भारत में नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 से होने वाली बीमारी कोविड-19 का पहला मामला केरल राज्य में 30 जनवरी 2020 को सामने आया था। तब से लेकर अब तक भारत में 78 हजार मामले सामने आ चुके हैं। 14 मई 2020 के आंकड़ों के मुताबिक करीब 50 हजार ऐक्टिव केसेज हैं, 26 हजार लोग बीमारी से ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं और करीब 2,500 लोगों की मौत हो चुकी है। 24 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में पहली बार लॉकडाउन की घोषणा की थी ताकि इस संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। लॉकडाउन की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना आसान था और प्राधिकारी वर्ग को भी टेस्टिंग और चिकित्सीय सुविधाओं की व्यवस्था करने का समय मिल गया। 

अनुसंधानकर्ताओं ने इस बारे में कई दलीलें पेश कीं कि भारत में लॉकडाउन करना अनिवार्य था। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर डिजीज डाइनैमिक्स, इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने एक प्रोजेक्शन स्टडी की जिसमें यह बात सामने आयी कि प्रारंभिक रूप से किए गए 21 दिन के लॉकडाउन की वजह से भारत में कोविड-19 के फैलने की दर में कमी आयी जिससे हेल्थकेयर सिस्टम को भी बड़ी संख्या में बढ़ते मामलों को संभालने के लिए अपनी तैयारी करने का समय मिल गया।

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अब जैसे-जैसे दुनियाभर के बाकी देशों में भी लॉकडाउन को हटाने की तैयारी चल रही है, वहीं भारत में भी 25 मार्च 2020 से हुए लॉकडाउन के सख्त नियमों में कमी करने और कुछ जरूरी छूट दिए जाने की बात कही जा रही है। देशभर में कोविड-19 के तेजी से बढ़ते मामलों की वजह से पहले ही 2 बार लॉकडाउन को बढ़ाया जा चुका है। देशभर के कुछ हिस्सों में हो सकता है कि लॉकडाउन किसी न किसी रूप में जारी रहे लेकिन देशभर में इसे अनिश्चितकाल के लिए जारी नहीं रखा जा सकता।

12 मई 2020 को देश के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात के संकेत दे दिए हैं कि देश में लॉकडाउन 4.0 भी होगा लेकिन इसके नियमों में कुछ बदलाव किए जाएंगे और वह पहले की तरह सख्त नहीं होगा। इन सबके बीच श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के साथ-साथ नई दिल्ली से देशभर के अलग-अलग शहरों के लिए 15 यात्री ट्रेनों का भी परिचालन शुरू हो चुका है और धीरे-धीरे दूसरी ट्रेनें भी चलनी शुरू हो जाएंगी। इसे देखते हुए भारतीय रेलवे ने भी कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अपनी सेवाओं में कुछ बदलाव किए हैं। लिहाजा अगर आपको भी किसी अतिआवश्यक काम की वजह से रेलयात्रा करनी पड़े तो हम आपको बता रहे हैं कि ट्रेन से सफर करने के दौरान आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

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  1. लंबे समय तक लॉकडाउन रहने का असर
  2. यात्री ट्रेन और टिकट बुकिंग के नियमों में हुए बदलाव
  3. लॉकडाउन के बाद ट्रेन से यात्रा करने के लिए अहम टिप्स
  4. लॉकडाउन के बाद की रणनीति
कोविड-19: लॉकडाउन के बाद ट्रेन से यात्रा करते वक्त क्या करें, क्या न करें के डॉक्टर

भारत सरकार ने लंबे समय तक देश में जो लॉकडाउन लगा रखा है उसे लेकर लोगों के विचारों में विरोधाभास साफ नजर आ रहा है। सरकारी आंकड़ों की मानें तो कोविड-19 की टेस्टिंग को बढ़ाना और चिकित्सीय सुविधाएं मुहैया कराने को हासिल किया जा चुका है। बावजूद इसके देशभर में कोविड-19 के मामले लगातार और बेहद तेजी से बढ़ रहे हैं। इसका देश की अर्थव्यवस्था पर भी खासा असर पड़ा है क्योंकि कई उद्योग और व्यापार लॉकडाउन की वजह से बंद हो रखे हैं।

