हमें बचपन से ही दूध पीने की आदत होती है। दूध एक कैल्शियम युक्त पेय है जो प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फास्फोरस, विटामिन बी 2, विटामिन बी 12 जैसे पोषक तत्वों और विटामिन डी के साथ भरी हुआ है। इसलिए यह हमारे आहार में काफी महत्वपूर्ण है। लेकिन क्या दूध पीने का कोई अच्छा या बुरा समय है? आइए इसके बारे में विस्तार से जानें -
- क्या सुबह दूध पिया जाना चाहिए? - Should milk be drunk in the morning in Hindi
- क्या शाम के समय दूध पिया जाना चाहिए? - Should milk be drunk in the evening in Hindi
- रात को दूध पीने के फायदे - Benefits of drinking milk at night in Hindi
- सुबह या रात को दूध पीने के नुकसान - Side effect of drinking milk in the morning and night in Hindi
- दूध पीने का सही तरीका क्या है? - Right way to drink Milk in Hindi
- सारांश
क्या सुबह दूध पिया जाना चाहिए? - Should milk be drunk in the morning in Hindi
अपना दिन दूध के साथ सीरियल (cereal) खाकर शुरू करने या एक दूध आधारित पेय पीने से आपको ऐसा लग सकता है कि आपने अपने दिन की एक त्वरित और पौष्टिक शुरुआत की है। लेकिन अगर आप ध्यान ना दें, तो यह काफी भारी हो सकता है। मलाईदार दूध का उपयोग करने से आपका नाश्ता पेट में भारीपन पैदा करता है और यह काफी देर तक आपकी भूख शांत रखने में भी मदद नहीं करता है। इसके बजाय अगर आप ऐसा नाश्ता करें जिसमें फाइबर ज़्यादा हो जैसे जई का दलिया या जिसमें प्रोटीन ज़्यादा हो जैसे अंडा तो आपकी भूख काफी देर तक शांत रहती है।
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आयुर्वेद के अनुसार सुबह के समय आपका पेट भारी नहीं होना चाहिए। शरीर को एक्टिव रखने के लिए ईंधन की ज़रूरत होती है। भारी दूध पीने से आपके पेट में दर्द या सीने में जलन हो सकती है। इसलिए दिन के इस समय फल या पकी हुई सब्ज़ियाँ, या जई के दलिये में थोड़े से दूध को मिलाकर पीना चाहिए। नट्स वाला दूध भी पी सकते हैं। ऐसा करने से आपके शरीर को पूरा दिन अच्छे से काम करने के लिए मदद मिलती है।
क्या शाम के समय दूध पिया जाना चाहिए? - Should milk be drunk in the evening in Hindi
शाम को एक गिलास दूध पीना बूढ़े लोगों के लिए अच्छा है। अगर आप अपने गुर्दे में पथरी जैसी स्वास्थ्य की स्थिति से पीड़ित हैं, तो यह उसे समाप्त करने में मदद करता है।
रात को दूध पीने के फायदे - Benefits of drinking milk at night in Hindi
रात को दूध पीना सबसे अच्छा है जब आपके शरीर को आराम की ज़रूरत है। ट्रिपटोफन एक एमिनो एसिड है जो दूध में होता है जो कि आपकी नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है और आपको देर तक सोने में मदद करता है। यह आपके शरीर को सेरोटोनिन और मेलाटोनिन (न्यूरोट्रांसमीटर) बनाने में मदद करता है जो शरीर के सोने और जागने के चक्र को नियंत्रित करते हैं। दूध में कैल्शियम भी शरीर में सेरोटोनिन का स्तर बढ़ाने में मदद करता है, जबकि मेलाटोनिन तनाव या किसी औऱ कारण से अनिद्रा या नींद विकार से लड़ने में मदद करता है। दूध में मैग्नीशियम भी दूध को रात में पीने का एक और कारण है। मैग्नीशियम की मदद से आपकी तंत्रिका और मांसपेशियां सामान्य रूप से कार्य करती हैं और यह दोनों ही ज़रूरी हैं अच्छी नींद और रातभर आराम के लिए। इसलिए रात को सोने से आधे घंटे पहले दूध पीना बहुत ही फायदेमंद है। रात को दूध पीकर सोने से आपकी एक नियमित दिनचर्या होगी जिससे आयुर्वेद में निर्धारित ऊर्जा या तीनों दोषों में संतुलन होगा और इस संतुलन के साथ आपके समग्र स्वास्थ्य और जीवन शक्ति में सुधार होगा।
