ट्यूमर उच्छेदन में ओपन सर्जरी के बिना ही शरीर के अंदर से ट्यूमर को खत्म करने के लिए कम चीर-फाड़ कर के सर्जरी की जाती है। इसमें स्किन के ऊपर एक छोटा कट लगाकर शरीर के अंदर (एपेरेटस जैसी सुई) प्रोब को डाला जाता है। प्रोब अल्ट्रासाउंड, एमआरआई या सीटी स्कैन की तरह ट्यूमर को दिखा जाता है।
जब प्रोब ट्यूमर के अंदर चला जाता है तो ट्यूमर वाले ऊतकों को इलेक्ट्रिक करंट, हीट, लो टेंपरेचर या केमिकल से खत्म करता है। इस प्रक्रिया में दो घंटे लगते हैं और मरीज अस्पताल में एक रात रूकने के बाद घर जा सकता है।
- ट्यूमर उच्छेदन क्या है - What is Tumour ablation in Hindi
- ट्यूमर उच्छेदन क्यों की जाती है - Why Tumour ablation is done in Hindi
- ट्यूमर उच्छेदन कब नहीं करवानी चाहिए - When Tumour ablation is not done in Hindi
- ट्यूमर उच्छेदन से पहले की तैयारी - Preparations before Tumour ablation in Hindi
- ट्यूमर उच्छेदन कैसे की जाती है - How Tumour ablation is done in Hindi
- ट्यूमर उच्छेदन के बाद देखभाल - Tumour ablation after care in Hindi
- ट्यूमर उच्छेदन की जटिलताएं - Tumour ablation Complications in Hindi
ट्यूमर उच्छेदन क्या है - What is Tumour ablation in Hindi
किडनी, लिवर, फेफड़े, हड्डी और अन्य हिस्सों को निकाले बिना उनमें मौजूद ट्यूमर को खत्म करने की सर्जरी को ट्यूमर उच्छेदन कहते हैं। इसमें स्किन के ऊपर एक छोटा-सा छेद कर के प्रोब (एप्लिकेटर) को अंदर डाला जाता है।
एप्लिकेटर को जेनरेटर से जोड़ा जाता है जो ट्यूमर को खत्म करने के लिए हाई टेंपरेचर, बहुत कम टेंपरेचर, इलेक्ट्रिक करंट या कुछ मात्रा में एल्कोहल का इस्तेमाल करता है। निम्न तरीकों में से किसी एक से यह प्रक्रिया की जाती है :
- रेडियोफ्रीक्वेंसी : इसमें रेडियोफ्रीक्वेंसी जेनरेटर से एप्लिकेटर को 600 सेल्सियस से भी ज्यादा पर हाई फ्रीक्वेंसी वाला करंट देकर गर्म किया जाता है और ट्यूमर को खत्म कर दिया जाता है।
- माइक्रोवेव : इसमें माइक्रोवेव रेंज यानि 300 मेगाहर्ट्ज से 300 गीगाहर्ट्ज पर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एनर्जी का इस्तेमाल कर हीट पैदा और ट्यूमर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है।
- लेजर : इसमें निओडिमिअम येट्रिअम एल्युमीनियम गारनेट लेजर से लाइट एनर्जी बनाकर ट्यूकर को हीट और नष्ट किया जाता है।
- हाई इंटेंसिंटी फोकस अल्ट्रासाउंड : इसमें इंटेंसिटी को बढ़ाने के साथ अल्ट्रासाउंड तरंगों से ट्यूमर को हीट और खत्म किया जाता है।
- इररिवर्सिबल इलेक्ट्रोपोरेशन : इसमें इलेक्टिक करंट की पल्सिस का इस्तेमाल कर ट्यूमर कोशिकाओं की बाहरी झिल्ली को नुकसान पहुंचाकर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है।
- क्रायोएब्लेशन : इसमें प्रभावित ऊतक को खत्म करने और ट्यूमर को ठंडा तापमान देने के लिए आर्गन गैस या लिक्विड नाइट्रोजन का इस्तेमाल किया जाता है।
- एथेनॉल : इसमें ट्यूमर को खत्म करने के लिए कुछ मात्रा में एल्कोहल का इंजेक्शन दिया जाता है।
