प्रोजेस्टेरोन टेस्ट क्या है?
खून में प्रोजेस्टेरोन के स्तर की जांच प्रोजेस्टेरोन टेस्ट द्वारा की जाती है। प्रोजेस्टेरोन एक हार्मोन है जो कि महिलाओं के शरीर में अंडाशय द्वारा बनाया जाता है। गर्भवती महिलाओं में ये हार्मोन गर्भनाल द्वारा बनाया जाता है। इस हार्मोन का मुख्य कार्य गर्भाशय को गर्भावस्था के लिए तैयार करना, गर्भावस्था को सहारा देना और लैक्टेशन (दूध स्रावित होने की प्रक्रिया) के दौरान दूध बनाने में मदद करना है।
महिला के शरीर में ओवुलेशन के बाद प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ता है, जिसका मतलब है मासिक धर्म चक्र के दूसरे भाग में। इस समय गर्भाशय की परत मोटी होने लगती है, ताकि गर्भ धारण के लिए इंप्लांटेशन हो सके। अगर कन्सेप्शन (गर्भ धारण) नहीं होता तो प्रोजेस्टेरोन का स्तर गिर जाता है और मासिक धर्म हो जाता है। यदि गर्भ धारण हो जाता है तो प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ने लगता है। ये स्तर गर्भावस्था के दौरान घटते-बढ़ते रहते हैं, इसीलिए डॉक्टर महिला के प्रजनन की अवधि में प्रोजेस्टेरोन के स्तर की जांच कई बार करने की सलाह दे सकते हैं।
किसी विशेष समय पर प्रोजेस्टेरोन का स्तर गर्भावस्था के असफल होने का, ओवुलेशन का या एक्टोपिक प्रेगनेंसी का संकेत दे सकते हैं। प्रोजेस्टेरोन के स्तर गर्भावस्था में मां के स्वास्थ्य से जुड़े भी हो सकते हैं और इस प्रकार ये सही और स्पष्ट इलाज के बारे में भी बता सकते हैं।