दांत का मैल - Dental Plaque in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

August 13, 2018

December 18, 2023

दांत का मैल
दांत का मैल

दांत का मैल या प्लाक (Plaque) बैक्टीरिया से बनने वाली एक चिपचिपी तथा रंगहीन परत होती है जो आपके दांतों और मसूड़ों व दांतों के बीच लगातार बनती रहती है। प्लाक में वह बैक्टीरिया होते हैं जो दांतों में कैविटी और अन्य मसूड़ों के रोगों का कारण बनते हैं। जब आप कुछ खाते हैं तो बैक्टीरिया उस भोजन में से शुगर का इस्तेमाल एक प्रकार की एसिड बनाने के लिए करते हैं। यह ऐसिड दांतों की ऊपरी परत जिसे एनेमल (Enamel) कहा जाता है उस पर हमला करती है और परिणामस्वरूप दांतों में कैविटी (छेद या सुराग) बनने लग जाती है।

अगर दांत के मैल को नियमित रूप से ब्रश करके और फ्लॉसिंग (Flossing) करके साफ ना किया जाए, तो प्लाक यानि दांत के मैल में पाए जाने वाले बैक्टीरिया दांंतों में सड़न व मसूड़ों के रोग पैदा करते हैं। जब ये दांत व मसूड़ों के बीच जमा होते हैं अत्यधिक मात्रा में बैक्टीरिया और टार्टर बनने लगता है जिससे मसूड़ों के ऊतकों में सूजन, जलन, लालिमा पैदा हो जाती है और दर्द भी होने लगता है। सूजन व दर्द के कारण जिंजीवाइटिस (Gingivitis) व अन्य मसूड़ों से संबंधित रोग पैदा हो सकते हैं।

जब दांतों के मैल को दांतों से नहीं निकाला जाता और यह लंबे समय तक दांतों में जमा रहता है तो ऐसे में यह कठोर हो जाता है और कैलक्युलस के रूप में विकसित हो जाता है, अन्यथा इसे टार्टर के रूप में भी जाना जाता है। क्षतिग्रस्त मसूड़े लाल रंग के दिखने लग जाते हैं और यहां तक कि मसूड़ों से खून भी आने लग सकता है। दांत के मैल का लगातार जमा होते रहना दांत व मसूड़ों और दांत को सहारा प्रदान करने वाली हड्डी की संरचनाओं में नुकसान पहुंचा सकता है और साथ ही साथ अन्य स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं पैदा कर सकता है। जब एक बार दांत का मैल, कैलक्युलस में बदल जाता है तो इसको फ्लॉसिंग या ब्रश के द्वारा नहीं हटाया जा सकता। इसको हटाने के लिए दंत स्वास्थ्य विशेषज्ञ या इसको हटाने वाले विशेष उपकरणों की आवश्यकता पड़ती है।

दांत के मैल के लक्षण - Dental Plaque Symptoms in Hindi

दांत में मैल जमने के क्या लक्षण हो सकते हैं?

दांत का मैल या प्लाक पीले या हल्के पीले रंग का हो सकता है लेकिन यह रंगहीन भी हो सकता है जिसको देख पाना मुश्किल होता है। ‘प्लाक’ और ‘टार्टर’ इन दोनों शब्दों को एक दूसरे की जगह पर इस्तेमाल किया जा सकता है। क्योंकि ये दोनों शब्द काफी समान होते हैं और इनको एक दूसरे की जगह पर इस्तेमाल करने पर आमतौर पर कोई समस्या भी नहीं होती। हालांकि ये अलग-अलग चीजें हैं, दरअसल, प्लाक ही वह वास्तविक बैक्टीरिया है जो कैविटी और सड़न का कारण बनता है। वहीं आपके दांतों पर टार्टर दांतों में दाग, लार, भोजन, कचरा और जमी हुई कीट (Grime) के इकट्ठा होने के कारण बनता है। इन्हीं के चलते प्लाक को दांतों पर जमे रहने में मदद मिलती है। 

