विटामिन और मिनरल आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही आवश्यक होते हैं। इनकी कमी से आपके शरीर में कई तरह की परेशानीयां उत्पन हो सकती हैं। यहाँ विटामिन और मिनरल की कमी के लक्षण बताये गए हैं। अगर आपको ये लक्षण दिखें तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उनकी सलाह से आगे तये करें कि आपको क्या करना चाहिए।

  1. विटामिन ए की कमी के लक्षण
  2. विटामिन डी की कमी के लक्षण
  3. विटामिन ई की कमी के लक्षण
  4. विटामिन के की कमी के लक्षण
  5. विटामिन सी की कमी के लक्षण
  6. विटामिन ब कॉंप्लेक्स की कमी के लक्षण
  7. फॉलिक एसिड की कमी के लक्षण
  8. कैल्शियम की कमी के लक्षण
  9. लोहे की कमी के लक्षण
  10. जस्ते की कमी के लक्षण
  11. आयोडीन की कमी के लक्षण
  12. क्रोमियम की कमी के लक्षण

त्वचा की मुसीबत, रात को दिखाई कम देना, सुखी आखें, संवेदी क्षमता में कमी

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अगर आपकी नरम हड्डियाँ हैं या बच्चों में बालवक्र जैसी बीमारियाँ हैं तो काफ़ी हद तक संभावना है की आपको विटामिन डी की कमी है। सूर्य के सामने खड़े होके आप इसकी कमी को पूरा कर सकते हैं।

वसा के शरीर में पचने में समस्या होती है जिसकी वजह से एनीमिया, कंकाल मायोपथी, गतिभंग, परिधीय न्युरोपटी, रेटिनोपैथी, प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया, तंत्रिका क्षति की हानि, अत्यधिक रक्तस्राव और थकान जैसी कई बीमारियाँ हो जाती हैं| 

(और पढ़ें - एनीमिया के लक्षण और विटामिन ई के फायदे और नुकसान)

विटामिन के की कमी का सबसे बड़ा लक्षण है अत्यधिक रक्त का बहना| जब किसी में विटामिन के की कमी होती है तो चोट लगने पर रक्त का बहना नहीं रुकता - खून जमता ही नहीं है| आपकी चोट लगने की संभावना भी बढ़ जाती है| नवजात बच्चों में दिमाग़ में अन्द्रूनि रक्त भी बह सकता है|

विटामिन सी की कमी से स्कर्वी जैसी बीमारी होती है| इसमें मसूड़ों से खून बहना, चोट का ना भरना, जोड़ों में सूजन, धीमी गति से घाव भरना और शरीर में थकान बनी रहना जैसी कई चीज़ें होती हैं|

विटामिन ब 12 की कमी से सांघातिक अनीमिया, पेट के कैंसर बढ़ता है| विटामिन ब1 की कमी से भूख कम लगती है और आदमी उदास रहता है| विटामिन ब2 की कमी से फटे हुए होठ और मुह में छाले होते हैं| विटामिन ब3 की कमी से दस्त होता है और मानसिक संतुलन खराब होता है| विटामिन ब6 की कमी से अनीमिया और नस में क्षति होती है|

फॉलिक एसिड की वजह से अनीमिया (थकान होना) और कुछ मामलों में बांझपन हो सकता है। इसकी कमी को दूर करने के लिए गहरे हारे पत्ते वाली सब्जियाँ और खट्टे फल खाने चाहिए। यह लाल खून के कोशिकाओं (सेल) को बढ़ाता है इसलिए इसको गर्भ वती महिलाओं को जरूर लेना चाहिए।

(और पढ़ें – बांझपन का घरेलू इलाज)

कैल्शियम की कमी होने पर हड्डियों का टूटना, शरीर का विकास रुकना, कोशिका तंत्र में समस्या होने जैसी बीमारियाँ होती है। दूध और उससे निकले खाने की चीज़ें जैसे की पनीर, मलाई और दही में कॅल्षियम मिलता है| बच्चों को कॅल्षियम की खासकर जरूरत होती है।

लोहे की कमी से एनीमिया की बीमारी होती है - इससे आपको थकान महसूस होती है, कमजोर नाखून और दिल की धड़कन तेज होती हैं|

जस्ते की कमी से जस्ते की कमी से त्वचा की सूजन हो जाती है| साथ ही बाल खड़ने लगते हैं, गले में खराश और दस्त हो जाते हैं|

आयोडीन की कमी से गण्डमाला या घेंघा होता है - इसमें थाइरोइड ग्रंथि बढ़ जाती है और दिल की धड़कन कम हो जाती है|

क्रोमियम की कमी से वजन का गिरना, ग्लूकोस को सहन न कर पाने जैसे कई बीमारियां हो जाती हैं|

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