आंसू गैस, अश्रु गैस और टीयर गैस, आप भी इन नामों से काफी परिचित होंगे। दुनियाभर में कहीं न कहीं किसी ऐसी घटना की खबरें आती ही रहती हैं, जहां पर आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया होता है। प्रथम विश्व युद्ध से लेकर आजकल के दंगे-फसादों तक टीयर गैस को सुरक्षा एजेंसियां भीड़ को तितर-बितर करने के लिए एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करती हैं। इस गैस को मुख्य रूप से उपद्रवों को रोकने या दंगों के दौरान अनियंत्रित भीड़ को नियंत्रित के लिए किया जाता है। हालांकि, ज्यादातर लोगों को इससे होने वाले हानिकारक स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में जानकारी नहीं होती है। क्या आप जानते हैं कि आंसू गैस क्या है, कैसे काम करती है और इससे बचने का तरीका क्या है? आज हम इस लेख में आपके इन सभी सवालों का जवाब देने वाले हैं।

  1. आंसू गैस किसे कहते हैं - Aansu gas kise kahate hain
  2. आंसू गैस कैसे बनती है - Aansu gas ka formula
  3. आंसू गैस के क्या प्रभाव होते हैं - Aansu gas ke kya prabhav hote hain
  4. क्या आंसू गैस जानलेवा है? - Kya Aansu gas janleva hai
  5. आंसू गैस के संपर्क में आने पर क्या करें - Aansu gas ke sampark me aane par kya kare
  6. आंसू गैस से बचाव कैसे करें - Aansu gas se bachav kaise kare

अश्रु गैस क्या है?

इसे सीए गैस (CA gas) के नाम से भी जाना जाता है। यह धातु के बने कनस्तर से भाप के रूप में निकलने वाली एक गैस होती है। ये कनस्तर किसी ग्रेनेड की तरह ही काम करते हैं, जिन्हें हाथ से या बंदूक से लोगों की भीड़ में छोड़ा जाता है। लक्ष्य पर जाते ही इनमें से भाप के रूप में गैस निकलने लगती है।

इस गैस के संपर्क में आने पर कुछ समय के लिए व्यक्ति की आंखों से पानी आनाआंखों में जलन, दर्द और खांसी होने लगती है, साथ ही साथ उसका शरीर कुछ हद तक अक्षम हो जाता है। यह अनियंत्रित भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस द्वारा कानूनी रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला एक हथियार है।

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किससे बनती है टीयर गैस?

आमतौर पर अश्रु गैस में सीए (क्लोरोबेंजाइलाडीन मेलानोनिट्राइल) नाम का एक रसायानिक घटक पाया जाता है। यह भाप के साथ बाहर के सामान्य तापमान में आते ही एक ठोस कण बन जाता है और किसी भी वस्तु, पदार्थ या व्यक्ति के संपर्क में आते ही उससे चिपक जाता है। यह शरीर के जिस भाग के संपर्क में आता है उनमें जलन, दर्द व अन्य तकलीफ पैदा करता है, जैसे आंखों में या सांस के द्वारा श्वास नली व फेफड़े आदि।

सीआर (CR) और सीएक्स (CX) टीयर गैस के शक्तिशाली यौगिक होते हैं, जिनका आमतौर पर कानूनी रूप से उपयोग नहीं किया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये कुछ स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं से जुड़े हो सकते हैं। सीएक्स एक कार्सीनोजन (कैंसर का कारण बनने वाला एक पदार्थ) है, जिससे कैंसर हो सकता है, इसलिए इसका इस्तेमाल प्रतिबंधित है।

आंसू गैस के संपर्क में आने पर क्या होता है?

अश्रु गैस आंख, नाक, मुंह और फेफड़ों की श्लेष्म झिल्ली (म्यूकस मेंबरेन) को प्रभावित कर उनमें जलन व अन्य तकलीफ पैदा करती है और व्यक्ति को अक्षम बना देती है। इसके परिणामस्वरूप आंखों में जलन, छाती में दर्द और सांस लेने में तकलीफ आदि समस्याएं होने लगती हैं।

टीयर गैस शरीर के पेन रिसेप्टर्स (Pain receptors) को सक्रिय कर देती है, खासतौर पर टीआरपीए1 (TRPA1) को, जिससे इस गैस के संपर्क में आने से होने वाला दर्द बढ़ जाता है।

यह गैस आमतौर पर 10 से 15 सेकेंड के भीतर असर दिखाना शुरू कर देती है। इससे रहने वाले प्रभाव की अवधि व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य, गैस के प्रकार और कितनी मात्रा में गैस शरीर के अंदर गई है आदि पर निर्भर करती है।

यदि गैस को किसी बंद स्थान पर छोड़ा गया है, तो संपर्क में आने वाले व्यक्ति को आंखों में जलन, गले में दर्द व जलन, छाती में दर्द व सांस लेने में कठिनाई आदि लक्षण महसूस होने लगते हैं। इसके अलावा यदि गैस को खुले स्थान में छोड़ा गया है, तो यह हवा में मिल जाती है और किसी व्यक्ति के संपर्क में कम आ पाती है, इसके परिणामस्वरूप प्रभाव भी कम हो जाते हैं।

गैस से प्रभावित व्यक्ति जब किसी गैस से दूषित स्थान से दूर साफ वातावरण में चला जाता है, तो आमतौर पर उसके 15 मिनट बाद लक्षण कम होने लगते हैं। हालांकि, अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक अश्रु गैस के संपर्क में आया है, तो उसके शरीर में अधिक गैस चली जाती है और परिणामस्वसरूप इसका प्रभाव भी लंबे समय तक रहता है। 

गैस के लंबे समय तक रहने वाले प्रभावों के बारे में अभी तक ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई है, क्योंकि हर व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य के अनुसार उनमें लक्षण भी अलग-अलग समय तक रह सकते हैं।

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क्या टीयर गैस जानलेवा है?

