गुर्दे का कैंसर (किडनी कैंसर) - Kidney Cancer in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

July 05, 2017

February 01, 2024

गुर्दे का कैंसर
गुर्दे का कैंसर

गुर्दे का कैंसर क्या है?

गुर्दे का कैंसर आपके गुर्दे में शुरू होता है जो मुट्ठी के आकार के बराबर होती हैं और आपकी रीढ़ की हड्डी के दोनों तरफ पेट के अंगों के पीछे स्थित होती हैं।

वयस्कों में, रीनल सेल कार्सिनोमा (Renal cell carcinoma) गुर्दे के कैंसर का सबसे आम प्रकार है। गुर्दे के कैंसर के अन्य कम सामान्य प्रकार हो सकते हैं। छोटे बच्चों को विल्म्स ट्यूमर (Wilms' tumor) नामक गुर्दे का कैंसर होने की अधिक संभावना होती है।

गुर्दे के कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। इसका एक कारण यह हो सकता है कि इमेजिंग तकनीकों जैसे कि कंप्यूटराइज्ड टोमोग्राफी (सीटी स्कैन) अधिक बार उपयोग किया जाना। इन परीक्षणों से गुर्दे के कैंसर की सम्भावना बढ़ जाती है।

गुर्दे के कैंसर (किडनी कैंसर) के प्रकार - Types of Kidney Cancer in Hindi

गुर्दे के कैंसर के कितने प्रकार होते हैं ? 

गुर्दे के कैंसर चार प्रकार के होते हैं। वयस्कों में, इसका सबसे आम प्रकार है रीनल सेल कार्सिनोमा (Renal call carcinoma) और बच्चों में, यह विल्म्स ट्यूमर (Wilm's tumor) है।

  1. रीनल सेल का र्सिनोमा (Renal call carcinoma)
    रीनल सेल कार्सिनोमा (आरसीसी) लगभग 90% गुर्दे के कैंसर के मामलों का कारण बनता है। यह गुर्दे के भीतर छोटी नलिकाओं की लाइनिंग से उत्पन्न होता है जो रक्त को फिल्टर करती हैं और मूत्र बनाती हैं। हालांकि, आरसीसी आमतौर पर एक गुर्दे के भीतर एक ट्यूमर के रूप में बढ़ता है लेकिन कभी-कभी एक ही समय पर, एक या दोनों गुर्दों में एक या एक से अधिक ट्यूमर भी हो सकते हैं।

  2. ट्रान्सिशनल सेल कार्सिनोमा (Transitional cell carcinoma)
    ट्रान्सिशनल सेल कार्सिनोमा पांच से 10 प्रतिशत गुर्दे के कैंसर के मामलों का कारण बनता है। इस कैंसर को यूरोथेलियल कार्सिनोमा (Urothelial carcinoma) भी कहा जाता है और यह गुर्दे में नहीं, गुर्दे के पेल्विस क्षेत्र (जहां मूत्र मूत्रवाही में प्रवेश करने से पहले जाता है) में शुरू होता है।

  3. विल्म्स ट्यूमर (Wilm's tumor)
    विल्म्स ट्यूमर को नेफ्रोब्लास्टोमास भी कहा जाता है और यह ज़्यादातर बच्चों में होता है।

  4. रीनल सारकोमा (Renal sarcoma)
    रीनल सारकोमा सबसे दुर्लभ प्रकार का गुर्दे का कैंसर है और सभी गुर्दे के कैंसर के मामलों में से सिर्फ एक प्रतिशत मामलों का कारण बनता है। रीनल सारकोमा का इलाज अन्य सारकोमा के समान किया जाता है।

गुर्दे के कैंसर (किडनी कैंसर) के चरण - Stages of Kidney Cancer in Hindi

गुर्दे के कैंसर के कितने चरण होते हैं ?

गुर्दे के कैंसर के निम्नलिखित चार चरण होते हैं -

  1. पहला चरण
    पहले चरण का मतलब है कि ट्यूमर 7 से.मी. (2¾ इंच) से कम माप का है और गुर्दे तक ही सीमित है।

  2. दूसरा चरण
    दूसरे चरण का अर्थ है कि ट्यूमर का माप 7 से.मी. (एक टेनिस बॉल के माप के बराबर) से अधिक है और यह गुर्दे तक ही सीमित है।

  3. तीसरा चरण
    तीसरे चरण का मतलब है कि ट्यूमर किसी भी आकार का हो सकता है, यह किडनी से लेकर आसपास के ऊतकों तक फैल गया है और यह क्षेत्रीय लिम्फ नोड्स में भी फैला हुआ हो सकता है। ट्यूमर प्रमुख नसों या अधिवृक्क ग्रंथि में मौजूद है और गुर्दे व अधिवृक्क ग्रंथि के आस-पास वाले रेशेदार ऊतक के भीतर है।

  4. चौथा चरण
    चौथे चरण का मतलब है कि ट्यूमर गुर्दे और गुर्दे व अधिवृक्क ग्रंथि के आस-पास वाले रेशेदार ऊतक के बाहर फैल गया है या यह कई लसीका नोड्स या शरीर के दूर के हिस्सों जैसे हड्डियों, मस्तिष्क, लीवर या फेफड़ों में फैल गया है।

गुर्दे के कैंसर (किडनी कैंसर) के लक्षण - Kidney Cancer Symptoms in Hindi

गुर्दे के कैंसर के क्या लक्षण होते हैं ?

