अगर आप कॉफी लवर हैं और कोविड-19 महामारी की वजह से हुए लॉकडाउन के बीच अपने बढ़ते मोटापे और चर्बी से परेशान हैं तो आपके लिए गुड न्यूज है। एक नई स्टडी में यह बात सामने आयी है कि जो महिलाएं रोजाना 2 से 3 कप कॉफी पीती हैं उनमें पेट और शरीर में फैट यानी चर्बी की मात्रा कॉफी न पीने वाली महिलाओं की तुलना में कम होती है। स्टडी में इस बात के भी संकेत मिले हैं कि कॉफी में कुछ ऐसे कम्पाउंड्स पाए जाते हैं जिसमें मोटापा विरोधी गुण होते हैं। 

द जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन नाम की पत्रिका में प्रकाशित इस स्टडी में नैशनल हेल्थ एंड न्यूट्रिशन एग्जैमिनेशन सर्वे के डेटा की जांच की गई जिसे अमेरिका की सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) ने ऑर्गनाइज किया था। इस दौरान अनुसंधानकर्ताओं ने रोजाना कितने कप कॉफी पी गई और शरीर के कुल बॉडी फैट पर्सेंटेज और बेली फैट के बीच क्या रिलेशन है यह जानने की कोशिश की गई।

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स्टडी के दौरान पाया गया कि 20 से 44 साल के बीच की महिलाएं जिन्होंने रोजाना 2 से 3 कप कॉफी पी उनमें मोटापे का लेवल वैसी महिलाएं जो कॉफी का सेवन नहीं करतीं उनकी तुलना में 3.4% तक कम था। वहीं, 45 से 69 साल के बीच की महिलाएं जिन्होंने रोजाना 4 कप कॉफी पी उनमें मोटापे का पर्सेंटेज 4.1 प्रतिशत कम था। कुल मिलाकर देखें तो सभी उम्र की महिलाएं जिन्होंने रोजाना 2 से 3 कप कॉफी का सेवन किया उनमें टोटल बॉडी फैट पर्सेंटेज में औसतन 2.8 प्रतिशत की कमी देखने को मिली।

स्टडी के ये नतीजे सभी के लिए एक समान थे। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ा कि महिलाओं ने कैफीन वाली कॉफी का सेवन किया या बिना कैफीन वाली कॉफी का, इनमें कोई धूम्रपान करती थी या नॉन-स्मोकर थी या फिर कोई लंबे समय से किसी बीमारी से पीड़ित थी या फिर ऐसी महिलाएं जिनकी सेहत अच्छी थी। 

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महिलाओं की तुलना में पुरुषों में कॉफी और फैट के बीच का रिलेशन बेहद कम सार्थक नजर आया। हालांकि 20 से 44 साल के बीच के पुरुष जिन्होंने रोजाना 2 से 3 कप कॉफी पी उनके शरीर की कुल चर्बी में 1.3 प्रतिशत की कमी और पेट के जिद्दी ट्रंक फैट में 1.8 प्रतिशत की कमी देखी गई उन पुरुषों की तुलना में जिन्होंने कॉफी का सेवन नहीं किया। 

यूके की ऐन्गलिया रस्किन यूनिवर्सिटी के प्रफेसर और इस स्टडी के लीड ऑथर डॉ ली स्मिथ ने कहा, 'हमारी रिसर्च इस बात का संकेत देती है कि कॉफी में कैफीन के अलावा भी कुछ ऐसे बायोऐक्टिव कम्पाउंड्स पाए जाते हैं जो वजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं और जिनका संभवतः एंटी-ओबेसिटी कम्पाउंड यानी मोटापे के विरुद्ध इस्तेमाल होने वाले तत्वों के तौर पर किया जा सकता है।'

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लिहाजा ऐसा हो सकता है कि कॉफी या उसके इन असरदार इन्ग्रीडिएंट्स को स्वस्थ खानपान की रणनीति में संकलित किया जाए ताकि मोटापे की वजह से होने वाली बीमारियों के बोझ को कम किया जा सके। इस स्टडी के नतीजों की व्याख्या किया जाना बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह स्टडी एक खास और निश्चित समय सीमा के अंदर की गई थी इसलिए इसके ट्रेंड को स्थापित नहीं किया जा सकता। 

इससे पहले भी हुई कई स्टडीज में कॉफी के कई फायदों के बारे में बताया गया है। कॉफी के सेवन से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है, अल्जाइमर्स, डिमेंशिया और पार्किन्सन्स बीमारी से सुरक्षित रहने में मदद मिल सकती है। साथ ही कॉफी पीने से इंस्टेंट एनर्जी मिलती है जिससे व्यक्ति की शारीरिक परफॉर्मेंस भी बेहतर होती है।

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कुल मिलाकर देखें तो कॉफी का सेवन फायदेमंद है लेकिन सिर्फ तभी जब लिमिट में रहकर इसका सेवन किया जाए। ज्यादा कॉफी का सेवन करने से कई तरह की समस्याएं और बीमारियां भी हो सकती हैं जैसे- अनिद्रा, बेचैनी, पाचन से जुड़ी समस्याएं, हाई ब्लड प्रेशर, दिल की धड़कन का बढ़ना आदि।

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