myUpchar Call

आमतौर पर स्पर्म और सीमेन में कोई अंतर नहीं किया जाता. बेशक, इन दोनों का मतबल अलग-अलग है, लेकिन ये दोनों एक-दूसरे का हिस्सा है. सीमेन जहां सफेद लिक्विड तरल पदार्थ के रूप में दिखाई देता है, वहीं स्पर्म को बिना माइक्रोस्कोप के देखना संभव नहीं. प्रजनन में सीमेन के मुकाबले स्पर्म का रोल अहम होता है. स्पर्म को शुक्राणु और सीमेन को वीर्य के नाम से भी जाना जाता है.

आज इस लेख में आप सीमेन और स्पर्म के बीच का अंतर समझ पाएंगे -

(और पढ़ें - शुक्राणु बढ़ाने के लिए क्या खाएं)

  1. स्पर्म व सीमेन के बीच का अंतर
  2. सीमेन क्या है?
  3. स्पर्म क्या है?
  4. सारांश
यौन रोग के डॉक्टर

सीमेन सफेद रंग का तरल पदार्थ होता है, जो पुरुषों के लिंग से सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान डिस्चार्ज होने पर निकलता है. वहीं, स्पर्म पुरुषों की प्रजनन कोशिकाएं होती हैं, जो सफेद तरल पदार्थ के अंदर मौजूद होती हैं. सीमेन के अंदर अनगिनत स्पर्म मौजूद होते हैं. ये सीमेन का सिर्फ एक घटक हैं. यदि स्पर्म की क्वालिटी अच्छी न हो या स्पर्म काउंट कम हो, तो इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है. इसलिए, पेरेंट्स बनने के लिए हेल्दी स्पर्म होना जरूरी है.

(और पढ़ें - वीर्य गाढ़ा करने व बढ़ाने के उपाय)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

सीमेन के बारे में नीचे क्रमवार तरीके से बताया गया है -

  • सीमेन वास्तव में मैच्योर स्पर्म और प्रोस्टेट में बनने वाले तरल पदार्थ का संयुक्त रूप होता है.
  • सीमेन में शुगर, प्रोटीन, कुछ विटामिन व मिनरल सहित कई तत्व मौजूद होते हैं.
  • सीमेन एक टेलविंड है जो स्पर्म को प्रजनन के उद्देश्य से अंडे तक पहुंचने में मदद करता है. बिना सीमेन की मदद के स्पर्म सिर्फ हवा में तैरते रहते हैं.
  • सीमेन का निर्माण एक लंबी प्रक्रिया के तहत होता है. आमतौर पर पुरुष एक बार इजेकुलेट होने पर औसतन एक टेबल स्पून जितना सीमेन निकलता है, लेकिन कई चीजें इस क्वांटिटी को प्रभावित भी कर सकती है, जैसे - धूम्रपान, खराब डाइट, आनुवंशिक व स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं इत्यादि.
  • यदि पुरुष कुछ दिनों तक इरेक्ट नहीं होते हैं, तो मास्टरबेशन या सेक्‍स के दौरान सीमेन की क्वांटिटी अधिक हो सकती है. ऐसा माना जाता है कि पुरुष 30 की उम्र के आसपास सबसे अधिक सीमेन का उत्पादन करते हैं.

(और पढ़ें - शुक्राणु बढ़ाने के घरेलू उपाय)

यह स्पष्ट हो चुका है कि सीमेन के अंदर ही स्पर्म होते हैं, जिन्हें देखा नहीं जा सकता है. स्पर्म के बारे में और जानकारी नीचे दी गई है -

  • स्पर्म यानी शुक्राणुओं को सिर्फ माइक्रोस्कोप से ही देखा जा सकता है.
  • औसतन स्पर्म 4.3 माइक्रोमीटर (माइक्रोन) लंबा व 2.9 माइक्रोन चौड़ा होता है.
  • प्रति मिलीलीटर सीमेन में 15 मिलियन से लेकर 200 मिलियन से अधिक स्पर्म काउंट हो सकते हैं, इसे सामान्य स्पर्म काउंट माना जाता है.
  • प्रजनन प्रणाली संबंधी समस्याओं व मेडिकल प्रॉब्लम्स से लेकर लाइफस्टा‍इल तक स्पर्म की क्वालिटी और क्वांटिटी को प्रभावित कर सकता है.
  • स्पर्म महिला के शरीर में लगभग 5 दिन तक जीवित रह सकते हैं. वहीं, बाहर के वातावरण में ये कुछ ही मिनटों में मर जाते हैं.
  • स्पर्म बनने की पूरी प्रक्रिया में तकरीबन 74 दिन का समय लगता है, लेकिन पुरुष के इजेकुलेट करने के बाद भी कुछ मात्रा में स्पर्म शरीर के अंदर ही रहते हैं. उम्र बढ़ने के साथ-साथ स्पर्म की गुणवत्ता और गतिशीलता में गिरावट आ सकती है, खासकर 50 की उम्र के बाद.

(और पढ़ें - शुक्राणु की कमी का आयुर्वेदिक इलाज)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas T-Boost Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शुक्राणु की कमी, मांसपेशियों की कमजोरी व टेस्टोस्टेरोन की कमी जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

सीमेन और स्पर्म में बहुत अंतर है. बेशक दोनों के पुरुषों के शरीर से बाहर निकलने का एक ही तरीका है. दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं लेकिन फिर भी दोनों का काम अलग-अलग है. सीमेन जहां स्पर्म को अंडे तक ले जाने का काम करता है, वहीं स्पर्म भ्रूण को विकसित करने में अहम रोल निभाता है. बिना सीमेन की मदद के स्पर्म अंडे तक नहीं पहुंच सकते. स्पर्म काउंट मिलियंस में होते हैं, तो सामान्य स्थिति है. वहीं, सीमेन एक टेबलस्पून जितना होना सामान्य स्थिति है. सीमेन को आसानी से सफेद रंग के लिक्विड में देखा जा सकता है, जबकि स्पर्म को बिना माइक्रोस्कोप की मदद के देखना संभव नहीं है.

(और पढ़ें - स्पर्म डोनेशन कब और कैसे करें)

Dr. Ajaz  Khan

Dr. Ajaz Khan

सेक्सोलोजी
13 वर्षों का अनुभव

Dr. Shiv Prakash Singh

Dr. Shiv Prakash Singh

सेक्सोलोजी
15 वर्षों का अनुभव

Dr. Gaurav Kulkarni

Dr. Gaurav Kulkarni

सेक्सोलोजी
15 वर्षों का अनुभव

Dr. Pradeep T.Goud

Dr. Pradeep T.Goud

सेक्सोलोजी
32 वर्षों का अनुभव

ऐप पर पढ़ें