चोट लगना एक बहुत ही आम दुर्घटना है। घर, ऑफिस, सड़क या अन्य किसी भी जगह पर आपको कभी भी चोट लग सकती है। चोट के बहुत प्रकार होते हैं। छोटे से कट लगने से फ्रैक्चर होने तक को चोट कहा जाता है। आमतौर पर, छोटी-मोटी चोट के लिए घरेलू उपचार काफी होते हैं, लेकिन ज्यादा चोट लगने पर आपको डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता हो सकती है। चोट के प्रकार के आधार पर सही प्राथमिक चिकित्सा करने से आप घायल व्यक्ति के लक्षणों को कम कर सकते हैं और अधिक नुक्सान होने से भी रोक सकते हैं।

इस लेख में चोट लगना किसे कहते हैं और अलग-अलग प्रकार की चोटों के आधार पर उनकी प्राथमिक चिकित्सा के बारे में बताया गया है।

  1. चोट लगना किसे कहते हैं - Chot lagna kya hota hai
  2. चोट लगने पर प्राथमिक उपचार - Chot lagne par kya kare

किसी बाहरी वास्तु के कारण शरीर को नुक्सान होना चोट या शारीरिक चोट कहलाता है। चोट के कारण त्वचा या शरीर के अन्य ऊतकों को नुक्सान होता है। एक्सीडेंट, गिरने, टकराने या अन्य कई कारणों से आपको चोट लग सकती है। चोट के कई प्रकार होते हैं, जैसे कट लगना, खरोंच, जलना, नील पड़ना और फ्रैक्चर अदि।

छोटी-मोटी चोटों के लिए आमतौर पर किसी चिकित्सा की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन ज्यादा चोट लगने पर डॉक्टर के पास जाने और सर्जरी तक की आवश्यकता हो सकती है।

छोटी-मोटी चोट घातक नहीं होती, लेकिन उन्हें अच्छी तरह से साफ़ करना आवश्यक होता है ताकि इन्फेक्शन न हो।

(और पढ़ें - बैक्टीरियल संक्रमण के लक्षण)

कई बार तुरंत प्राथमिक उपचार देने के लिए आपके पास फर्स्ट ऐड किट का होना आवश्यक होता है। फर्स्ट ऐड बॉक्स को अपनी गाड़ी, ऑफिस और घर में रखें ताकि आपातकालीन स्थिति में आप इसका प्रयोग कर सकें। फर्स्ट ऐड किट में मौजूद दवाओं और अन्य चीज़ों को बार-बार देखते रहें कि कहीं ये खराब तो नहीं हो गई हैं।

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अगर आपके आस-पास किसी को चोट लग गई है, तो आपको निम्नलिखित तरीके से उसकी मदद करनी चाहिए -

  • सबसे पहले ये देखें कि आपको या उस व्यक्ति को कोई खतरा न हो।
  • अगर उस व्यक्ति को खतरा है, तो उसे किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाएं।
  • अगर आवश्यकता हो तो एम्बुलेंस को फ़ोन करें।
  • उसे प्राथमिक चिकित्सा दें।

हर प्रकार की चोट के लिए अलग तरह से प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट ऐड दिया जाता है। इनके बारे में नीचे दिया गया है -

1. कटना

  • सबसे पहले अपने हाथ धोएं ताकि संक्रमण न हो। (और पढ़ें - वायरल इन्फेक्शन के लक्षण)
  • घाव पर दबाव बनाकर खून रोकने की कोशिश करें।
  • खून रोकने के बाद घाव को धोएं और आस-पास मौजूद मिट्टी या धूल साफ़ करें।
  • घाव पर एंटीबायोटिक क्रीम लगाएं।
  • कटी हुई त्वचा पर बैंडेज या पट्टी लगाएं।

कटने पर प्राथमिक उपचार के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लेख को देखें - कटने पर क्या करें
 

