बाइल साल्ट टेस्ट क्या है?

बाइल साल्ट्स, पित्तरस का एक मुख्य व महत्वपूर्ण भाग होते हैं। बाइल लिवर द्वारा स्रावित किए जाने वाला एक हरे व पीले रंग का द्रव्य है। पाचन क्रिया को ठीक तरह से चलाने के लिए इसे छोटी आंत में पित्त के अन्य कई तत्वों के साथ स्रावित किया जाता है। एक बार जब वे अपना कार्य कर लेते हैं तो अत्यधिक मात्रा में बाइल साल्ट को वापस लिवर में भेज दिया जाता है। हालांकि कुछ लिवर संबंधी विकारों में बाइल साल्ट की यह संचरण प्रक्रिया प्रभावित हो जाती है। ऐसी स्थितियों में बाइल साल्ट छोटी आंत में जाने के बजाए लिवर में ही रहता है। इसके बाद लिवर इस बचे हुए साल्ट को रक्त या यूरिन में स्रावित कर देता है। इसीलिए यदि मरीज को लिवर संबंधित किसी भी विकार के लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर यूरिन और ब्लड दोनों में बाइल साल्ट की उपस्थिति का पता लगाने के लिए टेस्ट की सलाह देते हैं।

अन्य बाइल साल्ट टेस्ट जिसे एसइएचसीएटी स्कैन (SeHCAT scan) कहा जाता है। यह शरीर में ये पता लगाने के लिए किया जाता है कि बाइल साल्ट शरीर में सामान्य रूप से अवशोषित हो रहा है या नहीं। इसके अलावा बाइल साल्ट मालबसोर्पशन नामक समस्या की जांच भी करता है, इसे बाइल एसिड मालबसोर्पशन भी कहा जाता है। यह स्थिति तब पैदा होती हो जब छोटी आंत का वह भाग जो बाइल साल्ट को वापस अवशोषित करता है वह क्षतिग्रस्त हो जाता है। जब बाइल साल्ट ठीक तरह से नहीं लिए जाते हैं, तो इससे गंभीर दस्त हो सकते हैं।

  1. बाइल साल्ट टेस्ट क्यों किया जाता है - Bile salt Test Kyu Kiya Jata Hai
  2. बाइल साल्ट टेस्ट से पहले - Bile salt Test Se Pahle
  3. बाइल साल्ट टेस्ट के दौरान - Bile salt Test Ke Dauran
  4. बाइल साल्ट टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब है - Bile salt Test Ke Parinam Ka Kya Matlab Hai

बाइल साल्ट टेस्ट किसलिए किया जाता है?

बाइल साल्ट टेस्ट आमतौर पर लिवर फंक्शन टेस्ट के एक भाग के रूप में किया जाता है। यदि आपके शरीर में छोटी आंत से संबंधी कोई विकार या रोग दिखाई दे रहे हैं तो डॉक्टर इस टेस्ट की सलाह दे सकते हैं। इनमें निम्न शामिल हैं -

  • बिना किसी कारण के दस्त
  • पेट में दर्द
  • वजन घटना
  • पोषक तत्वों की कमी
  • बदबूदार और चिपचिपा मल

इस टेस्ट की सलाह गर्भवती महिलाओं में इंट्राहेपैटिक कोलेस्टेटिस ऑफ़ प्रेगनेंसी नामक स्थिति की जांच करने के लिए दी जा सकती है। ऐसी स्थितियों में लिवर बाइल स्त्रावित करना बंद कर देता है और मरीज को हथेली और तलवों पर खुजली या पीलिया जैसी स्थितियां महसूस होने लगती हैं।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Yakritas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को लिवर से जुड़ी समस्या (फैटी लिवर, पाचन तंत्र में कमजोरी) में सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Liver Detox Tablets
₹899  ₹999  10% छूट
खरीदें

बाइल साल्ट टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

यूरिन टेस्ट के लिए आपको किसी भी तरह की विशेष तैयारी की जरूरत नहीं होती है। डॉक्टर आपको टेस्ट से पहले इसकी प्रक्रिया के बारे में समझा देंगे।

एसइएचसीएटी स्कैन के लिए आपसे रात भर भूखा रहने के लिए कहा जाएगा और स्कैन से एक महीने पहले एंटीसेप्टिक लेने से मना कर दिया जाएगा। डॉक्टर अन्य दवाओं के ट्रीटमेंट में भी बदलाव कर सकते हैं जैसे कोलेस्टाइरामाइन, कोल्सेवेलम, सिसाप्राइड इत्यादि। कोई भी दवा की खुराक को अपने अनुसार न बदलें। डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें। यदि आप गर्भवती हैं या स्तनपान करवाती हैं तो स्कैन से पहले डॉक्टर को बता दें।

बाइल साल्ट टेस्ट कैसे किया जाता है?

यूरिन सैंपल पर किए जाने वाले बाइल साल्ट में आपको एक साफ कंटेनर में डॉक्टर को यूरिन का सैंपल देना होगा। यदि किसी भी प्रकार की विशेष सावधानियां बरतनी होगी तो डॉक्टर या नर्स आपको इसके बारे में पहले ही बता देंगे। पर्याप्त सैंपल लेकर उसे जांच के लिए लैब में भेज दिया जाएगा।

एसइएचसीएटी स्कैन के लिए डॉक्टर पानी के साथ निगलने के लिए आपको एक कैप्सूल देंगे। कैप्सूल में सेलेनियम होमोटरोकोलेट नामक एक बाइल साल्ट होता है। कुछ घंटे बाद आंतों की कार्य प्रक्रिया का पता लगाने के लिए एक स्कैन किया जाएगा। आपसे एक हफ्ते बाद फिर से स्कैन करवाने के लिए कहा जाएगा। डॉक्टर इसके बाद ही बता पाएंगे कि कैप्सूल से कितना बाइल साल्ट शरीर में बचा है।

एसइएचसीएटी स्कैन में कुछ मात्रा में रेडिएशन भी मौजूद होती है। हालांकि रेडिएशन आपको किसी भी तरह से प्रभावित नहीं करेगी। यह वातावरण में मौजूद रेडिएशन के बराबर मात्रा में ही होती है। इस कैप्सूल से भी कोई नुकसान नहीं होगा। यदि आप इस प्रक्रिया के बारे में चिंतित हैं तो इसके बारे में डॉक्टर से बात कर सकते हैं।

बाइल साल्ट टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब है?

सामान्य परिणाम -

बाइल साल्ट के यूरिन में सामान्य परिणामों को नेगेटिव लिखा जाता है। इसका मतलब है कि जो यूरिन सैंपल आपने दिया है उसमें बाइल साल्ट मौजूद नहीं हैं। कुछ जगहों पर न्यूमेरिकल वैल्यू भी दी जाती है। ≤ 10 µmol/L (माइक्रोमॉल्स प्रति लीटर) को सामान्य माना जाता है। अगर वैल्यू इससे अधिक हो गई है, तो उससे किसी न किसी रोग से संबंधित माना जाता है।

एसइएचसीएटी स्कैन के परिणाम प्रतिशत में लिखे जाते हैं। कैप्सूल लेने के एक हफ्ते बाद डॉक्टर यह टेस्ट दोबारा करते हैं ताकि आपके शरीर में बचे हुए बाइल साल्ट की मात्रा की जांच कर सके। चूंकि शरीर स्वयं द्वारा बनाए गए बाइल को फिर से प्रयोग करता है इसीलिए कैप्सूल के तत्व शरीर में मौजूद होने चाहिए। इसलिए यदि बाइल सॉल्ट की मात्रा 15 प्रतिशत बची हुई है तो उसे सामान्य माना जाता है।

असामान्य परिणाम -

बाइल साल्ट के लिए किए गए यूरिन टेस्ट में असामान्य परिणामों को पॉजिटिव लिखा जाता है। कभी-कभी जो वैल्यू बाइल साल्ट की मात्रा बताती है उसे भी लिखा जाता है। 10 µmol/L से अधिक किसी भी वैल्यू को असामान्य माना जाता है। यह निम्न स्थितियों की ओर संकेत कर सकता है -

  • ऑब्सट्रक्टिव जॉन्डिस - इसका मतलब है कि बाइल साल्ट अपने सामान्य मार्ग से लिवर से स्रावित नहीं हो पा रहे हैं और जिसके कारण पेशाब में खून आ रहा है
  • पीलिया से जुड़े लिवर के अन्य विकार
  • किसी गर्भवती महिला में असामान्य परिणाम इंट्राहेपैटिक कोलेस्टेटिस ऑफ़ प्रेगनेंसी के संकेत दे सकते हैं। बाइल साल्ट की बढ़ी हुई मात्रा से असमय डिलीवरी का खतरा बढ़ सकता है। इससे शिशु को श्वास संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। हालांकि अगर समय रहते इस स्थिति का इलाज कर दिया जाए, तो खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

एसइएचसीएटी स्कैन में यदि बाइल साल्ट 15% से अधिक पाया गया है, तो रिजल्ट को असामान्य माना जाता है। इसका मतलब है कि शरीर से अत्यधिक बाइल साल्ट की क्षति हुई है और ऐसा बाइल एसिड मालबसोर्पशन के कारण हो सकता है।

बाइल साल्ट टेस्ट के परिणामों का आपके लिए क्या मतलब है, इस बारे में पता लगाने के लिए डॉक्टर को रिपोर्ट दिखाएं।

संदर्भ

  1. Chapter 13, Assessment of hepatic function and investigation of jaundice In: Marshal W.J, Lapsley M, Day A.P, Ayling R.M. Clinical biochemistry: Metabolic and clinical aspects. 3rd ed. Churchill Livingstone: Elsevier; 2014. p.232—245.
  2. Bathena SPR, Thakare R, Gautam N, Mukherjee S, Olivera M, Meza J, Alnouti Y. Urinary Bile Acids as Biomarkers for Liver Diseases I. Stability of the Baseline Profile in Healthy Subjects. Toxicological Sciences. February 2015, 143(2):296–307. PMID: 25344562
  3. University Hospitals Coventry and Warwickshire [Internet]. NHS Foundation Trust. National Health Service. U.K. What is Bam?
  4. Genetics Home Reference [internet]. National Institute of Health: US National Library of Medicine. US Department of Health and Human Services; Intrahepatic cholestasis of pregnancy
  5. Chapter 7, Gastroenterology In: Provan D. Oxford Handbook of Clinical and Laboratory Investigation. 4th ed. United Kingdom: Oxford University Press; 2018. p.519.
  6. The Hillingdon Hospitals [Internet]. NHS Foundation Trust. National Health Service. U.K. Nuclear Medicine SeHCAT Scan
ऐप पर पढ़ें
cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