कोल्ड अर्टिकेरिया (ठंडा पित्ती) - Cold Urticaria in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

December 16, 2019

December 31, 2020

कोल्ड अर्टिकेरिया
कोल्ड अर्टिकेरिया

ठंड के संपर्क में आने से त्वचा पर होने वाली प्रक्रिया को कोल्ड अर्टिकेरिया कहा जाता है। ठंड के संपर्क में आने के कुछ मिनट बाद त्वचा पर लाल, खुजलीदार चकत्ते विकसित होने लगते हैं।

कोल्ड अर्टिकेरिया से ग्रस्त लोगों में कई अलग-अलग प्रकार के लक्षण देखने को मिलते हैं। कुछ लोगों में ठंड के कारण हल्की प्रक्रिया होती है, तो अन्यों में गंभीर प्रक्रियाएं दिखाई देती हैं। इस स्थिति में कुछ लोगों को तैरने के कारण लो बीपी जैसी समस्या हो सकती है या फिर बेहोशी व शॉक भी हो सकता है।

कोल्ड अर्टिकेरिया ज्यादातर युवाओं को होता है। अगर आपको लगता है कि आपको भी यह स्थिति है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। रोग को रोकने के लिए एंटीहिस्टामिन दिए जाते हैं और ठंडी हवा से बचाव की सलाह दी जाती है। 

कोल्ड अर्टिकेरिया के लक्षण

कोल्ड अर्टिकेरिया के लक्षण और स्थिति की गंभीरता हर व्यक्ति में अलग होती है। प्रभावित लोगों  में अक्सर खुजलीदार लाल चकत्ते हो सकते हैं और/या ठंड के संपर्क में आने के कारण त्वचा पर सूजन भी आ सकती है। यह चकत्ते आमतौर पर संपर्क में आने के 2 से 5 मिनट में दिखाई देने लगते हैं और 1 से 2 घंटो तक रहते हैं। इसके अन्य लक्षण और संकेतों में शामिल हैं:

कुछ गंभीर मामलों में ठंड के संपर्क में आने के बाद व्यक्ति बेहोश खो सकता है, या यहां तक कि उसकी मृत्यु भी हो सकती है।

कोल्ड अर्टिकेरिया के कारण

अभी तक कोल्ड अर्टिकेरिया के सही कारण का पता नहीं लगा पाया है। इससे ग्रस्त कुछ लोगों में वंशानुगत त्वचा कोशिकाएं होती हैं। इस रोग की स्थिति का सबसे सामान्य कारण ठंड की वजह से हिस्टामिन और अन्य रसायनों (केमिकल्स) का रक्त प्रवाह में फैलना होता है। इन रसायनों के कारण लालिमा, खुजली और कभी-कभी पूरे शरीर पर ऐसी प्रक्रियाएं होती हैं।

कोल्ड अर्टिकेरिया का इलाज

कोल्ड अर्टिकेरिया का इलाज आमतौर पर मरीजों को इसके बारे में शिक्षित करना होता है, कि किन और किस तरह उन्हें ठंडी चीजों का परहेज करना चाहिए (उदाहरण के लिए, ठंडा तापमान, ठंडा पानी)। रोगनिरोधी उपचार में एंटीहिस्टामिन की अधिक खुराक की सलाह दी जा सकती है, जब ठंड के संपर्क में आने की संभावना हो और इस स्थिति को टाला ना जा सके। एनाफिलेक्सिस के अधिक जोखिम के कारण, इससे प्रभावित व्यक्तियों को अक्सर अपने साथ एपिनेफ्रीन ऑटोइंजेक्टर रखने को कहा जाता है।

अन्य कई थेरपी के जरिए भी कोल्ड अर्टिकेरिया का इलाज किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:

  • ल्यूकोट्रिएन एंटागोनिस्ट्स
  • सिक्लोस्पोरिन
  • कॉर्टिकोस्टेरॉयड
  • डैपसोन
  • ओरल एंटिबायोटिक्स
  • सिंथेटिक हार्मोन
  • डैनाजोल