टोक्सोप्लास्मा टेस्ट क्या है?

टोक्सोप्लास्मोसिस एंटीबॉडी टेस्ट मुख्य रूप से टोक्सोप्लास्मोसिस का परीक्षण  करने के लिए किया जाता है। यह टोक्सोप्लास्मा गोंडाई पैरासाइट से फैलता है। टी. गोंडाई के अंडे संक्रमित बिल्ली की आंत में मौजूद होते हैं। बिल्ली के मल की मदद से ये अंडे मिट्टी को दूषित कर देते हैं। टी. गोंडाई मनुष्य के शरीर में कम पकी हुई या कच्ची सब्जियों, मांस और बकरी के नॉन-पाश्चुरीकृत दूध आदि से आते हैं जो बैक्टीरिया के अंडे से दूषित होते हैं। यदि माता गर्भावस्था के दौरान टी. गोंडाई से संक्रमित है तो ये बच्चे के अंदर भी जा सकता है। टोक्सोप्लास्मा का संक्रमण बच्चे में गंभीर जन्मजात विकार पैदा कर सकता है इससे बच्चे का केंद्रीय तंत्रिका तंत्र व आंखें प्रभावित हो सकती हैं। इस संक्रमण से बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है। एक शोध के अनुसार, भारत में प्रजनन उम्र की 77 प्रतिशत महिलाएं और 45 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं टी. गोंडाई से संक्रमित होती हैं। 

टोक्सोप्लास्मोसिस एंटीबॉडी टेस्ट टी. गोंडाई के संक्रमण की प्रतिक्रिया में शरीर द्वारा बनाए गए एंटीबॉडीज (आईजीजी और टोक्सोप्लास्मा-विशेष आईजीएम) की जांच करता है। कुछ मामलों में पॉलीमरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) टेस्ट का प्रयोग लिम्फ नोड्स के बायोप्सी सेंपल में टोक्सोप्लाज्मोसिस के डीएनए या जेनेटिक पदार्थों का पता लगाने के लिए किया जाता है।

  1. टोक्सोप्लास्मा टेस्ट क्यों किया जाता है - Toxoplasma Test Kyu Kiya Jata Hai
  2. टोक्सोप्लास्मा टेस्ट से पहले - Toxoplasma Test Se Pahle
  3. टोक्सोप्लास्मा टेस्ट के दौरान - Toxoplasma Test Ke Dauran
  4. टोक्सोप्लास्मा टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज - Toxoplasma Test Result and Normal Range

टोक्सोप्लास्मा टेस्ट किसलिए किया जाता है?

टोक्सोप्लास्मोसिस  एंटीबॉडी टेस्ट व्यक्ति में निम्न लक्षण दिखने पर किया जाता है:

  • शरीर में दर्द के साथ बुखार और गले, कानों के पीछे या पूरे शरीर के लिम्फ नोड्स (फली की आकृति का एक ढांचा जो कि प्रतिरक्षा प्रणाली का प्रकार होता है, ये पूरे शरीर में फैला होता है) में सूजन होना। 
  • बुखार के साथ या बुखार के बिना भी लिम्फ नोड्स में सूजन 
  • गले में खराश
  • किसी बीमारी के ठीक होने के बाद बार-बार बुखार और लिम्फ नोड्स में सूजन होना।
  • गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों आदि में फ्लू की तरह के लक्षण दिखना और साथ में लिम्फ नोड्स में सूजन होना। 
  • छोटे बच्चों में जन्म के बाद आँखों में सूजन (रेटिनोकरोडाइटिस) होना। 
  • कुछ दुर्लभ मामलों में शरीर के विभिन्न भागों में सूजन हो जाती है जैसे लिवर, हृदय, फेफड़े और मस्तिष्क (मैनिंजाइटिस), विशेषकर उन लोगों में जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है। 

गर्भवती महिलाओं में टी. गोंडाई के संक्रमण का पता लगाने के लिए गर्भावस्था के बीसवें हफ्ते में टोक्सोप्लास्मोसिस एंटीबॉडी टेस्ट एक स्क्रीनिंग टेस्ट के रूप में किया जाता है।

