एमेलोब्लास्टोमा एक दुर्लभ प्रकार का ट्यूमर है, जो कि जबड़े में शुरू होता है। अक्सर यह दांत या दाढ़ के पास होता है। यह ऐसी कोशिकाओं से बना होता है, जो दांतों को सुरक्षित रखते हैं।

इस ट्यूमर की वजह से दर्द या सूजन हो सकती है और चेहरे का रूप बदल सकता है। यदि लंबे समय तक इस समस्या का इलाज नहीं किया गया तो यह कैंसर में बदल सकता है, इसके बाद यह लिम्फ नोड्स या फेफड़ों में भी फैल सकता है।

यह समस्या किसी भी व्यक्ति को हो सकती है, लेकिन ज्यादातर यह 30 से 60 वर्ष की आयु के वयस्कों में देखा गया है।

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एमेलोब्लास्टोमा के लक्षण - Symptoms of Ameloblastoma in Hindi

यह ट्यूमर आमतौर पर कई महीनों या वर्षों में धीरे-धीरे बढ़ता है। इसमें थोड़ी देर के लिए जबड़े के पिछले हिस्से में सूजन हो सकती है। यह भी हो सकता है कि प्रभावित व्यक्ति को दांत या जबड़े में दर्द महसूस हो।

कुछ ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जिनमें कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। यह तब दिखता है जब वे किसी अन्य बीमारी या चिकित्सकीय स्थिति की वजह से चेकअप कराते हैं।

कभी-कभी, एमिलोब्लास्टोमा जल्दी और दर्दनाक तरीके से बढ़ता है। ऐसी स्थिति में दांत उखड़ सकते हैं। यह ट्यूमर आंख, नाक या खोपड़ी में भी फैल सकता है।

दुर्लभ मामलों में ट्यूमर इतने बड़े हो सकते हैं कि वायुमार्ग ब्लॉक हो जाते हैं। इसके अलावा मुंह को खोलने और बंद करने में मुश्किल हो सकती है।

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एमेलोब्लास्टोमा (जबड़े में ट्यूमर) का कारण - Causes of Ameloblastoma in Hindi

डॉक्टर अभी तक इस बीमारी के निष्कर्ष तक पहुंच नहीं पाए हैं। उनका मानना है कि इस बीमारी का जोखिम महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा है और इसके पीछे का कारण जीन में गड़गड़ी हो सकती है।

जबड़े में चोट या मुंह में संक्रमण भी इस बीमारी के खतरे को बढ़ा सकता है। वैज्ञानिकों ने इस समस्या को कुछ वायरस या आहार में प्रोटीन व खनिजों की कमी से जोड़ा है।

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एमेलोब्लास्टोमा (जबड़े में ट्यूमर) का निदान - Diagnosis of Ameloblastoma in Hindi

दांत से जुड़ी किसी तरह की समस्या के लिए जब हम दंत चिकित्सक के पास जाते हैं, तो वे एक्स-रे में बुलबुले के आकार के स्पॉट नोटिस करते हैं, जो कि एमेलोब्लास्टोमा की समस्या की वजह से हो सकता है। निदान के लिए वे निम्नलिखित चीजों की मदद ले सकते हैं :

  • एमआरआई
    मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) में मैग्नेट और रेडियो तरंगों का उपयोग करके प्रभावित अंगों का विस्तृत चित्र तैयार किया जाता है।
     
  • सीटी स्कैन
    कंप्यूटराइज्ड टोमोग्राफी (सीटी स्कैन) में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए अलग-अलग एंगल से एक्स-रे लिया जाता है।

आपके डॉक्टर माइक्रोस्कोप की मदद से ऊतकों की जांच के लिए नमूना ले सकते हैं। नमूने के लिए वह सुई का उपयोग या एक छोटा कट भी लगा सकते हैं। इसे बायोप्सी कहा जाता है और यह प्रक्रिया से एमेलोब्लास्टोमा की पुष्टि करने में मदद मिलती है और यह भी पता चल जाता है कि बीमारी कितनी तेजी से बढ़ रही है।

एमेलोब्लास्टोमा (जबड़े में ट्यूमर) का उपचार - Ameloblastoma Treatment in Hindi

  • ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी
    आमतौर पर ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी की मदद ली जाती है। इस बीमारी से अक्सर जबड़े के आसपास का हिस्सा प्रभावित होता है, इसलिए सर्जन से प्रभावित हिस्से को हटाने की आवश्यकता हो सकती है।
     
  • जबड़े को ठीक करने के लिए सर्जरी
    सर्जरी के जरिए जबड़े की हड्डी को निकालने के बाद उस जगह को ठीक करने के लिए एक और सर्जरी की जरूरत हो सकती है। इस सर्जरी की वजह से मरीज सामान्य तरह से खाने और बोलने में सक्षम हो सकता है।
     
  • रेडिएशन थेरेपी
    यदि सर्जरी का विकल्प नहीं है या फिर सर्जरी के बाद रेडिएशन थेरेपी की जरूरत पड़ सकती है।
     
  • सहायक देखभाल
    उपचार के दौरान और बाद में बोलने, निगलने और खाने में समस्या आ सकती है, ऐसे में टीम के विशेषज्ञ आपकी मदद कर सकते हैं।

यदि आपको मुंह के अंदर जबड़े के आस-पास दर्द या सूजन है तो आपको सचेत रहने की जरूरत है क्योंकि हो सकता है कि यह किसी खतरनाक बीमारी का संकेत हो। ऐसे में दांत के डॉक्टर को इस बारे में तुरंत बताएं।

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