अचानक हुए इस लॉकडाउन की वजह से लाखों प्रवासी मजदूरों का भी काम बंद हो गया जिस कारण वे सभी अपने-अपने शहरों को लौटने की कोशिश में लग गए। चूंकि बस, ट्रेन और परिवहन के सभी साधन बंद हो गए थे और राज्यों की सीमाएं भी सील कर दी गई थीं इसलिए इन मजदूरों के पास अपने-अपने घरों तक जाने के लिए पैदल चलने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था। 

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पहला लॉकडाउन खत्म होने के बाद सरकार ने नियमों में कुछ ढील जरूर दी और कुछ सेक्टर्स जैसे- मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को काम करने की इजाजत दी और इस लिस्ट में धीरे-धीरे कई और उद्योगों को शामिल किया गया लेकिन नियंत्रित क्षमता के साथ। नियंत्रण रणनीति (कंटनमेंट स्ट्रैटेजी) के तहत हॉटस्पॉट या आउटब्रेक जोन में आने वाले व्यापार और उद्योगों को बंद रखने की सलाह दी गई थी। 

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वैसे तो लॉकडाउन हटने के बाद भी कुछ समय तक गैर-जरूरी यात्रा से बचना ही बेहतर होगा लेकिन अगर आपको किसी जरूरी काम की वजह से ट्रेन से यात्रा करनी पड़ती है तो आपको इन सरकारी दिशा-निर्देशों को एक बार चेक जरूर कर लेना चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 11 मई 2020 को ट्रेन से यात्रा करने वाले लोगों की गतिविधि के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटेकॉल (एसओपी) का निर्धारण किया। हम आपको यहां उस नए प्रोटेकॉल के बारे में बता रहे हैं और उसका आपके लिए क्या अर्थ है, इस बारे में यहां जानें:

