आंख का संक्रमण - Eye Infections in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

July 15, 2017

December 19, 2023

आंख का संक्रमण
आंख का संक्रमण

परिचय:

आंख का संक्रमण एक आम समस्या है। आंख में संक्रमण मुख्य रूप से बैक्टीरिया, वायरस या फंगी के कारण होता है। संक्रमण आंख के किसी विशेष भाग में हो सकता है और यह किसी एक आंख को या दोनों आंखों को भी प्रभावित कर सकता है। आंख में संक्रमण से कई लक्षण होने लगते हैं, जैसे आंख में सूजन, खुजली, लालिमा, दर्द और आंख से पानी आना आदि। सामान्य शारीरिक स्वच्छता अपना कर आंख में संक्रमण होने से रोकथाम की जा सकती है। अपने हाथों को नियमित रूप से धोते रहें और गंदे हाथों से अपनी आंखों को ना छुएं। अपनी आंखों को भी नियमित रूप से ठंडे पानी के साथ धोते रहें। 

आंखों में संक्रमण के इलाज के अंर्तगत कुछ प्रकार की आई ड्रॉप (आंख में डालने की दवा) व एंटीबायोटिक दवाएं आदि शामिल हैं। यदि आंख के संक्रमण का इलाज समय पर ना किया जाए तो उससे आंख संबंधी कई समस्याएं पैदा हो जाती हैं, जिनमें धुंधला दिखाई देना, काले धब्बे दिखाई देना और यहां तक कि अंधापन आदि भी शामिल हो सकता है। 

(और पढ़ें - कलर ब्लाइंडनेस का इलाज)

आंख का संक्रमण क्या है - What is Eye Infections in Hindi

आंख का संक्रमण क्या है?

आंख में संक्रमण अक्सर तब होता है, जब संक्रमण का कारण बनाने वाले जीव जैसे बैक्टीरिया, फंगी और वायरस आदि आंख के अंदर या उसके आस-पास संक्रमण फैला देते हैं। इनमें मुख्य रूप से आंख की बाहरी पारदर्शी सतह (कोर्निया) और बाहरी आंख व पलकों के नीचे की नम झिल्ली (कंजक्टिवा) आदि शामिल हैं।

(और पढ़ें - फंगस के प्रकार)

आंख का संक्रमण के लक्षण - Eye Infections Symptoms in Hindi

आंख में संक्रमण के क्या लक्षण होते हैं?

आंख में संक्रमण होने पर कुछ लक्षण हो सकते हैं, जैसे:

  • पलकों को छूने पर दर्द महसूस होना
  • पलकों में सूजन व लालिमा हो जाना और उनका रंग बैंगनी हो जाना
  • आंख से पीले या हरे रंग का या रंगहीन पदार्थ आना
  • आंखों की पलकों व पलकों के बालों के पास पपड़ी जमना (खासकर सुबह के समय)
  • एक या दोनों आंखों से कीचड़ आना
  • धुंधला दिखाई देना
  • पलकों के पीछे या पलकों के बालों में गांठ बनना
  • ऐसा महसूस होना जैसे आंख में कुछ घुस गया है
  • तेज रोशनी में आंख में दर्द होना
  • आंख से पानी बंद ना होना (और पढ़ें - आंखों से पानी आने के कारण)
  • आंख में जलन महसूस होना
  • अत्यधिक आंसू आना

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

यदि आई ड्रॉप्स दवाएं व अन्य घरेलू उपचार करने के बाद भी आंख में संक्रमण के लक्षण कम नहीं हो रहे हैं, तो डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए। यदि आपकी नजर या देखने की क्षमता में किसी प्रकार का बदलाव आया है, तो जल्द से जल्द इस बारे में डॉक्टर को बता देना चाहिए। यदि आंख या आंख के आस-पास तेजी से सूजन विकसित हो रही है, तो बिना देरी किए जितना जल्दी हो सके डॉक्टर के पास चले जाना चाहिए। 

(और पढ़ें - सूजन कम करने के उपाय)

आंख का संक्रमण के कारण और जोखिम कारक - Eye Infections Causes & Risk Factors in Hindi

आंख में संक्रमण क्यों होता है?

