क्लिटोरिस एक छोटा, संवेदनशील ढांचा होता है जो कि महिला के जननांग के बाहरी हिस्से का भाग होता है। यौन क्रिया के दौरान यौन सुख में इसकी तुलना पुरुषों के लिंग से की जाती है। यह योनि के आंतरिक होटों के ऊपरी भाग में मौजूद होता है और योनि के बाहरी होटों से सुरक्षित होता है। क्लिटोरीडेक्टमी में पूरे क्लिटोरिस को निकाला जाता है। यह सर्जरी अधिकतर प्रजनन अंगों के कैंसर का इलाज करने के लिए की जाती है जो कि अधिक अंदर की तरफ होते हैं। इसके अलावा यदि क्लिटोरिस का आकार बढ़ जाता है या फिर नेक्रोसिस (ऊतक का मृत होना) हो जाता है तो यह सर्जरी की जाती है। इस सर्जरी में क्लिटोरिस को निकाला जाता है। क्लिटोरीडेक्टमी में दर्द, यौन इच्छा की कमी और चीरे के स्थान से रक्तस्राव व यूटीआई जैसी जटिलताएं हो सकती हैं।
विश्व के क्लिटोरीडेक्टमी फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन (एफजीएम) के अंतर्गत भी की जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन एफजीएम की किसी भी प्रकार की प्रक्रिया का समर्थन नहीं करता है।
- क्लिटोरीडेक्टमी क्या है - Clitoridectomy kya hai
- क्लिटोरीडेक्टमी क्यों की जाती है - clitoridectomy kyon ki jati hai
- क्लिटोरीडेक्टमी से पहले की तैयारी - clitoridectomy se pehle ki taiyari
- क्लिटोरीडेक्टमी कैसे होती है - clitoridectomy kaise hoti hai
- क्लिटोरीडेक्टमी के बाद देखभाल
- क्लिटोरीडेक्टमी के खतरे और जटिलताएं
क्लिटोरीडेक्टमी क्या है - Clitoridectomy kya hai
क्लिटोरीडेक्टमी एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें क्लिटोरिस को निकाला जाता है। क्लिटोरिस एक छोटा, संवेदनशील, इरेक्टाइल अंग होता है। यह महिला के जननांग के बाहरी हिस्से में मौजूद होता है, जहां योनि के आंतरिक होंट योनि से मिलते हैं।
पुरुषों के लिंग की तरह महिलाओं में क्लिटोरिस यौन क्रिया के दौरान यौन सुख के लिए कार्य करता है। क्लिटोरिस का जो भाग बाहर दिखाई देता है उसे ग्लांस कहा जाता है। यह लंबाई में 1-1.5 सेमी (0.5 इंच) का होता है और इसकी गोलाई 0.5 सेमी होती है साथ ही इसमें कई सारी नसों का भंडार होता है। ग्लांस को एक सिलेंडर के आकार का अंग जिसे शाफ़्ट कहा जाता है सहारा देता है। क्लिटोरियल हुड इस पूरे अंग को ढकता है। क्लिटोरियल शाफ़्ट में दो स्पंजी ढांचे होते हैं जो रक्त से भरे होते हैं और यौन क्रिया के दौरान क्लिटोरिस को उत्तेजित होने में मदद करते हैं। शाफ़्ट के दोनों ओर से जड़ के जैसे ढांचे दिखाई देते हैं जिन्हें इंटरनल क्रूरा कहा जाता है जो कि श्रोणि में प्यूबिक हड्डी से जोड़ता है। क्रूरा यौन उत्तेजना के दौरान भी रक्त से भर जाता है।
कुछ परम्पराओं में क्लिटोरिस को धार्मिक क्रिया के अनुसार हटा दिया जाता है, जिसमें महिला के जननांग को हटा दिया जाता है या काट दिया जाता है। महिला के जननांग को बिना किसी मेडिकल कारण के काटना या हटाना फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन कहलाता है और इसे मानव अधिकारों के विरुद्ध माना जाता है।
क्लिटोरीडेक्टमी क्यों की जाती है - clitoridectomy kyon ki jati hai
क्लिटोरिस को हटाने के मेडिकल कारण निम्न हैं और इन्ही कारणों के चलते डॉक्टर यह सर्जरी करवाने की सलाह दे सकते हैं -
- यदि क्लिटोरिस में नेक्रोसिस है। नेक्रोसिस का मतलब है अपर्याप्त रक्त प्रवाह के कारण किसी ऊतक का मृत हो जाना। ये संकेत योनि के ऊपरी भाग में भी देखे जा सकते हैं
- क्लिटोरिस को क्षति पहुंचना जो कि आसपास के अंगों को चोट लगने के कारण हो सकता है। इसके अलावा श्रोणि में हुई कुछ रेडिएशन थेरेपी के कारण भी क्लिटोरियल ऊतकों पर प्रभाव पड़ सकता है, जिसे बाद में निकालना पड़ सकता है
- जननांग का कैंसर जो कि अन्य अंग तक फ़ैल सकता है
- क्लिटोरिस का बढ़ जाना जो कि किसी ड्रग के कारण या सेक्स हार्मोन के अत्यधिक उत्पादन के कारण हो सकता है। किडनी में मौजूद एड्रिनल ग्रंथि द्वारा सेक्स हार्मोन बनाए जाते हैं
क्लिटोरीडेक्टमी कौन नहीं करवा सकता है?