  • श्रेणीबद्ध तरीके से होगी ट्रेनों की शुरुआत: भारतीय रेल मंत्रालय इस वक्त, गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ संपर्क में है ताकि वे इस बात का निर्णय ले सकें कि देश के किस रूट को कब खोला जा सकता है। आपके इलाके में अगर रेल सेवाएं शुरू हो जाती हैं तब भी आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि कुछ समय के लिए आप सिर्फ जरूरी काम के लिए ही यात्रा करें। गैर-जरूरी यात्रा बिलकुल न करें।
  • इसके अलावा रेल मंत्रालय ने विशेष विवरण जारी किया है जिसके तहत यात्री टिकट खरीद सकते हैं, रेलवे स्टेशन और ट्रेन के अंदर प्रवेश कर सकते हैं और यात्रा के दौरान उन्हें किस तरह की सुविधाएं मिल सकती हैं। ऐसे में अगर आपको अगले कुछ महीनों तक ट्रेन से यात्रा करने की जरूरत पड़े तो इन दिशा निर्देशों को एक बार अच्छी तरह से जरूर पढ़ लें।
  • वैसे रेल यात्री जिनके पास कंफर्म ई-टिकट होगा सिर्फ उन्हें रेलवे स्टेशन परिसर में दाखिल होने की इजाजत होगी। ऐसा करने से स्टेशन पर होने वाली भीड़ को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। साथ ही कई बार जब बड़ी संख्या में लोग दूसरों को स्टेशन छोड़ने के लिए पहुंच जाते हैं उसे भी रोकने में मदद मिलेगी।
  • कंफर्म ई-टिकट रेल से यात्रा करने वाले यात्री के लिए ही नहीं बल्कि ट्रेन के ड्राइवर के लिए भी जरूरी होगा।
  • साथ ही साथ रेल मंत्रालय भी इन जरूरी बातों का ध्यान रखेगा: 1. सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग अनिवार्य होगी और सिर्फ अलक्षणी यात्रियों को ही ट्रेन में चढ़ने की इजाजत दी जाएगी। 2.सभी यात्रियों को रेलवे स्टेशन में अंदर आते वक्त, बाहर निकलते वक्त और ट्रेन के कोच में चढ़ते वक्त हैंड सैनिटाइजर दिया जाएगा। 3.रेल मंत्रालय अपने इन्फॉर्मेशन, एजुकेशन और कम्यूनिकेशन (आईईसी) कैंपेन के जरिए अपने कर्मचारियों और रेल यात्रियों के लिए स्वास्थ्य संबंधी परामर्श और दिशा निर्देश भी जारी करेगा। आपकी रेल बुकिंग और यात्रा से जुड़ी जो भी जानकारी या संदेश रेलवे पोर्टल की तरफ से आपको भेजा जाता है उसका पालन करना आपके लिए अनिवार्य होगा।
  • सभी यात्रियों के लिए स्टेशन और ट्रेन में प्रवेश करने के साथ ही पूरी यात्रा के दौरान मास्क या फेस कवर लगाए रखना अनिवार्य होगा। आप इस बात का ध्यान रखें कि ट्रेन से यात्रा करते वक्त हर समय आप अपना मास्क लगाकर रखें।
  • ट्रेन में चढ़ते वक्त और पूरी यात्रा के दौरान सोशल या फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन जरूर करें।
  • आपकी ट्रेन जिस राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में जा रही है वहां पर स्वास्थ्य से जुड़े जो भी प्रोटोकॉल होते हैं उनका पालन सभी यात्रियों को करना होगा। आगे बढ़ते हुए, यह भी जरूर जान लें कि आप जिस शहर में यात्रा कर रहे हैं वहां पर कौन-कौन से हॉटस्पॉट्स हैं ताकि आप उन क्षेत्रों में यात्रा करने से बच जाएं। 
  • इन उपायों के साथ-साथ रेल यात्रियों को निर्देश दिया गया है कि वे ट्रेन के समय से कम से कम 90 मिनट पहले स्टेशन पहुंच जाएं ताकि उनकी थर्मल स्क्रीनिंग हो पाए। 
  • यात्रा के दौरान आमतौर पर राजधानी ट्रेनों में कंबल, तकिया, चादर आदि चीजें जो दी जाती थीं उस सुविधा को भी बंद कर दिया गया है। ऐसे में यात्रियों को ये सभी चीजें अपने घर से लानी होगी।
  • पहले जहां यात्री टिकट के साथ ही पीने का पानी और खाने की सुविधा मिलती थी, उसके लिए अब अलग से अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
  • साथ ही यात्रियों को आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप डाउनलोड करने की सलाह दी गई है। भारत सरकार की तरफ से इस ट्रैकिंग ऐप को तैयार किया गया है ताकि देश के नागरिकों को कोविड-19 के बारे में जानकारी दी जा सके।

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जब हमारा देश लॉकडाउन से बाहर आएगा तो यह हम सबका दायित्व होगा कि हम अतिरिक्त सावधानियां बरतें। इसमें घर से बाहर निकलकर दूसरे शहर में यात्रा करने के दौरान बरती जाने वाली जरूरी सावधानियां और ऐहतियात भी शामिल है। लिहाजा हम आपको बता रहे हैं उन जरूरी बातों के बारे में जिसका आपको यात्रा के दौरान जरूर पालन करना चाहिए:

