दुनिया में तेजी से फैले कोविड-19 संक्रमण ने लगभग सभी देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। कोविड-19 का प्रभाव कई बीमारियों में काफी घातक हो सकता है जिनमें से एक है- अस्थमा। अस्थमा श्वसन संबंधी रोग है जिसमें वायुमार्ग संकुचित हो जाता है। ऐसी स्थिति में सांस लेने में दिक्कत, सांस लेते वक्त आवाज आना, सीने में जकड़न, खांसी जैसी समस्याएं होने लगती हैं। यह आमतौर पर मध्यम आयु वर्ग के लोगों में देखा जाता है, लेकिन यह किसी को भी प्रभावित कर सकता है।
चूंकि यह एक श्वसन संबंधी रोग है ऐसे में लोग चिंतित हैं कि अन्य लोगों की तुलना में कोविड-19 संक्रमण उन्हें अधिक गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। फिलहाल ऐसे कोई सबूत नहीं है जो इस बात को साबित कर पाए। हालांकि अस्थमा के गंभीर रोगी जिन्हें अस्थमा अटैक की वजह से साल में कई बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है, या फिर कई अलग-अलग तरह की दवाइयां लेते हैं, जिसमें स्टेरॉयड भी शामिल है जिससे उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली में बाधा उत्पन्न हो सकती है, ऐसे लोगों को कोविड-19 के मद्देनजर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
अस्थमा अटैक का सबसे सामान्य कारण है- श्वास से संबंधी वायरल इंफेक्शन। ऐसे में वे लोग जिन्हें पिछले एक साल में अस्थमा अटैक की वजह से अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है या फिर गंभीर अस्थमा की वजह से जीवन में कभी भी आईसीयू में भर्ती हो चुके हैं, ऐसे लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इन लोगों में कोविड-19 संक्रमण का खतरा अधिक है।
सार्स-सीओवी-2 वायरस के कारण होने वाले बीमारी कोविड-19 से लड़ने के लिए अस्थमा पीड़ितों के पास एक विशेष ऐक्शन प्लान होना चाहिए। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कोविड-19 संक्रमण से खुद को सुरक्षित रखने के लिए अस्थमा रोगियों को कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए।