स्टेप्डेक्टोमी सर्जरी कान की स्टेप बोन को हटाने के लिए की जाती है। यह स्टेप बोन को हुए नुकसान के कारण बाधित सुनने की क्षमता को ठीक करने के लिए होती है। ओटोस्क्लेरोसिस और ब्रिटटल बोन डिजीज जैसी स्थितियों में इस हड्डी को निकाला जाता है। हटाई गई हड्डी को मेटल या प्लास्टिक के प्रोस्थेसिस से बदल दिया जाता है।
सर्जरी से पहले आपके सुनने की क्षमता की जांच करने के लिए हियरिंग टेस्ट किए जाते हैं। सर्जरी के लिए व्यक्ति को लोकल एनेस्थीसिया दिया जाता है, ताकि सर्जरी वाला स्थान सुन्न हो जाए, लेकिन इस दौरान व्यक्ति जगा हुआ होता है। सर्जरी को पूरा होने में 90 मिनट तक का समय लगता है। रिकवरी के दौरान किसी भी तरह का ऐसा व्यायाम न करें, जिसके कारण कान पर दबाव या खिंचाव आए। सर्जन आपसे समय-समय पर हियरिंग टेस्ट करवाने को कहेंगे, ताकि यह पता लगाया जा सके कि सर्जरी के बाद आपकी सुनने की क्षमता ठीक हो गई है।
- स्टेप्डेक्टोमी क्या है - Stapedectomy kya hai
- स्टेप्डेक्टोमी क्यों की जाती है - stapedectomy kyon ki jati hai
- स्टेप्डेक्टोमी की तैयारी - stapedectomy se pehle ki taiiyari
- स्टेप्डेक्टोमी कैसे की जाती है - stapedectomy kaise ki jati hai
- स्टेप्डेक्टोमी के बाद देखभाल - stapedectomy ke baad dekhbhaal
- स्टेप्डेक्टोमी के खतरे और जटिलताएं - stapedectomy ke khatre aur jatiltayein
स्टेप्डेक्टोमी क्या है - Stapedectomy kya hai
स्टेप्डेक्टोमी स्टेप बोन के नष्ट होने के कारण हुए बेहरेपन को ठीक करने के लिए की जाती है।
कान तीन भागों में विभाजित होता है - इनर, मिडिल और आउटर। मिडिल इयर में मौजूद तीन हड्डियों में से एक स्टेप बोन होती है जो कि इयर ड्रम के पीछे होती है। यह हड्डी कंपन करके इनर इयर तक ध्वनि पहुंचाती है। हालांकि, ओटोस्क्लेरोसिस जैसी स्थितियों में स्टेप बोन फिक्स हो जाती है और इनसे कंपन नहीं निकलता है जो कि हड्डी के बढ़ने के कारण होता है। ओटोस्क्लेरोसिस अधिकतर एक ही हड्डी को प्रभावित करता है। हालांकि, कुछ लोगों के दोनों कान भी प्रभावित हो सकते हैं।
ऐसी स्थितियों में सुनने की मशीन लगाने से सहायता मिल सकती है। हालांकि, कुछ लोग अपनी सुनने की प्राकृतिक क्षमता को सर्जरी द्वारा पाना चाहते हैं। ऐसे मामलों में स्टेप बोन को मेटल या प्लास्टिक के प्रोस्थेसिस से बदला जाता है। जो कि स्टेप की तरह कंपन पैदा करते हैं और इनर इयर तक ध्वनि पहुंचाते हैं। जब दोनों कानों में ओटोस्क्लेरोसिस होता है तो यह सर्जरी उस कान पर की जाती है, जिससे कम सुनाई देने की समस्या ज्यादा है।
स्टेप्डेक्टोमी क्यों की जाती है - stapedectomy kyon ki jati hai
सर्जन स्टेप्डेक्टोमी करवाने की सलाह तब देते है, जब व्यक्ति को ओटोस्क्लेरोसिस या ब्रिटल बोन डिजीज के लक्षण दिखाई देते हैं। ब्रिटल बोन डिजीज एक आनुवंशिक रोग है, जिससे कान की हड्डियां इतनी कमजोर होती हैं कि आसानी से टूट सकती हैं। इन रोगों के निम्न लक्षण होते हैं -
सर्जन सर्जरी करने से निम्न स्थितियों में मना कर सकते हैं -
- यदि आपको एनेस्थीसिया से एलर्जी है