  • गुहेरी:
    गुहेरी (आंख में फुन्सी) एक प्रकार का संक्रमण होता है, जो पलकों के अंदरुनी हिस्से को प्रभावित करता है। (और पढ़ें - आँख आने पर क्या करना चाहिए)
     
  • कोर्नियल अल्सर:
    कोर्निया में होने वाले छाले भी एक प्रकार के इन्फेक्शन के कारण हो सकते हैं, यह कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करने से संबंधित स्थिति होती है। यह एक खतरनाक इन्फेक्शन होता है और यदि समय पर इसका इलाज ना किया जाए तो इससे काफी गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं। (और पढ़ें - वायरल इन्फेक्शन का इलाज)
     
  • रोहे (Trachoma):
    यह एक काफी आम प्रकार का संक्रमण होता है और यह अंधेपन के सबसे मुख्य कारणों में से भी एक हो सकता है। यह रोग मक्खियों के कारण होता है। यह रोग बार-बार होता है, जो इसकी सबसे बड़ी समस्या होती है। इसलिए इस स्थिति से बचाव के लिए उचित स्वच्छता बनाए रखना और उचित इलाज करवाना बहुत जरूरी है। (और पढ़ें - ग्लूकोमा का इलाज)
     
  • ऑर्बिटल सेलुलाइटिस:
    यह भी आंख के संक्रमण का एक प्रकार होता है, यह पलकों के आस-पास के नरम ऊतकों को क्षतिग्रस्त कर देता है। यह संक्रमण एक इमर्जेंसी स्थिति पैदा कर देता है, इसको फैलने से रोकने के लिए इलाज करने की आवश्यकता पड़ सकती है। (और पढ़ें - सेलुलाइटिस का इलाज)
     
  • आंख आना (कंजक्टिवाइटिस):
    यह एक सामान्य प्रकार का आंख का इन्फेक्शन है, जो आमतौर पर बैक्टीरिया या वायरस के कारण होता है। आंख आना काफी संक्रामक (तेजी से फैलने वाला) संक्रमण है, जो आमतौर पर स्कूल व अन्य भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में ज्यादा तेजी से फैलता है।  (और पढ़ें - आंखों में खुजली का इलाज)
     
  • आंख में फंगल संक्रमण:
    यह आमतौर पर आंख में चोट आदि लगने के कारण होता है। जब आंख के अंदर कुछ घुस जाता है तो उसके साथ फंगस आंख के अंदर चले जाते हैं। जो लोग कॉन्टेक्ट लेंस पहनते हैं, उनमें परजीवियों के कारण होने वाले संक्रमणों की संभावना ज्यादा होती है। इन परजीवियों के कारण होने वाले संक्रमण काफी गंभीर होते हैं, जो अंधापन का कारण भी बन सकते हैं। (और पढ़ें - फंगल इन्फेक्शन का उपचार)
     
  • एंडोफ्थैल्माइटिस (Endophthalmitis):
    यह एक प्रकार का बैक्टीरियल संक्रमण होता है, जो आंख के अंदरुनी हिस्से को प्रभावित करता है। यह बहुत ही कम मामलों में आंख संबंधी किसी प्रकार का ऑपरेशन करवाने के कारण भी हो सकता है। इसका इलाज शक्तिशाली एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है, क्योंकि यदि जल्द से जल्द इसका इलाज ना किया जाए तो इसके कारण मरीज अंधा भी हो सकता है। (और पढ़ें - एंटीबायोटिक के साइड इफेक्ट)
     
  • डेक्रियोसिस्टाइटिस (Dacryocystitis ): 
    यह अश्रु नलिकाओं में होने वाला एक प्रकार का संक्रमण होता है। यह संक्रमण आंख में आंसू छोड़ने वाली प्रणाली में सूजन व लालिमा पैदा कर देता है।  (और पढ़ें - आंखों की सूजन हटाने के घरेलू उपचार)

आंख में संक्रमण होने का खतरा कब बढ़ता है?

निम्न कुछ स्थितियां हैं, जो आंख में संक्रमण होने का खतरा बढ़ा देती हैं:

(और पढ़ें - आंख में चोट लगने पर क्या करना चाहिए)

आंख के संक्रमण से बचाव - Prevention of Eye Infections in Hindi

आंख में संक्रमण से बचाव कैसे करें?

