डायबिटीज ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति का ब्लड ग्लूकोज स्तर ज्यादा हो जाता है. डायबिटीज वाले लोगों को डाइट का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. ऐसे में अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या डायबिटीज में मीठा खा सकते हैं. शोध के अनुसार, डायबिटीज में मीठे को डाइट में शामिल किया जा सकता है, लेकिन तब तक ही जब तक कि यह हेल्दी डाइट का हिस्सा हो और कभी-कभी खाया जाता हो.

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आज इस लेख में आप जानेंगे कि डायबिटीज में मीठा खा सकते हैं या नहीं -

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  1. क्या डायबिटीज में मीठा खाना संभव है?
  2. सारांश
क्या डायबिटीज में मीठा खा सकते हैं? के डॉक्टर

डायबिटीज को मैनेज करते हुए जरूरी है कि कार्बोहाइड्रेट और शक्कर के सेवन का विशेष ध्यान रखा जाए, क्योंकि इससे ब्लड ग्लूकोज स्तर पर गहरा असर पड़ता है. यही वजह है कि ऐसा माना जाता है कि डायबिटीज में मीठा नहीं खाना चाहिए, लेकिन यह पूरी तरह से सही नहीं है. सच तो यह है कि हेल्दी डाइट की योजना बनाते हुए डायबिटीज वाले लोग भी मीठा खा सकते हैं. आइए, विस्तार से जानते हैं कि डायबिटीज में मीठा खाना चाहिए या नहीं -

कार्बोहाइड्रेट की गिनती

कार्बोहाइड्रेट को गिनकर डायबिटीज वाले लोग इस बात का ध्यान रख सकते हैं कि वे पूरे दिन में भोजन और तरल पदार्थ के जरिए कितनी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन कर रहे हैं. इस तरह से मीठा खाने की योजना बनाई जा सकती है. 

यदि कोई व्यक्ति भोजन से पहले इंसुलिन ले रहा है, तो कार्बोहाइड्रेट गिनकर इस बात का पता लगाया जा सकता है कि कितनी मात्रा में इंसुलिन लेने की जरूरत है. साथ ही संतुलित भोजन का सेवन करने की कोशिश करनी चाहिए, जिसमें बिना स्टार्च वाली सब्जियां, लीन प्रोटीन और साबुत अनाज शामिल हो. इस प्रकार सही योजना के साथ डायबिटीज में मीठा खा सकते हैं. 

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कम कार्बोहाइड्रेट वाले विकल्प

हर मीठी चीज में कार्बोहाइड्रेट की गिनती अलग-अलग होती है. इसके साथ ही यह सच है कि डायबिटीज में कम कार्बोहाइड्रेट वाले मीठा का चयन करना चाहिए. उदाहरण के लिए कम कार्बोहाइड्रेट वाले चीज़ केक में 15-20 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है, जिससे डायबिटीज को मैनेज करने में मदद मिलती है. इस तरह से इंसुलिन का भी कम इस्तेमाल करना पड़ेगा और ब्लड शुगर के बढ़ने के चांसेज भी कम रहेंगे.

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घर का बना मीठा

डायबिटीज में मीठा खाना है, वो भी हेल्दी तरीके से तो बेहतर होगा कि घर में बना मीठा खाया जाए. कम कैलोरी या बिना कैलोरी वाले स्वीटनर का इस्तेमाल करके मीठी डिश बनाई और खाई जा सकती है. इस तरह की मीठी डिश खाने से मीठा खाने की क्रेविंग भी पूरी हो जाएगी और ब्लड शुगर में भी इजाफा नहीं होगा.

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फल का सेवन

मीठा खाने की क्रेविंग को फल के सेवन से भी कम या खत्म किया जा सकता है. फल में कम कार्बोहाइड्रेट और शक्कर तो अमूमन बिल्कुल नहीं होता है. इसके अलावा, फल में फाइबर होता है, जो सेहत के लिए बढ़िया है, क्योंकि इसे पचने में समय लगता है और यह ब्लड शुगर लेवल के बढ़ने का कारण नहीं बनता है.

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मात्रा पर दें ध्यान

सबसे ज्यादा जरूरी है डायबिटीज में मीठा खाते समय मात्रा पर ध्यान दिया जाए. अगर स्मूदी पीने का मन है, तो थोड़ा सा ही पिएं न कि दो गिलास पी लें. इसी तरह ड्राई फ्रूट खाते समय भी सही मात्रा का ध्यान रखना जरूरी है. यदि केक खाने का मन है, तो एक पीस केक का एक चौथाई हिस्सा खाना सही है और ऐसे ही आधी कुकी खाना सही है.

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जब शरीर में ब्लड ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है, तो इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है. वैसे बेहतर तो यही होता है कि डायबिटीज होने पर मीठे से दूरी बना ली जाए. फिर भी अगर मीठा हेल्दी डाइट का हिस्सा है और सीमित मात्रा में खाया जाए, तो डायबिटीज में मीठा खाने में दिक्कत नहीं आती. बेहतर तो यह होगा कि डायबिटीज में मीठा खाने जैसे मुद्दे पर डॉक्टर से बात की जाए और उनके कहे अनुसार ही इसे अपनी डाइट में शामिल किया जाए. 

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