सूर्य श्रृंगीयता (त्वचा पर खुरदरा पैच) - Actinic Keratosis in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

September 23, 2019

March 06, 2020

सूर्य श्रृंगीयता
सूर्य श्रृंगीयता

एक्टिनिक केरैटोसिस क्या है?

एक्टिनिक केरैटोसिस त्वचा से संबंधित समस्या है, जिसमें त्वचा पर एक खुरदरा पैच बन जाता है या त्वचा पर चकत्ते पड़ने लगते हैं। यह समस्या लंबे समय तक तेज धूप के संपर्क में आने से हो सकती है। इसके लक्षण ज्यादातर चेहरे, होंठ, कान, हाथों के पीछे, भुजाओं, सिर की त्वचा या गर्दन पर देखे जाते हैं। एक्टिनिक केरैटोसिस तब होता है जब केराटिनोसाइट्स नामक त्वचा कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं। बता दें, इसे 'सोलर केराटोसिस' के नाम से भी जाना जाता है, यह चकत्ते शरीर पर धीरे-धीरे बढ़ते हैं। इन चकत्तों को विकसित होने में कई साल लग सकते हैं, आमतौर पर यह समस्या 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में होती है।

एक्टिनिक केरैटोसिस के लक्षण

एक्टिनिक केराटोसिस के लक्षण और संकेत निम्न हैं:

  • त्वचा में खुरदरापन होना, सूखे या पपड़ीदार चकत्ते बनना, आमतौर पर इनकी चौड़ाई एक ईंच से कम होती है
  • चकत्तों का फ्लैट (सपाट) या हल्का सा उभरा हुआ होना
  • कुछ मामलों में ये जगह सख्त और मस्से जैसी हो जाती है
  • इनका रंग गुलाबी, लाल या भूरा हो सकता है
  • प्रभावित हिस्से पर खुजली या जलन होना

एक्टिनिक केराटोसिस का कारण

एक्टिनिक केराटोसिस मुख्य रूप से सूर्य के प्रकाश में लंबे समय तक रहने के कारण होता है, लेकिन निम्नलिखित स्थितियों में इसका खतरा और भी बढ़ जाता है:

  • 60 वर्ष से अधिक उम्र 
  • त्वचा का रंग हल्का या नीली आंखों वाले लोगों में
  • आसानी से सनबर्न होने वाली स्किन पर
  • जीवन में पहले कभी सनबर्न होना
  • अक्सर तेज धूप में रहना

एक्टिनिक केराटोसिस से बचाव

एक्टिनिक केराटोसिस से बचने एवं इसे रोकने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:

  • तेज धूप (सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक) में लंबे समय तक न जाएं 
  • ऐसे कपड़े पहनें, जिनमें हाथ और पैर कवर रहें
  • कानों को ढकने वाली कैप पहनें या तेज धूप के दौरान छतरी का इस्तेमाल करें
  • तेज धूप ना होने पर भी और बाहर निकलने से पहले एवं हर दो घंटे में सनस्क्रीन जरूर लगाएं।

एक्टिनिक केराटोसिस का इलाज

एक्टिनिक केराटोसिस कभी-कभी अपने आप ही ठीक हो जाता है, लेकिन ज्यादा धूप में रहने से ये फिर से हो जाता है। यह बताना मुश्किल है कि कौन-से चकत्ते या घाव स्किन कैंसर में बदल जाएंगें। इसलिए स्किन कैंसर से बचने के लिए आमतौर पर एक्टिनिक केराटोसिस के चकत्तों को हटा दिया जाता है, ताकि किसी और तरह की समस्या न बनने पाए। 

एक्टिनिक केराटोसिस का इलाज निम्न तरीकों से किया जा सकता है:

  • काटना: इसमें त्वचा से घाव को काट कर हटा दिया जाता है। यदि डॉक्टर को लगता है कि इस समस्या से त्वचा कैंसर जैसी घातक बीमारी हो सकती है, तो वह घाव के आसपास या घाव के नीचे के अतिरिक्त ऊतक को हटाने का विकल्प चुन सकते हैं। चीरे के आकार के आधार पर टांके लगाए जाते हैं।
     
  • अग्नि कर्म: घाव को इलेक्ट्रिक करंट के जरिए जलाया जाता है। यह प्रभावित त्वचा की कोशिकाओं को नष्ट करता है।
     
  • क्रायोथेरेपी: क्रायोथेरेपी, जिसे क्रायोसर्जरी भी कहा जाता है यह एक प्रकार का उपचार है, जिसमें घाव पर लिक्विड नाइट्रोजन छिड़का जाता है।
     
  • फोटोथेरेपी: फोटोथेरेपी में घाव और प्रभावित त्वचा पर एक सॉल्यूशन (एक प्रकार की दवाई) लगाया जाता है। इसके बाद उस हिस्से पर तेज लेजर लाइट के जरिए वहां की कोशिकाओं को टारगेट कर नष्ट किया जाता है।

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए

इन चकत्तों को देखकर यह नहीं बताया जा सकता कि ये कैंसरकारी (कैंसर पैदा करने वाले) हैं या गैर-कैंसरकारी। इसलिए स्किन पर ऐसा कोई भी बदलाव दिखने पर डॉक्टर को दिखाएं, खासकर तब जब कोई निशान या घाव काफी समय से हो, वो लगातार बढ़ रहा हो या उसमें से खून आ रहा हो।



संदर्भ

  1. Lober BA, Lober CW. Actinic keratosis is squamous cell carcinoma. South Med J. 2000 Jul;93(7):650-5. PMID: 10923948.
  2. Ackerman AB, Mones JM. Solar (actinic) keratosis is squamous cell carcinoma. Br J Dermatol. 2006. Erratum in: Br J Dermatol. 2006 Aug;155(2
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  4. Maud H.E. Jansen, M.D., Janneke P.H.M. Kessels, M.D., Ph.D., Patty J. Nelemans, M.D., Ph.D., Nina Kouloubis, M.D., Aimee H.M.M. Arits, M.D., Ph.D., Han P.A. van Pelt, M.D., Ph.D., Patricia J.F. Quaedvlieg, M.D., Ph.D., Brigitte A.B. Essers, Ph.D., Peter M