2. नील पड़ना

  • नील पड़े हुए क्षेत्र को हिलाएं नहीं।
  • बर्फ को एक तौलिये में लपेटकर नील पर 15 से 20 मिनट तक रखें।
  • अगर सूजन है तो नील पर गर्म पट्टी लगाएं।
  • हो सके तो प्रभावित क्षेत्र को हृदय के स्तर के ऊपर उठा कर रखें।

नील पड़ने पर प्राथमिक उपचार के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लेख को देखें - नील पड़ने पर क्या करें
 

3. जलना

  • जलने के तुरंत बाद जले हुए क्षेत्र पर कुछ समय तक ठंडा पानी डालें।
  • अगर जले हुए क्षेत्र में कोई अंगूठी या कपडा है, तो उसे उतार दें।
  • प्रभावित क्षेत्र के ठंडा होने के बाद उसपर कोई एलोवेरा युक्त लोशन लगा लें।
  • जले हुए हिस्से पर पट्टी लगाएं और पट्टी को ढीला बांधें।
  • अगर व्यक्ति सांस नहीं ले रहा है तो उसे “माउथ-टू-माऊथ” तरीके से सांस दें।
  • जले हुए क्षेत्र को पानी में न डुबाएं।
  • अगर व्यक्ति ज्यादा जल गया है, तो तुरंत एम्बुलेंस को बुलाएं या उसे अस्पताल ले जाएं।

जलने पर प्राथमिक उपचार के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लेख को देखें - जलने पर क्या करें
 

4. फ्रैक्चर (हड्डी टूटना)

  • अगर खून बह रहा है, तो प्रभावित क्षेत्र को हृदय के दर से ऊपर उठाएं और किसी कपडे या पट्टी की मदद से प्रभावित क्षेत्र पर दबाव बनाकर रक्तस्त्राव रोकें।
  • प्रभावित क्षेत्र को हिलने न दें।
  • प्रभावित क्षेत्र पर ठंडी सिकाई करें।
  • व्यक्ति को जल्द-से-जल्द डॉक्टर के पास ले जाएं।
  • अगर व्यक्ति सांस नहीं ले रहा है, तो उसे सीपीआर दें।

फ्रैक्चर होने पर प्राथमिक उपचार के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लेख को देखें - हड्डी टूटने पर क्या करें
 

5. मोच

  • प्रभावित क्षेत्र को हिलाएं-डुलाएं नहीं।
  • बर्फ को एक तौलिये में लपेटकर प्रभावित क्षेत्र पर रखें और दिन में कई बार ये दोहराएं।
  • मोच पर कम से कम 2 दिनों के लिए गर्म पट्टी लगा कर रखें। (और पढ़ें - मोच के घरेलू उपाय)
  • हो सके तो मोच वाले क्षेत्र को हृदय के स्तर से ऊपर उठा कर रखें।
  • 2-3 दिन बाद प्रवभावित क्षेत्र को धीरे-धीरे इस्तेमाल करना शुरू करें।

मोच आने पर प्राथमिक उपचार के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लेख को देखें - मोच आने पर क्या करें
 

6. मांस फटना

  • प्रभावित क्षेत्र को आराम दें और कुछ समय तक उसे हिलाएं नहीं।
  • बर्फ के टुकड़ों को एक तौलिये में लपेटकर प्रभावित क्षेत्र पर इससे 15-20 मिनट तक सिकाई करें।
  • सूजन कम करने के लिए प्रभावित क्षेत्र पर गर्म पट्टी बांध लें। (और पढ़ें - सूजन कम करने के घरेलू उपाय)
  • हो सके तो प्रभावित क्षेत्र को हृदय के स्तर से ऊपर उठा कर रखें।
  • दर्द और सूजन कम करने के लिए आइबुप्रोफेन (Ibuprofen) और एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) जैसी दवाएं लें।

मांस फटने पर प्राथमिक चिकित्सा के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लेख को देखें - मांस फटने पर क्या करें
 

नोट: प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट ऐड देने से पहले आपको इसकी ट्रेनिंग लेनी चाहिए। अगर आपको या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर या अस्पताल​ से तुरंत संपर्क करें। यह लेख केवल जानकारी के लिए है। 

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