वजन कम करने के लिए उम्र कोई बाधा नहीं है। इस विषय से जुड़े एक हालिया अध्ययन के परिणाम यही कहते हैं। इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ वॉरविक और यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल कॉवेन्ट्री एंग वॉरविकशर एनएचएस ट्रस्ट के वैज्ञानिकों ने साबित किया है कि आयु वजन कम करने के प्रयास को प्रभावित नहीं करती है। यानी इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वेट लूज करने की कोशिश में लगा व्यक्ति युवा है या बुजुर्ग। वह अपनी जीवनशैली में बदलाव कर उतना ही वजन कम कर सकता है, जितना की कोई युवा। यह दावा करने वाले वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि उनके अध्ययन के परिणाम इस गलत कॉन्सेप्ट को सुधारने में मदद करेंगे कि वृद्धायु में वेट लॉस प्रोग्राम युवाओं की अपेक्षा कम प्रभावकारी होता है।
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मेडिकल जर्नल क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक, बुजुर्गों में वेट लूजिंग से जुड़े ये दावे एक अस्पताल में मोटापे से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाओं के डेटा के विश्लेषण के आधार पर किए गए हैं, जिसमें ऑबेसिटी के मरीजों के रिकॉर्ड शामिल थे। इस रेट्रोस्पेक्टिव (पूर्वप्रभावी) स्टडी में शोधकर्ताओं ने अस्पताल में मोटापे से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाएं लेने वाले 242 मरीजों का चयन किया था। इन लोगों ने 2005 से 2016 के बीच अस्पताल की सेवाएं ली थीं। मरीजों का चयन रैंडम तरीके से किया गया और उन्हें दो समूहों में बांट दिया गया। एक समूह में मरीजों की आयु 60 वर्ष से नीचे थी। दूसरे ग्रुप के प्रतिभागी मरीज 60 से 78 वर्ष के बीच के थे। इसके बाद यह जानने का प्रयास किया गया कि अस्पताल में जितने समय तक उन्होंने सर्विस ली, तब तक उन्होंने कितना वजन कम किया।
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वजन कम करने के लिए जीवनशैली में किए गए बदलावों से पहले और बाद में दोनों समय मरीजों का वेट लिया गया था। अध्ययन के तहत दोनों समूहों के प्रतिभागियों द्वारा कम किए गए वजन की गणना कर उनका प्रतिशत भी निकाला गया। जब तुलना की गई तो पता चला कि दोनों ही समूह के मरीजों ने सांख्यिकीय रूप से एक समान वजन कम किया था। 60 साल से ज्यादा उम्र वाले मरीजों के समूह में वजन कम करने की दर 7.3 प्रतिशत रही। वहीं, 60 साल से कम उम्र वाले ग्रुप के लोगों ने 6.9 प्रतिशत की दर से वजन कम किया। यहां उल्लेखनीय है कि अस्पताल में ऑबेसिटी सर्विस के लिए दोनों ही समूह के मरीजों ने लगभग एक समान समय व्यतीत किया था। सर्विस के तहत केवल मरीजों की जीवनशैली में बदलाव किए गए थे। इसमें उनके खानपान में बदलाव, मनोवैज्ञानिक सपोर्ट और फिजिकल एक्टिविटी के लिए प्रोत्साहन शामिल था।
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इन तथ्यों पर चर्चा करते हुए अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ. थॉमस बार्बर ने कहा है, 'किसी भी उम्र में वजन कम करना महत्वपूर्ण है। लेकिन जैसे-जैसे हम बूढ़े होते जाते हैं, हमें मोटापे से संबंधित वजन से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। इनमें से कई बुढ़ापे में दिखने वाले प्रभावों से मिलती-जुलती होती हैं। इसलिए आप कह सकते हैं कि हमारी उम्र बढ़ने के साथ वजन कम करना और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है। हमें इस बात पर जोर देने की आवश्यकता है।'