लंग ट्रांसप्लांट सर्जरी खराब या प्रभावित फेफड़े को स्वस्थ फेफड़े से रिप्लेस करने वाली सर्जरी है। इस सर्जरी की सलाह तब दी जाती है जब व्यक्ति को जीवनघातक और गंभीर फेफड़ों के रोग हों और वे दो साल से अधिक जीवित न रह सकते हों। इसके लिए व्यक्ति को सर्जरी से पहले कुछ टेस्ट करवाने होते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आप सर्जरी के लिए स्वस्थ हैं। एक बार यह पता चल जाए, फिर आपका नाम वेटिंग लिस्ट में डाल दिया जाता है और सही डोनर मिल जाने पर आपको बुलाया जाता है। आपको तुरंत अस्पताल पहुंचने को कहा जाता है। आपको सात से दस के लिए अस्पताल में रहने को कहा जा सकता है। आपको इस सर्जरी से रिकवर होने में छह महीने का समय लग सकता है।
- फेफड़ों का ट्रांसप्लांट क्या होता है - Lung transplant kya hota hai
- फेफड़ों का ट्रांस्प्लांट क्यों किया जाता है - Lung transplant kyon kiya jata hai
- फेफड़ों के ट्रांस्प्लांट की तैयारी - Lung Transplant ki taiiyari
- फेफड़ों का ट्रांस्प्लांट कैसे किया जाता है - Lung Transplant kaise kiya jata hai
- फेफड़ों का ट्रांस्प्लांट होने के बाद देखभाल - Lung Transplant hone ke baad dekhbhaal
- फेफड़ों के ट्रांसप्लांट के खतरे और जटिलताएं - Lung Transplant ke risk aur complication
फेफड़ों का ट्रांसप्लांट क्या होता है - Lung transplant kya hota hai
लंग ट्रांसप्लांट सर्जरी में सर्जन खराब हो चुके फेफड़ों को स्वस्थ फेफड़ों से बदल देते हैं।
यह सर्जरी उन लोगों पर की जाती है, जिन्हें फेफड़ों के गंभीर जीवनघातक रोग होते हैं और उन पर किसी भी ट्रीटमेंट का प्रभाव नहीं हो रहा होता या फिर उनकी जीवन प्रत्याशा दो वर्ष ही बचती है। फेफड़ों का ट्रांसप्लांट चार तरह से किया जाता है -
- सिंगल लंग - केवल एक ही फेफड़े को बदला जाता है
- डबल लंग - दोनों फेफड़ों को बदला जाता है
- बाइलेट्रल सीक्वेंशियल (Bilateral sequential) - दोनों फेफड़ों को एक ही बार में बदला जाता है
- हार्ट-लंग ट्रांस्प्लांट - हृदय और फेफड़ों का ट्रांसप्लांट
ट्रांसप्लांट के लिए अंग मृत व्यक्तियों के शरीर से लिए जाते हैं जो कि धूम्रपान नहीं करते थे और स्वस्थ थे। हालांकि, कुछ मामलों में कोई स्वस्थ जीवित व्यक्ति अपने फेफड़ों के कुछ लोब्स भी दे सकते हैं, जिसे लोबेक्टॉमी कहते हैं। ऐसे ट्रांसप्लांट को लिविंग ट्रांसप्लांट कहा जाता है और वे व्यक्ति फेफड़े का कुछ हिस्सा डोनेट करने के बाद भी स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
फेफड़ों का ट्रांस्प्लांट क्यों किया जाता है - Lung transplant kyon kiya jata hai
सर्जन इस सर्जरी की सलाह निम्न स्थितियों की गंभीर अवस्था में दे सकते हैं, जब कोई भी अन्य ट्रीटमेंट काम नहीं आ रहा हो -
- सिस्टिक फाइब्रोसिस - इस रोग के कुछ लक्षण निम्न हैं -
- क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज - इस रोग के कुछ लक्षण निम्न हैं -
- छाती में कसाव
- रेस्पिरेटरी संक्रमण
- लगातार खांसी, जिसमें बहुत ज्यादा बलगम आए
- इडियोपेथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस - इस रोग के कुछ लक्षण निम्न हैं -
- जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
- तेज सांस लेना
- अत्यधिक वजन घटना
- पल्मोनरी हाइपरटेंशन - इस रोग के कुछ लक्षण निम्न हैं -
- अल्फा -1 एंटीट्रिप्सिन डेफिशियेंसी - इस प्रोटीन डेफिशियेंसी के कुछ लक्षण निम्न हैं -
- बार-बार फेफड़ों में संक्रमण
- लम्बे समय से खांसी
- थकान
- सारकॉइडोसिस - इस रोग के कुछ लक्षण निम्न हैं -
खरखराहट और सांस फूलना फेफड़ों के रोग के सामान्य लक्षण हैं।
ऐसे मामलों में जहां व्यक्ति को हृदय रोग के साथ सांस से संबंधी समस्याएं होती हैं, उन्हें जीवनघातक माना जाता है जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस या आइसीमंजर सिंड्रोम (Eisenmenger' s syndrome) तब हार्ट लंग ट्रांसप्लांट की सलाह दी जाती है।
फेफड़ों के ट्रांस्प्लांट की तैयारी - Lung Transplant ki taiiyari
प्री ऑपरेटिव अस्सेस्मेंट के भाग के रूप में कुछ मेडिकल टेस्ट किए जाएंगे, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आप ट्रांसप्लांट करवाने के लिए स्वस्थ हैं। इस टेस्ट से यह भी पता चलता है कि आपके शरीर के जरूरी अंग किस तरह से कार्य कर रहे हैं जैसे हृदय, किडनी और लिवर। आमतौर पर इन टेस्टों के लिए आपको तीन दिन तक अस्पताल में रहने को कहा जाता है। नीचे बताए गए कुछ टेस्ट किए जा सकते हैं -
- ब्लड टेस्ट
- चेस्ट एक्स रे
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम या ईसीजी
- इकोकार्डियोग्राम
- एंजिओग्राम (एक तरह का एक्स रे, जिससे फेफड़ों की रक्त वाहिकाओं का रक्त प्रवाह देखा जाता है)
यदि आपको लंग ट्रांसप्लांट के लिए सही माना जाता है तो अस्पताल आपका रजिस्ट्रेशन नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइज़शन पोर्टल में कर देंगे। जब एक सही डोनर मिल जाएगा तो आपको तुरंत अस्पताल बुला लिया जाएगा। आमतौर पर आपको छह से आठ घंटे में अस्पताल पहुंचना होता है।
वेटिंग पीरियड के दौरान सर्जन आपसे निम्न करने के लिए कह सकते हैं -
- डॉक्टर द्वारा बताए गए विशेष व्यायाम करें
- धूम्रपान न करें और शराब न पिएं
- बताई गई डाइट का पालन करें और एक निश्चित वजन बनाए रखें
- सर्जन से लगातार मिलते रहें
- यदि आप किसी भी तरह की दवा ले रहे हैं तो इसके बारे में डॉक्टर को बता दें। इसमें सभी प्रकार के हर्ब्स और विटामिन शामिल हैं
- डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं को समय पर लें
जैसे ही अस्पताल से आपको कॉल आए आप तुरंत अस्पताल पहुंच जाएं। सर्जरी जल्दी से जल्दी हो जाए इसीलिए आप कॉल आते ही खाना और पीना बंद कर दें। ऐसा इसलिए क्योंकि लंग ट्रांसप्लांट के लिए आठ घंटे तक भूखे रहने को कहा जाता है। यदि सर्जन आपसे कुछ दवा लेने को कहते हैं तो उसे पानी की बहुत कम मात्रा के साथ लें।
फेफड़ों का ट्रांस्प्लांट कैसे किया जाता है - Lung Transplant kaise kiya jata hai