कई मामलों में, लोगों को गुर्दे के कैंसर के प्रारंभिक दौर में कोई लक्षण नहीं होते हैं। जैसे-जैसे ट्यूमर बड़ा होता है, आपको निम्नलिखित में से एक या उससे अधिक लक्षण हो सकते हैं -

  • मूत्र में रक्त आना।
  • शरीर में एक तरफ या पेट में गांठ होना।
  • भूख न लगना।
  • शरीर के एक तरफ दर्द होना और ठीक न होना।
  • किसी भी ज्ञात कारण के बिना वज़न कम होना।
  • ठंड या किसी अन्य संक्रमण के बिना बुखार होना और कई सप्ताह तक रहना।
  • अत्यधिक थकान होना।
  •  एनीमिया
  • आपकी एड़ियों या पैरों में सूजन आना।

शरीर के अन्य हिस्सों में फैलता हुआ किडनी कैंसर निम्नलिखित लक्षण पैदा कर सकता है -

गुर्दे के कैंसर (किडनी कैंसर) के कारण और जोखिम कारक - Kidney Cancer Causes & Risk Factors in Hindi

गुर्दे का कैंसर होने के कारण व जोखिम कारक क्या हैं ?

कैंसर तब शुरू होता है जब कोशिकाओं की डीएनए संरचना में परिवर्तन होता है। आनुवंशिक परिवर्तन के कारण कोशिकाएं अनियंत्रित हो जाती हैं, जो अंततः ट्यूमर की कोशिकाएं बनती हैं। ऐसा क्यों होता है इसका पता अभी तक नहीं लग पाया है।

गुर्दे के कैंसर के जोखिम कारक हैं -

  1. उम्र में बड़े लोगों को गुर्दे के कैंसर का जोखिम अधिक होता है।
  2. महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को गुर्दे के कैंसर का अधिक जोखिम होता है।
  3. लंबे समय से धूम्रपान करना।
  4. हाई बीपी (उच्च रक्तचाप) होना।
  5. गुर्दे की विफलता के कारण लम्बे समय से डायलिसिस होना।
  6. मोटापे से ग्रस्त होना।
  7. पॉलीसिस्टिक गुर्दे के रोग से ग्रस्त होना।
  8. कार्यस्थल में विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आना।

गुर्दे के कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले कुछ अनुवांशिक कारण भी होते हैं जैसे वॉन हिप्पल-लिंडु (Von Hippel-Lindau) रोग और अनुवांशिक पैपिलरी रीनल सेल कार्सिनोमा (Papillary renal cell carcinoma)।

गुर्दे के कैंसर (किडनी कैंसर) से बचाव - Prevention of Kidney Cancer in Hindi

गुर्दे के कैंसर का बचाव कैसे किया जा सकता है ?

गुर्दे के कैंसर से बचने का कोई उपाय नहीं हैं लेकिन निम्नलिखित तरीकों से इसका जोखिम कम हो सकता है -

  1. धूम्रपान करना गुर्दे के कैंसर का कारण बन सकता है, इसीलिए धूम्रपान न करना गुर्दे के कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है। (और पढ़ें - धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपाय)
  2. मोटापा और हाई ब्लड प्रेशर भी गुर्दे के कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। फलों और सब्जियों से समृद्ध भोजन करना, व्यायाम करना, हाई ब्लड प्रेशर का इलाज करवाना और एक स्वस्थ वजन बनाए रखने से किडनी कैंसर का जोखिम कम हो सकता है।

    क्या आप भी मोटापे से परेशान है लाख कोशिशों के बाद भी वजन काम नहीं कर पा रहे है तो आज ही myUpchar आयुर्वेद मेदारोध वेट लॉस जूस को इस्तेमाल करना शुरू करे और अपने वजन को नियंत्रित करे।
     
  3. अपने कार्यस्थल पर हानिकारक पदार्थों के संपर्क में आने से बचें।

गुर्दे के कैंसर (किडनी कैंसर) का परीक्षण - Diagnosis of Kidney Cancer in Hindi

किडनी कैंसर का निदान कैसे होता है ?