कुछ आदतें अपना कर आंख में संक्रमण होने से रोकथाम की जा सकती है:

  • यदि आपको केमिकल या अन्य किसी उत्तेजक पदार्थ के संपर्क में आने का खतरा है, तो उस समय आंखों को सुरक्षित रखने वाले चश्मे पहनें। (और पढ़ें - चश्मा उतारने हटाने के उपाय)
  • अपने तौलिए, तकिए व रुमाल जैसे व्यक्तिगत कपड़ों को किसी के साथ शेयर ना करें
  • चेहरे पर किसी ऐसे उत्पाद का उपयोग ना करें, जो पलकों के संवेदनशील क्षेत्र में जलन व अन्य तकलीफ पैदा करता है। 
  • कॉन्टेक्ट लेंस व आंख के किसी अन्य सामान को किसी के साथ भी शेयर ना करें। (और पढ़ें - आँखों में दर्द का घरेलू इलाज)
  • अपनी आंख को हमेशा तेज हवा व धूल भरे वातावरण से बचा कर रखें। 
  • अपने हाथों को अच्छे से और बार-बार धोते रहें। 
  • हाथों से अपनी आंखों को ना रगड़ें। 
  • अपनी आंख को किसी उत्तेजक पदार्थ के संपर्क में ना आने दें, जैसे केमिकल के धुएं, सिगरेट के धुएं और प्रदूषण युक्त धुंध आदि। (और पढ़ें - धूम्रपान छोड़ने के उपाय)
  • अपनी आई ड्रॉप्स व आंखों की अन्य दवाओं को किसी के साथ शेयर ना करें।
  • अपने चेहरे व आंखों को ना छुएं। यदि आपको अपनी आंखों को छूने की आवश्यकता है जैसे आंखों के पास मेकअप करना, तो आंखों को छूने से पहले और बाद में अपने हाथों को अच्छे से धो लें। 

(और पढ़ें - आंखों के दर्द का इलाज)

आंख के संक्रमण का परीक्षण - Diagnosis of Eye Infections in Hindi

आंख के संक्रमण की जांच कैसे की जाती है?

स्थिति का परीक्षण करने के दौरान डॉक्टर मरीज के स्वास्थ्य संबंधी पिछली जानकारी लेते हैं और आपके लक्षणों की जांच करते हैं। परीक्षण के दौरान यह जांच की जाती है कि लक्षण कब शुरू होते हैं और ये स्वास्थ्य संबंधी किस स्थिति के कारण हो रहे हैं या वातावरण से संबंधित किसी स्थिति के कारण हो रहे हैं। डॉक्टर आपको आंखों के विशेषज्ञ डॉक्टर के पास भी भेज सकते हैं, ये डॉक्टर आंखों की अच्छे से जांच करते हैं। इसके अलावा डॉक्टर आपको कुछ अन्य टेस्ट करवाने के लिए भी कह सकते हैं, जैसे: (और पढ़ें - 

  • विजुअल एक्युइटी मेजरमेंट्स (Visual acuity measurements):
    इस टेस्ट की मदद से दृष्टि की तीक्ष्णता की जांच की जाती है, जिसकी मदद से यह निर्धारित किया जाता है कि नजर कितनी प्रभावित हुई है। (और पढ़ें - मैमोग्राफी क्या है)
     
  • पस कल्चर और सेंस्टिविटी टेस्ट:
    यदि आंख से कीचड़ या अन्य कोई पदार्थ आ रहा है, तो उसमें उपस्थित सूक्ष्म जीव की पहचान करने के लिए पस कल्चर व सेंस्टिविटी टेस्ट किए जाते हैं। (और पढ़ें - क्रिएटिनिन टेस्ट)
     
  • आंख के अंदर के हिस्से को करीब से देखना:
    रेटिना व आंख के अंदर काफी करीब से देखने के लिए रोशनी वाले उपकरण उपलब्ध होते हैं। 

(और पढ़ें - लैब टेस्ट क्या है)

आंख के संक्रमण का इलाज - Eye Infections Treatment in Hindi

आंख में संक्रमण का इलाज कैसे किया जाता है?

