पेट का माइग्रेन जिसे एब्डोमिनल माइग्रेन कहते हैं, यह एक प्रकार का माइग्रेन है, जो ज्यादातर बच्चों में होता है। 'माइग्रेन हेडक' में सिर में दर्द होता है, जबकि एब्डोमिनल माइग्रेन में केवल पेट में होता है।

एब्डोमिनल माइग्रेन अक्सर 7 से 10 वर्ष के बच्चों को प्रभावित करता है, लेकिन कभी-कभी वयस्कों को भी यह समस्या हो सकती है। यह एक असामान्य स्थिति है।

इस स्थिति का सटीक निदान होना मुश्किलभरा हो सकता है, क्योंकि यह बच्चों में पेट के दर्द के अन्य सामान्य कारणों जैसे इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) और क्रोहन रोग से मिलते-जुलता हो सकता है।

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पेट का माइग्रेन के संकेत और लक्षण क्या हैं? - Abdominal Migraine Symptoms in Hindi

पेट के माइग्रेन का मुख्य लक्षण ना​भि के आसपास दर्द है, जिसकी वजह से थोड़ा सुस्त महसूस कर सकते हैं। इस स्थिति में होने वाला दर्द मध्यम से लेकर गंभीर तक हो सकता है।

दर्द के साथ, बच्चों में ये लक्षण हो सकते हैं :

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पेट का माइग्रेन का कारण क्या है? - Abdominal Migraine Causes in Hindi

पेट का माइग्रेन का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन कई सिद्धांतों में से एक यह है कि मस्तिष्क और जीआई ट्रैक्ट के बीच किसी समस्या की वजह से यह ट्रिगर हो सकता है। जबकि एक सिद्धांत यह है कि शरीर के दो यौगिकों - हिस्टामाइन और सेरोटोनिन के स्तर में बदलाव होने से पेट का माइग्रेन ट्रिगर हो सकता है।

यह समस्या ऐसे बच्चों में सामान्य है जिनके करीबी रिश्तेदार माइग्रेन हैडेक से ग्रस्त हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि इस स्थिति से ग्रस्त 90 प्रतिशत से अधिक बच्चों के माता-पिता या भाई-बहन माइग्रन से ग्रस्त थे।

पेट का माइग्रेन लड़कों से ज्यादा लड़कियों में पाया गया है। कुछ ऐसे कारक हैं तो एब्डोमिनल माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं, इनमें तनाव और उत्तेजित होना शामिल हैं।

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पेट का माइग्रेन का निदान कैसे होता है? - Abdominal Migraine ka Diagnosis in Hindi

इस स्थिति का निदान करना कठिन हो सकता है, क्योंकि बच्चों को पेट का माइग्रेन और पेट के सामान्य दर्द, फ्लू या पेट से जुड़ी अन्य स्थितियों के बीच ठीक से अंतर नहीं पता होता है।

चूंकि यह समस्या परिवार के सदस्यों में पाई जाती है, ऐसे में डॉक्टर उन रिश्तेदारों के बारे में जानना चाहेंगे जो माइग्रेन हैडेक से जूझ रहे हों। फिर वे पेट में दर्द के अन्य कारणों का पता लगाने की कोशिश करेंगे। इसके बाद वे देखेंगे कि बच्चे के लक्षण पेट के माइग्रेन से कितना मिलते जुलते हैं।

इसके अलावा डॉक्टर फिजिकल टेस्ट भी कर सकते हैं।

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पेट का माइग्रेन का इलाज कैसे होता है? - Abdominal Migraine ka Treatment in Hindi

इस बीमारी का सटीक कारण पता न होने से डॉक्टर कई बार अन्य माइग्रेन समस्या की तरह इसका उपचार कर सकते हैं, लेकिन जब तक लक्षण गंभीर न हो, वे दवाइयां निर्धारित नहीं करते हैं।

आइबुप्रोफेन या एसिटामिनोफेन जैसी दवाइयों को यदि उचित समय पर लिया जाए, तो माइग्रेन अटैक को रोका जा सकता। यदि इन दवाइयों का असर नहीं होता है और बच्चा 5 वर्ष से अधिक है, तो डॉक्टर रिजेट्रिप्टान (मैक्साल्ट) और जोल्मीट्रिप्टान (जोमिग) जैसी दवाई का सुझाव दे सकते हैं, जो मुंह में घुलने वाली गोलियों के रूप में मिलती हैं। जबकि सुमाट्रिप्टान और जोल्मीट्रिप्टान को नाक से लिया जाता है।

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