यदि मेडिकल कारण से की जा रही है तो इस सर्जरी को कोई भी करवा सकता है। हालांकि, डब्ल्यूएचओ के अनुसार बिना किसी मेडिकल कारण के क्लिटोरीडेक्टमी को नहीं किया जाना चाहिए।
क्लिटोरीडेक्टमी से पहले की तैयारी - clitoridectomy se pehle ki taiyari
क्लिटोरीडेक्टमी सर्जरी से पहले क्या तैयारी और टेस्ट किए जाने हैं यह व्यक्ति की उम्र और मेडिकल स्थिति के अनुसार तय किया जाता है जैसे मोटापा आदि।
- क्लिटोरीडेक्टमी से पहले डॉक्टर आपको कुछ सामान्य टेस्ट करवाने को कहेंगे और इनवेसिव कैंसर की स्थिति में बायोप्सी करवाने को भी कहा जाता है
- प्री सर्जिकल टेस्ट के एक भाग के रूप में आपको चेस्ट एक्स रे, इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम और ब्लड टेस्ट करवाने होंगे
- सर्जरी से तीस दिन पहले से संतुलित आहार लेना शुरू कर दें और एरोबिक व्यायाम करना शुरू कर दें
- सर्जरी से पहले धूम्रपान और शराब का सेवन बंद कर दें
- जल्दी सोएं
- सर्जरी से पहले नहा लें, लेकिन ध्यान रहे कि किसी भी तरह के डियो, परफ्यूम और साबुन का प्रयोग न करें
- सर्जरी के लिए जाने से पहले कांटेक्ट लेंस न पहनें, बल्कि चश्मा पहन कर जाएं
- आरामदायक कपड़े पहन कर जाएं। किसी भी तरह की ज्वेलरी और प्रोस्थेटिक उपकरण न पहनें
निम्न बातों के बारे में डॉक्टर को सूचित कर दें -
- यदि आप किसी भी तरह की दवाएं जैसे ओटीसी, रक्त को पतला करने वाली गोलियां, दर्द निवारक, एंटी इंफ्लेमेटरी मेडिकेशन या सप्लीमेंट ले रहे हैं
- यदि शरीर में कोई भी इम्प्लांट लगा हुआ है जैसे पेसमेकर
- किसी भी तरह की एलर्जी है जैसे लेटेक्स या अन्य किसी भी तरह के उत्पाद से जो कि सर्जरी के दौरान प्रयोग होने वाला है
- एनेस्थीसिया में प्रयोग होने वाली दवा से एलर्जी
- सोते हुए सांस फूलने की तकलीफ
- विटामिन इ ले रहे हैं तो भी डॉक्टर को बता दें, क्योंकि इससे रक्तस्त्राव का खतरा बढ़ जाता है
क्लिटोरीडेक्टमी कैसे होती है - clitoridectomy kaise hoti hai
सर्जरी से पहले आपको ऑपरेशन रूम में ले जाया जाएगा और आपको पेअर में कम्प्रेशन बूट्स पहनाए जाएंगे। इन बूट्स की मदद से आपके पैरों में रक्त की आवाजाही ठीक तरह से बनी रहेगी।
दर्द को कम करने के लिए आपको एनेस्थीसिया दिया जा सकता है। सर्जरी के दौरान आपकी नस में आइवी लाइन लगाई जा सकती है, ताकि आपको द्रव दिए जा सकें। आपके मुंह से श्वासनली में ब्रीथिंग ट्यूब लगाई जाएगी। मूत्र के लिए ब्लैडर में कैथिटर लगाया जाएगा। यह सर्जरी निम्न तरीके से की जाती है -
