आंख की आसपास की त्वचा बेहद कोमल और संवेदनशील होती है ऐसे में आंखों के आसपास सूजन होना काफी सामान्य है। आंखों में सूजन कई स्थितियों के कारण हो सकती है जैसे एलर्जी, बैक्टीरियल इंफेक्शन या वायरल इंफेक्शन जैसे कंजक्टिवाइटिस और ब्लेफेराइटिस (पलकों की सूजन), पलकों में जलन, लगातार आंख को रगड़ना, कीड़े के काटने, एंटीबायोटिक आई ड्रॉप से होने वाली ​​प्रतिकूल प्रतिक्रिया और कुछ बीमारी जैसे एडजॉइनिंग साइनस इंफेक्शन और पेरिओरबिटल सेलुलिटिस।

यदि आंखों में सूजन का समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो इससे दृष्टि की हानि और आंखों में दर्द जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, ज्यादातर मामलों में घर पर इस स्थिति का प्रबंधन किया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति घरेलू उपचार की सोच रहा है तो ऐसे में आंखों पर कोल्ड पैक लगाने से राहत मिल सकती है। इसके अलावा ओवर-द-काउंटर एंटी-इंफ्लेमेटरी आई ड्रॉप्स भी सूजन को कम करने में प्रभावी हैं।

आंखों में सूजन को कम करने में मदद करने वाले होम्योपैथिक उपचारों में एपिस मेलिफिका, आर्सेनिकम एल्बम, यूफ्रेशिया ऑफिसिनेलिस, कैलियम कार्बोनिकम, रस टॉक्सिकोडेंड्रोन, बेलाडोना, एथुसा सिनैपियम, सीनेगा और स्पिगेलिया एंथेलमिया शामिल हैं। होम्योपैथिक उपचार के साथ स्व-चिकित्सा करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें। एक योग्य चिकित्सक उपाय बताने से पहले रोगी की मानसिक और शारीरिक स्थिति के साथ-साथ व्यक्तिगत लक्षणों पर विचार करते हैं। यही कारण है कि होम्योपैथिक उपचार एक जैसी बीमारी वाले व्यक्तियों में एक जैसा असर नहीं करती है। प्रत्येक मरीज के लिए अलग उपाय हो सकता है।

  1. आंखों में सूजन के लिए होम्योपैथिक दवाएं - Ankhon me sujan ke liye homeopathic medicine
  2. होम्योपैथी के अनुसार आंखों में सूजन के लिए आहार और जीवन शैली में बदलाव - Ankhon me sujan ke liye khanpan aur jeevan shaili me badlav
  3. आंखों में सूजन के लिए होम्योपैथिक दवाएं और उपचार कितने प्रभावी हैं - Ankhon me sujan le liye homeopathic medicine kitni effective hai
  4. आंखों में सूजन के लिए होम्योपैथिक दवा के साइड इफेक्ट्स और जोखिम - Ankhon me sujan ke liye homeopathic medicine ke nuksan
  5. आंखों में सूजन के लिए होम्योपैथिक उपचार से संबंधित टिप्स - Ankhon me sujan ke liye homeopathic treatment se jude tips
आंखों की सूजन की होम्योपैथिक दवा और इलाज के डॉक्टर

एपिस मेलिफिका
सामान्य नाम :
दि हनी बी
लक्षण : एपिस मेलिफिका उन लोगों के लिए सर्वोत्तम है, जिन्हें गंभीर रूप से सूजन, जलन, संवेदनशीलता और खराश की समस्या है। यह ब्लेफेराइटिस के साथ निम्नलिखित लक्षणों का प्रबंधन भी कर सकता है :

  • स्टाई (पलक पर सूजन जिसमें मवाद जमा होता है)
  • कंजक्टिवाइटिस में होने वाली सूजन और लालिमा
  • सूजन के साथ-साथ आंखों में तेज और चुभन वाला दर्द
  • पलक में सूजन जिसमें जलन महसूस होती है
  • केराटाइटिस (कॉर्निया में सूजन)
  • मवाद के साथ आंख में सूजन
  • फोटोफोबिया (रोशनी के प्रति संवेदनशीलता)