गुर्दे के कैंसर का निदान निम्नलिखित परीक्षणों से किया जाता है -

  1. मूत्र परीक्षण - मूत्र परीक्षण आपके मूत्र में खून या गुर्दे के कैंसर के अन्य लक्षणों का पता लगाता है।
  2. रक्त परीक्षण - रक्त परीक्षण यह बताते हैं कि आपके गुर्दे कितनी अच्छी तरह काम कर रहे हैं।
  3. इंट्रावीनस पायलोग्राम (आईवीपी) (Intravenous pyelogram) - आईवीपी में चिकित्सक एक डाई को आपके शरीर में इंजेक्ट करते हैं जो आपके मूत्र पथ में जाती है और किसी भी ट्यूमर को एक्स-रे में दिखा देती है।
  4. अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) - अल्ट्रासाउंड में आपके गुर्दे की तस्वीर बनाने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग किया जाता है। यह परीक्षण बता सकता है कि क्या ट्यूमर ठोस है या तरल पदार्थ से भरा हुआ है।
  5. सीटी स्कैन (CT scan) - सीटी स्कैन में एक्स-रे और एक कंप्यूटर का इस्तेमाल कर के आपके गुर्दे की विस्तृत तस्वीरों की एक श्रृंखला की जाती है। इसके लिए डाई का इंजेक्शन भी दिया जा सकता है।
  6. एमआरआई स्कैन (MRI scan) - आपके शरीर में ऊतकों की विस्तृत छवियां बनाने के लिए चुंबकीय और रेडियो तरंगों का उपयोग किया जाता है।
  7. रीनल आर्टीरिओग्राम (Renal arteriogram) - इस परीक्षण का उपयोग आपके ट्यूमर को रक्त की आपूर्ति का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग अक्सर नहीं किया जाता है लेकिन छोटे ट्यूमर का निदान करने में इस परीक्षण से मदद मिल सकती है।

गुर्दे के कैंसर (किडनी कैंसर) का इलाज - Kidney Cancer Treatment in Hindi

किडनी कैंसर का इलाज या उपचार कैसे होता है ?

गुर्दे के कैंसर का उपचार आपके शरीर से ट्यूमर को हटाने के लिए किया जाता है। यह आमतौर पर सर्जरी के माध्यम से किया जाता है। इसके उपचार हैं -

  1. रैडिकल नेफ्रेक्टमी (Radical nephrectomy)
    रैडिकल नेफ्रेक्टमी में आपके गुर्दे को निकाल दिया जाता है। गुर्दे के साथ-साथ कुछ आस-पास के ऊतक और लिम्फ नोड्स भी हटाए जाते हैं। इसमें अधिवृक्क ग्रंथि (Adrenal gland) को भी हटाया जा सकता है।

  2. कंज़र्वेटिव नेफ्रेक्टमी (Conservative nephrectomy)
    कंज़र्वेटिव नेफ्रेक्टमी में केवल ट्यूमर, लिम्फ नोड्स और कुछ आसपास के ऊतकों को निकाला जाता है। इसमें गुर्दे के एक हिस्से को नहीं निकाला जाता है। कंज़र्वेटिव नेफ्रेक्टमी को नेफ़्रॉन-स्पेरिंग नेफ्रेक्टमी भी कहा जाता है।

  3. इम्यूनोथेरैपी (Immunotherepy)
    इम्यूनोथेरेपी में शरीर में पाए जाने वाले इम्यूनोएक्टिव रसायनों के सिंथेटिक संस्करण का उपयोग किया जाता है।

  4. दवाएं
    कुछ दवाएं गुर्दे के कैंसर की कोशिकाओं में मौजूद कुछ असामान्य संकेतों को रोकने में मदद करती हैं। यह दवाएं कैंसर कोशिकाओं को पोषक तत्वों की आपूर्ति करने के लिए नई रक्त वाहिकाओं के गठन को रोकती हैं।

गुर्दे के कैंसर (किडनी कैंसर) की जटिलताएं - Kidney Cancer Complications in Hindi

गुर्दे के कैंसर की क्या जटिलताएं होती हैं ?

  1. यदि आपका पूरा गुर्दा या उसके किसी हिस्से को निकाला गया है और आपकी दूसरी किडनी आपके खून को साफ करने के लिए पर्याप्त रूप से काम नहीं कर पा रही है, तो आपको डायलिसिस या गुर्दे के प्रत्यारोपण की आवश्यकता होगी। यदि ऐसा होता है, तो आपको किडनी फेलियर में होने वाली की कुछ जटिलताओं हो सकती हैं।
  2. किडनी कैंसर आपके शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है या फिर से भी हो सकता है।
  3. गुर्दे के कैंसर की दवाएं और अन्य प्रकार के उपचार भी जटिलताएं पैदा कर सकते हैं।
  4. किडनी कैंसर से अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं जैसे -

(और पढ़ें - किडनी रोग)



संदर्भ

  1. National Health Service [Internet]. UK; Overview - Kidney cancer
  2. American Cancer Society. Risk Factors for Kidney Cancer. [Internet]
  3. Seth P Lerner et al. Kidney Cancer. Urol Oncol. Author manuscript; available in PMC 2015 May 5. PMID: 23218074
  4. Garfield K, LaGrange CA. Cancer, Renal Cell. In: StatPearls [Internet]. Treasure Island (FL): StatPearls Publishing; 2019 Jan-.
  5. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Kidney Cancer

गुर्दे का कैंसर (किडनी कैंसर) की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Kidney Cancer in Hindi

गुर्दे का कैंसर (किडनी कैंसर) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

गुर्दे का कैंसर (किडनी कैंसर) की खबरें

और न्यूज़ देखें

सम्बंधित लेख