कोविड-19 संक्रमण का खतरा भारत में बढ़ता जा रहा है। ऐसे में मरीजों को समय पर सही इलाज मिले इसके लिए सरकार पूरी कोशिश कर रही है। देश में मरीजों की बढ़ती जा रही संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने अस्पतालों को कोविड-19  के गंभीर रोगियों के लिए अलग से गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) बनाने को कहा है।

आईसीयू किसी अस्पताल का वह विभाग होता है जहां गंभीर रूप से बीमार रोगियों को भर्ती किया जाता है। इसी को देखते हुए कोविड-19 संक्रमितों के लिए तेजी से आईसीयू बनाने पर का चल रहा है, ताकि गंभीर लक्षणों वाले रोगियों को त्वरित रूप से विशेष उपचार उपलब्ध कराया जा सके। आईसीयू के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ डॉक्टरों को तैनात किया जाता है। इस यूनिट में सभी आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की सुविधा भी होती है। कोविड-19 के लिए रैपिड आईसीयू को प्रयोग में लाया जा रहा है। ऐसे में प्रयास होता है कि संक्रमित रोगियों को आइसोलेशन में रखा जाए जिससे अन्य रोगी उनके संपर्क में आकर संक्रमित न हों।

कई देशों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार कोरोना पॉजिटिव पाए जाने वाले केवल 20 से 30 फीसदी मरीज ही ऐसे होते हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ती है और इसमें से केवल 5 से 10 फीसदी को ही आईसीयू की जरूरत होती है। इस लेख में, हम आपको कोविड-19 संक्रमित रोगियों के लिए आईसीयू की विशेष आवश्यकताओं के बारे में बताएंगे।

  1. कोविड-19 रोगियों के लिए आईसीयू में किन चीजों की जरूरत होती है?
  2. आइसोलेशन वॉर्ड में किन उपकरणों की होती है आवश्यकता?
कोविड-19 संक्रमित मरीजों के लिए आईसीयू में किन चीजों की जरूरत होती है? के डॉक्टर

कोविड-19 रोगियों के लिए आईसीयू स्थापित करने के दौरान निम्न शर्तों को पूरा किया जाना जरूरी होता है।

  • कोविड-19 रोगियों के लिए विशेष रूप से तैयार किए जाने वाले आईसीयू को अन्य रोगियों के वॉर्डों से दूर रखना चाहिए, जिससे दूसरे रोगियों में संक्रमण का खतरा न होने पाए। इस आईसीयू का प्रवेश और निकास अस्पताल के बाकी विभागों से अलग होना चाहिए। रिकवरी वॉर्ड, सर्जिकल विभाग, डायलिसिस विभाग, नवजातों का आईसीयू या लेबर रूम के आसपास कोविड-19 का आईसीयू नहीं बनाया जाना चाहिए।
  • यदि आईसीयू ग्राउंड फ्लोर पर नहीं है, तो आईसीयू के लिए अलग से लिफ्ट और सीढ़ियों की व्यवस्था होनी चाहिए।
  • मरीजों को अलग-अलग आईसीयू वॉर्डों में रखा जाना चाहिए। यदि सभी के लिए अलग आईसीयू वॉर्डों की व्यवस्था नहीं की जा सकती है तो एक से दूसरे बेड की दूरी कम से कम 1 मीटर (3 फीट) होनी चाहिए। एक आईसीयू बेड के लिए 12मी x 25मी के कुल स्थान की आवश्यकता होती है। पूरा आईसीयू विभाग उसमें मौजूद बेडों की कुल स्थान का 3 गुना होना चाहिए।
  • आईसीयू में दो ऑक्सीजन आउटलेट, एक एयर आउटलेट, दो सक्शन आउटलेट और बारह मुख्य बिजली के आउटलेट होने चाहिए जिससे सभी उपकरणों को चलने में कोई दिक्कत न हो।
  • आईसीयू में कुशल प्रयोगशाला कर्मियों की मदद से तैयार किया गया एक प्वाइंट आफ केयर जांच की सुविधा होनी चाहिए। प्वाइंट आफ केयर टेस्टिंग का मतलब परीक्षण की सुविधा बिल्कुल रोगी के निकट मौजूद होनी चाहिए। जहां जांच के साथ साथ शीघ्र ही परिणाम प्राप्त हो सकें जिससे रोगी को तत्काल उचित देखभाल मुहैया कराया जा सके।
  • रोगी के लिए चौबीसों घंटे 24/7 विशेषज्ञ नर्सिंग सुविधा की व्यवस्था की जाए।
  • कोविड-19 आईसीयू में हवा का प्रवाह कम दबाव वाला होना चाहिए। हवा की सापेक्ष आर्द्रता 30 से 60% के बीच होनी चाहिए।
  • कोविड-19 आईसीयू वार्ड में वेंटिलेशन की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। एक सिंगल बेड वाले आईसीयू में कम से कम 6 वायु परिवर्तन करने वाले यंत्र होने चाहिए और जिसमें से 2 यंत्र हर घंटे ताजी हवा देने वाले होने चाहिए।
  • कोविड-19 आईसीयू में अलग से एयर हैंडलिंग यूनिट (एएचयू) होना चाहिए, जो हवा को साफ करने और परिसंचरण में मदद करता हैं।
  • एयर कंडीशनर में एचईपीए फिल्टर होना चाहिए जो आईसीयू में कीटाणुनाशन की गुणवत्ता को 99% तक बढ़ा देता है।
  • इंटुबेशन, एक्सटूबेशन और खांसी के चलते आईसीयू में एरोसोल का उत्पादन होता है जो कि वार्ड में वायरल लोड बढ़ाता है। इन एरोसोल को बाहर करने के लिए वार्ड में कई एग्जॉस्ट फैन होने चाहिए। सुनिश्चित करें कि एग्जॉस्ट फैन से बाहर आने वाले हवा की दिशा किचन या पार्किंग जैसे क्षेत्रों की ओर न हो।
  • यदि आईसीयू में एयर-कंडीशनर नहीं हैं, तो प्राकृतिक वेंटिलेशन की मदद से नेगेटिव प्रेशर बनाया जा सकता है। इसके लिए आईसीयू में आइसोलेशन वार्ड की दीवारों पर बड़ी खिड़कियां होनी चाहिए, जिससे बाहर से साफ हवा आ सके।
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आईसीयू के आइसोलेशन वॉर्डों में डॉक्टरों और कोविड-19 रोगियों के लिए निम्नलिखित उपकरणों का होना जरूरी है जिससे इलाज में कोई दिक्कत न हो।

