आंखों के सॉकेट में फ्रैक्चर का क्या मतलब है? 

आंखों के सॉकेट को ऑर्बिट (orbit) भी कहा जाता है। यह ठोस आकार का होता है, जो सात अलग-अलग हड्डियाें के जुड़ने से बनने वाले चार हिस्सों से बनता है। चोट के कारण इन हिस्सों पर फ्रैक्चर होता है। आंखों के सॉकेट के इन चारों में से किसी भी भाग में फ्रैक्चर हो सकता है। जैसे:

  • ऑर्बिटल रीम फ्रैक्चर (Orbital rim fracture)
    इसमें आंखों के सॉकेट के बाहरी किनारों पर फ्रैक्चर होता है।
     
  • डारेक्ट ऑर्बिटल फ्लोर फ्रैक्चर (Direct orbital floor fracture)
    गंभीर चोट के कारण ऑर्बिट रील से फ्लोर तक फ्रैक्चर हो जाता है।
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  • इनडायरेक्ट ऑर्बिटल फ्लोर फ्रैक्चर (Indirect orbital floor fracture)
    जब गाड़ी की स्टेरिंग, बेसबॉल या किसी व्यक्ति की कोहनी लगने के कारण ऑर्बिट फ्लोर में अप्रत्यक्ष रूप फ्रैक्चर हो जाता है।
     
  • ट्रेपडोर फ्रैक्चर (Trapdoor fracture)
    यह मुख्य रूप से बच्चों की आंखों में होता है, ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि उनकी हड्डियां बेहद कमजोर होती हैं। यह ऑर्बिटल फ्लोर फ्रैक्चर की तरह ही होता है। 

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आंखों के सॉकेट में फ्रैक्चर के लक्षण क्या होते हैं?

आंखों के सॉकेट में होने वाले फ्रैक्चर की गंभीरता और जगह के आधार पर इसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। इसके निम्नलिखित लक्षण होते हैं:
  • चोट के हिस्से की त्वचा का रंग काला या नीला होना, आंख में सूजन, आंखों के सफेद हिस्से या पलकों के अंदर से रक्त आना।
  • धुंधला,डबल-डबल या कम दिखाई देना।
  • ऊपर, नीचे, दाएं व बाएं देख पाने में मुश्किल होना।
  • आंखों की सही स्थिति में बदलाव आना। (और पढ़ें - आंख के संक्रमण का इलाज)
  • फ्रैक्चर के हिस्से की पलक, माथा, गाल, होंठ का ऊपरी हिस्सा और ऊपरी दांतों का सुन्न होना।
  • फ्रैक्चर के कारण आसपास के हिस्सों की नसों का क्षतिग्रस्त होना, आदि।

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आंखों के सॉकेट में फ्रैक्चर क्यों होता है? 

दुर्घटना के कारण चोट लगना, आंखों के सॉकेट में फ्रैक्चर होने का आम कारण होता है। गंभीर चोट की वजह आंखों के सॉकेट की ठोस हड्डी में भी फ्रैक्चर हो सकता है। मुख्य रूप से बॉल से जुड़े खेलों में चेहरे पर सीधी चोट लगने से आंखों के सॉकेट में फ्रैक्चर हो सकता है।

हथौड़ा, ड्रील मशीन आदि के इस्तेमाल करने पर भी आंखों में चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है। लड़ाई व झगड़ें में मुक्का या पैर लगने के कारण इनडायरेक्ट फ्लोर फ्रैक्चर होने की संभावना अधिक होती है। लड़ाई के दौरान आंख के अंदर की पतली हड्डी के द्वारा प्रहार सहन न कर पाने की वजह से उसमें फ्रैक्चर हो जाता है।

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आंखों के सॉकेट में फ्रैक्चर​​ का इलाज कैसे होता है?

आंखों के सॉकेट में होने वाले कई फ्रैक्चर का इलाज ऑपरेशन के बिना किया जा सकता है। अगर आपके डॉक्टर को लगता है कि फ्रैक्चर अपने आप सही हो जाएगा तो वह संक्रमण से बचाने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं व इलाज के अन्य उपायों को अपनाते हैं। इस दौरान व्यक्ति को छींक न आए इसलिए डॉक्टर मरीज को नेजल स्प्रे देते हैं।

इसके अलावा आंखों के सॉकेट में होने वाले फ्रैक्चर के लिए सर्जरी का भी सहारा लिया जाता है। लेकिन आंखों के सॉकेट की सर्जरी बेहद ही जटिल होती है, इसलिए इसको सही नहीं माना जाता है। अगर सर्जरी आवश्यक हो तो आपके सर्जन आंख की सूजन कम नहीं होने तक इंतजार करते हैं।

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