना चाहिए, क्योंकि इससे न सिर्फ आपकी प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है, बल्कि यह आपके शरीर को और भी गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं.
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यौन रोग के डॉक्टर

Dr. Purushottam Sah
पुरुष चिकित्सा
40 वर्षों का अनुभव