  • ऑक्सीजन प्वाइंट या एयर प्वाइंट
  • ट्रॉली और बेड
  • मल्टीपैरमीटर मॉनिटर (महत्वपूर्ण संकेतों की जांच के लिए)
  • ईकेजी मशीन (हृदय की गतिविधियों की जांच के लिए) के साथ-साथ कार्डियक मॉनिटरिंग डिस्पोज़ेबल्स जैसे लीड्स और सेंसर्स
  • इन्फ्यूजन पंप (तरल पदार्थ पहुंचाने के लिए)
  • सर्किट के साथ वेंटिलेटर, गर्मी और नमी एक्सचेंजर (एचएमई फिल्टर) और वायरल फिल्टर
  • पोर्टेबल एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड मशीनें
  • डिफाइब्रिलेटर
  • इंट्यूलेशन किट जिसमें वीडियो लैरिंजोस्कोप, ट्यूब, मैगिल फोरसेप।
  • किडनी रिप्लेसमेंट थेरेपी उपकरण मौजूद होने चाहिए। कोविड-19 के गंभीर लक्षणों वाले रोगियों में किडनी फेलियर की समस्या देखने को मिलती है।
  • रोगियों के लिए कपड़े और डायपर
  • इंट्रावीनस कैनुला सिरिंज
  • यूरिन कैथेटर और बैग
  • नसोगैस्ट्रिक ट्यूब (एनजी ट्यूब), एंडोट्रैकयल ट्यूब (ईटी ट्यूब) और ट्रेकियोस्टॉमी ट्यूब (टी ट्यूब) ट्यूब
  • चिपकाने वाले मेडिकल टेप जिससे फिक्सिंग ट्यूब अपनी जगह से हिलें नहीं।
  • क्लोजड सक्शन कैथेटर्स और चेस्ट ड्रेन (श्लेष्म को हटाने के लिए)
  • शरीर में द्रव का संतुलन बनाए रखने के लिए क्रिस्टलाइड्स, कोलाइड्स और पोषण बढ़ाने वाले द्रव
  • इंट्रावीनस फ्लूइड देने के लिए बुरेट सेट्स
  • रोगी की आवश्यक दवाओं के साथ साथ उनकी पुरानी बीमारियों की दवाए
  • पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) किट जिसमें जूते का कवर, सिर को ढकने के लिए हुडी, सिंगल यूज वाले वॉटर प्रूफ पूरी आस्तीन के गाउन, एन-95 या एफएफपी2 रेस्पिरेटर (मास्क), फेस शिल्ड और आंखों को पूरी तरह से कवर करने वाले चश्मे और सर्जिकल दस्ताने
  • जिन मरीजों में गंभीर लक्षण नहीं है उनसे संपर्क करने के लिए टैबलेट और मिनी लैपटॉप से डॉक्टर संपर्क करें।
  • सभी रोगियों के लिए आवश्यकता पड़ने पर वेंटिलेटर की व्यवस्था।
  • रीफर्बिश्ड मशीन और स्प्लिटर्स (एक स्प्लिटर पर एक ही समय में दो रोगियों को वेंटिलेट किया जा सकता है)
Dr Rahul Gam

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19 संक्रमित मरीजों के लिए आईसीयू में किन चीजों की जरूरत होती है? है

संदर्भ

  1. The Ministry of Health and Family Welfare. Govt. of India. COVID-19 INDIA. [Internet]
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