यह लक्षण दोपहर में, सोने के बाद, गर्मी के संपर्क में आने पर, दाईं ओर लेटने या प्रभावित हिस्से को छूने से बिगड़ जाते हैं। जब रोगी ठंडे पानी से नहाता है या खुली हवा में कुछ समय बिताता है तो इन लक्षणों में सुधार होता है।

आर्सेनिकम एल्बम
सामान्य नाम :
आर्सेनियस एसिड
लक्षण : आर्सेनियस एसिड उन लोगों के लिए सबसे उपयुक्त है जो थोड़ी सी मेहनत करने के बाद भी जल्दी थक जाते हैं और जलन के सा​थ दर्द महसूस करते हैं। यह पलकों में सूजन को कम करता है। यह उपाय निम्नलिखित लक्षणों को ठीक करने में भी मददगार है :

  • पलकों में लालिमा व पपड़ी बनना, जिसमें खुजली हो सकती है
  • कॉर्निया और पलकों में अल्सर
  • प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
  • आंखों में जलन
  • आंखों के चारों ओर सूजन व साथ में आंसू बहना
  • सिलिअरी न्यूराल्जिया (सिरदर्द जो बार बार होता है)

यह लक्षण ठंडे भोजन और पेय पदार्थों का सेवन करने के बाद और बारिश के मौसम में, खासकर आधी रात के बाद  बदतर हो जाते हैं। गर्म पेय का सेवन करने और सिर ऊंचा रखने पर व्यक्ति को गर्म सिकाई से अस्थायी राहत मिलती है।

यूफ्रेशिया ऑफिसिनेलिस
सामान्य नाम :
आईब्राइट
लक्षण : यह उपाय आंखों में सूजन को कम करने में मदद करता है जो आंखों में पानी आने और अधिक मात्रा में आंसू निकलने जैसी स्थितियों से जुड़ा हो सकता है। इसके अलावा यह निम्नलिखित लक्षणों को कम करने में भी मदद करता है :

  • आंखों से डिस्चार्ज के साथ कंजक्टिवाइटिस
  • पलकों में सूजन जिसमें जलन महसूस होती है
  • कॉर्निया पर छोटे-छोटे फफोले
  • कॉर्निया पर चिपचिपा पदार्थ जमना
  • प्रभावित आंख से मोटा और अधिक मात्रा में डिस्चार्ज होना
  • रूमेटिक आईराइटिस 
  • आंखों में लगातार दबाव महसूस होना

यह लक्षण शाम के समय में, रोशनी के संपर्क में आने और गर्म वातावरण में खराब हो जाते हैं जबकि अंधेरे में और कॉफी पीने के बाद इनमें सुधार होता है।

कैलियम कार्बोनिकम
सामान्य नाम :
कार्बोनेट ऑफ पोटेशियम
लक्षण : कैलियम कार्बोनिकम उन लोगों के लिए सबसे उपयुक्त है जिन्हें कटने और तेज दर्द की समस्या होती है और जो लोग ठंड के मौसम को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं। यह निम्नलिखित लक्षणों के प्रबंधन में भी उपयोगी है :

  • सुबह के समय में पलकों में चिपचिपापन
  • अत्यधिक सेक्स के कारण आंखों की रोशनी कम होना
  • ऊपरी पलकों और ग्लाबेला में सूजन (ग्लाबेला भौं और नाक के बीच की त्वचा को ​कहते हैं)
  • आंख में चुभन जैसा एहसास
  • एस्थेनोपिया (आंखों में कमजोरी और खिंचाव)

यह लक्षण ठंड के मौसम में, सुबह के समय, कॉफी या सूप पीने के बाद, दर्द वाली तरफ या बाईं ओर लेटने और सेक्स के बाद लक्षण बिगड़ जाते हैं, जबकि गर्म मौसम में, दिन के समय और घूमते समय इनमें सुधार होता है।

रस टॉक्सीकोडेंड्रॉन
सामान्य नाम :
पॉइजन-आइवी
लक्षण : पॉइजन आईवी आंखों में सूजन का प्रबंधन करने के साथ-साथ निम्नलिखित लक्षणों को कम करने में भी मदद करता है :