  • गैर जरूरी यात्रा करने से बचें: कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ सबसे उचित रणनीति यही है कि आप जहां तक संभव हो घर के अंदर ही रहें। कम से कम तब तक जब तक इस बीमारी का कोई इलाज या वैक्सीन नहीं बन जाती।
  • जब आप घर से बाहर हों तो हर हाल में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें। अपने और दूसरों के बीच जहां तक संभव हो कम से कम 2 फीट की दूरी जरूर बनाकर रखें।
  • घर से बाहर हमेशा फेस कवर या फेस मास्क पहनकर रखें खासकर बंद जगह जैसे रेल कम्पार्टमेंट के अंदर। आप चाहें तो रेल यात्रा के दौरान डिस्पोजेबल ग्लव्स भी पहनकर रख सकते हैं ताकि आप दरवाजे का हैंडल जैसी कॉमन सतहों को प्रत्यक्ष रूप से न छूएं।
  • ध्यान रखें कि अब आपको ट्रेन के टाइम से 90 मिनट पहले स्टेशन पहुंचना है। इसलिए समय पर घर से निकलें ताकि आखिरी समय में आपको किसी तरह का तनाव या बेचैनी न हो।
  • वैसे तो रेलवे स्टेशन और ट्रेन में भी साबुन और हैंड सैनिटाइजर दिया जा रहा है लेकिन बेहद जरूरी है कि आप अपना सैनिटाइजर भी साथ में रखें। कुछ-कुछ घंटों में अपने हाथों को 20 सेकंड तक साबुन पानी से धोते रहें। (और पढ़ें: कोविड-19 से बचने के लिए सही तरीके से कैसे धोएं अपने हाथ)
  • अगर संभव हो तो अपने साथ कीटाणुनाशक वाइप्स भी कैरी करें ताकि आप बैठने से पहले अपनी सीट और विंडो को साफ कर पाएं।
  • अगर आपका सफर रातभर का है तो अपने साथ कंबल और चादर ले जाना न भूलें।
  • जहां तक संभव हो अपना खाना और पानी अपने साथ लेकर जाएं। हालांकि ट्रेन में ये चीजें मिलेंगी लेकिन रेल मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक आपको इसके लिए आपको पैसे देने होंगे।
  • अगर आप बीमार हों तो यात्रा बिलकुल न करें। वैसे तो प्राधिकारी वर्ग हर एक यात्री की चेकिंग करने के बाद ही उन्हें ट्रेन में चढ़ने की इजाजत देंगे लेकिन हकीकत यही है कि आप अपने शरीर को बेहतर तरीके से जानते हैं। अगर आपको खांसी, गला खराब, बुखार, थकान, सूंघने में दिक्कत महसूस हो रही हो तो अपना चेकअप करवाएं। ये कोविड-19 के लक्षण हो सकते हैं। आखिरकार कोई भी नहीं चाहेगा कि वह जाने-अनजाने संक्रमण फैलाने का कारण बने और सुपर-स्प्रेडर कहलाए।
  • यात्रा के दौरान जहां तक संभव हो भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
  • अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने से पहले उस शहर के हॉटस्पॉट्स, आइसोलेशन सुविधाएं और अस्पतालों के बारे में थोड़ी रिसर्च कर लें।

जैसे ही लॉकडाउन हटेगा उसके बाद हम सबकी जिंदगी तुरंत ही पहले की तरह बिलकुल नॉर्मल नहीं हो पाएगी। ऐसे में जरूरी है कि जब आप इतने हफ्तों के विच्छेद के बाद दूसरे लोगों से मिलें तो इस दौरान अतिरिक्त सावधानियां बरतें। यह खासतौर पर तब जरूरी है कि जब आप किसी नई जगह पर, बंद कंपार्टमेंट के अंदर दर्जनों यात्रियों के साथ सफर कर रहे हों।

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दुनियाभर के ज्यादातर देशों में संपूर्ण रूप से या फिर आंशिक तौर पर प्रतिबंध लगाए गए हैं और भारत इससे अलग नहीं है। हालांकि इन देशों में प्रतिबंध हटाने या उसमें किसी तरह की कमी करने के लिए सभी देशों ने अलग तरीका अपनाया है और इसके लिए कोई एक समान पैमाना नहीं है।

भारतीय रेलवे ने भले ही सीमित क्षमता के साथ अपनी सेवाओं को दोबारा शुरू करने की घोषणा कर दी हो लेकिन ऐसे कई उद्योग और संस्थान हैं जिन्हें दोबारा शुरू करने से पहले काफी सोच-विचार करने की जरूरत होगी - शैक्षणिक संस्थान- स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी आदि। इन्हें दोबारा शुरू करने से पहले इस बात का ध्यान रखना होगा कि बीमारी का प्रसार कम से कम हो। अंतरराष्ट्रीय लेबर ऑर्गनाइजेशन (आईएलओ) की मानें तो दुनियाभर में हुए इस लॉकडाउन ने वैश्विक स्तर पर 160 करोड़ (1.6 बिलियन) लोगों की आजीविका को प्रभावित किया है।

वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की तरफ से जारी की गई ग्लोबल रिपोर्ट ऑन फूड क्राइसिस के 2020 एडिशन के मुताबिक, दुनियाभर के करीब 26 करोड़ 50 लाख लोगों (265 मिलियन) को कोविड-19 महामारी की वजह से खाने की कमी और भूख का गंभीर खतरा हो सकता है। मौजूदा समय में करीब 13 करोड़ 50 लाख लोग भूख और गरीबी का सामना कर रहे हैं और रिपोर्ट में जारी किया गया आंकड़ा इसका दोगुना है।

भारत की 130 करोड़ आबादी को धीरे-धीरे अपने सामान्य जीवन और रोजाना के कामकाज में वापस आना होगा। लॉकडाउन की समय सीमा खत्म होने के बाद पब्लिक प्लेस पर भी पूरी सावधानी बरतनी होगी। जिन जगहों पर अब भी बड़ी संख्या में संक्रमण का खतरा बना हुआ है उन जगहों पर प्रतिबंध जारी रह सकते हैं। लेकिन मनोरंजन और फुरसत के पलों से जुड़े परिचालनों को अब भी खुलने और अपनी बारी आने का इंतजार करना होगा। साथ ही साथ अतिसंवेदनशील आबादी यानी हमारे बुजुर्ग और पहले से किसी बीमारी से पीड़ित मरीजों का भी खास ध्यान रखना होगा।

पिछले महीने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने उन देशों के लिए जो अपने यहां प्रतिबंधों में कमी करने के बारे में सोच रहे हैं उनके लिए कुछ दिशा निर्देश जारी किए थे। इस दौरान उन्हें सुझाव दिया गया था कि उन्हें कौन से कदम उठाने चाहिए ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके। जो बातें और सिद्धांत एक देश में काम करते हैं हो सकता है कि वह दूसरे देश में काम न करे। लेकिन सभी का इस वक्त सिर्फ एक ही लक्ष्य है और वह है कोविड-19 बीमारी को फैलने से रोकना। कम से कम तब तक जब तक इस बीमारी का कोई इलाज नहीं मिल जाता या वैक्सीन नहीं बन जाती।

भारत में जैसा कि आप देख रहे हैं कि कोविड-19 के मामलों में रोजाना बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। खासकर मई महीने में तो संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे समय में प्रतिबंधों में छूट देने का फैसला कहीं गलत न साबित हो जाए। जैसा कि देशभर के स्वास्थ्य विशेषज्ञ और महामारी विज्ञान से जुड़े एक्सपर्ट्स कह रहे हैं।

भारत सरकार ने मौजूदा परिस्थिति पर नजर बनाकर रखी है और 17 मई को जब तीसरे चरण का लॉकडाउन खत्म होगा उसके बाद इसमें और छूट मिलने की संभावना है। हालांकि देशभर के राज्यों को केंद्र ने सख्त निर्देश दिया है कि वह लोगों की नियमित गतिविधियों, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और निगरानी रखने की अपनी कोशिशों को जारी रखें।

Dr Rahul Gam

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8 वर्षों का अनुभव

Dr. Arun R

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: लॉकडाउन के बाद ट्रेन से यात्रा करते वक्त क्या करें, क्या न करें है

संदर्भ

  1. Ministry of Home Affairs: Government of India. [Internet] New Delhi, India. Order - Ministry of Home Affairs, Government of India
  2. Schueller E et al. COVID-19 in India: Potential Impact of the Lockdown and Other Longer-Term Policies Center for Disease Dynamics, Economics and Policy [Internet]
  3. World Food Programme [Internet] Rome, Italy 2020 - Global Report on Food Crises.
  4. World Health Organization [Internet]. Geneva (SUI): World Health Organization; Considerations in adjusting public health and social measures in the context of COVID-19
  5. Vaidyanathan G. People power: How India is attempting to slow the coronavirus Nature. 2020 Apr; 580, 442.
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