ट्यूमर उच्छेदन क्यों की जाती है - Why Tumour ablation is done in Hindi
शरीर के किसी भी हिस्से में जिस ट्यूमर तक स्किन के जरिए आसानी से पहुंचा जा सके और जो सही साइज (अमूमन 3 मिलीमीटर से कम) का हो उसे इस सर्जरी से निकालने की सलाह दी जाती है। आमतौर पर निम्न ट्यूमरों का इलाज इससे किया जाता है :
- फेफड़ों का कैंसर : लंग कैंसर के निम्न लक्षण हैं :
- सांस लेने में दिक्कत
- थकान
- भूख में कमी
- फेफड़ों में बार-बार इंफेक्शन होना
- खांसने, गहरी सांस लेने या हंसने पर छाती में दर्द बढ़ना।
- किडनी कैंसर : इस कैंसर के लक्षण हैं :
- भूख कम लगना
- थकान
- पेशाब में खून आना
- पीठ के निचले हिस्से में दाएं या बाएं दर्द होना
- लगातार बुखार होना जो कि इंफेक्शन की वजह से न हो
- लिवर कैंसर : इसके लक्षण हैं :
- मतली या उल्टी
- खुजली
- पेट में दर्द
- दाएं शोल्डर ब्लेड के पास दर्द
- दाईं या बाईं तरफ पसली के अंदर भरा हुआ महसूस होना
ट्यूमर उच्छेदन कब नहीं करवानी चाहिए - When Tumour ablation is not done in Hindi
ट्यूमर किस तरह का है, कोई हेल्थ प्रॉब्लम है और मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर सर्जन निर्णय लेते हैं कि ट्यूमर उच्छेइन की सर्जरी के लिए कौन-सी प्रक्रिया अपनानी है।
इस सर्जरी की विभिन्न प्रक्रियाओं को निम्न स्थितियां या कारक प्रभावित कर सकते हैं :
- रेडियोफ्रीक्वेंसी और माइक्रोवेव :
- इंट्राक्रेनियल प्रेशर बढ़ना
- जलोदर
- ब्लीडिंग संबंधी विकार
- अंदरूनी अंगों की असामान्य संरचना (पहले किसी सर्जरी से या जन्मजात)
- किसी भी अंग या ऑपरेशन वाली जगह के आसपास सूजन या इंफेक्शन होना।
- डायफ्राम, गॉल ब्लैडर, पैंक्रियाज, प्रमुख पित्त नली, पाचन मार्ग या रक्त वाहिकाओं के पास ट्यूमर होना।
- लेजर :
- 6 मिलीमीटर से बड़े ट्यूमर का गहरा होना
- ट्यूमर का साइज 20 मिलीमीटी से 50 मिलीमीटर के बीच होना
- हाई इंटेंसिटी फोकस अल्ट्रासाउंड
- सीरम बिल्रूबिन लेवल >100 μmol/L
- त्वचा के नीचे के ऊतक का 3.5 सेंटीमीटर से ज्यादा मोटा होना
- इररिवर्सिबल इलेक्ट्रोपोरेशन :
- कार्डियक एरिमिया हुआ हो
- छाती में पेसमेकर लगा हो
- क्रायोएब्लेशन : प्राइमरी लिवर ट्यूमर (लिवर से शरीर के अन्य हिस्सों में फैला कैंसर)
- एथेनॉल
- कोएगुलोपैथी :
- पोर्टल वेन थ्रॉम्बोसिस और बाइल पेरिटोनिटिस के जोखिम की वजह से ऑब्स्ट्रक्टिव पीलिया।
- डायफ्राम के अंदर ट्यूमर
- ग्रॉस जलोदर
- प्रमुखर रक्त वाहिकाओं, पेट, पित्त नलियों और पेट के पास ट्यूमर होना।
ट्यूमर उच्छेदन से पहले की तैयारी - Preparations before Tumour ablation in Hindi
सर्जरी से कुछ दिन पहले सर्जन से मिलने जाना होगा, इस दौरान सर्जन कुछ सवाल पूछेंगे, जैसे कि :
- मेडिकल हिस्ट्री
- कोई एलर्जी तो नहीं है
- प्रेगनेंट तो नहीं हैं
- जड़ी बूटी या डॉक्टर के पर्चे के बिना मिलने वाली कोई दवा ले रहे हैं या नहीं
इसके अलावा सर्जरी के लिए मरीज ठीक है या नहीं, यह जानने के लिए कुछ टेस्ट करवाए जाते हैं :
- ब्लड टेस्ट
- पेशाब का टेस्ट
- प्रेग्नेंसी टेस्ट
