इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम - Irritable Bowel Syndrome (IBS) in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

September 25, 2018

February 03, 2024

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) क्या है?

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) एक आम विकार है, जो बड़ी आंत (कोलन) को प्रभावित करता है। यह आमतौर पर ऐंठन, पेट दर्द, सूजन, गैस, दस्त और कब्ज का कारण बनता है। आईबीएस एक दीर्घकालिक अवस्था है, जिसकी आपको लम्बे समय तक देखभाल करने की आवश्यकता पड़ती है।

यद्यपि इसके संकेत और लक्षण असहज हैं, आईबीएस - अल्सरेटिव कोलाइटिस (आंत की सूजन) और क्रोहन रोग, जो इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज के रूप हैं - के विपरीत आंतों (Bowel) के ऊतक में परिवर्तन नहीं करता है या आपके कोलोरेक्टल कैंसर के खतरे को नहीं बढ़ाता है।

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम से ग्रसित केवल कुछ लोगों में गंभीर संकेत और लक्षण होते हैं। कुछ लोग आहार, जीवन शैली और तनाव के प्रबंधन (व्यवस्थित करना) द्वारा अपने लक्षणों को नियंत्रित कर सकते हैं। अन्य व्यक्तियों को दवा और परामर्श की आवश्यकता होती है।

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इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के लक्षण - Irritable Bowel Syndrome (IBS) Symptoms in Hindi

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के लक्षण क्या है? 

इस रोग के संकेत और लक्षण व्यापक रूप से प्रत्येक व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं और अक्सर अन्य बीमारियों के समान होते हैं। इसके सबसे सामान्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं -

(और पढ़ें - दस्त में क्या खाना चाहिए)

ज्यादातर लोगों के लिए आईबीएस एक दीर्घकालिक स्थिति होती है। हालांकि, कई बार ऐसा होता है जब  इसके संकेत और लक्षण गंभीर हो जाते हैं और कई बार ऐसा भी समय आता है जब इसके लक्षणों में सुधार होता है या वे पूरी तरह से गायब हो जाते हैं।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

 यदि आपकी आंत्र की दशा में लगातार परिवर्तन हो या यदि आप में आईबीएस के कोई अन्य संकेत या लक्षण हों, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि ये कोलन कैंसर जैसी अधिक गंभीर स्थिति का संकेत कर सकते हैं।

अधिक गंभीर स्थिति की ओर संकेत करने वाले लक्षणों में शामिल हैं –

  • मलाशय से रक्तस्राव
  • पेट दर्द जो रात में बढ़ जाता है या रात में होता है 
  • वजन घटना

(और पढ़ें - वजन बढ़ाने के तरीके)

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आपके चिकित्सक लक्षणों से राहत दिलाने के साथ-साथ पेट की स्थितियों, जैसे – इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज और कोलन कैंसर को दूर करने में आपकी सहायता कर सकते हैं। आपके चिकित्सक क्रोनिक डायरिया जैसी समस्या से उत्पन्न होने वाली जटिलताओं को रोकने में भी मदद कर सकते हैं।

(और पढ़ें - कोलन कैंसर का इलाज)

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के कारण - Irritable Bowel Syndrome (IBS) Causes in Hindi

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम क्यों होता है? 

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के स्पष्ट कारण का अभी तक नहीं पता चला है, लेकिन कई कारक इसमें अपनी भूमिका निभाते हैं। आंतों की सतह पर मांसपेशियों की परतें पंक्तिबद्ध (रोयेंदार) होती हैं, जो एक नियमित लय में फैलती और सिकुड़ती हैं तथा भोजन को आपके पेट से आंत्र नली के माध्यम से मलाशय में ले जाती हैं, जिससे पाचन क्रिया पूरी होती है। यदि आप इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम से ग्रसित हैं, तो यह संकुचन सामान्य से अधिक तेज और अधिक समय के लिए हो सकता है, जिससे गैस, सूजन और दस्त हो सकते हैं। इसके विपरीत कमजोर आंतों का संकुचन भोजन मार्ग को धीमा कर देता है और ठोस, शुष्क मल का कारण बनता है।