- यदि आपको सीधे लेटने से सांस फूलने की समस्या होती है
- यदि आप एपिक्साबिन, वार्फरिन जैसी रक्त को पतला करने वाली दवाएं ले रहे हैं
- जिस कान पर सर्जरी हो है आप केवल उसी से सुन सकते हैं
- यदि आपको मिडिल इयर में संक्रमण है
- यदि आपको मेनेईर डिजीज है, इस रोग में व्यक्ति को बहरेपन के साथ-साथ बार-बार चक्कर भी आते हैं
- यदि आपको गंभीर सेंसरीन्यूरल हियरिंग लॉस है। इसमें कान में मौजूद छोटे बालों को क्षति पहुंचने के कारण बहरापन हो जाता है जिससे दिमाग में आवाज पहुंचती है
स्टेप्डेक्टोमी की तैयारी - stapedectomy se pehle ki taiiyari
सर्जरी से पहले आपको निम्न तैयारी करनी होगी -
- आप सर्जरी के लिए ठीक हैं या नहीं, इस बात की जांच करने के लिए डॉक्टर हियरिंग टेस्ट करेंगे
- सर्जरी से पहले सर्जन आपकी पिछली मेडिकल स्थिति को जानने के लिए एक शारीरिक परीक्षण करेंगे और इसके बाद आपको प्रक्रिया के बारे में बताया जाएगा साथ ही आपको इसके खतरों और जटिलताओं के बारे में भी बताया जाएगा
- डॉक्टर आपसे उन सभी दवाओं की सूची मांगेंगे, जो आप ले रहे हैं साथ ही उसमें आपको खुराक के बारे में भी बताना होगा। यदि आपको किस चीज से एलर्जी हो तो इसके बारे में भी डॉक्टर को बता दें
- यदि आपको जुखाम या फ्लू है तो इसके बारे में डॉक्टर को बता दें
- सर्जरी के दिन अपने साथ किसी मित्र या रिश्तेदार को लेकर जाएं
- दो हफ्ते तक धूम्रपान न करें, क्योंकि इससे ठीक होने की अवधी बढ़ जाती है
सर्जरी के लिए भूखे रहने की जरूरत नहीं होती है।
स्टेप्डेक्टोमी कैसे की जाती है - stapedectomy kaise ki jati hai
सर्जरी के लिए आपको लोकल एनेस्थीसिया दिया जाएगा, जिससे आपको रिलैक्स महसूस होगा लेकिन आपको नींद नहीं आएगी। लोकल एनेस्थीसिया के प्रयोग से सर्जन आपकी सुनने की क्षमता को सर्जरी के तुरंत बाद जांच सकते हैं। यह प्रक्रिया निम्न तरह से की जाती है -
- सर्जन माइक्रोस्कोप से देखते हुए आपके कान की गुहा के अंदर से स्टेप बोन तक पहुंचेंगे
- इयर ड्रम को उठाकर मिडिल इयर की तीनों हड्डियों को देखेंगे
- इसके बाद स्टेप बोन को निकालकर प्रोस्थेसिस से बदल दिया जाएगा
- अब डॉक्टर इयर ड्रम को वापस इसके स्थान पर लगा देंगे और इसे पैकिंग पदार्थ के साथ बंद कर दिया जाएगा। दो तरह के पैकिंग पदार्थ का प्रयोग किया जा सकता है - एक जिसे शरीर कुछ समय में अवशोषित कर लेता है और एक जिसे फॉलोअप के बाद हटाया जाता है
- सर्जरी के अंत में सर्जन आपके कान में एक रुई की छोटी बॉल डालेंगे
इस सर्जरी को करने के लिए सर्जन को 90 मिनट तक का समय लग सकता है। आप सर्जरी करवा कर उसी दिन घर जा सकते हैं। 90 प्रतिशत से अधिक लोग इस सर्जरी के बाद ठीक हो जाते हैं और ठीक तरह से सुन पाते हैं।
सर्जरी के बाद आपको निम्न तरह के अनुभव हो सकते हैं -
- सर्जरी के बाद आपको और अच्छे से सुनाई देने लगेगा। हालांकि, आपको पैकिंग पदार्थ के कारण समस्या हो सकती है या सूजन भी आ सकती है
- आपको सर्जरी के बाद चक्कर भी आ सकते हैं। यह बिल्कुल सामान्य है और कुछ दिनों में कम होकर ठीक हो जाएगा
- चूंकि, जबड़ा और कान काफी पास होते हैं इसलिए सर्जरी के बाद जबड़े के आसपास सूजन या जकड़न हो सकती है
