कोविड-19 महामारी के बीच बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर वैश्विक संगठनों ने फिर चिंता जाहिर की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि इस स्वास्थ्य संकट के चलते सामान्य स्वास्थ्य सेवाएं काफी ज्यादा बाधित हुई हैं, जिससे गरीब देशों के बच्चों का जीवन रक्षक टीकाकरण (लाइफ सेविंग) नहीं हो पा रहा जो कि एक गंभीर समस्या है। वहीं, डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा कि कई देशों में कोविड-19 के संक्रमित मामलों की संख्या पहले से थोड़ी कम जरूर हुई है, लेकिन यह महामारी अभी भी जारी है और हालात सामान्य होने से अभी काफी अधिक दूर है। 

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दरअसल, संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने अफ्रीका, पूर्वी यूरोप, लैटिन अमेरिका और कुछ एशियाई देशों में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और मौतों की संख्या को लेकर चिंता जाहिर की है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधानम ग्रेबेयेसस ने जिनेवा में समाचार सम्मेलन के दौरान कहा कि अभी हमें लंबा रास्ता तय करना है और सही दिशा में काम करने से कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को रोका जा सकता है। इसके अलावा टेड्रोस ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कोविड-19 के प्रभाव से बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर अपनाए जा रहे टीकाकरण कार्यक्रमों पर खतरा पैदा हो गया है।

टेड्रोस ने कहा कि हो सकता है बच्चों में कोविड​​-19 से संक्रमित होने का जोखिम कम हो, लेकिन वैक्सीन नहीं मिलने के कारण अन्य बीमारियों के खतरे के चलते उनकी मौत हो सकती है। उन्होंने कहा, 'पोलियो, खसरा, हैजा, पीला बुखार और मेनिन्जाइटिस जैसी बीमारियों के खिलाफ नियमित टीकाकरण में देरी से दुनियाभर में लगभग एक करोड़ से ज्यादा (13 मिलियन) लोग प्रभावित हुए हैं। यही नहीं, सब-सहारा अफ्रीका में मलेरिया के मामलों की संख्या दोगुनी हो सकती है। लेकिन ऐसा होना नहीं चाहिए।'

ब्रिटेन में 'कोविड-19 से जुड़े लक्षणों' से एक दर्जन से ज्यादा बच्चे गंभीर रूप से बीमार
उधर, युनाइटेड किंगडम (यूके) में दर्जनभर बच्चों के गंभीर रूप से बीमार होने की खबर है। ब्रिटिश अखबार 'द गार्डियन' के मुताबिक, बच्चों में कोविड-19 से जुड़े कुछ 'घातक संयुक्त लक्षण' दिखाई दिए हैं। अखबार ने बताया है कि बच्चों में पेट दर्द और हृदय से जुड़ी समस्या का पता चला है। एक दर्जन से ज्यादा इन बच्चों की बीमारी को कोविड-19 से जोड़कर देखा जा रहा है।

रिपोर्ट की मानें तो बच्चें टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम से बीमार पड़े हैं, जिसके चलते सभी को आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा है। उधर, ब्रिटेन के चर्चित स्वास्थ्य प्रोग्राम 'नेशनल हेल्थ सर्विस' के उच्चाधिकारी इस मामले से इतने चिंतित हुए हैं कि उन्होंने इस बारे में डॉक्टरों को अलर्ट जारी कर कहा है कि वे इस तरह के मामलों को तुरंत रेफर करें।

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जानकारी के मुताबिक, पीड़ित बच्चों में से कम से कम एक को एक्ट्रा कॉरपोरेट मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (ईसीएमओ) इलाज दिया गया है। सांस देने का यह तरीका तब इस्तेमाल किया जाता है, जब कोई व्यक्ति अपनेआप सांस लेने की स्थिति में नहीं होता। वहीं, यह भी पता चला है कि बीमार बच्चों में से ज्यादातर कावासाकी रोग से पीड़ित हैं। यह रक्त वाहिकाओं से जुड़ी एक दुर्लभ बीमारी है। बताया जाता है कि यूके में 18 साल से कम उम्र के मरीजों के हृदय रोग से पीड़ित होने के पीछे यही समस्या जिम्मेदार होती है। नेशनल हेल्थ सर्विस की मानें तो कावासाकी बीमारी से ग्रसित कोई व्यक्ति कोविड-19 के संपर्क में आता है तो उसकी हालत और ज्यादा बिगड़ सकती है।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोरोना वायरस संकट के बीच डब्ल्यूएचओ ने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर जताई चिंता, ब्रिटेन में कोविड-19 के 'संयुक्त' लक्षणों के चलते 12 बच्चे आईसीयू में भर्ती है

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