  • आर्बिटल सेल्युलाइटिस (ऑर्बिटल सेप्टम के पीछे आंख के ऊतकों की सूजन)
  • आंखों में लालिमा के साथ सूजन
  • कॉर्निया में फोड़े
  • आईराइटिस (आईरिस की सूजन) के साथ मवाद बनना, नम और ठंडे वातावरण के संपर्क में आने पर आईराइटिस की समस्या होती है।
  • पलकों में सूजन और जलन
  • आंखें खोलने पर पानी निकलना
  • प्रभावित आंख को हिलाने या दबाने पर दर्द

यह लक्षण ठंड और बरसात के मौसम में, सोते समय और आराम करने के दौरान और दाहिनी तरफ या पीठ के बल लेटने से बिगड़ जाते हैं, जबकि शुष्क और गर्म मौसम में इन लक्षणों में सुधार होता है। इसके अलावा गर्म सिकाई से भी प्रभावित हिस्से में आराम मिलता है।

बेलाडोना
सामान्य नाम :
डेडली नाइटशेड
लक्षण : बेलाडोना बच्चों के लिए एक सर्वोत्तम उपचार के रूप में जाना जाता है। यह उन लोगों के लिए भी सबसे उपयुक्त है, जिन्हें चमकती चीजों को घूरने और प्रभावित हिस्सों में दर्द के साथ जलन की समस्या है। बेलाडोना आंख की सूजन को कम करने में प्रभावी है। इस उपाय का उपयोग करने वाले अन्य लक्षणों में शामिल है :

  • पलकों में सूजन
  • ऐसा महसूस होना जैसे आंखें आधी खुली हों
  • कंजंक्टिवा में जलन और लालिमा
  • रोशनी के प्रति संवेदनशीलता
  • आक्यूलर इल्यूजन (एक ऐसी स्थिति जो यह सिखाती है कि आंखें और मस्तिष्क एक साथ कैसे काम करते हैं)
  • पलकों में ऐंठन
  • आंखों में तेज दर्द
  • डिप्लोपिया (किसी एक वस्तु का दोहरा दिखाई देना)
  • भेंगापन

यह सभी लक्षण दोपहर में, प्रभावित हिस्से को छूने और लेटने पर खराब हो जाते हैं जबकि जब व्यक्ति सेमी इरेक्ट पोजिशन (लेटने व बैठने के बीच वाली स्थिति) में बैठा हो तो इन लक्षणों में सुधार होता है।

ऐथुसा साइनापियम
सामान्य नाम :
फूल पार्सले
लक्षण : ऐथुसा साइनापियम उन लोगों के लिए विशेष रूप से प्रभावी है, जिन्हें दूध पचाने की समस्या है। इसके अलावा यह निम्नलिखित लक्षणों से को भी ठीक करने में मददगार है :

  • मेबोमिअन ग्रंथियों में सूजन
  • रोशनी के प्रति संवेदनशीलता

शाम और गर्म मौसम में लक्षण बिगड़ जाते हैं, जबकि खुली हवा में इनमें सुधार होता है।

सेनेगा
सामान्य नाम :
स्नेकवॉर्ट
लक्षण : सेनेगा आंखों में सूजन और वृद्धि को कम करने के अलावा निम्नलिखित लक्षणों के प्रबंधन में भी सहायक है :

  • आंखों में सूखापन
  • आंखों में सूखापन और पपड़ी के साथ पलक की सूजन
  • आंखों का बड़ा महसूस होना
  • आंख का फड़कना, जिसमें व्यक्ति अपनी आंखों को बार-बार पोंछता रहता है
  • सही से न दिखना
  • दोहरी दृष्टि के साथ हाइपरफोरिया (ऐसी स्थिति जिसमें आराम करते समय आंखें सीधी तरफ प्वॉइंट नहीं कर पाती हैं) इस स्थिति में पीछे की ओर सिर झुकाने पर आराम मिलता है।  
  • मस्कुलर एस्थेनोपिया

यह लक्षण खुली हवा में चलने पर खराब होते हैं लेकिन जब मरीज अपने सिर को पीछे की ओर झुकाता है तो इन लक्षणों में सुधार होता है।

