दुनियाभर में कोरोना वायरस की वजह से फैली महामारी कोविड-19 से निपटने के लिए हाथों की सफाई को काफी महत्वपूर्ण बताया गया है। यही कारण है कि दुनियाभर में हैंड सैनिटाइजर का उत्पादन अभूतपूर्व ढंग से होने लगा है। इसकी आड़ में घातक केमिकल वाले सैनिटाइजर भी बाजार में पहुंच चुके हैं। ऐसे में अब अमेरिका की शीर्ष ड्रग एजेंसी यूएस एफडीए ने ऐसे कम से कम 77 हैंड सैनिटाइजर्स की पहचान की है, जिनमें मेथानॉल जैसे विषाक्त केमिकल का स्तर खतरनाक स्तर पर पाया गया है। इसके प्रभाव से व्यक्ति को मतली, नर्व डैमेज (तंत्रिका को क्षति) और अंधापन जैसी गंभीर समस्याएं देखने को मिल सकती हैं और अगर यह किसी तरह शरीर में चला जाए तो मौत भी हो सकती है।

अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, एफडीए ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर इन हैंड सैनिटाइजर्स की लिस्ट दी हुई है और बताया है कि बच्चों और वयस्कों दोनों को इससे खतरा है। बच्चे जहां गलती से सैनिटाइजर्स को बॉडी में इंजेस्ट कर सकते हैं, वहीं वयस्क इन्हें शराब के विकल्प के रूप में ले सकते हैं, जो शरीर के लिए घातक और जानलेवा हो सकता है। भारत के आंध्र प्रदेश में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें कथित रूप से सैनिटाइजर पीने से कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई है। पुलिस का कहना है कि ये लोग कुछ दिनों से पानी और सॉफ्ट ड्रिंक में सैनिटाइजर मिलाकर पी रहे थे, क्योंकि इसमें एल्कहॉल होता है।

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जानकारों का कहना है कि कोविड-19 के दौर में सैनिटाइजर की मांग बहुत तेजी से बढ़ी है, जिसके चलते इनके निर्माण में लापरवाही देखने को मिल रही है। उनका अनुमान है कि सैनिटाइजर बनाने वाली कंपनियां प्रोसेसिंग के दौरान संभवतः शराब में से मेथानॉल अच्छी तरह से नहीं हटा रही हैं, जो एल्कहॉल डिस्टिलेशन के दौरान प्राकृतिक रूप से बनता है। यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि हो सकता है सैनिटाइजर निर्माता एफडीए के दिशा-निर्देशों की अनदेखी करते हुए पहले से डिस्टिल्ड (शराब से खींचे हुए) उच्च मात्रा वाले मेथानॉल से सैनिटाइजर बना रहे हों। विशेषज्ञ मेथानॉल और एथानॉल की गंध पहचान सकते हैं, लेकिन आम ग्राहक ऐसा नहीं कर सकते। चूंकि हो सकता है कि ऐसे सैनिटाइजर की इंग्रेडिएंट लिस्ट में मेथानॉल का जिक्र न हो, इसलिए ग्राहकों के लिए जरूरी है कि वे एफडीए की आधिकारिक वेबसाइट पर इस तरह के सैनिटाइजर की सूची को चेक करने के बाद ही इन्हें खरीदें। अनजान ब्रैंड वाले सैनिटाइजर को न खरीदकर भी इस तरह के खतरे से बचा जा सकता है। साथ ही घरों में रहते हुए हाथ धोने के लिए केवल साबुन का इस्तेमाल करने से भी इस खतरे को टाला जा सकता है।

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नोट: एफडीए द्वारा विषाक्त घोषित हैंड सैनिटाइजर्स की सूची यहां क्लिक करके देखी जा सकती हैं।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: एफडीए ने 77 विषाक्त हैंड सैनिटाइजर की लिस्ट जारी की, भारत में कथित रूप से सैनिटाइजर पीने से हो चुकी है नौ लोगों की मौत है

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