गैस्ट्रेक्टमी एक सर्जरी प्रोसीजर है, जिसमें पेट के किसी एक भाग या पूरे पेट को हटा दिया जाता है। यह सर्जरी आमतौर पर पेट के कैंसर, पेट के अंदर असामान्य चर्बी की गांठ बनना और मोटापा आदि कम करने के लिए की जाती है। गैस्ट्रेक्टमी को आमतौर पर चार अलग-अलग सर्जिकल प्रक्रियाओं के अनुसार किया जाता है, जिन्हें टोटल गैस्ट्रेक्टमी, सबटोटल गैस्ट्रेक्टमी, इसोफेगोगैस्ट्रेक्टमी और स्लीव गैस्ट्रेक्टमी के नाम से जाना जाता है। सर्जरी से पहले डॉक्टर आपकी स्वास्थ्य संबंधी पिछली सभी जानकारी लेते हैं और साथ ही आपके कुछ नैदानिक व इमेजिंग परीक्षण करते हैं। सर्जरी से कुछ दिन पहले आपको सिगरेट व शराब आदि पीने से मना कर दिया जाता है।
गैस्ट्रेक्टमी सर्जरी को आमतौर पर लेप्रोस्कोपिक तकनीक या ओपन सर्जरी तकनीक के रूप में किया जाता है। यह सर्जरी होने के लगभग दो से तीन हफ्तों तक आपको अस्पताल में ही भर्ती रहना पड़ता है। जब आप घर पहुंच जाते हैं, तो आपको सर्जरी के घावों की विशेष देखभाल करने की आवश्यकता पड़ती है और साथ ही आपके डॉक्टर के अनुसार आहार संबंधी बातों का ध्यान रखना होता है। आपको छुट्टी मिलने के दो या तीन हफ्तों बाद फिर से अस्पताल बुलाया जाता है। हालांकि, यदि आपको पहले ही बुखार, दर्द या ठंड लगना आदि कोई लक्षण महसूस हो रहा है, तो डॉक्टर से इस बारे में बात कर लेनी चाहिए।
(और पढ़ें - बुखार का घरेलू उपचार)
- गैस्ट्रेक्टमी क्या है - What is Gastrectomy in Hindi
- गैस्ट्रेक्टमी किसलिए की जाती है - Why is Gastrectomy done in Hindi
- गैस्ट्रेक्टमी से पहले - Before Gastrectomy in Hindi
- गैस्ट्रेक्टमी के दौरान - During Gastrectomy in Hindi
- गैस्ट्रेक्टमी के बाद - After Gastrectomy in Hindi
- गैस्ट्रेक्टमी की जटिलताएं - Complications of Gastrectomy in Hindi
गैस्ट्रेक्टमी क्या है - What is Gastrectomy in Hindi
गैस्ट्रेक्टमी किसे कहते हैं?
गैस्ट्रेक्टमी एक सर्जिकल प्रोसीजर है, जिसमें पेट के किसी एक हिस्से या पूरे पेट को ही हटा दिया जाता है।
पेट हमारे पाचन तंत्र का एक अंग होता है, जो भोजन नली (इसोफेगस) और छोटी आंत के बीच में स्थित होता है। पेट की अंदरूनी परतों में ग्रंथियां होती हैं, जो विशेष प्रकार के एसिड व एंजाइम बनाती हैं। ये एसिड व एंजाइम भोजन को पचाने में मदद करते हैं। पेट में मौजूद मांसपेशियां भोजन को एंजाइम व एसिड में अच्छे से मिलाती हैं, ताकि भोजन अच्छे से पच सके। यह भोजन पेट से छोटी आंत के पहले हिस्से तक पहुंचता है, जिसे ड्यूडेनम कहते हैं। जब तक भोजन छोटी आंत से गुजरता है, इसका पाचन होता रहता है।
(और पढ़ें - पाचन शक्ति बढ़ाने के उपाय)
गैस्ट्रेक्टमी किसलिए की जाती है - Why is Gastrectomy done in Hindi
गैस्ट्रेक्टमी क्यों की जाती है?
