दुनियाभर में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार जारी है। हर दिन लाखों नए मामले सामने आ रहे हैं। इसके बाद संक्रमित का आंकड़ा चार करोड़, 80 लाख के करीब (4,79,26,765) पहुंच गया है। जबकि मृतकों की संख्या 12 लाख से अधिक (12,21,852) हो चुकी है। आंकड़े बताते हैं कि एक ओर जहां करोड़ों लोग इस महामारी के शिकार हुए हैं, तो कितने ही लोग ऐसे हैं जो कोविड-19 महामारी की वजह से आज स्ट्रेस यानी तनाव भरी जिंदगी जीने को मजबूर हैं। लेकिन इस तनाव को कम करने के लिए लोग अल्कोहल का सहारा ले रहे हैं। एक रिसर्च के तहत शोधकर्ताओं ने पाया कि स्ट्रेस को कम करने के लिए लोग ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन कर रहे हैं। मतलब महामारी के दौर में तनाव को कम करने लिए अल्कोहल सबसे आम हथियार बन गया। स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़ी पत्रिका इंटरनल मेडिसिन जर्नल में इस अध्ययन को प्रकाशित किया गया है।

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इस रिसर्च के तहत अमेरिका के मैनचेस्टर स्थित मैकलीन हॉस्पिटल के विशेषज्ञों ने इससे जुड़े कारणों को बारीकी से परखा है। साथ ही कोविड-19 संक्रमण को ध्यान में रखते हुए शराब की बढ़ती खपत को कम और सीमित करने के संभावित फैक्टर की जांच की। चूंकि, यह महामारी पिछले कई भयानक घटनाओं की तुलना में ज्यादा घातक और अधिक व्यापक है। इसके चलते बड़े स्तर पर सामाजिक कार्यक्रम को नुकसान पहुंचा है। साथ ही लोग घर में कैद हो गए, सामाजिक समर्थन के साधन सीमित हो गए और  मेडिकल क्षेत्र पर अधिक भार आया है। इसके अलावा घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हुई है। लेकिन शोधकर्ताओं का मानना है कि शराब के अधिक मात्रा में उपयोग के कारण इसका और अधिक प्रभाव देखने को मिल सकता है। 

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रिसर्च के सह-लेखक और मैकलीन हॉस्पिटल में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन अल्कोहल के एक रिसर्च साइकोलॉजिस्ट डॉन ई सुगरमैन का कहना है "हमें उम्मीद है कि इस लेख से महामारी के प्रभाव जैसे कि शराब के हो रहे अधिक उपयोग की ओर ध्यान जाएगा। साथ ही इस कम-मान्यता प्राप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता को कम करने का सुझाव मिलेगा।" इस रिसर्च के तहत विशेषज्ञों ने इस बात भी पर जोर दिया है कि इससे लोगों को पब्लिक हेल्थ से जुड़ा एक संदेश मिले, क्योंकि स्ट्रेस (तनाव) और चिंता को बिना शराब के सेवन के भी नियंत्रित किया जा सकता है। साथ ही लोगों को शिक्षित किया गया है कि वो फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ एक सीमित मात्रा में अल्कोहल का उपयोग करें। इसके अलावा यह भी बताया गया है कि व्यक्ति को खुद या किसी और के बारे में चिंतित होना चाहिए।

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दूसरी ओर लेखक प्राइमरी केयर विजिट्स यानी प्राथमिक देखभाल के दौरान अल्कोहल उपयोग संबंधी विकारों की स्क्रीनिंग के लिए अधिक से अधिक प्रयासों का आह्वान करते हैं। विशेषज्ञों ने अल्कोहल के ज्यादा सेवन के बाद जोखिम वाले व्यक्तियों को उपचार प्रदान करने की बात कही है। मैकलीन अस्पताल में शराब, ड्रग और एडिक्शन क्लीनिक एंड हेल्थ सर्विस रिसर्च प्रोग्राम की निदेशक एमडी, एमपीएच और रिसर्च की सह-लेखक शेल्ली एफ ग्रीनफील्ड का कहना है "रोगियों में हानिकारक अल्कोहल की बढ़ती उपयोगिता की पहचान करना और उसमें जल्दी से हस्तक्षेप करना इस समस्या के समाधान के प्रमुख घटक हैं। इसके अलावा, नीति निर्माताओं द्वारा समस्या की पहचान कर संघीय नियमों में बदलाव किया सकता है - जैसे कि हमने टेलीहेल्थ के साथ देखा है और इसकी मदद से हेल्थ केयर सेक्टर में सुधार हो सकता है।"

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विशेषज्ञों ने नोट किया कि शराब के उपयोग पर कोविड-19 का पूर्ण प्रभाव अभी तक पता नहीं चल पाया है। लेकिन महामारी के पहले कुछ महीनों के दौरान अल्कोहल की बढ़ती दर के साथ इफेक्टिव पब्लिक हेल्थ और मेडिकल रिस्पॉन्स की तत्काल आवश्यकता है।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: स्ट्रेस को कम करने के लिए अधिक मात्रा में हो रहा शराब का सेवन, लेकिन अल्कोहल की खपत को कम करने की जरूरत- शोधकर्ता है

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