(और पढ़ें - पाचन शक्ति बढ़ाने के घरेलू नुस्खे)

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जठरांत्र संबधी) तंत्रिका तंत्र की असामान्यताओं के कारण आपके पेट में गैस या कब्ज हो सकता है, जिसके फलस्वरूप आप सामान्य से अधिक परेशानी महसूस कर सकते हैं। मस्तिष्क और आंतों के बीच खराब तालमेल होने के कारण आपका शरीर उन परिवर्तनों के प्रति अनावश्यक प्रतिक्रिया कर सकता है, जो पाचन प्रक्रिया में सामान्यतः होते हैं। यह अनावश्यक प्रतिक्रिया दर्द, दस्त या कब्ज उत्पन्न कर सकती है।

(और पढ़ें – पेट में गैस दूर करने के घरेलू उपाय)

यह रोग अलग-अलग व्यक्तियों में भिन्न तरीके से सक्रिय होता है। इसके लक्षणों को सक्रिय करने वाले कारकों में शामिल हैं –

  • खाद्य पदार्थ:
    इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम में खाद्य पदार्थों से एलर्जी की भूमिका अभी तक स्पष्ट नहीं हुई है, लेकिन कई लोगों द्वारा कुछ चीज़ें खाने से उनमें अधिक गंभीर लक्षण हो जाते हैं। एलर्जी उत्पन्न करने वाले खाद्य पदार्थों की एक श्रृंखला की ओर संकेत किया गया है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं – चॉकलेट, मसाले, वसा, फल, सेम की फली, पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकली, दूध, कार्बोनेटेड पेय पदार्थ और अल्कोहल। (और पढ़ें - एलर्जी का इलाज)
  • तनाव:
    आईबीएस से ग्रसित अधिकांश लोग यह अनुभव करते हैं कि अधिक तनाव के दौरान उनके संकेत और लक्षण निरंतर या अधिक गंभीर हो जाते हैं, जैसे कि महीने का अंतिम सप्ताह या नई नौकरी का पहला सप्ताह। तनाव लक्षणों को गम्भीर रूप से बढ़ा सकता है, लेकिन उन्हें यह उत्पन्न नहीं करता है।
  • हार्मोन – चूंकि महिलाओं को आईबीएस होने की दोगुनी संभावना है, इसलिए शोधकर्ताओं का मानना है कि इस स्थिति में हार्मोनल बदलाव महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कई महिलाओं ने पाया है कि माहवारी के दौरान या उसके आसपास ये संकेत और लक्षण अधिक बदतर हो जाते हैं।
  • अन्य बीमारियां – कभी-कभी अन्य बीमारी, जैसे कि संक्रामक दस्त (गैस्ट्रोएंटेराइटिस) या आंतों में बहुत से जीवाणुओं की उपस्थिति (बैक्टीरियल ओवरग्रोथ) का गंभीर प्रकरण (Acute episode) आईबीएस को सक्रिय कर सकता है।

(और पढ़ें - तनाव के लिए योग)

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम का खतरा कब बढ़ जाता है? 

बहुत से लोगों में इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के संकेत और लक्षण कभी-कभी दिखाई देते हैं। आपको आईबीएस होने की अधिक संभावना है, यदि आप – 

  • युवा हैं:
    आईबीएस 45 वर्ष से कम उम्र के लोगों में उत्पन्न हो सकता है।
  • महिला हैं:
    पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इस इस स्थिति की संभावना लगभग दोगुनी होती है। 
  • आईबीएस का पारिवारिक इतिहास:
    अध्ययनों से पता चलता है कि जिन लोगों के परिवार के सदस्य आईबीएस से ग्रसित हैं, उन्हें इस बीमारी का अधिक खतरा हो सकता है।
  • मानसिक स्वास्थ्य समस्या:
    चिंता, अवसाद, व्यक्तित्व विकार और बचपन में हुए यौन शोषण का इतिहास इसका जोखिम कारक हैं। महिलाओं के लिए घरेलू हिंसा भी एक खतरा हो सकता है। 

(और पढ़ें - यौन शोषण क्या है)

आईबीएस जोखिम पर पारिवारिक इतिहास का प्रभाव जीन और परिवार के परिवेश में साझा किए गए कारकों या दोनों से संबंधित हो सकता है।

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम से बचाव के उपाय - Prevention of Irritable Bowel Syndrome (IBS) in Hindi

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम से बचाव कैसे होता है?

