भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोविड-19 की टेस्टिंग के लिए एक स्वदेशी टेस्टिंग किट को इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है। दिल्ली स्थित ऑस्कर मेडिकेयर नामक फर्म द्वारा निर्मित इस टेस्टिंग किट से केवल उंगली से ब्लड सैंपल लेकर कोरोना वायरस का पता लगाया जा सकता है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, ऑस्कर मेडिकेयर देश की एकमात्र ऐसी फर्म है, जिसे केंद्र सरकार का बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट इस काम के लिए फंडिंग दे रहा है। कुछ रिपोर्टों में इस पॉइंट ऑफ केयर (पीओसी) रैपिड टेस्ट किट को देश में बनी ऐसी पहली कोरोना टेस्टिंग किट बताया जा रहा है, जिसे आईसीएमआर ने स्वीकार किया है। हालांकि इस तथ्य को चुनौती मिल सकती है, क्योंकि पहले भी आईसीएमआर की तरफ से अन्य स्वदेशी किट्स को अप्रूवल मिलने की रिपोर्टें आई हैं।

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बहरहाल, हाल के समय में ऐसी कई खबरें आई थीं, जिनमें कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए चीन से मंगाई गई टेस्टिंग किट्स में खामियां होने का दावा किया गया था। स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर ने भी इन दावों को स्वीकार किया है। ऐसे में सरकार अब चीनी किट्स से जुड़े लाइसेंस कैंसल कर रही है। उसका फोकस अब आरटी-पीसीआर और एंटीजन टेस्टिंग पर है। हालांकि उसने पीओसी आधारित टेस्टिंग के लिए अभी तक मंजूरी नहीं दी है। इस मामले में फिलहाल नीति यह है कि कोविड-19 के डायग्नॉसिस के लिए एंटीबॉडी टेस्ट का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

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आईसीएमआर ने जिस ऑस्कर मेडिकेयर की किट को मंजूरी दी है, उसे दुनिया में प्रेग्नेंसी किट का सबसे बड़ा निर्माता माना जाता है। यह कंपनी एचआईवी, एचसीवी, डेंगू और मलेरिया के लिए पीओसी डायग्नॉस्टिक किट की मैन्युफैक्चरिंग करती है। कोरोना वायरस से जुड़ी किट को स्वीकृति मिलने के बाद कंपनी के सीईओ आनंद सेकरी ने टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार से कहा है, 'हम सितंबर में दो लाख टेस्ट किट्स लॉन्च करने की योजना बना रहा हैं। इस बारे में हम देशभर के डिस्ट्रिब्यूटर्स से पहले ही समझौता कर चुके हैं। यह (पीओसी टेस्टिंग किट) किसी ग्लूकोमीटर की तरह ही है, जो 20 मिनट में परिणाम दे सकता है।'

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ऑस्कर मेडिकेयर ग्रुप से जुड़ी कंपनी धीति लाइफ साइंसेज ने इस किट के लिए कच्चे माल का उत्पादन किया था। उसका कहना है कि उसकी कोविड टेस्ट किट में 'कोरोना फ्यूजन एंटीजन' का इस्तेमाल किया गया है। कंपनी का दावा है कि देश में अभी तक बनी किसी भी अन्य कोरोना टेस्टिंग किट में इस तरह का मिश्रण इस्तेमाल नहीं किया गया है। किट की कीमत भी काफी सस्ती होने की उम्मीद जताई गई है। रिपोर्टों की मानें तो एक किट की कीमत 200 रुपये के आसपास होगी। उधर, इस उद्यम से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में पहले से कुछ अन्य पीओसी किट्स मौजूद हैं, जिन्हें ऑनलाइन बेचा जाता है। लेकिन उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठ चुके हैं।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: आईसीएमआर ने स्वदेश में बनी इस पॉइंट ऑफ केयर रैपिड टेस्ट किट को दी मंजूरी है

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