आपके अस्पताल में आने के बाद डॉक्टर आपसे एक अनुमति फॉर्म भरवाएंगे, जिसमें आपको सर्जरी के लिए अनुमति देनी होगी। आपको अस्पताल का गाउन पहनने को कहा आएगा और ब्लैडर खाली करने की सलाह दी जाएगी। आपको अपने आभूषण, नेल पोलिश, मेकअप, चश्मा और कांटेक्ट लेंस उतारने को कहा जा सकता है। यदि आपको संक्रमण के कोई संकेत दिखाई देते हैं तो इस बारे में डॉक्टर को बता दें जैसे बुखार, खांसी या गले में खराश। यह सर्जरी निम्न तरह से की जाएगी -
- सर्जन आपके हाथ या बांह में एक इंट्रावेनस ट्यूब लगाएंगे और आपकी कलाई, श्रोणि या गर्दन में एक लचीली ट्यूब लगाई जाएगी ताकि आपके रक्त चाप और हृदय की गतिविधि पर नजर रखी जा सके।
- जिस तरफ का लंग या फेफड़ा रिप्लेस होना है उसके अनुसार आपको ऑपरेशन टेबल पर लेटने को कहा जाएगा। सिंगल लंग ट्रांसप्लांट के लिए आपको बदले जा रहे फेफड़े की विपरीत दिशा में लेटना होगा। आपकी बांह को सर के ऊपर रखा जाएगा
- एनेसथिओलॉजिस्ट आपको जनरल एनेस्थीसिया देंगे, ताकि आप सर्जरी के दौरान सो जाएं
- आपके गले में एक ब्रीथिंग ट्यूब लगाई जाएगी जो कि वेंटिलेटर से जुड़ी होगी
- सर्जन या फिर मेडिकल टीम आपके ब्लैडर से यूरिन को निकालने के लिए कैथिटर लगाएंगे
- इसके बाद जिस तरफ से फेफड़ा निकाला जाना है वहां के बालों को हटाया जाएगा। बाइलेट्रल सेक्वेंशियल के लिए सर्जन आपकी छाती के नीचे और स्तन के बीच में एक सीधा या क्षैतिज चीरा लगाएंगे ताकि दोनों फेफड़ों तक आसानी से पहुंचा जा सके। हार्ट लंग ट्रांसप्लांट के लिए छाती पर सीपी के आकार का चीरा लगाया जाएगा
- सर्जन आपके शरीर को एक हार्ट लंग मशीन से जोड़ देंगे जो कि सर्जरी के दौरान और आपके फेफड़ों और हृदय की तरह कार्य करेगी
- इसके बाद रोगग्रस्त फेफड़े को डोनर के लंग से बदल दिया जाता है
- इसके बाद सर्जन सभी रक्त वाहिकाओं और एयर वेज़ को डोनर के फेफड़ों से जोड़ देते हैं और इस पर ड्रेसिंग कर दी जाती है
- सर्जन द्रवों, रक्त और छाती में से अत्यधिक हवा को निकालने के लिए आपकी छाती में ट्यूब लगा सकते हैं। इससे आपके फेफड़ों को ठीक तरह से फूलने का मौका मिल जाता है
- वे आपकी कमर में भी एक पतली ट्यूब लगा सकते हैं जिससे दर्द की दवाएं आपको दी जा सकें
सर्जरी के बाद अस्पताल का स्टाफ आपको आईसीयू में शिफ्ट कर देगा, जहां आपकी महत्वपूर्ण जांचें होंगी। आपको एक हफ्ते तक लिए अस्पताल में रहने को कहा जा सकता है। इस दौरान निम्न चीज़ें हो सकती हैं -
- जब तक खुद से सांस नहीं ले सकते तब आपको वेंटिलेटर पर रखा जाएगा, जो कि कुछ घंटे या इससे अधिक हो सकता है
- आपकी नाक से पेट में एक ट्यूब डाली जाएगी, ताकि अतिरिक्त हवा को निकाला जा सके। यह ट्यूब आपके पाचन तंत्र को ठीक तरह से चलाने के लिए लगाई जाएगी। इस दौरान आप कुछ भी ठीक तरह से खा पी नहीं पाएंगे। जब तक आप स्वयं पेशाब नहीं कर पाते कैथिटर को भी नहीं हटाया जाएगा
- ब्रीथिंग ट्यूब और पेट में लगी ट्यूब हट जाने के बाद आपको तरल आहार दिए जाएंगे। आहार को धीरे-धीरे ठोस किया जाएगा। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आप कितना जल्दी ठीक हो रहे हैं
- मेडिकल स्टाफ आपको कुछ सांस से संबंधी व्यायाम बताएंगे। वे फिजिकल थेरेपी भी शुरू कर सकते हैं
- आपको एंटी रिजेक्शन दवाएं दी जाएंगी, ताकि आपके इम्यून सिस्टम को सप्रेस किया जा सके और इम्यून सिस्टम आपके फेफड़ों को रिजेक्ट न कर दे
- जो ट्यूब आपके कमर में लगाई गई है उसके जरिये दर्द निवारक दवाएं लगातार दी जाती रहेंगी। या फिर ये आइवी के माध्यम से भी दी जा सकती हैं
फेफड़ों का ट्रांस्प्लांट होने के बाद देखभाल - Lung Transplant hone ke baad dekhbhaal
सर्जरी के बाद आपको घर पर स्वयं की देखभाल करने की सलाह दी जाएगी -
- सर्जरी के बाद छह हफ्तों तक किसी भी तरह के भारी सामान को उठाने खींचने और धक्का देने का प्रयास न करें
- वापस से ड्राइविंग शुरू करने से पहले सर्जन से बात कर लें। आप सर्जरी के चार से छह हफ्ते बाद ड्राइविंग शुरू कर सकते हैं
- रिकवरी पीरियड के बाद आप काम पर लौट सकते हैं, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप क्या काम करते हैं। आमतौर व्यक्ति को ठीक होने में तीन महीने का समय लगता है
- सर्जन आपको कुछ एंटी रिजेक्शन दवाएं देंगे, जिससे आपको कुछ साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं, जैसे -
- नींद न आना
- दस्त
- चक्कर आना
- सिर दर्द
- मुंहासे
- चिंता व डिप्रेशन
- मसूड़ों में सूजन
सर्जन आपकी एंटी रिजेक्शन दवाओं की खुराक लगातार बदलते रहेंगे, ताकि उन्हें यह पता चल जाए कि आपके इम्यून सिस्टम को सप्रेस्स करने के लिए सही मात्रा क्या है और साथ ही जिसमें कम से कम साइड इफ़ेक्ट हों। यदि साइड इफ्फेक्ट तकलीफ भी दे रहे हैं तब भी यह दवाएं लेना बंद न करें, बल्कि अपने डॉक्टर से बात करें। इस दौरान निम्न बातों का ध्यान रखें -
- सर्जरी के बाद संक्रमण सबसे मुख्य जटिलता होती है। इसीलिए किसी भी तरह के संक्रमण ग्रस्त व्यक्ति से दूर रहें, क्योंकि यह आपको गंभीरता से प्रभावित कर सकता है
- सर्जरी के स्थान को साफ और सूखा रखें। नहाने के लिए सर्जन द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन करें
- अच्छी साफ-सफाई वाली आदतों को अपनाएं। लगातार नहाएं और आपने हाथों को साफ करते रहें
- खाना खाने के बाद और टॉयलेट का प्रयोग करने के बाद अपने हाथ धोएं
लंग ट्रांसप्लांट से फेफड़ों के जीवन घातक रोगों को ठीक करने में मदद मिलती है। सर्जरी के बाद आपका जीवन तो लंबा होगा ही साथ ही आप व्यायाम आदि भी कर पाएंगे।
फेफड़ों के ट्रांसप्लांट के खतरे और जटिलताएं - Lung Transplant ke risk aur complication
इस सर्जरी में निम्न खतरे हैं -
- फेफड़ों का रिजेक्ट हो जाना
- शरीर में रक्त के थक्के बन जाना
- एंटी रिजेक्शन दवाओं से रिएक्शन जैसे -
- संक्रमण का खतरा बढ़ना
- किडनी और लिवर जैसे अंगों को क्षति पहुंचना
- हड्डियों का पतला होना
- डायबिटीज
- कोलेस्ट्रॉल के स्तरों का बढ़ना
- फेफड़े काम करना बंद कर दें
सर्जरी की लागत
संदर्भ
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