डॉक्टर आमतौर पर निम्न स्थितियों में गैस्ट्रेक्टमी सर्जरी करवाने की सलाह दे सकते हैं -
- पेट का कैंसर
- पेट में छाले (जिनसे रक्तस्राव होता हो)
- खाने की नली का कैंसर
- सूजन व लालिमा
- पेट की परत में छिद्र होना
- पेट में ट्यूमर (कैंसर रहित)
- छोटी आंत के पहले हिस्से में अल्सर होना
- पेट या ड्यूडेनम में चर्बी की गांठ बनना
- अत्यधिक मोटापा होना (जानलेवा)
गैस्ट्रेक्टमी किसे नहीं करवानी चाहिए?
कुछ स्थितियां हैं, जिनमें डॉक्टर गैस्ट्रेक्टमी सर्जरी न करवाने की सलाह देते हैं -
- कैंसर का आस-पास के ऊतकों में फैलना जैसे ट्रांसवर्स कॉलन, एओर्टा और अग्नाशय आदि
- कैंसर दूर के ऊतकों में फैलना
- पेरिटोनियल कैंसर
(और पढ़ें - अग्नाशय कैंसर के लक्षण)
गैस्ट्रेक्टमी से पहले - Before Gastrectomy in Hindi
गैस्ट्रेक्टमी सर्जरी से पहले क्या तैयारी की जाती है?
आपको सर्जरी से पहले निम्न बातों का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है -
- आपको हाल ही में कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या हुई है या फिर आपकी कोई सर्जरी हुई है, तो इस बारे में डॉक्टर को बता दें।
- यदि आप किसी भी प्रकार की कोई दवा, हर्बल उत्पाद, विटामिन, मिनरल या कोई अन्य सप्लीमेंट ले रहे हैं, तो डॉक्टर से इस बारे में बात कर लें। क्योंकि डॉक्टर इनमें से कुछ दवाओं के सेवन को एक निश्चित समय तक बंद करने को कह सकते हैं। जिनमें आमतौर पर रक्त को पतला करने वाली दवाएं शामिल हैं जैसे एस्पिरिन, विटामिन ई, इबुप्रोफेन या वार्फेरिन आदि।
- यदि आपको स्वास्थ्य संबंधी किसी भी प्रकार की बीमारी, एलर्जी या अन्य कोई समस्या है, तो डॉक्टर से इस बारे में सर्जरी से पहले ही बता दें।
- डॉक्टर आपको स्वास्थ्य संबंधी कुछ टेस्ट व स्कैन करवाने की सलाह दे सकते हैं, जैसे ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, चेस्ट एक्स रे और इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम आदि।
- कुछ मामलों में सीटी स्कैन और अपर एंडोस्कोपी भी करवानी पड़ सकती है, जिससे पेट संबंधी रोगों की जांच की जाती है।
- यदि आप धूम्रपान या शराब का सेवन करते हैं, तो डॉक्टर आपको सर्जरी से कुछ दिन पहले और बाद तक इन्हें छोड़ने की सलाह दे सकते हैं। ऐसा करने से आपको सर्जरी के दौरान जटिलताएं होने की आशंका कम हो जाती है और साथ ही आपको सर्जरी के बाद जल्दी स्वस्थ होने में मदद मिलती है।
- सर्जरी वाले दिन आपको अस्पताल में खाली पेट आने को कहा जाता है, जिसके लिए आपको सर्जरी वाले दिन से पहली आधी रात के बाद कुछ भी न खाने या पीने की सलाह दी जाती है। सर्जरी से पहले वाले दिन भी आपको अधिकतर तरल पदार्थ ही दिए जाते हैं।
- अस्पताल आने से पहले नहा लें और ढीले-ढाले आरामदायक कपड़े पहनें। कोई भी आभूषण या गैजेट (ब्लूटूथ या घड़ी) न पहनें। अपनी त्वचा पर कोई क्रीम न लगाएं और न ही मेकअप करें
- सर्जरी वाले दिन आपको अपने साथ किसी करीबी रिश्तेदार या मित्र को लाने की सलाह दी जाती है, ताकि सर्जरी से पहले के कामों में आपको मदद मिल सके और सर्जरी के बाद वे आपको घर ले जा सकें।
- इसके अलावा सर्जरी से पहले डॉक्टर आपसे निम्न के बारे में भी पूछ सकते हैं -
- आप गर्भवती हैं या गर्भ धारण करने की योजना बना रही हैं
- आपको स्लीप एपनिया की समस्या तो नहीं है
- आपको कोई हार्ट डिवाइस तो नहीं लगा है, जैसे पेसमेकर
- अस्पताल में सर्जरी शुरू करने से पहले आपको एक सहमति पत्र दिया जाता है, जिसपर हस्ताक्षर करके आप सर्जन को सर्जरी करने की अनुमति दे देते हैं। हालांकि, हस्ताक्षर करने से पहले पत्र को एक बार अच्छे से पढ़ व समझ लेना चाहिए।
(और पढ़ें - पेसमेकर सर्जरी कैसे होती है)
गैस्ट्रेक्टमी के दौरान - During Gastrectomy in Hindi
गैस्ट्रेक्टमी कैसे की जाती है?
जब आपको सर्जरी करने के लिए अस्पताल में भर्ती कर लिया जाता है, तो आपको एक विशेष ड्रेस पहनने को दी जाती है, जिसे “हॉस्पिटल गाउन” कहा जाता है। आपकी टांगों में कम्प्रेशन स्टॉकिन्ग पहना दी जाती है, ताकि आपकी टांगों में रक्त के थक्के न जम पाएं। इसके बाद आपको ऑपरेशन थिएटर में ले जाया जाएगा और आपकी बांह या हाथ की नस में सुई लगाकर इंट्रावेनस लाइन शुरू की जाती है। आपको एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया जाता है, जिससे आप सर्जरी के दौरान गहरी नींद में सो जाते हैं और आपको कुछ महसूस नहीं होता है।
इसके अलावा निम्न ट्यूब भी डाली जाती हैं -
- नैसोगैस्ट्रिक ट्यूब को आपकी नाक के माध्यम से पेट तक डाला जाता है, जिसकी मदद से पेट को खाली किया जाता है।
- पेशाब को निकालने के लिए ब्लैडर में कैथेटर लगाया जाता है, जिसे एक थैली से जोड़ दिया जाता है, ताकि पेशाब साथ ही साथ निकलकर थैली में जमा होता रहे।
- मुंह के माध्यम से एक ट्यूब को फेफड़ों तक पहुंचाया जाता है, जो आपको सांस लेने में मदद करती है।
(और पढ़ें - कैथेटराइजेशन क्या है)
गैस्ट्रेक्टमी को ओपन व लेप्रोस्कोपी दोनों सर्जिकल प्रक्रियाओं से किया जा सकता है, जिनके बारे में निम्न बताया गया है -
- ओपन सर्जरी -
इसमें सर्जन पेट में एक बड़ा चीरा लगाते हैं। इस चीरे के अंदर से उपकरणों व हाथों को डालकर पेट के हिस्से या पूरे पेट को काट कर निकाला जाता है। सर्जरी के बाद चीरे को बंद करके टांके या स्टेपल लगा दिए जाते हैं।
- लेप्रोस्कोपिक सर्जरी -
इस सर्जरी प्रोसीजर में सर्जन पेट के ऊपर कई छोटे-छोटे चीरे लगाते हैं। इनमें से एक चीरे में लेप्रोस्कोप डाला जाता है, जिसके सिरे पर रौशनी व कैमरा लगा होता है और यह अंदरूनी हिस्सों को बाहर स्क्रीन पर दिखाता है। बाकी अन्य चीरों में सर्जन अन्य सर्जरी करने वाले ऊपकरण डालते हैं और बाहर स्क्रीन पर देखते हुए सर्जरी करते हैं।
गैस्ट्रेक्टमी सर्जरी आमतौर पर चार प्रकार की होती है, जो निम्न हैं -
- टोटल गैस्ट्रेक्टमी -
इस सर्जिकल प्रक्रिया में डॉक्टर पूरे पेट को ही निकाल देते हैं और भोजन नली को सीधे छोटी आंत से जोड़ देते हैं। यदि यह सर्जरी कैंसर के लिए की जानी है, तो फिर पेट के आस-पास के लिम्फ नोड और ऊतकों को भी निकाल दिया जाता है।
- सबटोटल गैस्ट्रेक्टमी -
इस सर्जरी प्रोसीजर में पेट के किसी एक हिस्से को ही निकाला जाता है। इसमें आमतौर पर पेट के निचले हिस्से को ही निकाला जाता है। टोटल गैस्ट्रेक्टमी की तरह ही यदि यह सर्जरी कैंसर के लिए की जा रही है, तो निकाले गए हिस्से के साथ उसके आस-पास वाले लिम्फ नोड और ऊतकों को भी निकाल दिया जाता है।