आंख में किस प्रकार का संक्रमण है, इसका पता लगाना ही डॉक्टर के पास जाने की सबसे मुख्य वजह होती है। यदि आंख में संक्रमण के प्रकार का पता लगा लिया जाए, तो इसकी मदद से स्थिति के अनुसार सही इलाज निर्धारित करने में मदद मिल जाती है। 

दिन में नियमित रूप से आंख की सिकाई कर के आप आंख में संक्रमण के लक्षणों को कम कर सकते हैं। यह ध्यान रखें कि सिकाई करने के लिए हर बार नया कपड़ा लें या कपड़े को हर बार अच्छे से धोकर ही इस्तेमाल करें, ऐसा करने से संक्रमण फैलने से रोका जा सकता है। 

यदि संक्रमण का समय पर पता लगा कर उसका इलाज शुरू कर दिया जाए, तो सामान्य प्रकार के बैक्टीरियल संक्रमण ठीक हो जाते हैं। इनका इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं, आई ड्रॉप्स व मलहम आदि लिखी जाती हैं। आंख में होने वाले कुछ सामान्य संक्रमण समय पर इलाज शुरू करने से आसानी से ठीक हो जाते हैं।

आंख में संक्रमण के लिए आमतौर पर लिखी जाने वाली आई ड्रॉप्स दवाएं जैसे:

  • क्लोरैम्फेनिकोल 0.5% आई ड्रॉप्स (Chloramphenicol 0.5% eye drops): डॉक्टर हर 2 घंटों में इस दवा की एक या दो बूंदे डालने का सुझाव देते हैं और सात दिन होने तक जब आंख से द्रव आना कम या बंद हो जाता है, तो इसकी मात्रा में धीरे-धीरे कमी कर दी जाती है। इसके बाद हर 6 घंटे में ड्रॉप्स ड़ालने के लिए कहा जाता है। 
  • फ्रैमाइनसीटिनसल्फेट 0.5% आई ड्रॉप्स (Framycetinsulfate 0.5% eye drops):
    डॉक्टर हर एक या दो घंटे में इस दवा की एक या दो बूंदें डालने की सुझाव देते हैं और सात दिनों तक जब संक्रमण के लक्षण कम हो जाते हैं, तो इस दवा की मात्रा में कमी कर दी जाती है। 

(और पढ़ें - दवाओं की जानकारी)

आपकी आंख में संक्रमण के अंदरुनी कारणों के आधार पर डॉक्टर आपको खाने के लिए कुछ एंटीवायरल या एंटीबायोटिक दवाएं दे सकते हैं। यदि आपके लक्षण बदतर हो गए हैं या उनमें कुछ अन्य बदलाव आ गए हैं, तो जल्द से जल्द इस बारे में डॉक्टर को बता दें। (और पढ़ें - आंखों की रोशनी बढ़ाने के घरेलू)

घरेलू उपचार - 

कुछ घरेलू उपायों की मदद से घर पर ही आंख में संक्रमण का इलाज किया जा सकता है:

  • चाय:
    चाय के पत्तों में काफी एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो आंख में संक्रमण को ठीक करने में मदद करते हैं। टी बैग को पानी में उबाल कर ठंडा कर लें, पूरी तरह से ठंडा होने के बाद उस बैग को संक्रमित हिस्से पर 10 से 15 मिनट तक लगाएं।  (और पढ़ें - तुलसी की चाय के फायदे)
     
  • गुलाब जल:
    गुलाब जल में भी ऐसे कई गुण पाए जाते हैं, जो आंखों को साफ करने में मदद करते हैं। गुलाब जल आंख के अंदर कचरा और अन्य बाहरी सूक्ष्म पदार्थ को शरीर से बाहर निकाल देता है। अपनी आंखों में रोजाना गुलाब जल की कुछ बूंदें डालने से आपकी आंखे साफ रहती हैं।  (और पढ़ें - गुलाब का तेल बनाने की विधि)
     
  • हल्दी:
    हल्दी एक जानी मानी जड़ी-बूटी है जिसका इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक उपचारों में किया जाता है। हल्दी में कई एंटीसेप्टिक व एंटी इंफ्लेमेटरी (सूजन व जलन की रोकथाम करने वाले) गुण पाए जाते हैं। आंख के संक्रमण का इलाज करने के लिए उबलते पानी में दो छोटे चम्मच हल्दी पाउडर मिलाएं और फिर पानी को ठंडा होने दें। ठंडा होने के बाद इस मिश्रण को किसी साफ कपड़े के साथ संक्रमित क्षेत्र पर लगाएं। इस प्रक्रिया से संक्रमण को जल्दी ठीक करने में मदद मिलती है।  (और पढ़ें - हल्दी और गर्म पानी के फायदे
  • नारियल का तेल:
    नारियल के तेल में काफी विटामिन और मिनरल पाए जाते हैं, जो संक्रमण का कारण बनने वाली खुजली व लालिमा से लड़ते हैं। एक साफ कपड़े की मदद से नारियल के तेल को अपनी आंख के संक्रमित हिस्से पर लगाएं, इससे संक्रमण के लक्षण शांत होने लगते हैं। (और पढ़ें - नारियल के फायदे)
  • सौंफ:
    पानी में थोड़े सौंफ उबाल लें और उसके बाद सौंफ को छान कर पानी को अलग कर लें। आंख को इस पानी के साथ धोकर आंख की लालिमा को कम किया जा सकता है। (और पढ़ें - सौंफ की चाय के फायदे)
     