परेशानी या चिंता के कारण किसी भी व्यक्ति का पाचन खराब हो सकता है, लेकिन अगर आपको इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम है, तो तनाव से सम्बन्धित समस्याएं, जैसे- पेट दर्द और दस्त अक्सर अधिक गंभीर होते हैं। तनाव से निपटने के तरीके ढूंढना लक्षणों को रोकने या कम करने में मदद कर सकता है।  

  • परामर्श:
    कुछ मामलों में, एक मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक तनाव को कम करने में आपकी सहायता कर सकते हैं। वे देखते हैं कि आप घटनाओं के प्रति क्या प्रतिक्रिया करते हैं और फिर उस प्रतिक्रिया को संशोधित करने या बदलने के लिए आपके साथ काम करते हैं। (और पढ़ें - मनोचिकित्सा क्या है)
  • बायोफीडबैक:
    तनाव को कम करने वाली यह तकनीक मशीन की सहायता से प्राप्त फीडबैक के द्वारा आपकी मांसपेशियों के तनाव को कम करने और हृदय गति को धीमा करने में मदद करती है। तब आपको सिखाया जाता है कि इन परिवर्तनों को स्वयं कैसे उत्पन्न किया जाए। इसका लक्ष्य आपको एक आरामदायक स्थिति में लाना होता है, ताकि आप तनाव को आसानी से दूर कर सकें। (और पढ़ें - प्रेगनेंसी में तनाव का इलाज)
  • प्रगतिशील विश्राम अभ्यास:
    ये आपके शरीर की मांसपेशियों को एक-एक करके शिथिल करने में मदद करते हैं। अपने पैरों की मांसपेशियों को कसने से शुरू करें, फिर धीरे-धीरे तनाव को दूर करने पर ध्यान केंद्रित करें। अब अपनी पिंडलियों को कसकर रखें और फिर ढ़ीला छोड़ दें। जब तक आपकी आंखों और खोपड़ी सहित शरीर की मांसपेशियां शिथिल नहीं हो जाती, तब तक इस अभ्यास को जारी रखें। (और पढ़ें - पैरों में दर्द का इलाज)
  • गहरी सांस लेना:
    ज्यादातर वयस्क अपनी छाती से सांस लेते हैं। लेकिन जब आप अपने डायाफ्राम से सांस लेते हैं, तो शान्ति का अनुभव करते हैं। डायाफ्राम एक मांसपेशी है, जो आपकी छाती को पेट से अलग करती है। श्वास अंदर लेते वक़्त अपने पेट को फूलने दें। जब आप सांस छोड़ते हैं, तो आपका पेट स्वभाविक रूप से सिकुड़ जाता है। गहरी सांस लेने से आपके पेट की मांसपेशियों को आराम मिलता है, जिससे आंत्र गतिविधि (Bowel activity) अधिक सामान्य हो सकती है।
  • दिमाग को सचेत करने की ट्रेनिंग: 
    तनाव को कम करने वाली यह तकनीक आपको ध्यान केंद्रित करने और चिंता व व्याकुलता से मुक्त करने में मदद करती है। (और पढ़ें - चिंता दूर करने के घरेलू उपाय)
  • अन्य तकनीकें:
    अपने दैनिक कार्यकलापों में से कम से कम 20 मिनट आप किसी ऐसे काम के लिए निकालें, जिससे आपको शांति मिले – संगीत सुनना, पढ़ना, कंप्यूटर गेम खेलना या गुनगुने पानी में लेटे रहना।

(और पढ़ें - किताब पढ़ने के फायदे)

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम का निदान - Diagnosis of Irritable Bowel Syndrome (IBS) in Hindi

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की जांच कैसे की जाती  है?