प्लाक बनने से निम्न समस्याएं हो सकती हैं:

  • जिंजीवाइटिस - प्लाक बैक्टीरिया जमा होने से मसूड़ों में सूजन, लालिमा व दर्द होने लगता है।
  • पायरिया - यदि मसूड़ों के रोग का बिना उपचार किए छोड़ दिया जाए तो यह पायरिया का कारण बन सकता है। (और पढ़ें - दांतों का पीलापन दूर करने के उपाय)
  • कैविटी - प्लाक में बैक्टीरिया द्वारा पैदा किया जाने वाला एसिड, पीएच (pH) के स्तर को कम कर देता है और आपके दांतों की परत (Enamel) को नष्ट कर देता है।
  • मुंह की बदबू - मुंह में कम स्वच्छता रखने के कारण प्लाक बनने से मुंह में दुर्गंध पैदा हो सकती है। (और पढ़ें - मुंह की बदबू का घरेलू उपाय)

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

  • अगर आपके दांतो में प्लाक मुश्किल से हटने वाले टार्टर में बदल गया है तो अपने डेन्टिस्ट को दिखाएं। दांतों के बाहर जो आपको पीले या सफेद रंग के धब्बे दिखाई देते हैं वही टार्टर होता है। इसे आमतौर पर डेन्टिस्ट द्वारा ही हटाया जाता है, क्योंकि यह काफी मजबूत और तेजी से दांतों की परत से चिपकने वाला एक पदार्थ होता है।
  • यदि इसको बिना उपचार किये ही छोड़ दिया जाए तो टार्टर के कारण मुंह में दुर्गंध और दांतों पर दाग पड़ जाते हैं। ऐसे में दांतो की परत का रंग ही पीला पड़ जाता है जिससे मरीज को काफी संकोच महसूस होता है।
  • टार्टर को घर पर नहीं हटाया जा सकता। इसको हटाने के लिए डेंटिस्ट का सहयोग लेना पड़ता है जो पेशेवर तरीके से सफाई करके इसे हटाते हैं।

(और पढ़ें - दांतों को खराब करने वाली गलतियां)

दांत के मैल के कारण - Dental Plaque Causes & Risk Factors in Hindi

दांत में मैल क्यों जमता है?

जब मुंह के अंदर लार, भोजन व अन्य द्रवों का मिश्रण बनता है तो मुंह में एक ऐसा वातावरण तैयार होता है जिसमें बैक्टीरिया आसानी से विकसित हो सकते हैं। ये बैक्टीरिया दांतो व मसूड़ों में जमा होने लगते हैं खासकर दांतों और मसूड़ों के बीच।

आम तौर पर कार्बोहाइड्रेट और शर्करा युक्त जैसे सुक्रोज और स्टार्च वाला वाले पदार्थ जो सॉफ्ट ड्रिंक और कैंडी में मिलते हैं, जिनसे कि दांतों पर मैल यानी प्लाक बनता है।  

अधिक मिठास वाले खाद्य पदार्थ जैसे केक, मिठाईयां और फल आदि भी दांत में मैल को बढ़ा सकते हैं।

कुछ निश्चित प्रकार के खाद्य पदार्थ खासकर कार्बोहाइड्रेट्स (शुगर और स्टार्च वाले खाद्य पदार्थ) दांतों पर मैल को बढ़ाने में खासे मददगार साबित होते हैं, ये खाद्य पदार्थ जैसे दूध, सोफ्ट ड्रिंक, केक और कैंडी आदि।

दांतों में मैल जमने का खतरा किन कारणों से बढ़ जाता है? 

  • स्नैक्स अधिक लेना
  • तंग या टेढ़े मेढ़े दांत
  • खराब मौखिक स्वच्छता
  • सिगरेट पीना या तंबाकू चबाना (और पढ़ें - सिगरेट पीने के नुकसान)

(और पढ़ें - बच्चों के लिए दांतों में कैविटी से बचने के उपाय)

दांत के मैल से बचाव - Prevention of Dental Plaque in Hindi

दांत में मैल बनने से बचाव कैसे किया जा सकता है?