  • आंवला:
    आंवला प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने वाले सबसे बेहतर सप्लीमेंट्स में से एक माना जाता है। आंवला का रस पीना भी बैक्टीरिया या फंगी के कारण होने वाले वायरस से लड़ने का प्रभावी तरीका माना जाता है। (और पढ़ें - आंवला जूस के फायदे)
     
  • एलोवेरा:
    आंख में संक्रमण का इलाज करने के लिए रुई का एक साफ व सूखा टुकड़ा लें और उसमें एलोवेरा का रस लगाएं। रुई की मदद से एलोवेरा के रस को आंख के प्रभावित क्षेत्र पर लगाने की कोशिश करें। यह संक्रमण से ग्रस्त नसों को आराम प्रदान करता है। (और पढ़ें - रिकेटसियल संक्रमण का इलाज)
     
  • स्वस्थ भोजन खाना:
    स्वस्थ भोजन खाने से आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार होता है और जिससे आंख के संक्रमण से लड़ने में भी मदद मिलती  है। (और पढ़ें - स्वस्थ जीवन के लिए लाभदायक भोजन)
     
  • सादे पानी के साथ आंख धोना:
    दिन में कम से कम दो या तीन बार अपनी आंखों को साफ पानी से धोना भी आंख के संक्रमण को दूर करने का एक प्रभावी तरीका है। आंखों को साफ पानी के साथ धोने से आंख में खुजली व लालिमा जैसी समस्याएं भी कम होने लग जाती  हैं। (और पढ़ें -  गुनगुना पानी पीने के फायदे)
     
  • आंखों की एक्सरसाइज करना:
    अपनी आंखों को घड़ी की दिशा में में 15 मिनट के लिए घुमाना और फिर उतनी ही देर के लिए उल्टी दिशा में घुमाने से आंखों में खून का बहाव तेज हो जाता है। आंखों में खून का बहाव तेज होने से आपको संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है। 

(और पढ़ें - आंखों से पानी आने के कारण)

आंख के संक्रमण की जटिलताएं - Eye Infections Complications in Hindi

आंखों में संक्रमण से क्या समस्याएं होती हैं?

आंखों में संक्रमण होने से कुछ गंभीर जटिलताएं भी पैदा हो सकती हैं, जैसे:

  • रेटिना क्षतिग्रस्त होना, आंख में स्कार बनना और कोर्निया में छाले बनना जो दृष्टि को प्रभावित कर देते हैं आदि ये आंख में संक्रमण से जुड़ी कुछ गंभीर जटिलताएं हैं। (और पढ़ें - आंखों की बीमारी का इलाज)
  • सिफलिस जैसे कुछ इन्फेक्शन भी ग्लूकोमा का कारण बन सकते हैं। 
  • क्लैमाइडिया संक्रमण होना, उदाहरण के तौर पर, यह आमतौर पर जननांगों में किसी प्रकार के लक्षण पैदा नहीं करता लेकिन यदि इसको बिना इलाज किए छोड़ दिया जाए तो यह बांझपन व हृदय को क्षतिग्रस्त कर देने जैसी समस्याएं पैदा कर देता है। (और पढ़ें - प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाले आहार
  • ऑर्बिटल सेलुलाइटिस में पलकों के नरम ऊतकों में संक्रमण होता है, जो एक इमर्जेंसी स्थिति होती है। क्योंकि यदि समय पर इसका इलाज ना किया जाए, तो संक्रमण फैलने लग जाता है। 

(और पढ़ें - आंखों में जलन के उपाय)



संदर्भ

  1. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Eye Infections
  2. NPS MedicineWise. Common eye infections. Australia. [internet].
  3. Healthdirect Australia. Eye infections. Australian government: Department of Health
  4. National Health Service [Internet]. UK; Stye
  5. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; About Fungal Eye Infections

आंख का संक्रमण की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Eye Infections in Hindi

आंख का संक्रमण के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।