ब्लड प्रेशर और हृदय की कार्यप्रणाली आपस में जुड़ी हुई है. यह हृदय ही है, जो पूरे शरीर के लिए रक्त को पंप करता है. इन दोनों के काम में आई थोड़ी-सी भी गड़बड़ी शारीरिक स्वास्थ्य के को प्रभावित कर सकती है. वहीं, जब किसी को हार्ट अटैक आता है, तो उस स्थिति में ब्लड प्रेशर कम या ज्यादा हो सकता है, लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं है कि ब्लड प्रेशर में आने वाला बदलाव हार्ट अटैक की ही निशानी है. ब्लड प्रेशर में बदलाव अन्य कारणों की वजह से भी हो सकता है.

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आज इस लेख में आप जानेंगे कि हार्ट अटैक के समय ब्लड प्रेशर में बदलाव होता है या नहीं -

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  1. हार्ट अटैक के समय ब्लड प्रेशर
  2. हार्ट अटैक के समय ब्लड प्रेशर की स्थिति
  3. क्या ब्लड प्रेशर में बदलाव हार्ट अटैक का लक्षण है?
  4. क्या है सामान्य और हाई ब्लड प्रेशर?
  5. सारांश
क्या हार्ट अटैक के समय ब्लड प्रेशर में बदलाव होता है? के डॉक्टर

जब हार्ट खून को पंप करता है, तो इसे ब्लड प्रेशर कहा जाता है और यह पूरे शरीर में सर्कुलेट होता है. हार्ट अटैक के समय दिल के एक हिस्से में रक्त का प्रवाह ब्लॉक हो जाता है. कई बार इसकी वजह से ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. वहीं, कुछ मामलों में हार्ट अटैक के दौरान ब्लड प्रेशर में किसी भी तरह का बदलाव नहीं आता है, जबकि कुछ मामलों में ब्लड प्रेशर ज्यादा बढ़ भी जाता है. हार्ट अटैक के दौरान ब्लड प्रेशर में आने वाले बदलाव के बारे में पहले से कुछ कहा नहीं जा सकता है, इसलिए डॉक्टर इसे हार्ट अटैक के लक्षणों में शामिल नहीं करते हैं. 

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जब खून का प्रवाह पूरी तरह से ब्लॉक हो जाता है, तो दिल की मांसपेशियों में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. इस वजह से ही हार्ट अटैक आता है. हार्ट अटैक के दौरान ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, कम हो सकता है या सामान्य रह सकता है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि शरीर किस तरह से प्रतिक्रिया कर रहा है. आइए, विस्तार से जानते हैं कि हार्ट अटैक के समय ब्लड प्रेशर के बढ़ने और कम होने पर क्या होता है.

ब्लड प्रेशर बढ़ना

हार्ट अटैक के समय कई लोगों का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. इस बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को हाइपरटेंशन कहा जाता है. इसके पीछे का कारण एड्रेनालाईन (adrenaline) जैसे हार्मोन का रिलीज होना है. जब बहुत ज्यादा खतरे की स्थिति आ जाती है, तो लड़ने वाली प्रतिक्रिया ट्रिगर होती है, जिससे हार्मोन रिलीज होते हैं. इससे दिल की धड़कन अपने आप तेज हो जाती है.

हार्ट अटैक से सिम्पथेटिक नर्वस सिस्टम (sympathetic nervous system) भी ओवरड्राइव पर चला जाता है, जिससे ब्लड प्रेशर के बढ़ने की स्थिति आ जाती है. यह सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम लड़ने वाली प्रतिक्रिया के लिए जिम्मेदार होता है.

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ब्लड प्रेशर कम होना

कई बार हार्ट अटैक के समय ब्लड प्रेशर कम भी हो जाता है. इस कम हुए ब्लड प्रेशर को हाइपोटेंशन कहा जाता है. हार्ट अटैक के दौरान, दिल की ओर जाने वाला रक्त पूरी तरह से बंद हो जाता है. यह दिल की मांसपेशियों को बनाने वाले टिश्यू को रोक या मार भी सकता है. ये रुके हुए या मृत टिश्यू रक्त की मात्रा को कम कर देते हैं, जिससे हृदय शरीर के अन्य हिस्सों में रक्त को पम्प कर पाने में असमर्थ हो जाता है. 

हार्ट अटैक के समय कुछ लोगों में वासोवगल प्रतिक्रिया (vasovagal response) ट्रिगर होती है. यह प्रतिक्रिया बहुत ज्यादा तनाव या दर्द जैसे ट्रिगर के लिए नर्वस सिस्टम की प्रतिक्रिया है. इससे भी ब्लड प्रेशर कम होता है और बेहोशी आ सकती है. शरीर के आराम के लिए जिम्मेदार पैरासिम्पथेटिक नर्वस सिस्टम (parasympathetic nervous system) जब ओवरड्राइव पर चला जाता है, तो इससे भी ब्लड प्रेशर कम हो सकता है. 

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नहीं, कई बार हार्ट अटैक से ब्लड प्रेशर बढ़ या कम हो सकता है, लेकिन ब्लड प्रेशर में बदलाव का मतलब हार्ट अटैक नहीं है. हार्ट अटैक का पता लगाने के लिए सभी लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है. हार्ट अटैक के कई लक्षण हो सकते हैं या सिर्फ कुछ या कोई भी नहीं. हार्ट अटैक के सबसे आम लक्षण में चेस्ट में दर्द शामिल है. इसके अलावा, हार्ट अटैक के लक्षणों में चेस्ट के पास दबाव या कसाव महसूस होना, बांह में दर्द, ठंडा पसीना निकलना, पेट में दर्द और जबड़ा, गर्दन व पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द, उल्टीचक्कर आना, बेहोशी और सांस लेने में दिक्कत आदि शामिल है.

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ब्लड प्रेशर सामान्य है या ज्यादा, इसका पता निम्न प्रकार से लगाया जाता है -

  • ‘सामान्य’ सिस्टॉलिक ब्लड प्रेशर 120 mmHg से ऊपर नहीं और ‘सामान्य’ डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 80 mmHg से ऊपर नहीं जाना चाहिए, यह नॉर्मल ब्लड प्रेशर है.
  • 140 mmHg और 90 mmHg या इससे ऊपर की रीडिंग को हाई ब्लड प्रेशर माना जाता है.
  • अगर सिस्टॉलिक ब्लड प्रेशर 180 mmHg से ऊपर और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 110 mmHg से ऊपर पहुंच जाए, तो इसे इमरजेंसी स्थिति में गिना जाता है.

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हार्ट अटैक के समय ब्लड प्रेशर में बदलाव आ सकता है. यह कम, ज्यादा या सामान्य रह सकता है. हार्ट अटैक के समय ब्लड प्रेशर की स्थिति क्या होगी, इसका पहले से अनुमान लगाना संभव नहीं होता है. इसी तरह से ब्लड प्रेशर का कम या ज्यादा होने का मतलब यह नहीं है कि हार्ट अटैक आ सकता है. इसे कभी भी हार्ट अटैक के लक्षणों में नहीं गिना जा सकता है. 

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