अपने बच्चों के भविष्य की परवाह कौन नहीं करता। हर माता-पिता का एक सपना होता है और उसको आधार बनाकर बच्चे के बेहतर भविष्य की रूपरेखा तैयार की जाती है। सपनों के संसार से एक इच्छा भविष्य के आंगन में झांकने की भी होती है। ताकि पता किया जा सके कि बच्चा बड़ा होकर डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, वकील या और क्या बनेगा? ऐसे में अगर कोई आपसे कहे कि डीएनए जांच वह खिड़की है, जिसके जरिए आप अपने बच्चे के भविष्य में झांककर उसके करियर को देख सकते हैं तो क्या आप भरोसा करेंगे? दरअसल चीन में इन दिनों बच्चों का डीएनए टेस्ट कराने का चलन बढ़ा है, जिसका कारण सिर्फ एक है बच्चे के भविष्य में झांकना।

चीन में अरबों रुपये की मार्केट
चीन में पिछले साल डीएनए टेस्ट पर 41 मिलियन डॉलर (293 करोड़ रुपये से ज्यादा) खर्च हुए थे। अमेरिका में डेलावेयर स्थित एक रिसर्च फर्म ग्लोबल मार्केट इनसाइट इंक के अनुसार 2025 तक यह आंकड़ा 135 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा। बीजिंग की एक कंसलटेंसी फर्म ईओ इंटेलिजेंस का अनुमान है कि साल 2022 तक यह मार्केट 405 मिलियन अमेरिकी डॉलर की हो जाएगी।

क्या होता है DNA?
डीएनए, मतलब डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक एसिड। यह कोशिकाओं के नाभिक में स्थित होता है, जो शरीर को बनाते हैं। डीएनए को शरीर के बिल्डिंग ब्लॉक्स में से एक माना जा सकता है। शरीर की सटीक संरचना और कार्य को समझने के लिए यह जानना आवश्यक है कि डीएनए क्या है और यह कैसे काम करती है।

  • लाल रक्त कोशिकाओं को छोड़कर, आपके शरीर के लगभग हर कोशिका में डीएनए या जेनेटिक कोड होता है जो शरीर को बनाता है। डीएनए में पूरे जीवन के विकास, वृद्धि, प्रजनन और कार्य के लिए निर्देश होते हैं। 
  • मानव शरीर में मौजूद सभी डीएनए को सुलझाया जाए, तो ये इतने लंबे होंगे कि सूर्य तक पहुंचकर 300 बार वापस पृथ्वी पर पहुंच सकते हैं। 
  • कम शब्दों में कहें तो डीएनए एक जटिल, लंबी जंजीर जैसा दिखने वाला अणु है जो जीवित जीव की आनुवांशिक विशेषताओं को एन्कोड करता है।

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डीएनए से किसी व्यक्ति के भविष्य का पता लगाया जा सकता है?
myUpchar से जुड़ी डॉक्टर शहनाज जफर का कहना है, क्योंकि डीएनए में हर तरह की कोडिंग होती है तो इससे व्यक्ति की याददाश्त और उसके दिमाग में छिपे उसके इंटरेस्ट (रूचि या दिलचस्पी) को जानने में मदद मिलती है। अगर बच्चे की मेमोरी यानी याददाश्त अच्छी है तो उससे पढ़ाई करने और उसे समझने में मदद मिलेगी। जिससे उसके भविष्य में बेहतर परिणाम आ सकते हैं। 

हालांकि, डॉक्टर अर्चना निरूला के मुताबिक डीएनए टेस्ट के जरिए किसी के भविष्य की जांच करना वैज्ञानिक तौर पर सही नहीं है और ना ही वैज्ञानिक तौर पर इसका कोई प्रमाण मिलता है। हां, डीएनए के जरिए बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। शारीरिक और मानसिक तौर पर अगर भविष्य में कोई बीमारी हो सकती है तो उसका डीएनए के जरिए पहले ही लगाया जा सकता है।

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विशेषज्ञों की क्या है राय? 
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में जेनेसिस्ट गिल मेकविन का भी मानना है कि डीएनए के जरिए भविष्य (करियर) के बारे में जानने का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, जिसके तहत पर आप उन चीजों के बारे में निश्चित तौर पर नहीं कह सकते।

डीएनए में क्या होता है?
शरीर मुख्यतौर पर सेल के एक ढांचे से बना होता है। मानव शरीर करोड़ों और अरबों सेल से मिलकर बनता है। जिसमें डीएनए का सबसे अहम योगदान होता है। 

  • आपके डीएनए के पूरे सेट को आपका जीनोम कहा जाता है। इसमें 3 बिलियन यानी 300 करोड़ बेस, 20000 जीन्स और 23-23 जोड़े गुणसूत्र होते हैं।
  • आप अपने डीएनए का आधा हिस्सा अपने पिता से और आधा हिस्सा अपनी मां से प्राप्त करते हैं। यह डीएनए शुक्राणु और अंडे से बराबर आता है। 
  • जीन्स वास्तव में आपके जीनोम के बहुत ही छोटे (1 प्रतिशत) हिस्से से बने होते हैं, जबकि बाकी का 99 प्रतिशत हिस्सा चीजों को विनियमित करता है, जैसे कि प्रोटीन को कब, कैसे और कितनी मात्रा में बनाना है।
  • वैज्ञानिक नॉन कोडिंग डीएनए को लेकर अभी भी जांच कर रहे हैं। 

कुल मिलाकर इस रिपोर्ट से निष्कर्ष निकलता है कि वैज्ञानिक आधार पर डीएनए  के जरिए किसी व्यक्ति के भविष्य में होने वाली घटनाओं की जानकारी नहीं दी जा सकती है। क्योंकि साइंस में अब तक इसका कोई प्रमाण नहीं है। हां, भविष्य में शारीरिक और मानसिक तौर पर होने वाली बीमारियों को लेकर जरूर जानने में मदद मिल सकती है।

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