- आपके पैरों को उठाया जाएगा और टांगों को फैलाया जाएगा, ताकि योनि तक पहुंचा जा सके। कैंसर के मामलो में सर्जन श्रोणि की लसिका ग्रंथियों को भी निकालते हैं। इसे इनलिंग्यूएल लिम्फेडेनेक्टॉमी कहा जाता है
- क्लिटोरिस के अंतिम सिरे को काट कर हटा दिया जाएगा। रक्तस्त्राव को रोकने के लिए सर्जन उस पर दबाव लगाकर पट्टी करेंगे। इसके बाद चीरों को टांकों से बंद कर दिया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कैंसर वाला ऊतक निकाला जा चुका है सर्जन कैंसर वाले ऊतक से अधिक टिशू को हटा सकते हैं
सर्जरी के बाद
- आपकी नब्ज, ऑक्सीजन के स्तर और ब्लड प्रेशर की जांच की जाएगी
- जब तक आपका घाव ठीक नहीं हो जाता तब तक आपको बैठने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इसके बाद भी आपको किसी गोल वस्तु पर बैठने को कहा जाएगा
- दर्द को नियंत्रित करने के लिए पेन किलर दी जाएंगी
- कैथिटर या ड्रेनेज ट्यूब को ब्लैडर में लगाया जाएगा ताकि मूत्र को निकाला जा सके
क्लिटोरीडेक्टमी के बाद देखभाल
सर्जरी के बाद डॉक्टर निम्न बातों का ध्यान रखने को कहेंगे -
- क्लिटोरिस पर लगे चीरे और टांके समय के साथ ढीले हो जाएंगे। आपको वहां लाल रंग का पस आता भी दिखाई दे सकता है
- चीरा लगे स्थान को साफ़ रखें
- चीरा लगे स्थान को दिन में दो बार हाथ में पानी लेकर धोएं
- आप साबुन और पानी से नहा सकते हैं
- चीरे को हवा से सुखा सकते हैं, इसे तौलिये से थपथप कर के सुखाएं। रगड़ने का प्रयास न करें
- ढीले कपड़े पहनें ताकि घाव खुला रहे
- संतुलित आहार लें और पर्याप्त मात्रा में द्रव लेते रहें। हालांकि, द्रवों में एल्कोहॉल और कैफीन नहीं होने चाहिए
डॉक्टर के पास कब जाएं
निम्न स्थितियों में अपने डॉक्टर के पास जाएं -
क्लिटोरीडेक्टमी के खतरे और जटिलताएं
क्लिटोरीडेक्टमी में स्वास्थ्य से जुड़े कुछ खतरे हैं और लंबे समय तक चलने वाली जटिलताएं हैं जो कि किसी महिला के शारीरिक और यौन स्वास्थ्य को जीवनभर के लिए प्रभावित कर सकती हैं -
- गंभीर दर्द
- यौन उत्तेजना कम होना, यौन इच्छा कम होना और यौन सुख की प्राप्ति न होना, सेक्स के दौरान दर्द होना
- अत्यधिक रक्तस्त्राव जो कि क्लिटोरियल आर्टरी व रक्त वाहिका के प्रभावित होने से हो सकता है
- संक्रमण
- पेशाब जाने में समस्या
सर्जरी के बाद डॉक्टर के पास कब जाएं?
सर्जरी के दो से चार सप्ताह बाद आपको अस्पताल बुलाया जा सकता है। इस दौरान आपके घाव की जांच की जाएगी और स्टेपल, ड्रेन व टांकों को निकाल दिया जाएगा। इसके बाद आगे की अपॉइंटमेंट के लिए डॉक्टर आपको सूचित कर देंगे।
सर्जरी की लागत
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