उचित देखभाल द्वारा दांतों पर का मैल जमने से रोका जा सकता है, बस आपको निम्न बातों का ख्याल रखना होगा: 

  • आपके दांतों पर रोजाना जमने वाले मैल को हटाने के लिए दिन में कम से कम दो बार अच्छे से ब्रश करें।
  • शुगर व स्टार्च वाले खाद्य पदार्थों को सीमित मात्रा में ही खाएं खासकर चिपकने वाले भोजन या स्नैक्स आदि।
  • पेशेवर रूप से दांतों की सफाई और जांच के लिए नियमित रूप से डैंटल क्लीनिक जाने का कार्यक्रम बना कर रखें।
  • दिनभर में आप जितनी बार स्नैक्स लेते हैं उसकी संख्या में कमी करने की कोशिश करें।
  • दांतों के बीच और मसूड़ों की लाइन में फंसे मैल को निकालने के लिए फ्लॉसिंग (धागे से दांतो की सफाई करना) करें, क्योंकि यहां तक ब्रश नहीं पहुंच पाता।
  • स्वास्थ्यकर भोजन खाएं - स्वस्थ व संतुलित भोजन करना और भोजन के बाद ब्रश करने से दांत का मैल बनना कम हो जाता है। संतुलित भोजन खाएं और बीच में स्नैक्स आदि को अधिक बार ना खाएं। यदि आपको कुछ स्नैक्स लेने की जरूरत है तो पोषक खाद्य पदार्थों को चुनें जैसे साधारण दही, पनीर, फल और कच्ची खाई जाने वाली सब्जियां आदि।
  • फ्लोराइड वाले टूथपेस्ट - ब्रश करने के लिए एंटीबैक्टीरियल फ्लोराइड टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें। (और पढ़ें - टूथपेस्ट के फायदे)
  • दांत के मैल और टार्टर के जोखिम को कम करने के लिए धूम्रपान छोड़ दें।
  • तंबाकू उत्पादों का सेवन करने से बचें। 

(और पढ़ें - दांत दर्द के घरेलू उपाय)

दांत के मैल का परीक्षण - Diagnosis of Dental Plaque in Hindi

दांत में मैल की जांच कैसे की जाती है?

मसूड़ों के रोगों का पता करने के लिए डॉक्टर दांतों का एक पूर्ण परीक्षण करेंगे। अच्छी मौखिक स्वच्छता बनाए रखना और हर 6 महीने में दांतों के विशेषज्ञों से जांच करवाना महत्वपूर्ण होता है। दांतों के वे क्षेत्र जहां देख पाना कठिन है वहां पर प्लाक देखने के लिए डॉक्टर दंत दर्पण (Dental mirrors) का इस्तेमाल करते हैं, डेंटल स्केलर (प्लाक और टार्टर को हटाने वाला उपकरण) द्वारा प्लाक को इकट्ठा करने के दौरान भी दंत दर्पण का इस्तेमाल किया जा सकता है।

(और पढ़ें - दाढ़ के दर्द का इलाज)

पीरियोडेंटल प्रोब (दांतों का एक छोटा उपकरण) का प्रयोग करके दांतों और मसूड़ों के बीच मौजूद खाली जगह (सल्कस) को मापा जाता हैं। एक अच्छी सल्कस की पहचान यह है कि उसकी गहराई तीन मिलीमीटर या उससे कम ही होनी चाहिए और उसमें से खून नहीं आना चाहिए। पीरियोडेंटल प्रोब से यह पता लगाया जाता है कि कहीं यह गहराई तीन मिलीमीटर से अधिक तो नहीं। गौरतलब है कि दांतों की तकलीफ बढ़ने के साथ यह खाली जगह और इसकी गहराई भी बढ़ती जाती है।

प्लाक के परीक्षण और इलाज को सुनिश्चित करने के लिए आपके डेन्टिस्ट रिक्त स्थान की गहराई, रक्तस्त्राव की मात्रा, सूजन व जलन और दांत हिलना आदि की जांच करेंगे।