स्पाइगेलिया एंथेलमिया
सामान्य नाम :
पिंकरूट
लक्षण : स्पाइगेलिया एंथेलमिया उन लोगों में सबसे अच्छा काम करता है, जिन्हें छूने पर भी दर्द होता है। यह उन बच्चों में भी सूट करता है जिन्हें नाभि में तेज दर्द की शिकायत होती है। यह आंखों से जुड़े निम्नलिखित लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद करता है :

  • प्रभावित आंख में सूजन का एहसास
  • फोटोफोबिया (रोशनी के प्रति संवेदनशीलता)
  • रूमेटिक ऑफथेल्मिया (आंखों में सूजन)
  • आंखों के चारों ओर और आंख में तेज दर्द, खासकर जब रोगी अपनी आंख पर दबाव डालता है।
  • सिलिअरी न्यूराल्जिआ

यह लक्षण शोर की उपस्थिति में, प्रभावित हिस्से को छूने या धोने पर बढ़ जाते हैं, लेकिन जब मरीज​ अपने सिर को ऊंचा रखता है या दाहिने ओर लेटता है तो इनमें सुधार होता है।

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होम्योपैथिक चिकित्सा के संस्थापक डॉ. हैनीमैन ने सुझाव दिया है कि जो मरीज होम्योपैथिक उपचार लेना चाहते हैं, उन्हें अपने आहार और जीवनशैली में कुछ जरूरी दिशानिर्देशों का पालन करना जरूरी है। यह न सिर्फ उपचार का सर्वोत्तम लाभ दे सकता है बल्कि संपूर्ण स्वास्थ को भी बनाए रखने में मदद कर सकता है। होम्योपैथिक उपचार प्राकृतिक पदार्थों से बने होते हैं जिन्हें उपयोग में लाए जाने से पहले घुलनशील रूप दिया जाता है। ऐसे में गलत खानपान की वजह से इन दवाइयों का असर प्रभावित हो सकता है। 

क्या करना चाहिए

  • मन को शांत रखें।
  • अपने आसपास सफाई रखें।
  • गर्मी के मौसम में सूती और लेनिन कपड़ों का उपयोग करें।
  • एक सक्रिय जीवन शैली का पालन करें।

क्या नहीं करना चाहिए

  • ऐसी जड़ी-बूटियों और सब्जियों के सेवन से बचें जिनमें औषधीय गुण होते हैं।
  • लेटकर किताब न पढ़ें।

कंजक्टिवाइटिस जैसी स्थितियों के इलाज के लिए कई होम्योपैथिक उपचार उपलब्ध हैं। यह उपाय आंखों के विभिन्न हिस्सों जैसे कि मेबोमियन ग्रंथियों, कैंथि और आईबॉल में सूजन को कम करने में मदद करते हैं। पारंपरिक या प्रमाणिक उपचार की तुलना में होम्योपैथिक उपचार लंबे समय तक असर दिखाते हैं।

खास बात यह है कि इन दवाओं से किसी तरह की एलर्जी नहीं होती है और न ही तो यह शरीर को किसी प्रकार का नुकसान पहुंचाती हैं। हालांकि, आंखों में सूजन के इलाज के लिए होम्योपैथिक दवाओं को लेकर पर्याप्त वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं। वैसे कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि यह उपाय असरदार हैं।

ऑस्ट्रिया में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि एलर्जी को ठीक करने के मामले में होम्योपैथी दवाइयां असरदार हैं। इस अध्ययन में 40 प्रतिभागियों को शामिल किया गया था, जिन्हें एलर्जी कंजेक्टिवाइटिस, ब्रोन्कियल अस्थमा, न्यूरोडर्माेटाइटिस और एलर्जी राइनाइटिस के लक्षणों का पता चला था। सभी प्रतिभागियों को पारंपरिक और होम्योपैथिक उपचार दिए गए।