आंसू गैस को पूरी तरह से लोगों की भीड़ को तितर-बितर करने के इरादे से बनाया गया है, इसलिए इससे किसी व्यक्ति की जान जाने का खतरा बहुत ही कम है। ऐसा इसलिए क्योंकि हर व्यक्ति की स्वास्थ्य क्षमता का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति को सांस से संबंधित कोई रोग है, तो उसके लिए इस गैस का अधिक संपर्क में आना जानलेवा भी हो सकता है।

छोटे बच्चों के लिए भी यह गैस वयस्कों के मुकाबले अधिक प्रभावी हो सकती है, क्योंकि उनकी शारीरिक क्षमता कम होती है और गैस का उन पर अधिक प्रभाव पड़ता है। इसलिए वयस्कों के मुकाबले छोटे बच्चों के लिए यह गैस अधिक घातक साबित हो सकती है। इसके अलावा छोटे बच्चो की लंबाई कम होने के कारण वे धरती की सतह पर पड़े टीयर गैस ग्रेनेड के अधिक पास होते हैं।

अश्रु गैस से होने वाले प्रभाव व जटिलताएं कुछ अन्य स्थितियों के अनुसार बदतर हो सकती हैं। यदि गैस के संपर्क में आने के बाद व्यक्ति हाथापाई कर रहा है या इधर-उधर भाग रहा है, तो ऐसे में गैस का प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अधिक तीव्र शारीरिक गतिविधियां करने से शरीर में तनाव बढ़ जाता है व साथ ही वह तेजी से सांस लेता है और ये दोनों स्थितियां आंसू गैस से होने वाले लक्षणों को बढ़ाने का काम करती हैं।

इसके अलावा इधर-उधर दौड़ रही भीड़ में गिर जाना, सिर में गैस कनस्तर या अन्य कोई चीज लगना आदि भी स्थिति बदतर बना सकता है।

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टीयर गैस के संपर्क में आने पर क्या करना चाहिए?

यदि कोई टीयर गैस का ग्रेनेड आपके पास गिर गया है, तो ऐसे में आपको निम्न बातों का पालन करना चाहिए:

  • सबसे पहले बिल्कुल भी भयभीत या पैनिक न हों। अगर आपने गैस को सूंघ भी लिया है या आपकी आंखों में लग गई है, तो भी बिल्कुल भी घबराएं नहीं, क्योंकि यह जानलेवा नहीं है। इस दौरान खुद को शांत रखें और जल्द से जल्द किसी सुरक्षित स्थान की तरफ जाने की कोशिश करें।
  • गैस सूंघने पर नाक व गले से द्रव निकलने लगता है और यहां तक कि जी मिचलाना व उल्टी भी हो सकती है। इसलिए ऐसे में अपनी सांस को रोकने की कोशिश करें, लेकिन सिर्फ उतनी ही देर तक सांस रोकें जितना आप आसानी से रोक सकते हैं। 
  • यदि आपके पास कोई कपड़ा है, जैसे रुमाल, मफलर या टोपी तो उससे अपने मुंह और नाक को ढक लें। यदि आपके पास कोई कपड़ा नहीं है, तो आप कोहनी की मदद से नाक को ढक कर भी कुछ हद तक गैस को शरीर के अंदर जाने से रोक सकते हैं।
  • सुरक्षित जगह पर जाते ही साफ पानी खोजें और जल्द से जल्द अपनी आंख, नाक व मुंह को अच्छे से धोने की कोशिश करें। यह गैस सामान्य तापमान में ठोस कणों के रूप में बदल जाती है और चिपक जाती है, इसलिए अच्छे से धोना आवश्यक है।
  • यदि संभव हो पानी के छींटे मारकर आंख न धोएं, इसकी बजाए चलते हुए पानी या नल के नीचे अपने सिर को रखें, ताकि पानी आपकी आंख को धोते हुऐ नीचे जाए।
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अश्रु गैस के संपर्क में आने से कैसे बचें?

सबसे पहले अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने लिए ऐसी जगह जाने की कोशिश न करें, जहां पर अश्रु गैस के संपर्क में आने का खतरा हो। हालांकि, फिर भी अगर आप जाना चाहते हैं, तो कुछ उपाय हैं, जो आपको हानिकार प्रभावों से कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं :

आंसू गैस से बचाव करने के लिए गैस मास्क का उपयोग करना सबसे बेहतर विकल्प है।

यदि आपके पास गैस मास्क नहीं है, तो आप आप किसी रुमाल, बन्डाना या फिर पेपर टॉवल को सेब के सिरके या नींबू के रस में भिगो लें और उसे किसी प्लास्टिक बैग में रख लें। यह कपड़ा आपको गैस के वातावरण में भी कुछ मिनट तक आसानी से सांस लेने में मदद कर सकता है।

आंखों को गैस से बचाने के लिए अपने साथ सही फिटिंग वाले स्विमिंग वाले चश्मे का इस्तेमाल कर सकते हैं।

कॉन्टेक्ट लेंस लगाकर बिल्कुल न जाएं, क्योंकि ये गैस से दूषित होकर आंख को क्षतिग्रस्त कर सकते हैं।

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