(और पढ़ें - दांतों में तार)

दांतों पर जमे मैल की जांच करने के लिए ऐसे प्रोडक्ट का प्रयोग किया जाता है जो जांच के दौरान दांत पर दाग छोड़ता हो। दांत का मैल या प्लाक एक बैक्टीरिया से बनी परत होती है जो दांतों, मसूड़ो के अंदर और दांतों व मसूड़ों के बीच के रिक्त स्थान में चिपकी होती है।

यदि आप जानना चाहते हैं कि घर पर आप अपने दांत के मैल ठीक से हटा पा रहे हैं या नहीं तो प्लाक डिस्क्लोजिंग (प्लाक दिखाने वाली) टेबलेट का इस्तेमाल करें। ये टेबलेट प्लाक को दाग का रूप दे देती हैं, ये स्थानीय मेडिकल स्टोर से मिल जाती हैं हालांकि किसी भी प्रकार की दवा लेने से पहले डेन्टिस्ट से बात कर लें। प्लाक को दाग के रूप में प्रकट करने से यह जानना आसान हो जाता है कि आपको किस क्षेत्र में बेहतर तरीके से ब्रश और फ्लॉसिंग करने की आवश्यकता है, जिसकी मदद से आप घर पर ही दांत के मैल को हटा सकते हैं। टेबलेट द्वारा बनाए गए दाग ब्रश द्वारा आसानी से चले जाते हैं। दाग की मदद से आप यह देख पाते हैं कि आप कितने अच्छे से ब्रशिंग और फ्लॉसिंग कर रहे हैं।

उत्पाद जिनको घर पर उपयोग किया जा सकता है –

  • डिस्क्लोजिंग टेबलेट
  • डिस्क्लोजिंग सोलूशन

ये प्रोडक्ट उस प्लाक पर दाग लगा देते हैं, जो मसूड़ों की परतों और दांतों के बीच ब्रश व फ्लॉसिंग करते समय आपकी नजरों से बच गया था।

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दांत के मैल का इलाज - Dental Plaque Treatment in Hindi

दांत में प्लाक का उपचार कैसे करें?

दांत से मैल और टार्टर को हटाना आवश्यक होता है क्योंकि इससे दांतों में सड़न व मसूड़ों के रोग होने के जोखिम बढ़ जाते हैं। यदि इसे बिना उपचार किए छोड़ दिया जाए तो क्रोनिक जिंजीवाइटिस और डिजेनरेटिव टूथ लॉस (Degenerative tooth loss) हो सकता है। जिन लोगों को स्वास्थ्य संबंधी अंतर्निहित समस्या है उनके लिए परिणाम काफी गंभीर हो सकते हैं।

(और पढ़ें - आयल पुल्लिंग के फायदे)

सही तरीके के साथ दिन में कम से कम दो बार ब्रश करें:

  • जब आप ब्रश कर रहे होते हैं तो ब्रश को 45 डिग्री के कोण पर मसूड़ों पर लगाकर हल्के-हल्के ब्रश करें।
  • दांत की चौड़ाई के अनुसार ब्रश को हल्के-हल्के गोलाई में घुमाकर ब्रश करें
  • ब्रश के साथ पूरे मुंह की सफाई करने की कोशिश करें, दांतों का अंदरुनी और बाहरी तथा ऊपर-नीचे की परत को हल्के ब्रश के साथ रोजाना साफ करें।
  • बैक्टीरिया को बाहर निकालने और सांस की बदबू को दूर करने के लिए जीभ पर ब्रश करें।
  • ब्रश करते समय पूरे 2 मिनट का समय लगाएं।

दांतों के बीच की सफाई:

सिर्फ दांत ही ऐसी जगह नहीं है जहां पर मैल इकट्ठा होता है। मैल आपके दांतों की बीच की जगह में भी छिप सकता है। इसको निकालने के लिए फलॉसिंग (धागे से दांतों की सफाई करना) या इस जैसे अन्य उपकरणों का इस्तेमाल करें।