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम का निदान संपूर्ण चिकित्सकीय इतिहास और शारीरिक परीक्षण पर निर्भर करता है।

निदान करने के लिए मानदंड:

चूंकि, आमतौर पर आईबीएस का निदान करने के लिए कोई बाहरी लक्षण मौजूद नहीं होते हैं। परीक्षण प्रक्रिया की सहायता के लिए शोधकर्ताओं ने आईबीएस और अन्य जठरांत्र संबंधी विकारों (Functional gastrointestinal disorders) के लिए नैदानिक मानदंडों के दो सेट विकसित किए हैं – 

  • रोम मानदंड (Rome criteria):
    इन मानदंडों के अनुसार, डॉक्टर द्वारा इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम का निदान करने से पहले आप में कुछ संकेत और लक्षण होने चाहिए। पिछले तीन महीनों में कम से कम हर महीने के तीन दिन पेट दर्द और बेचैनी रहना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। ये निम्न में से दो या अधिक के साथ जुड़े हुए हैं – मलत्याग में सुधार, मल की बदलती आवृत्ति या मल की स्थिरता (Consistency) में बदलाव। (और पढ़ें - क्रिएटिनिन टेस्ट क्या है)
  • मैनिंग मापदंड (Manning criteria):
    ये मानदंड मलत्याग से होने वाले दर्द से राहत, अधूरे मलत्याग, श्लेष्म युक्त मल और मल स्थिरता में परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इनके अधिक लक्षण मौजूद होने पर आईबीएस की संभावना बढ़ जाती है। (और पढ़ें - बिलीरुबिन टेस्ट क्या है)

आपके डॉक्टर इन मानदंडों के आधार पर आपका आंकलन करेंगेI साथ-साथ यह भी तय करेंगे कि आप किसी अन्य संकेत या लक्षण से ग्रसित तो नहीं हैं, जो एक और अधिक गंभीर स्थिति का कारण बन सकते हैं। कुछ खतरनाक संकेत और लक्षण जो अतिरिक्त परीक्षण की आवश्यकता का सुझाव देते हैं, उनमें शामिल है –

यदि आप आईबीएस मानदंडों के अनुसार योग्य माने जाते हैं और आप में कोई खतरनाक संकेत या लक्षण नहीं हैं, तो आपके डॉक्टर अतिरिक्त परीक्षण किए बिना उपचार के एक कोर्स का सुझाव दे सकते हैं। लेकिन अगर आप उस उपचार के प्रति कोई प्रतिक्रिया नहीं देते हैं, तो आपको अधिक परीक्षण कराने की आवश्यकता होगी।

अतिरिक्त परीक्षण

आपके डॉक्टर कई परीक्षणों की सिफारिश कर सकते हैं। इसमें आपकी आंतों द्वारा भोजन से पोषक तत्वों को अवशोषित करने की क्षमता से संबंधित समस्या या संक्रमण की जांच के लिए स्टूल स्टडीज (मल का अध्ययन) शामिल है। आपके लक्षणों के अन्य कारणों को दूर करने के लिए कई परीक्षण किए जा सकते हैं –

इमेजिंग परीक्षण:

प्रयोगशाला परीक्षण

  • लैक्टोज इनटॉलेरेंस परीक्षण – यह परीक्षण लैक्टोज इनटॉलेरेंस (दूध और दूध से बने उत्पादों को पचाने में असमर्थता) को दूर करने के लिए किया जाता है, क्योंकि इसके लक्षण बहुत कुछ आईबीएस के लक्षणों से मिलते-जुलते हैं।
  • श्वास परीक्षण – यह परीक्षण बैक्टीरिया की अतिवृद्धि (bacterial overgrowth) नामक स्थिति की जांच करने के लिए किया जाता है। इसमें बृहदान्त्र (कोलन) से बैक्टीरिया छोटी आंत में बढ़ते हैं, जिससे सूजन, पेट की तकलीफ और दस्त हो जाते हैं।
  • रक्त परीक्षण – इस परीक्षण द्वारा सीलिएक रोग (गेहूं, जौ और राई के प्रोटीन के प्रति संवेदनशीलता) को समाप्त किया जाता है, क्योंकि इसमें आईबीएस जैसे लक्षण होते हैं। (और पढ़ें - ब्लड टेस्ट क्या है
  • मल परीक्षण – यदि आपको लम्बे समय से दस्त की समस्या है, तो डॉक्टर बैक्टीरिया या परजीवी के लिए आपके मल की जांच कर सकते हैं। (और पढ़ें - स्टूल टेस्ट क्या है)

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम का इलाज - Irritable Bowel Syndrome (IBS) Treatment in Hindi

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम का उपचार कैसे होता है?