- इसोफेगोगैस्ट्रेक्टमी -
इस सर्जिकल प्रोसीजर में पेट के ऊपरी हिस्से के साथ-साथ उससे जुड़े भोजन नली के कुछ हिस्से को भी निकाल देते हैं।
- स्लीव गैस्ट्रेक्टमी -
इस सर्जिकल प्रोसीजर को आमतौर पर शरीर का वजन कम करने के लिए किया जाता है। इस प्रोसीजर में पेट के बाएं हिस्से को काटकर निकाल लिया जाता है।
गैस्ट्रेक्टमी सर्जरी करने के लिए इनमें से किसी एक सर्जरी प्रोसीजर का चुनाव किया जाता है, जो आपकी स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है।
गैस्ट्रेक्टमी सर्जरी को करने में आमतौर पर एक से तीन घंटे का समय लग सकता है।
ऑपरेशन होने के बाद आपको आईसीयू में भेज दिया जाता है, जहां आपको मशीनों की मदद से कड़ी निगरानी में रखा जाता है। सर्जरी के बाद आपको कुछ दिन तक ऑक्सीजन मास्क लगाकर रखा जाता है, ताकि आपको सांस लेने में मदद मिल सके। जब आपको होश आ जाता है, तो आपको रिकवरी रूम में शिफ्ट कर दिया जाता है। रिकवरी रूम में भी आपके शारीरिक संकेतों को निरंतर जांच में रखा जाता है, जैसे बीपी, हार्ट रेट और पल्स रेट आदि। इस दौरान भी आपकी नस में लगाई गई इंट्रावेनस यूनिट की मदद से आपको दवाएं व आवश्यक द्रव दिए जाते हैं।
सर्जरी के बाद कुछ दिन तक आपको दर्द रह सकता है, जिसके लिए आपको दर्द निवारक दवाएं दी जाती हैं। ऑपरेशन के बाद पांच से छह दिनों तक आपको कुछ भी खाने या पीने को नहीं दिया जाता, इस दौरान आपको दवाएं व अन्य आवश्यक द्रव नसों के माध्यम से ही दिए जाते हैं। समय-समय पर एक्स रे टेस्ट किए जाते हैं, जिनकी रिपोर्ट देखकर डॉक्टर यह पता लगाते हैं कि आप सामान्य रूप से स्वस्थ हो रहे हैं या नहीं। आपके स्वस्थ होने की स्थिति के अनुसार ही डॉक्टर यह निर्धारित कर पाते हैं कि आप कब खाना व पीना शुरू कर सकते हैं।
गैस्ट्रेक्टमी का ऑपरेशन होने के लगभग दस दिन बाद आपके शरीर से सभी ट्यूब निकाल दी जाती हैं और चीरों पर लगाए गए टांके भी खोल दिए जाते हैं।
पर्याप्त बेड-रेस्ट होने के बाद जब आप आराम से चलने-फिरने लगते हैं और डॉक्टर आपकी स्वास्थ्य स्थिति से संतुष्ट हैं, तो आपको अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है। इसमें आमतौर पर दो से तीन हफ्तों का समय लगता है।
(और पढ़ें - लेप्रोस्कोपी क्या है)
गैस्ट्रेक्टमी के बाद - After Gastrectomy in Hindi
गैस्ट्रेक्टमी सर्जरी के बाद क्या देखभाल की जाती है?
