कोविड-19 बीमारी की वैक्सीन बनाने की दौड़ में अमेरिकी दवा कंपनी नोवावैक्स भी शामिल हो गई है। कंपनी ने दावा किया है कि उसके द्वारा तैयार की कोविड-19 वैक्सीन 'एनवीएक्स-सीओवी2373' के दो प्रारंभिक अध्ययनों यानी पहले चरण के दो अलग-अलग ट्रायलों में प्रोत्साहन देने वाले सकारात्मक परिणाम मिले हैं। एक अध्ययन में वैक्सीन को 56 प्रतिभागियों पर आजमाया गया था, जिनमें बिना किसी गंभीर दुष्प्रभाव के कोरोना वायरस के खिलाफ उच्च स्तर के रोग प्रतिरोधक यानी एंटीबॉडीज पैदा होने का दावा किया गया है। वहीं, दूसरा अध्ययन बंदरों पर किया गया था। अध्ययन से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि इस ट्रायल में भी वैक्सीन ने बंदरो को कोरोना वायरस संक्रमण से सुरक्षा प्रदान की।
अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स (एनवाईटी) की रिपोर्ट के मुताबिक, नोवावैक्स कंपनी की इस वैक्सीन को लेकर अन्य कई मेडिकल विशेषज्ञों ने सकारात्मक और उत्साहजनक प्रतिक्रियाएं दी हैं। इनमें से एक विषाणु विज्ञानी डॉ. जॉन मूरे का कहना है कि नोवावैक्स की वैक्सीन के परिणाम सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाले हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि इस वैक्सीन की क्षमता को देखकर लगता है कि वे कोविड-19 बीमारी होने पर इसे ही लगाना चाहेंगे। एक और विषाणु विज्ञानी एंजेला रेसम्युसेन ने कहा कि कोविड-19 के इलाज के लिए वैक्सीन बनाने की दौड़ में शामिल हुए इस नए प्रतियोगी के प्रारंभिक परिणाम उत्साहजनक हैं। हालांकि कोलंबिया यूनिवर्सिटी की विशेषज्ञ एंजेला ने यह भी कहा कि फिलहाल वैक्सीन को पूरी तरह प्रभावी और सुरक्षित बताना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके लिए कंपनी को बड़े स्तर के अध्ययन करने होंगे। यहां बता दें कि डॉ. मूरे और डॉ. एंजेला दोनों ही नोवावैक्स की कोविड-19 वैक्सीन के अध्ययनों से नहीं जुड़े हैं।
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उधर, कंपनी अपने दोनों अध्ययनों की समीक्षा के लिए उन्हें मेडिकल पत्रिकाओं के समक्ष प्रस्तुत कर रही है। नोवावैक्स के रिसर्च एंड डेवलेपमेंट प्रेजिडेंट डॉ. ग्रेगरी ग्लेन का कहना है कि उन्होंने दोनों स्टडी साइंटिफिक जर्नल्स के यहां सबमिट करा दी हैं, जिसके बाद उनकी समीक्षा की जाएगी। कंपनी ने यह भी कहा है कि अगर वैक्सीन पूरी तरह प्रभावी साबित हुई तो वह अगले साल की शुरुआत में इसके दस करोड़ डोज तैयार कर सकती है।
पहली बार बनाई वैक्सीन
एनवाईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 से पहले अपने 33 साल के इतिहास में नोवावैक्स ने कभी कोई वैक्सीन बाजार में नहीं उतारी थी। हालांकि कोविड-19 महामारी के लिए आखिरकार कंपनी ने कोरोना वायरस के खिलाफ पहली बार टीका तैयार किया है। अखबार ने बताया है कि इसके लिए नोवावैक्स ने ऐसा फॉर्मूला अपनाया, जो कोरोना वायरस के इलाज के लिए अभी तक मानव परीक्षणों में इस्तेमाल हुई और सफल रही वैक्सीनों से अलग है।