चूंकि इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के होने का कारण स्पष्ट नहीं है, इसलिए इसका उपचार इसके लक्षणों से राहत दिलाने पर केंद्रित होता है ताकि आप यथासंभव सामान्य जीवन जी सकें।

अधिकतर मामलों में, तनाव का प्रबंधन करके और आहार व जीवन शैली में परिवर्तन के द्वारा आप सफलतापूर्वक आईबीएस के हल्के संकेतों और लक्षणों को नियंत्रित कर सकते हैं। इसके लक्षणों को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों से बचें। साथ ही, पर्याप्त व्यायाम करें, अत्यधिक मात्रा में तरल पदार्थ पीएं और पर्याप्त नींद लें।

यदि आपकी समस्याएं मध्यम या गंभीर हैं, तो आपको जीवन शैली में बदलाव करने के अतिरिक्त और भी कुछ करने की आवश्यकता हो सकती है। आपके डॉक्टर दवाओं का सुझाव दे सकते हैं। 

(और पढ़ें - अच्छी नींद के उपाय)

आहार में परिवर्तन:

  • पेट में गैस पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों से दूर रहें:
    यदि आपको पेट फूला हुआ महसूस हो रहा है या काफी मात्रा में गैस हो रही है, तो आपके चिकित्सक सुझाव दे सकते हैं कि आप कार्बनयुक्त पेय पदार्थों और कुछ सब्जियों, जैसे – पत्तागोभी, ब्रोकोली व फूलगोभी और कच्चे फलों का सेवन न करें। (और पढ़ें - फलों के लाभ)
  • ग्लूटेन का सेवन न करें:
    अनुसंधान से पता चलता है कि आईबीएस से ग्रसित कुछ लोगों ने दस्त के लक्षणों में सुधार महसूस किया है, जब वे ग्लूटेन (गेहूं, जौ और राई) का सेवन बंद कर देते हैं। यह सिफारिश विवादास्पद बनी हुई है और इसका प्रमाण स्पष्ट नहीं हैं।
  • एफओडीएमएपी से दूर रहें  कुछ लोग कार्बोहाइड्रेट के प्रकार, जैसे – फ्रुक्टोज, फ़्रुक्टैंस, लैक्टोज आदि के प्रति संवेदनशील होते हैं। आप अपने आईबीएस के लक्षणों से राहत पाने के लिए ऐसे आहार का सेवन करें, जिसमें ये कार्बोहाइड्रेट्स न हों। (और पढ़ें - कम कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन)

दवाएं:

  • फाइबर पूरक: 
    फाइबर पूरक, जैसे कि इसबगोल (मेटामुकिल) या मेथिल सेल्यूलोज (सीट्रसेल) को तरल के साथ लेने से कब्ज को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। फाइबर पूरक की तुलना में भोजन से प्राप्त फाइबर पेट की सूजन को ज्यादा बढ़ा सकता है। (और पढ़ें - पेट की सूजन का इलाज)
  • डायरिया (दस्त) रोधक दवाएं: 
    ओवर-द-काउंटर दवाएं, जैसे कि लोप्रामाइड (इमोडियम) दस्त को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं। कुछ लोगों को पित्त एसिड बाइंडर्स, जैसे - कोलेस्टेरामाइन (प्रीवेलाइट - Prevalite), कोलेस्टीपोल (कोलेस्टाइड) या कोलेसेवेलम - Colesevelam (वेलकोल) दवाओं से फायदा होगा, लेकिन ये पेट में सूजन पैदा कर सकती हैं। (और पढ़ें - दवा की जानकारी)
  • एंटी कोलिनेर्जिक और एन्टीस्पैस्मोडिक दवाएं:
    ये दवाएं, जैसे कि हायोसैसिमिन - Hyoscyamine (लेवसिन) और डीसाइक्लोमिन (बेंटिल) दर्दनाक मल त्याग से छुटकारा दिला सकती हैं। हालांकि, इनके गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं, इसलिए चिकित्सक की सलाह के बिना इनका उपयोग न करें।
  • अवसादरोधक दवाएं:
    यदि आपके लक्षणों में दर्द या अवसाद शामिल हैं, तो आपके डॉक्टर ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट या सेलेक्टिव सेरोटोनिन रीप्टेक इन्हीबिटर (एसएसआरआई) की सिफारिश कर सकते हैं। ये दवाएं अवसाद से राहत दिलाने में मदद करती हैं, साथ ही आंतों को नियंत्रित करने वाले न्यूरॉन्स की गतिविधि को रोकती है।
  • एंटीबायोटिक्स:
     कुछ लोग जिनके लक्षण आंतों में बैक्टीरिया की अतिवृद्धि के कारण उत्पन्न होते हैं, उन्हें एंटीबायोटिक उपचार से लाभ हो सकता है। दस्त के लक्षण वाले कुछ लोगों को रिफाक्सीमिन (जिफसान - Xifaxan) से फायदा पहुंचता है, लेकिन इस बारे में अधिक शोध की आवश्यकता है। (और पढ़ें - एंटीबायोटिक क्या है)
  • परामर्श:
    यदि आप अवसाद से ग्रसित हैं या अगर तनाव आपके लक्षणों को गंभीर कर देता है, तो आपको मनोवैज्ञानिक परामर्श से फायदा हो सकता है। 

(और पढ़ें - मानसिक रोग का इलाज)

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इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के नुकसान - Irritable Bowel Syndrome (IBS) Complications in Hindi

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की जटिलताएं क्या है? 

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के लक्षण दस्त और कब्ज है, जिनके कारण बवासीर गंभीर रूप से बढ़ सकता है। इसके अलावा अगर आप कुछ खाद्य पदार्थों से बचते हैं, तो आपके शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिससे कुपोषण हो जाता है। इससे आपके समग्र जीवन की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है तथा जीवन में जटिलता उत्पन्न हो जाती है। आईबीएस के इन प्रभावों से आप महसूस करते हैं कि आप अपनी जिन्दगी अच्छी तरह से नहीं जी पा रहे हैं, जिससे निराशा या अवसाद पैदा हो सकती है।

(और पढ़ें - बवासीर में क्या खाना चाहिए)



संदर्भ

  1. Stuart Ralston Ian Penman Mark Strachan Richard Hobson. Davidson's Principles and Practice of Medicine. 23rd Edition: Elsevier; 23rd April 2018. Page Count: 1440
  2. Am Fam Physician. 2005 Feb 1;71(3):547-548 [Internet] American Academy of Family Physicians; Irritable Bowel Syndrome.
  3. National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases [internet]: US Department of Health and Human Services; Eating, Diet, & Nutrition for Irritable Bowel Syndrome.
  4. Aggarwal Praveen, George Mathew Medicine: Prep Manual for Undergraduates. 5th Edition: Elsevier India; 28th September 2015. Pages: 1022.
  5. National Health Service [internet]. UK; iet, lifestyle and medicines - Irritable bowel syndrome (IBS) Contents What is IBS?

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के डॉक्टर

Dr. Paramjeet Singh Dr. Paramjeet Singh गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव
Dr. Nikhil Bhangale Dr. Nikhil Bhangale गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
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इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Irritable Bowel Syndrome (IBS) in Hindi

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम पर आम सवालों के जवाब

सवाल लगभग 4 साल पहले

मुझे एक महीने से पेट में ऐंठन और दर्द है। मुझे कब्ज की भी समस्या है। ऐसा लगता है कि मुझे इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम हो गया है और लगभग एक महीने से ही मेरा वजन भी कम होने लगा है। पहले मेरा वजन 57 किलो था जो कि एक महीने बाद 55 हो गया है। मैं जानना चाहता हूं कि क्या आईबीएस की वजह से वजन भी कम हो सकता है?