सर्जरी के बाद खुद की देखभाल करने के लिए आपको निम्न कार्य करने की सलाह दी जाती है -
- ऐसी कोई भी शारीरिक गतिविधि न करें जिसमें अधिक जोर लगता हो जैसे खींचना, धकेलना, अधिक वजन उठाना, शरीर को स्ट्रेच करना या मोड़ना आदि। (और पढ़ें - स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज क्या है)
- शुरुआत में कम मेहनत वाली शारीरिक गतिविधियां करें जैसे चलना-फिरना और सीढ़ियां चढ़ना आदि।
- किसी भी एक्सरसाइज को अधिक न करें, उन्हें धीरे-धीरे करके बढ़ाएं।
- डाईटीशियन आपको आहार संबंधी कुछ विशेष सुझाव दे सकते हैं -
- भोजन को एक बार में खाने की बजाय थोड़ी-थोड़ी मात्रा में कई बार खाएं
- आहार को जितना हो सके पोषक तत्वों से भरपूर रखें, क्योंकि आप कम ही मात्रा में इसे खा पाएंगे
- देर रात को खाना न खाएं क्योंकि इससे सीने में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं
- ऑपरेशन के बाद घर आने पर भी आपको सर्जरी वाले हिस्से पर दर्द रह सकता है, जिसके लिए आपको दर्द निवारक दवाएं दी जाती हैं।
- जब तक आप दवाएं खा रहे हैं, तब तक सिगरेट या शराब आदि न पिएं और न ही कोई अन्य नशा करें।
- यदि घाव से द्रव बह रहा है और इस कारण से पट्टी गीली हो रही है, तो उसे साथ ही साथ बदलते रहें। जब घाव से द्रव नहीं बह रहा हो और घाव ऊपर से बंद हो गया हो तो पट्टी न करें।
- डॉक्टर आपको गुनगुने पानी और हल्के साबुन के साथ नहाने की अनुमति दे सकते हैं। हालांकि, नहाने के तुरंत बाद आपको अपने घाव को साफ तौलिये से हल्के-हल्के पोंछ कर साफ कर लेना चाहिए।
- गाड़ी चलाने या किसी अन्य मशीन को ऑपरेट करना शुरू करने से पहले एक बार डॉक्टर से अनुमति ले लें।
- आपको सर्जरी के बाद मानसिक समस्याएं हो सकती हैं, जिसके लिए आपको अपने परिवारजनों और मानसिक विशेषज्ञों के संपर्क में रहना चाहिए।
डॉक्टर को कब दिखाएं?
यदि आपको निम्न में से कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है, तो डॉक्टर से इस बारे में बात कर लेना चाहिए -
- टांग में दर्द व सूजन
- दर्द लगातार बढ़ना
- खांसी होना
- सीने में दर्द
- सांस लेने में कठिनाई होना
- दस्त, मतली और उल्टी
- बुखार व ठंड लगना
- पेशाब में खून आना
- अचानक से पेशाब करने की तीव्र इच्छा होना
- घाव में लालिमा होना
- सर्जरी के घाव में सूजन, दर्द व लालिमा होना
(और पढ़ें - जोड़ों में सूजन के लक्षण)
गैस्ट्रेक्टमी की जटिलताएं - Complications of Gastrectomy in Hindi
गैस्ट्रेक्टमी से क्या जोखिम हो सकते हैं?
गैस्ट्रेक्टमी सर्जरी से कुछ जोखिम व जटिलताएं हो सकती हैं, जैसे -
- टांग में रक्त के थक्के जमना
- शरीर में विटामिन की कमी होना, जिससे हड्डियां व मांसपेशियां कमजोर होना, प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होना, एनीमिया और शरीर का वजन कम होना आदि समस्याएं होने लगती हैं।
- आंतों में रुकावट होना जिससे पाचन और मल त्यागने की प्रक्रिया प्रभावित हो जाती है।
- घाव में संक्रमण होना
- रक्तस्राव होना
- इंसिज़नल हर्निया
- एसिड रिफ्लक्स, मतली, उल्टी और दस्त होना
- पेट के आस-पास के अंग क्षतिग्रस्त होना
- डंपिंग सिंड्रोम (इसमें भोजन अचानक से आंतों में पहुंचने के कारण कमजोरी, जी मिचलाना, चक्कर आना और पसीने आना आदि समस्याएं होने लगती है)
- एनेस्थीसिया से एलर्जिक रिएक्शन होना जैसे लो बीपी, घरघराहट और सूजन आदि
- स्कार ऊतक बनने के कारण बड़ी आंत संकुचित हो जाना
(और पढ़ें - घरघराहट रोकने के उपाय)
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संदर्भ
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