मेनोपाॅज (रजोनिवृत्ति) होने के बाद महिलाओं को कई तरह के बदलाव से गुजरना पड़ता है। इनमें स्तन में बदलाव भी शामिल है। मेनोपाॅज की वजह से स्तन में दर्द, स्तन में खुजली, ढीलापन, निप्पल में संवेदनशीलता हो सकती है। हालांकि ये सभी मेनोपाॅज के लक्षण भी हैं लेकिन मेनोपाॅज के बाद ज्यादातर महिलाओं को इस तरह की समस्या हो सकती है। ऐसा हार्मोन में हो रहे बदलाव की वजह से होता है। दरअसल मेनोपाॅज या रजोनिवृत्ति की वजह से हर्मोन का स्तर कम हाने लगता है। क्या आप जानना चाहेंगी कि मेनापाॅज होने के बाद स्तन में और किस तरह की समस्या हो सकती है? जानिए इसके बारे में।

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स्तन में दर्द

स्तन में दर्द होना कोई गंभीर समस्या नहीं है। लेकिन मेनोपाॅज के बाद कुछ महिलाओं को स्तन में दर्द हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार पीरियड्स के पहले ब्रेस्ट में एक खास किस्म का तरल पदार्थ बनने लगता है, जिससे स्तन में दर्द, सूजन हो सकती है। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के अनुसार ब्रेस्ट में दर्द होने की वजह मेनोपाॅज के पहले हार्मोन में बदलाव है जिससे मासिक चक्र बिगड़ जाता है।

आप क्या करें 

अगर आपको अक्सर स्तन में दर्द रहता है तो इसका समाधान खोजना बहुत जरूरी है। अपने स्तन के लिए सही ब्रा चुनें। 2014 में हुए एक अध्ययन के अनुसार 85 फीसदी महिलाएं सही फिटेड ब्रा नहीं पहनती हैं। इसी अध्ययन से यह भी साबित हुआ है कि स्तन के दर्द से राहत पाने के लिए रिलैक्सेशन तकनीक और मसाज भी कर सकती हैं। इसके बावजूद अगर दर्द कम नहीं होता है तो बेहतर है कि डाॅक्टर से मिलकर समस्या का समाधान करें।

स्तन में गांठ

मेनापाॅज के दौरान स्तन में गांठ होना आम बात है। अमूमन ये गांठ अल्सर होते हैं जो तरल पदार्थ से भरे होते हैं। ये हानिकारक भी नहीं होते। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि स्तन में हुए गांठ को लेकर लापरवाही बरतें। बेहतर होगा कि स्तन में हुए गांठ की स्क्रीनिंग करवा लें ताकि यह पता चल सके कि गांठ नुकसादायक नहीं है।

आप क्या करें

विशेषज्ञों का दावा है कि 50 साल की उम्र के बाद ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है। ब्रेस्ट कैंसर के अन्य लक्षण हैं निप्पल में बदलाव, स्तन का लाल होना और ब्रेस्ट में सूजन, त्वचा का रंग बदल जाना आदि। कहने का मतलब यह है कि मेनोपाॅज हो चुकी महिलाओं को स्तन में गांठ के साथ-साथ यहां बताए गए लक्षण भी नजर आएं तो डाॅक्टर के पास जरूर जाएं।

स्तन के साइज में बदलाव

मेनोपाॅज होने पर एस्ट्रोजन का स्तर काफी ज्यादा गिर जाता है। यही नहीं स्तन में दूध बनाने वाली कार्यप्रणाली पूरी तरह खत्म हो जातती है, स्तन के टिश्यू (ऊतक) सिकुड़ जाते हैं। यही वजह है कि स्तन का आकार बदल जाता है। परिणामस्वरूप स्तन लटके हुए नजर आते हैं। इसके साथ ही महसूस करेंगी कि आपके स्तन पहले की तरह टाइट और भरे-भरे नहीं रहे। दोनों स्तन के साइज में भी आपको फर्क नजर आ सकता है।

आप क्या करें

स्तन के आकार को बेहतर करने के लिए कुछ किया नहीं  जा सकता है। इसके बावजूद लटके स्तन से राहत पाने के लिए आप नियमित एक्सरसाइज कर सकती हैं। खासकर उन एक्सरसाइज को महत्व दें जिससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं। ब्रेस्ट की मांसपेशियों को बेहतर करने के लिए लिफ्टिंग वेट और पुश अप्स करें।

इस तरह रखें अपने ब्रेस्ट का ध्यान

मेनोपाॅज होने के बाद अपनी ब्रेस्ट का ध्यान रखना बहुत जरूरी है ताकि आप आकर्षक और स्वस्थ बनी रहें। साथ ही स्तन की समस्याएं भी कम हो सकें। इसके लिए नियमित सही ब्रा पहनें। ब्रा की साइज का खास ध्यान रखें। अगर स्तन का साइज बदल रहा है तो नियमित अपने कप साइज को चेक करें। इसी तरह एक्सरसाइज को भी अपनी जीवनशैली में खास जगह दें।

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