Dr. OP Kholwad MBBS , सामान्य चिकित्सा

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक (जठरांत्र पथ) के फंक्शन को प्रभावित करने वाला एक मुख्य कारण है। जिन लोगों को आईबीएस की समस्या होती है, उनमें से कुछ लोगों को दस्त लग जाते हैं। क्योंकि उनकी आंत की प्रक्रिया सामान्य से अधिक तेज हो जाती है। जबकि दूसरी तरफ आईबीएस के अन्य लक्षणों में कब्ज शामिल है, जिसमें आंत्र प्रक्रिया की गति सामान्य से अधिक धीमी हो जाती है। इसलिए आईबीएस के कारण कुछ लोगों का वजन घट सकता है, तो कुछ लोगों में वजन बढ़ भी जाता है। आईबीएस के कारण कुछ लोगों को पेट में ऐंठन और दर्द जैसी समस्याएं होती हैं, जिसकी वजह से वह कम कैलोरीज वाला खाना खाते हैं, जबकि दूसरे लोग उन खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं, जिसमें जरूरत से ज्यादा कैलोरीज होती हैं।

सवाल लगभग 4 साल पहले

पिछले 3 महीने से मुझे पेट में ऐंठन, दर्द और बार-बार दस्त भी लग जाते हैं। मेरा पेट फूला हुआ भी है। ऐसा लगता है कि मुझे इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम हो गया है। मैंने इसके लिए अभी तक कोई भी ट्रीटमेंट नहीं लिया है। अगर मैं इसका इलाज नहीं करवाता हूं, तो क्या कोई गंभीर समस्या हो सकती है? या यह खुद ही ठीक हो सकता है?

Dr. Chinmaya Bal MBBS , सामान्य चिकित्सा

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की वजह से आपको कोलाइटिस या कैंसर जैसी गंभीर समस्याएं नहीं होती हैं, लेकिन अगर आप इसे अनुपचारित छोड़ देते हैं, तो आपमें आईबीएस के लक्षण बने रहेंगे, जिसकी वजह से आपको अक्सर दर्द और बेचैनी होगी। शरीर में कोलोन या बड़ी आंत लगभग 5 सेंटी मीटर लंबी है जो आईबीएस की वजह से सामान्य से अधिक संवेदनशील और अलग प्रतिक्रिया कर सकती है। इसलिए आपको इसे अनुपचारित नहीं छोड़ना चाहिए। गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट से मिलें और ट्रीटमेंट शुरू कर दें।

सवाल लगभग 4 साल पहले

पिछले एक महीने से मुझे कब्ज की समस्या है और मुझे पेट में भी दर्द रहता है। क्या यह इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के लक्षण हैं? कुछ दिनों से मुझे पेट में ऐंठन और जी मितली भी हो रही है। क्या जी मितली भी आईबीएस का एक लक्षण है?

Dr. OP Kholwad MBBS , सामान्य चिकित्सा

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या के साथ सबसे अधिक दिखाई देने वाले लक्षणों में दस्त और कब्ज शामिल हैं। हालांकि, इस समस्या से जूझ रहे अधिकतर लोगों को जी मितली भी हो सकती है। जी मितली की वजह से कभी-कभी उल्टी आने जैसा भी महसूस होता है।

सवाल लगभग 4 साल पहले

मेरी उम्र 35 साल है और मुझे इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम है। कुछ महीनों से मुझे पेट में दर्द हो रहा है और मुझे कब्ज भी है। इस महीने मेरे पीरियड्स भी अनियमित हो गए हैं, क्या यह आईबीएस की वजह से हुआ है? क्या आईबीएस की वजह से पीरियड्स बंद भी हो सकते हैं?

Dr. Sameer Awadhiya MBBS , पीडियाट्रिक

जी हां, ऐसा हो सकता है। कुछ बीमारियां जैसे इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम, ट्यूबरकुलोसिस (टीबी), लिवर से जुड़ी समस्या और डायबिटीज की वजह से महिलाओं को पीरियड्स मिस होना और अनियमित होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के कारण पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं और साथ ही पेट में दर्द व ऐंठन जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं। आप गयनेकोलॉजिस्ट की सलाह से ही दवा लें।