माउथवॉश का इस्तेमाल करना:

क्लोरेक्साइडिन एक सामान्य रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला एंटीसेप्टिक माउथवॉश है। यदि आपको इसका उपयोग करने की सलाह दी जाती है तो आपको अपने दांतों को ब्रश करने और क्लोरेक्साइडिन का उपयोग करने के बीच के समय में पानी के साथ अपने मुंह को कुल्ला करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि टूथपेस्ट में कुछ ऐसे तत्व हो सकते हैं, जो क्लोरेक्साइडिन को निष्क्रिय कर देते हैं। क्लोरेक्साइडिन को लगातार 7 से 10 दिन या उससे अधिक समय तक इस्तेमाल करने से दांतों में भूरे रंग के दाग पड़ सकते हैं। इस दाग को डेन्टिस्ट या डेन्टल हाईजीनिस्ट आसानी से पॉलिश करके साफ कर देते हैं। दाग को निम्न की मदद से कम किया जा सकता है:

  • क्लोरेक्साइडिन का इस्तेमाल करने से पहले ब्रश करना (लेकिन बाद में ब्रश न करें)
  • क्लोरेक्साइडिन का इस्तेमाल करने के 2-3 घंटे बाद तक ऐसे पेय पदार्थ ना पिए जिनमें टेनिन (Tannin) होता है (उदाहरण के लिए चाय या कॉफी)
  • उच्च शक्ति के सोलूशन की जगह पर 0.2 प्रतिशत सोलूशन का प्रयोग करें।

अपने आहार की में शुगर और स्टार्च की मात्रा को कम करें:

जब आप भोजन करना बंद करते हैं, तो बैक्टीरिया मुंह में बचे शुगर में पहुंच जाते हैं और उसे खाने लगते हैं। भोजन में जितना मीठा होगा, आपको ब्रश करते समय उतने ही अधिक बैक्टीरिया से निपटना पड़ेगा। मीठे खाद्य पदार्थ अम्लीय (Acidic) होते हैं जो सड़न पैदा करते हैं। उन्हें जितना हो सके कम मात्रा में खाएं, ऐसा करके आप दांत संबंधी समस्याओं से बचे रहेंगे।

(और पढ़ें - दांतों का पीलापन दूर करने के उपाय)

सबसे गंभीर कारण जिनमें निम्न शामिल हैं:

  • स्टार्च वाले खाद्य पदार्थ जैसे ब्रैड और आलू के चिप्स
  • चिपचिपी कैंडी जो दांतों में चिपकती है
  • कार्बोनेटेड सोफ्ट ड्रिंक
  • शराब

जब आप ऊपरोक्त खाद्य पदार्थों में से किसी का सेवन करते हैं, तो भोजन के फंसे हुऐ टुकड़ों को निकालने के लिए और मुंह को नम रखने के लिए खूब मात्रा में पानी पिएं। भोजन करने के समय के बीच में स्नैक ना लें और अपने दांतों को सफेद रखने के लिए खाना खाने के बाद ब्रश करें। यदि आप कहीं ऐसी जगह पर खा रहें है जहां आप ब्रश नहीं कर सकते तो शुगरलेस (शक्कर रहित) चुइंगम चबाएं।

नियमित रूप से पेशेवर (विशेषज्ञ) से सफाई करवाते रहें:

भले ही घर पर आप सख्त मौखिक स्वच्छता का रुटीन अपनाते हैं, फिर भी आपको हर 6 महीने में एक बार डेंन्टिस्ट से चेकअप करवाना चाहिए। एक डेंन्टिस्ट ही आपको आपके दांतों के लिए संपूर्ण और मानकों के मुताबिक सफाई प्रदान कर सकता है, जिसकी मदद से आप जिद्दी टार्टर और आसानी से नजर न आ पाने वाले प्लाक से छुटकारा पा सकते हैं।

अक्सर डेंन्टिस्ट के पास जाते रहें:

आपके प्लाक की ज्यादातर रोकथाम आपकी दिनचर्या के दौरान ही की जाती है। फिर भी साल में कम से कम दो बार डेन्टिस्ट से दांतों का चेक-अप करवाना जरूरी होता है।

इसके अलावा जो दाग आपकी पहुंच से दूर हैं या आपको दिखाई नहीं दे रहे, उनको एक बड़ी समस्या बनने से पहले ही डेन्टिस्ट उनका पता लगा लेते हैं।

(और पढ़ें - दांतों के संक्रमण का इलाज)

दांत के मैल की जटिलताएं - Dental Plaque Complications in Hindi

दांत में मैल जमने से क्या समस्याएं हो सकती हैं?

दांत का मैल मसूड़ों के रोगों के विकसित करता है। मसूड़ों में लंबे समय तक संक्रमण रहने के चलते दांत निकलवाने जैसी समस्याएं सामने आ सकती है। अध्ययन से पता चला है कि मुंह के संक्रमण और डायबिटीज, हृदय रोगों और समय से पहले जन्म लेना जैसी स्थितियों से इस दांत विकार का संबंध हो सकता है।

  • हृदय रोग - जिंजीवाइटिस के चलते धमनियां रुकने और खून के थक्के बनने जैसी समस्याएं भी जन्म ले सकती हैं। अध्ययनों से पता चला की मुंह के बैक्टीरिया पूरे शरीर में सूजन व जलन आदि फैला सकते हैं, जिसमें धमनियां भी शामिल हैं। कुछ अध्ययनों के अनुसार मसूड़ों का संक्रमण भी स्ट्रोक व हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाने वाले कारकों से जुड़ा है। संक्रमण जितना बड़ा होता है, जोखिम उतने ही अधिक होते हैं। (और पढ़ें - दिल की बीमारी का इलाज)
  • डायबिटीज - यदि आपको डायबिटीज की समस्या है तो आपमें मसूड़ों के रोग होने का खतरा बहुत अधिक हैं। शोध से पता लगा है कि लंबे समय से चली आ रही मसूड़ों की दिक्क्त के कारण शरीर में पनपी डायबिटीज को नियंत्रण में करना और भी मुश्किल हो जाता है। इस संक्रमण के चलते डायबिटीज से जुड़ी इन्सुलिन की प्रतिरोधी क्षमता पर बेहद नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। (और पढ़ें - डायबिटीज में परहेज)
    क्या आप भी डायबिटीज की समस्या का सामना कर रहे है?अगर हां तो आज ही आर्डर करे myUpchar Ayurveda Madhurodh डायबिटीज टैबलेटऔर सकारात्मक परिणाम देखें।
  • समय से पहले जन्म - मुंह के बैक्टीरिया मां के रक्तस्त्राव के माध्यम से गर्भनाल (Placenta) तक पहुंच सकते हैं और भ्रूण के विकास को बधित कर सकते हैं। इसके अलावा मुंह के संक्रमण के चलते होने वाली मां को कई बार बेहद जल्दी जल्दी और आम तौर पर ऐसा लगने लगता है कि वह लेबर पेन में जाने वाली है यानी कि उसे बच्चा होने वाला है। ऐसा होने के चलते कई बार संभावित रूप से समय से पहले बच्चे को जन्म देने जैसी जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। (और पढ़ें - समय से पहले बच्चे का जन्म)


संदर्भ

  1. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Dental plaque identification at home.
  2. National Institutes of Health; National Institute of Dental and Craniofacial Research. [Internet]. U.S. Department of Health & Human Services; PLAQUE: What it is and how to get rid of it?.
  3. Seneviratne CJ et al. Dental plaque biofilm in oral health and disease. Chin J Dent Res. 2011;14(2):87-94. PMID: 22319749
  4. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Oral Health Conditions.
  5. Philip D Marsh. Dental plaque as a biofilm and a microbial community – implications for health and disease. BMC Oral Health. 2006; 6(Suppl 1): S14. PMID: 16934115

दांत का मैल की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Dental Plaque in Hindi

दांत का मैल के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।