यदि आप अपने दूध में हल्दी मिला लें, तो हल्दी के सूजन को कम करने और जीवाणुरोधी गुणों के कारण आपको और भी लाभ होगा। तो आप आसानी से सो पाएँगे क्योंकि हल्दी वाला दूध पीने से आपके शरीर में अगर कोई दर्द, सूजन है या आपके पूरा दिन काम करने की वजह से आपके सिर में दर्द है, तो आपको इन सब परेशानियों से भी मुक्ति मिलगी। साथ ही जो लोग गठिया जैसी बीमारी से पीढ़ित हैं, उन्हें भी बहुत आराम मिलेगा।
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सुबह या रात को दूध पीने के नुकसान - Side effect of drinking milk in the morning and night in Hindi
कुछ लोगों के लिए दूध पीना कभी भी अच्छा नहीं होता चाहे वो इसे किसी भी समय पर पिएं। विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो लैक्टोज असहिष्णुता से पीड़ित हैं या जिन्हें कोई डेयरी एलर्जी है। अब कैसे पता चले कि आपको यह एलर्जी है?
अगर आप लैक्टोज असहिष्णुता से पीड़ित हैं तो आप जैसे ही दूध या किसी भी दूध के उत्पाद का एक कप पिएंगे, आपको पाचन की समस्याएं होंगी। इसके लक्षणों में पेट में गैस या पेट का फूलना, दस्त और पेट की सूजन शामिल हैं। आपको पेट में दर्द और मतली का अनुभव भी हो सकता है। यदि यह मामला है तो आपको लैक्टोज रहित विकल्प जैसे नट्स वाला दूध या चावल या सोया दूध की ज़रूरत पड़ सकती है। अगर दूध से एलर्जी है पर बहुत गंभीर नहीं है तो पित्ती, दाने, पेट खराब या उल्टी होने जैसे लक्षण हो सकते हैं। कुछ मामलों में खूनी दस्त भी हो सकता है। अगर बहुत ज़्यादा ही गंभीर एलर्जी है, तो वह एनाफाईलैक्सिस (Anaphylaxis) का रूप ले सकती है। इसमें साँस लेने में बहुत अधिक परेशानी होती है और आपका शरीर शॉक में चला जाता है।
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दूध पीने का सही तरीका क्या है? - Right way to drink Milk in Hindi
- सुबह के समय खाली पेट एक गिलास गर्म दूध पिएं। पर ध्यान रखें की दूध गरम हो। दूध में 1 चम्मच चीनी मिलाकर, इसे और भी अधिक स्वादिष्ट बनाएं।
- सिरिअल (cereal) के साथ दूध को मिलाकर खाना एक स्वस्थ नाश्ता माना जाता है।
सारांश
दूध पीने का सही तरीका और समय सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। सुबह खाली पेट दूध पीने से बचना चाहिए क्योंकि यह पेट की अम्लीयता बढ़ा सकता है। इसके बजाय, नाश्ते के साथ या बाद में दूध पीना फायदेमंद होता है। रात को सोने से पहले दूध पीना अच्छी नींद और मांसपेशियों की मरम्मत में मदद करता है। हल्का गर्म दूध पाचन के लिए बेहतर होता है और इसमें हल्दी या इलायची डालने से इसके स्वास्थ्यवर्धक गुण और भी बढ़ जाते हैं। दूध को धीरे-धीरे और चबाते हुए पीना चाहिए ताकि पाचन सही ढंग से हो सके।
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