- आपको कान में हल्का दर्द भी हो सकता है
स्टेप्डेक्टोमी के बाद देखभाल - stapedectomy ke baad dekhbhaal
सर्जरी के बाद निम्न बातों का ध्यान रखें -
- सिर को तेजी से न हिलाएं
- सर्जन आपको कान के दर्द से राहत के लिए दर्द निवारक गोलियां दे सकते हैं। उन्हें निर्देशानुसार लें
- यदि आपको सर्जरी के बाद जबड़े में सूजन महसूस होती है तो आप हल्का खाना खाएं
- लेटते समय अपने सिर को हल्का सा उठाएं रखें, जिसका मतलब है कि सिर के नीचे दो तकिए रखें। ऐसा सर्जरी के बाद दो दिनों तक करें
- जब तक कि कान से पस निकलना बंद न हो जाए तब तक रोजाना कान की रुई को बदलते रहें
- सर्जरी के बाद तैरने न जाए। शावर लेते समय कान में एक रुई लगाएं और उस रुई पर पेट्रोलियम जेली लगाएं, ताकि कान में पानी न जाए
- खांसते और छींकते समय मुंह को खुला रखें
- नाक को तेजी से न निकालें। बल्कि हल्के से रुमाल से साफ कर लें, ताकि कान पर जोर न पड़े
- सर्जरी के बाद छह हफ्तों तक कुछ भी भारी न उठाएं, इससे आपके प्रोसथेसिस हिल सकते हैं और कान को क्षति पहुंच सकती है
- सर्जरी के दो हफ्ते बाद साईकिल चलाने से आप हल्के व्यायाम की शुरुआत कर सकते हैं। इसके बाद एक महीने में आप शारीरिक व्यायाम शुरू कर सकते हैं
- सर्जरी के बाद एक हफ्ते तक काम पर न जाएं, क्योंकि तनाव के कारण संक्रमण हो सकता है
- आपको तेज आवाजें या फिर कुछ चटकने की आवाजें आना सामान्य है, क्योंकि इस दौरान आपकी सुनने की क्षमता ठीक हो रही है
- आपको सर्जरी के बाद अलग स्वाद भी आ सकते हैं, जो कि तीन महीने तक रह सकता है
इस सर्जरी से आपका बहरापन ठीक होता है, इसीलिए इसके बाद आपको सुनने के लिए मशीन पहनने की जरूरत नहीं होगी।
स्टेप्डेक्टोमी के खतरे और जटिलताएं - stapedectomy ke khatre aur jatiltayein
सर्जरी के बाद निम्न जटिलताएं हो सकती हैं -
- टिनिटस - यदि आपको पहले यह स्थिति हो चुकी है तो सर्जरी के बाद भी रहेगी और हो सकता है कि अब स्थिति अधिक खराब हो जाए
- असामान्य स्वाद - जीभ में जो नस स्वाद की संवेदना का कार्य करती है वह सर्जरी के स्थान से बहुत करीबी से गुजरती है। इस नस को या तो अलग किया जाता है या फिर काट दिया जाता है, जिससे व्यक्ति को धातु का स्वाद आ सकता है या फिर किसी भी चीज़ का कम स्वाद आता है
- वर्टिगो - अधिकतर लोगों को सर्जरी के 48 घंटों बाद तक चक्कर आते हैं। कुछ मामलों में यह स्थिति लंबे समय तक रह सकती है
- चेहरे पर कमजोरी - एक अन्य नस जो कि सर्जरी के पास के स्थान से होकर गुजरती है वह चेहरे की गतिविधियों में सहायक होती हैं। इसीलिए फेसिअल नर्व में किसी भी तरह चोट या क्षति होने पर चेहरे की मांसपेशी पर प्रभाव पड़ता है। यदि यह नस सर्जरी के स्थान के अधिक पास है तो ऑपरेशन को वहीं रोक दिया जाता है
- इयर ड्रम का फटना - ऐसा सर्जरी के दौरान हो सकता है। हालांकि, इसे सर्जरी के दौरान ही ठीक भी कर दिया जाता है
- बहरापन - दुर्लभ मामलों में, आपकी सुनने की क्षमता और अधिक खराब हो सकती है या फिर हो सकता है कि आपको सर्जरी के बाद सुनाई ही न दे