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टोक्सोप्लास्मा टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

इस टेस्ट के लिए भूखे रहना जरूरी नहीं है। 

जो व्यक्ति टेस्ट करवाने जा रहा है उसने यदि कच्चा खाना (फल, सब्जी आदि) या कम पका हुआ (मांस, सब्जी आदि) खाना खाया है तो इसके बारे में पूरी जानकारी डॉक्टर को दें। अगर आप अक्सर बिल्ली के संपर्क में रहते हैं, जैसे बिल्ली के साथ खेलना या उन्हें अपने हाथों में उठाना, तो इसके बारे में भी डॉक्टर को बताएं।

टोक्सोप्लास्मा टेस्ट कैसे किया जाता है?

मरीज की बांह की नस में सुई लगाकर ब्लड सैंपल ले लिए जाता है। इसके बाद सैंपल को लाल रंग के ढक्कन वाली शीशी में रखकर लैब में टेस्ट के लिए भेज दिया जाता है।

लैब में टेस्ट के लिए सैंपल पहुंचने के बाद टोक्सोप्लास्मोसिस एंटीबॉडी टेस्ट के परिणाम आने में तीन से पांच दिन का समय लगता है।

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टोक्सोप्लास्मा टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब है?

रक्त में आईजीजी और आईजीएम एंटीबॉडीज की जांच के लिए इनडायरेक्ट फ्लोरोसेंट एंटीबॉडी टेस्ट का प्रयोग किया जाता है। आईजीजी एंटीबॉडीज के उच्च स्तर या टिट्रे हाल ही में हुए या एक्यूट संक्रमण को दिखाते हैं। 

आईजीजी एंटीबॉडी टेस्ट के परिणाम पॉजिटिव आते हैं तो इसका मतलब है कि व्यक्ति को पहले कभी संक्रमण हुआ है। 

कमजोर प्रतिरक्षा प्राणली वाले लोगों में टी. गोंडाई के अनुवांशिक पदार्थ की जांच के लिए पीसीआर की मदद से टोक्सोप्लास्मा डीएनए टेस्ट किया जाता है। 

पीसीआर की मदद से टोक्सोप्लाज्मा डीएनए टेस्ट किया जाता है, जिसकी मदद से उन लोगों में टी.गोंडाई के अनुवांशिक पदार्थ की जांच की जाती है। 

सामान्य परिणाम:

टिट्रे  <1:16 का मतलब है कि कोई संक्रमण नहीं हुआ है। 

असामान्य परिणाम:

टिट्रे की विभिन्न वैल्यू निम्न को दिखाती हैं:

  • 1:256 या अधिक- हाल ही में हुआ संक्रमण या वर्तमान संक्रमण 
  • >1:1024 – एक्यूट इन्फेक्शन या बीमारी का सक्रिय होना 
  • 1:16 to 1:64 – पहले कभी हुए संक्रमण के बारे में बताता है  
  • 1:16 या कम: आंखों में हुए टोक्सोप्लास्मोसिस के संक्रमण को दिखाता है (ओक्युलर टोक्सोप्लास्मोसिस)
  • नवजात शिशुओं में टाइटर की कोई भी वैल्यू महत्वपूर्ण होती है क्योंकि ये संक्रमण का संकेत देती है। 

संदर्भ

  1. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Parasites - Toxoplasmosis (Toxoplasma infection)
  2. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Parasites - Toxoplasmosis (Toxoplasma infection)
  3. BJ Borkakoty et.al. Prevalence of Toxoplasma gondii infection amongst pregnant women in Assam, India. Indian J Med Microbiol 2007;25:431-2
  4. Stanley Davidson. Davidsons Principles And Practice Of Medicine. 21st Edition, Elsevier
  5. Drew Provan. Oxford Handbook of Clinical and Laboratory Investigation. Oxford University Press, 2018
  6. Denise. D. Wilson. McGraw-Hill Manual of Laboratory and Diagnostic Tests. 1st Edition; ISBN10: 0071481524
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