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Deriphyllin डॉक्टर के द्वारा निर्धारित की जाने वाली दवा है, जो मेडिकल स्टोर से इंजेक्शन, टैबलेट, सिरप दवाओं के रूप में मिलती है। इस दवा का उपयोग विशेष रूप से सीओपीडी, दमा का इलाज करने के लिए किया जाता है। Deriphyllin का उपयोग कुछ अन्य स्थितियों के लिए भी किया जा सकता है, जिनके बारे में नीचे बताया गया है।
Deriphyllin की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। इसकी खुराक मरीज की समस्या और दवा देने के तरीके पर भी आधारित की जाती है। इस बारे में और अधिक जानने के लिए खुराक वाले खंड में पढ़ें।
Deriphyllin के कुछ अन्य नुकसान भी हैं जो साइड इफेक्ट के खंड में लिखे गए हैं। Deriphyllin के ये दुष्प्रभाव आमतौर पर अस्थायी होते हैं और इलाज के पूरा होने के साथ ही समाप्त हो जाते हैं। अगर ये दुष्प्रभाव और ज्यादा बिगड़ जाते हैं या ठीक नहीं होते तो अपने डॉक्टर से तुरंत बात करें।
इसके अलावा Deriphyllin को गर्भावस्था के दौरान लेने पर प्रभाव गंभीर होता है और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए इसका प्रभाव गंभीर है। यहां पर ये जानना जरूरी है कि Deriphyllin का किडनी, लिवर या हार्ट पर कोई प्रभाव पड़ता है या नहीं। इस तरह के दुष्प्रभाव अगर कोई हैं तो इससे जुड़ी जानकारी Deriphyllin से जुड़ी चेतावनी सेक्शन में दी गई है।
यदि किसी व्यक्ति को पेट में अल्सर जैसी कोई समस्या है, तो उसे Deriphyllin दवा नहीं लेनी चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। आगे ऐसी अन्य समस्याएं भी बताई गई हैं जिनमें Deriphyllin लेने से आपको दुष्प्रभाव अनुभव हो सकते हैं।
Deriphyllin के साथ कुछ अन्य दवाएं लेने से शरीर में गंभीर प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं। नीचे ऐसी दवाओं की पूरी लिस्ट दी गई है।
इन सभी सावधानियों के अलावा याद रखें कि वाहन चलाते समय Deriphyllin को लेना सुरक्षित है, साथ ही इस की लत लगने की संभावना है।
Deriphyllin इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
अन्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Deriphyllin की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Deriphyllin की खुराक अलग हो सकती है।
दवाई की खुराक बीमारी और उम्र के हिसाब से जानें
आयु वर्ग | खुराक |
क्या Deriphyllin का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
Deriphyllin गर्भवती महिलाओं पर बुरा असर दिखाती है। इस कारण इसका सेवन डॉक्टरी सलाह के बाद ही करें। अपनी इच्छा से इसको लेना हानिकारक हो सकता है।
क्या Deriphyllin का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
स्तनपान कराने वाली महिलाओं को Deriphyllin लेने के बाद कई तरह के विपरीत प्रभावों का भी सामना करना पड़ता है। इसीलिए डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद ही आपको इसका सेवन करना चाहिए।
Deriphyllin का प्रभाव गुर्दे पर क्या होता है?
Deriphyllin का हानिकारक प्रभाव बहुत कम है, इसलिए इसे बिना डॉक्टर की सलाह के भी ले सकते हैं।
Deriphyllin का जिगर (लिवर) पर क्या असर होता है?
Deriphyllin का सेवन करने से आपके लीवर पर हानिकारक परिणाम दिख सकते हैं, ऐसा ही कुछ आप भी महसूस करें तो दवा को लेने से बचें और अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें।
क्या ह्रदय पर Deriphyllin का प्रभाव पड़ता है?
हृदय पर Deriphyllin विपरित परिणाम भी डाल सकती है, आप इसके हानिकारक प्रभाव महसूस करें तो सबसे पहले दवा लेना बंद करें। इसके बाद इस बारे में अपने चिकित्सक से सलाह लें।
Deriphyllin को इन दवाइयों के साथ लेने से गंभीर दुष्प्रभाव या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं -
गंभीर
मध्यम
हल्का
अगर आपको इनमें से कोई भी रोग है तो, Deriphyllin को न लें क्योंकि इससे आपकी स्थिति और बिगड़ सकती है। अगर आपके डॉक्टर उचित समझें तो आप इन रोग से ग्रसित होने के बावजूद Deriphyllin ले सकते हैं -
क्या Deriphyllin आदत या लत बन सकती है?
Deriphyllin की लत नहीं लगती, लेकिन फिर भी आपको इसे लेने से पहले सर्तकता बरतनी बेहद जरूरी है और इस विषय पर डॉक्टरी सलाह अवश्य लें।
क्या Deriphyllin को कुछ खाद्य पदार्थों के साथ लेने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है?
शोध कार्यों न हो पाने के कारण इस बारे में कहना मुश्किल है कि Deriphyllin और खाने को साथ में लेने से क्या असर होगा।
जब Deriphyllin ले रहे हों, तब शराब पीने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्या?
Deriphyllin का शरीर पर क्या असर होता है इस बारे में कुछ कह पाना मुश्किल है। इस पर कोई रिसर्च नहीं हो पाई है।
इस जानकारी के लेखक है -
B.Pharma, फार्मेसी
5 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
US Food and Drug Administration (FDA) [Internet]. Maryland. USA; Package leaflet information for the user; Theophylline
KD Tripathi. [link]. Seventh Edition. New Delhi, India: Jaypee Brothers Medical Publishers; 2013: Page No 224-227