उपचार पूरा होने के बाद, 38 प्रतिशत लोगों ने यह जानकारी दी कि उन्हें पहले के मुकाबले दवाई की कम खुराक की जरूरत लगी, जबकि 21 रोगियों ने कम से कम एक पारंपरिक दवा को पूरी तरह से बंद कर दिया था। अध्ययन ने निष्कर्ष निकाला कि स्वास्थ्य देखभाल की लागत को कम करने और स्वास्थ्य लाभ को बढ़ावा देने के लिए पारंपरिक दवाओं के साथ-साथ होम्योपैथिक उपचार दिए जा सकते हैं।

होम्योपैथिक दवाएं प्राकृतिक उत्पादों से तैयार की जाती हैं। यह अत्यधिक पतली व घुलनशील रूप में होती हैं। सभी उम्र के लोग और यहां तक कि गर्भवती महिलाएं भी इन दवाओं का सुरक्षित रूप से इस्तेमाल कर सकती हैं। जब एक योग्य चिकित्सक के मार्गदर्शन में इन दवाइयों का सेवन किया जाता है, तो होम्योपैथिक उपचार के दुष्प्रभाव या तो नहीं होते या फिर न्यूनतम होते हैं। इन उपायों के साथ आहार और जीवनशैली में बदलाव की सख्त जरूरत होती है।

आंखों में सूजन एलर्जी से लेकर संक्रमण और आंखों में जलन जैसी कई स्थितियों के कारण हो सकती है। यदि समय पर इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो यह दृष्टि संबंधी समस्याओं और गंभीर मामलों में अंधापन का कारण बन सकता है। पारंपरिक रूप से आंखों में सूजन का इलाज अंतर्निहित स्थिति के आधार पर किया जाता है। इसमें आमतौर पर एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीबायोटिक आई ड्रॉप शामिल हैं। वैज्ञानिक प्रमाण बताते हैं कि आंखों में सूजन का इलाज करने के लिए पारंपरिक चिकित्सा के साथ-साथ होम्योपैथिक उपचार का सुरक्षित रूप से उपयोग किया जा सकता है। ध्यान रहे, इन दवाइयों का उपयोग केवल योग्य चिकित्सक के मार्गदर्शन के तहत ही करना चाहिए।

होम्योपैथी उपचार एक ऐसा ट्रीटमेंट है जिसमें किसी व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और बीमारी के लक्षणों के आधार पर दवाइयां निर्धारित की जाती हैं। यही कारण है कि होम्योपैथिक उपचार एक जैसी बीमारी वाले व्यक्तियों में एक जैसा असर नहीं करती हैं यह न सिर्फ बीमारी के लक्षणों में सुधार करता है बल्कि समग्र स्वास्थ को भी अच्छा करता है।

Dr. Rupali Mendhe

Dr. Rupali Mendhe

होमियोपैथ
21 वर्षों का अनुभव

Dr. Rubina Tamboli

Dr. Rubina Tamboli

होमियोपैथ
7 वर्षों का अनुभव

Dr. Anas Kaladiya

Dr. Anas Kaladiya

होमियोपैथ
5 वर्षों का अनुभव

Dr. Prabhash Kumar Chaudhari

Dr. Prabhash Kumar Chaudhari

होमियोपैथ
5 वर्षों का अनुभव

संदर्भ

  1. Seattle Children’s Hospital. Eye Swelling. Seattle, WA; [Internet]
  2. Gründling C, Schimetta W, Frass M et al. Real-life effect of classical homeopathy in the treatment of allergies: A multicenter prospective observational study. 2012 Jan;124(1-2):11-7. PMID: 22138796
  3. William Boericke. Homoeopathic Materia Medica. Kessinger Publishing: Médi-T 1999, Volume 1
  4. Wenda Brewster O’Reilly. Organon of the Medical art by Wenda Brewster O’Reilly. B jain; New Delhi
  5. British Homeopathic Association. Eye conditions. London; [Internet]
  6. The European Comittee for Homeopathy. Benefits of Homeopathy. Belgium; [Internet]
  7. Banerjee Kushal, Mathie Robert T, Costelloe Céire, and Howick Jeremy. Homeopathy for Allergic Rhinitis: A Systematic Review. The Journal of Alternative and Complementary Medicine. 2017 Jun;23(6).

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