एनवाईटी के मुताबिक नोवावैक्स की वैक्सीन को कोरोना वायरस से जुड़े ऐसे प्रोटीन से तैयार किया गया है, जो इम्यून सिस्टम को प्रतिक्रिया देने के लिए भड़काता है। यूं तो प्रोटीन आधारित वैक्सीन बनाने का इतिहास पुराना है, लेकिन नए कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने के लिए वैज्ञानिकों ने नए प्रकार की अप्रोच अपनाई हैं। हालांकि, नोवावैक्स प्रोटीन आधारित ट्रैक रिकॉर्ड पर चली है। इस तरह की वैक्सीन हेपेटाइटिस बी और चर्मरोग के इलाज के लिए लाइसेंस प्राप्त होती हैं। प्रोटीन आधारित वैक्सीन बनाकर ही नोवावैक्स ने इस साल इन्फ्लूएंजा का टीका बनाकर उसका तीसरे चरण का ट्रायल किया था।
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नोवावैक्स ने जिस तकनीक की मदद से यह वैक्सीन तैयार की है, उसमें कई प्रकार के स्पाइक प्रोटीन्स के नैनोपार्टिकल को एक साथ जोड़ा जाता है। इस काम में मॉथ सेल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिन्हें प्रयोगशालाओं में कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन जैसा रूप दिया जाता है। वैक्सीन की क्षमता को बढ़ाने के लिए नोवावैक्स ने एक सहायक कंपाउंड (ऐजवन्ट) 'मैट्रिक्स-एम' की मदद ली है, जिसे वैक्सीन से जुड़े स्पाइक प्रोटीनों में मिलाया गया है। चूहों पर हुए कई अध्ययनों से यह पता चला है कि यह कंपाउंड इम्यून सेल्स को प्रतिक्रिया देने के लिए प्रेरित करते हैं। इससे वायरस के खिलाफ एक सक्षम रेस्पॉन्स विकसित होता है।
नोवावैक्स की वैक्सीन बनाने वाले शोधकर्ताओं ने इसके प्रोटीन और ऐजवन्ट को बंदरों पर आजमाकर देखा है। अलग-अलग मात्रा में दी गई डोजों ने बंदरों में उच्च स्तर के एंटीबॉडी बनाने का काम किया है। कंपनी ने उम्मीद जताई है कि ये रोग प्रतिरोधक इतने सक्षम हैं कि कोरोना वायरस को ब्लॉक कर सकते हैं। कई अन्य शोधकर्ताओं ने परिणामों पर हैरानी जताई है और कहा है कि नोवावैक्स के टीके के ट्रायल से जुड़े परिणाम विचार करने योग्य हैं। उनका मानना है कि कोरोना वायरस के खिलाफ इस वैक्सीन के परिणाम अन्य वैक्सीनों से बेहतर हैं।
उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: नोवावैक्स कंपनी की वैक्सीन में ऐसा क्या है कि कुछ विशेषज्ञ इसे कई अन्य प्रतियोगी वैक्सीन से बेहतर बता रहे हैं? है
- Proctosedyl BD Cream - ₹108
- Anovate Cream - ₹140
- Pilo GO Cream - ₹80
- Covifor Injection - ₹3780
- Fabiflu 200 Mg Tablet - ₹1292
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- Remdesivir Injection - ₹10500
- Molusafe Capsule - ₹457
- Movfor 200 Mg Capsule - ₹2490
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- Molulife 200 Capsule - ₹1399
- Cipmolnu 200 Mg Capsule - ₹2000
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- Immunocin Alpha Plus 1.6mg Injection - ₹5998
- Alzumab Injection - ₹8229
- Imualfa 1.6mg Injection 1ml - ₹2628
- Molnutor 200 Mg Capsule - ₹2000
- Sotrovimab Injection - ₹165000
- Nirmatrelvir - ₹5000
- Molnupiravir 200 Mg Capsule - ₹1400
- Covihalt 200 Tablet - ₹465
- Ciplenza Tablet - ₹646
- Itolizumab Injection - ₹8220