एक समय तक काॅन्टेक्ट लेंस सिर्फ वही लोग लगाते थे जिनकी आंखों की रोशनी कम होती थी  लेकिन अब कांटेक्ट लेंस फैशन के तौर पर भी लगाए जाते हैं। वैसे काॅन्टेक्ट लेंस आंखों की रोशनी को बेहतर करने का एक तरीका है लेकिन अगर इन्हें सही तरह से न लगाया जाए या नियमित इनकी सफाई न की जाए तो इस वजह से आपको फायदे की बजाय नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए जो लोग नियमित काॅन्टेक्ट लेंस लगाते हैं, उन्हें इससे संबंधित जरूरी बातों पर गौर करना चाहिए।

आइए जानते हैं कि कॉन्टेक्ट लेंस लगाने वाले लोगों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

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सूरज की रोशनी से आंखों में संक्रमण

जो लोग नियमित लेंस लगाते हैं उन्हें अपनी आंखों को सूरज की यू.वी किरणों (पराबैंगनी किरणें) से बचा कर रखना चाहिए। आंखों में लेंस लगाकर यू.वी किरणों के संपर्क में आने की वजह से आपकी आंखों में संक्रमण हो सकता है। हालांकि, इन दिनों काॅन्टेक्ट लेंस बनाने वाले कई ब्रांड यू.वी किरणों से सुरक्षित काॅन्टेक्ट लेंस बनाने का दावा करते हैं लेकिन बेहतर यही होगा कि अगर आप लेंस लगाने के बाद धूप से बचने वाला चश्मा लगाकर ही दिन में घर से बाहर निकलें।

लेंस पहनकर कभी न सोएं

लेंस पहनकर आंखें बंद करने से उस निश्चित जगह पर ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इस दौरान अगर लेंस पर कोई कीटाणु हों तो वह कोर्निया तक फैल सकते हैं।

लेंस पहन कर चेहरा न धोएं

आंखों में लेंस लगाकर पानी के संपर्क में आना सही नहीं है क्योंकि नल, कुंए, तालाब, स्विमिंग पूल, नाली, मिट्टी आदि जगह के पानी में अमीबा हो सकता है। यह एक कोशिकीय जीव है, जो आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। अमीबा से आंखों को होने वाले नुकसान को एकांथामीबा केराटाटिस कहा जाता है।

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हालांकि, इस बीमारी का उपचार संभव है लेकिन समय पर इसका उपचार न करवाने पर आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती है। यही वजह है कि नहाते समय, स्विमिंग के समय काॅन्टेक्ट लेंस नहीं पहनने चाहिए। यदि स्विमिंग के दौरान काॅन्टेक्ट लेंस पहनना मजबूरी है तो आंखों पर एयर टाइट गाॅगल्स पहनें। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखें कि काॅन्टेक्ट लेंस की सफाई कभी भी नल के पानी से नहीं करनी चाहिए।

लम्बे समय तक काॅन्टेक्ट लेंस न लगाएं

यदि आप नियमित काॅन्टेक्ट लेंस लगाते हैं तो रात को काॅन्टेक्ट लेंस निकालकर ही सोएं। दरअसल, लंबे समय तक काॅन्टेक्ट लेंस पहनने की वजह से आंखें ड्राई हो जाती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लेंस हाइपरटॉनिक (बहुत ज्यादा दबाव बनाने वाले) होते हैं जिसकी वजह से आंखों में दिक्कत हो सकती है।

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आंखों को रगड़े नहीं

न्यूयाॅर्क यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में हुए एक छोटे से अध्ययन से पता चला है कि काॅन्टेक्ट लेंस न पहनने वालों की तुलना में काॅन्टेक्ट लेंस पहनने वालों की आईबॉल के पास कई तरह के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं। इनमें मौजूद बैक्टीरिया की संख्या आंखों के पास पाए जाने वाले बैक्टीरिया की बजाय त्वचा पर पाए जाने वाले बैक्टीरिया के बराबर होती है। आपको बता दें कि आंखों में कम बैक्टीरिया होते हैं। इसका मतलब यह है कि काॅन्टेक्ट लेंस पहनकर आंखों को रगड़ना सही नहीं है क्योंकि इसकी वजह से आंखों के आसपास बैक्टीरिया पनप सकता है।

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यदि आप रोज काॅन्टेक्ट लेंस पहनते हैं, तो यहां बताई गई बातों पर जरूर गौर करें ताकि आंखों से संबंधित किसी भी तरह की बीमारी न हो।

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