- बायोप्सी (जांच के लिए एक ऊतक का सैंपल निकाला जाता है)
- एंडोस्कोपी (ट्यूमर को देखने के लिए शरीर के अंदर एक ट्यूब डाली जाती है)
- एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड या एमआरआई जैसे टेस्ट
सर्जरी के लिए तैयार होने के लिए निम्न निर्देश किए जाते हैं :
- खून पतला करने वाली कोई दवा ले रहे हैं तो सर्जरी से कुछ दिन पहले लेना बंद कर दें।
- सर्जरी से एक रात पहले कुछ भी न खाएं-पिएं।
- सिगरेट पीते हैं तो बंद कर दें।
- अस्पताल नहाकर जाएं और नेल पॉलिश, ज्वेलरी और मेकअप निकाल दें।
- ऑपरेशन के बाद घर ले जाने के लिए कोई दोस्त या रिश्तेदार हो।
- अगर सर्जरी से कुछ दिन पहले फ्लू, जुकाम या बुखार हुआ है तो सर्जन को बताएं। ऐसे में सर्जरी को टाला जा सकता है।
- मरीज की अनुमति के लिए एक फॉर्म साइन करवाया जा सकता है।
ट्यूमर उच्छेदन कैसे की जाती है - How Tumour ablation is done in Hindi
अस्पताल में भर्ती होने के बाद मरीज को हॉस्पीटल गाउन पहनाई जाएगी। इसके बाद जरूरी दवाएं और तरल पदार्थ देने के लिए हाथ या बांह में ड्रिप लगाई जाती है। निम्न तरीके से फिर सर्जरी शुरू की जाती है :
- मेडिकल स्टाफ मरीज को इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी सर्जिकल सूट ले जाएगा।
- यहां उसे बेहोश करने के सिडेटिव या जनरल एनेस्थीसिया दिया जाएगा। सिडेटिव से मरीज नींद में लेकिन होश में रहता है। एनेस्थीसिया में बेहोश हो जाता है।
- शरीर के किस हिस्से में ट्यूमर है, इसके हिसाब से मरीज को ऑपरेशन टेबल पर लिटाया जाता है।
- अब सर्जरी के दौरान हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर, ब्लड ऑक्सीजन लेवल और सांस चेक करने के लिए मॉनिटरिंग डिवाइस लगाए जाएंगे।
- जहां से प्रोब डाला जाना है, उस जगह से बाल साफ किए जाएंगे।
- इसके बाद सर्जन उस हिस्से पर एक छोटा-सा कट लगाएंगे और उससे सुई डालेंगे। फिर एमआरआई, अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन से सुई को ट्यूमर तक पहुंचाएंगे।
- ट्यूमर खत्म करने के बाद सर्जन प्रोब को हटा देंगे और कट वाली जगह पर पट्टी कर देंगे।
- इसके बाद दूसरा स्कैन किया जाएगा जिससे पता चलेगा कि ट्यूमर खत्म हुआ है या नहीं।
- इस प्रक्रिया में दो घंटे लग सकते हैं। वैसे तो ट्यूमर कुछ मिनटों में ही खत्म हो जाता है लेकिन ज्यादा समय सुई को ट्यूमर की तरफ सही पोजीशन में पहुंचाने में लगता है।
- ऑपरेशन के बाद मरीज को उसके कमरे में शिफ्ट कर दिया जाता है जहां उसे एक रात रूकने के बाद छुट्टी मिल जाती है।
ट्यूमर उच्छेदन के बाद देखभाल - Tumour ablation after care in Hindi
सर्जरी के कुछ दिन बाद थोड़ा दर्द और फ्लू जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। सर्जन दर्द के लिए कुछ दवाएं लिख सकते हैं। ऑपरेशन वाली जगह के हिसाब से देखभाल के लिए विशेष निर्देश दिए जाएंगे। सर्जन सिगरेट न पीने, रोज एक्सरसाइज न करने और हेल्दी डाइट लेने की सलाह देंगे।
चूंकि, इस तकनीक में बड़ा कट नहीं लगता है इसलिए मरीज जल्दी ठीक हो जाता है।
डॉक्टर को कब दिखाएं ?
अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद निम्न लक्षण दिखने पर डॉक्टर को बताएं :
बुखार
ऑपरेशन वाली जगह के पास दर्द, सूजन, गर्म या लालिमा बढ़ना
सर्जरी वाली जगह पर कुछ महसूस न होना
उल्टी या मतली
ट्यूमर उच्छेदन की जटिलताएं - Tumour ablation Complications in Hindi
इस सर्जरी से निम्न संभावित जटिलताएं और जोखिम जुड़े हो सकते हैं :
- इंफेक्शन
- ब्लीडिंग
- लंग को कौलैप्स होना
- आसपास के अंगों तक ट्यूमर का फैलना
- आसपास की संरचनाओं या अंगों को नुकसान होना
फॉलो-अप के लिए डॉक्टर के पास कब जाएं?
सर्जरी के एक महीने बाद फॉलो-अप के लिए जाना होगा जिसमें सीटी स्कैन या एमआरआई से देखेंगे कि क्या स्थिति है और आगे ट्रीटमेंट की जरूरत तो नहीं है।
नोट : ऊपर दी गई संपूर्ण जानकारी शैक्षिक दृष्टिकोण से दी गई है और यह डॉक्टरी सलाह का विकल्प नहीं है।
सर्जरी की लागत
ट्यूमर उच्छेदन के डॉक्टर

Dr. Anil Gupta
ऑन्कोलॉजी
6 वर्षों का अनुभव

Dr. Akash Dhuru
ऑन्कोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव

Dr. Anil Heroor
ऑन्कोलॉजी
22 वर्षों का अनुभव

Dr. Kumar Gubbala
ऑन्कोलॉजी
7 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
- Knavel EM, Brace CL. Tumor ablation: common modalities and general practices. Tech Vasc Interv Radiol. 2013;16(4):192–200. PMID: 24238374.
- American Cancer Society [Internet]. Georgia. US; Ablation for liver cancer
- Johns Hopkins Medicine [Internet]. The Johns Hopkins University, The Johns Hopkins Hospital, and Johns Hopkins Health System; Tumor Ablation
- Wray JK, Dixon B, Przkora R. Radiofrequency Ablation. [Updated 2020 Jun 22]. In: StatPearls [Internet]. Treasure Island (FL): StatPearls Publishing; 2020 Jan
- Medical Services Advisory Committee: Department of Health [Internet]. Australian Government; Final protocol to guide the assessment of microwave tissue ablation for primary and secondary liver cancer
- Cheung TT, Fan ST, Chan SC, Chok KSH, Chu FSK, Jenkins CR, et al. High-intensity focused ultrasound ablation: an effective bridging therapy for hepatocellular carcinoma patients. World J Gastroenterol. 2013 May;19(20):3083–3089. PMID: 23716988.
- Narayanan G. Irreversible electroporation. Semin Intervent Radiol. 2015 Dec;32(4):349–355. PMID: 26622097.
- Islam MN, Saha MM, Ahsan M, Mashud G. Percutaneous ethanol injection for ablation of hepatocellular carcinoma. Bang Med J (Khulna). 2010;43:12–17
- National Health Service [Internet]. UK; Having an operation (surgery)
- Hernandez A, Sherwood ER. Anesthesiology principles, pain management, and conscious sedation. In: Townsend CM Jr, Beauchamp RD, Evers BM, Mattox KL, eds. Sabiston Textbook of Surgery. 20th ed. Philadelphia, PA: Elsevier; 2017:chap 14
- Cedars Senai [Internet]. California. US; Tumor Ablation Procedure Information
- UCLA health [Internet]. University of California. Oakland. California. US; Tumor Ablation
- Penn Medicine [Internet]. University of Pennsylvania. Pennsylvania. US; Tumor Ablation