दुनियाभर में दवा की अधिक खुराक यानी ओवरडोज के बारे में जागरूकता फैलाने और दवाओं से संबंधित समस्याओं और मौतों से जुड़े कलंक को कम करने के लिए हर साल 31 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय दवा ओवरडोज जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को यह बताना है कि ओवरडोज के कारण होने वाली मौतों को रोका जा सकता है और हमें इसे रोकने के लिए कुछ और करने की जरूरत है।

प्रिस्क्राइब दवाइयां भी निर्देश के अनुसार न खाई जाएं तो ओवरडोज हो सकता है
दवाइयों का ओवरडोज तब होता है जब कोई व्यक्ति अपने शरीर की क्षमता से अधिक मात्रा में दवाइयों का सेवन कर लेता है या फिर ऐसी दवाइयों को मिलाकर खा लेता है जिसे उनका शरीर प्रोसेस नहीं कर पाता है। दवाइयों की अधिक खुराक का सेवन करना, सिर्फ अवैध दवाइयों या ओटीसी दवाइयों के बारे में नहीं बल्कि अगर आप पर्चे पर लिखी प्रिस्क्राइब दवाइयों का भी उनके निर्देश के अनुसार सेवन न करें तो आपको ओवरडोज की समस्या हो सकती है। यही वजह है कि दवाइयों का सेवन करते वक्त अपने डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन को सही तरीके से फॉलो करना जरूरी है और साथ ही डॉक्टर को यह बताना भी जरूरी है कि आप वर्तमान में कौन सी दवाएं ले रहे हैं ताकि वे आपको उन दवाओं से आगाह कर सकें जिन्हें एक साथ लेना सुरक्षित नहीं है।

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अपने आप को ड्रग ओवरडोज के लक्षणों से परिचित कराना और इसके लिए तत्काल कैसी देखभाल होनी चाहिए इस बारे में जानना भी आपको ओवरडोज की समस्या के बारे में तैयार रहने में मदद करेगा।

ओवरडोज के लक्षण
हर दवा के ओवरडोज से जुड़े संकेत और लक्षण अलग-अलग होते हैं। यहां हम एक छोटी सी लिस्ट के माध्यम से आपको दवा के प्रकार के साथ-साथ उनके अधिक मात्रा में सेवन करने से जुड़े लक्षणों और संकेतों के बारे में बता रहे हैं:

डिप्रेसेंट्स : अवसाद या डिप्रेशन की समस्या में दी जाने वाली दवाइयां अक्सर वैसी दवाइयां होती हैं जिन्हें दर्द से राहत पाने के लिए या किसी व्यक्ति को नींद दिलाने और सोने में मदद करने के लिए दी जाती हैं। अवसादक औषधी (डिप्रेसेंट) की अधिक मात्रा में सेवन करने पर उल्टी, धीरे-धीरे या कम सांस लेना, हृदय अतालता या अनियमित दिल की धड़कन, उंगलियों के टिप या होंठों का नीला पड़ना, जागृत अवस्था में रहने के बाद भी व्यक्ति का कोई जवाब न देना या बेहोश हो जाने जैसे लक्षण नजर आते हैं।

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अल्कोहल: अल्कोहल ओवरडोज यानी शराब का अधिक मात्रा में सेवन तब हो सकता है जब कोई व्यक्ति बेहद कम समय में बहुत ज्यादा शराब पी ले- नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ, अमेरिका द्वारा परिभाषित किया गया है, अगर 2 घंटे के समय में कोई महिला 4 से अधिक डिंक और पुरुष 5 से अधिक डिंक का सेवन कर ले तो इसे अल्कोहल ओवरडोज माना जा सकता है। एक तरह का अवसादक होने के कारण, शराब शरीर के कामकाज को धीमा कर देती है। ओवरडोज के मामले में, यह शरीर के मूलभूत क्रियाकलापों को गंभीर रूप से प्रभावित करती है जैसे- श्वास और हृदय गति। नतीजतन, व्यक्ति में सांस लेने में तकलीफ या श्वासअवरोधन, भ्रम, दौरे आना, उल्टी, हाइपोथर्मिया, त्वचा का नीला पड़ना और चेतना का नुकसान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

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ओपीओइड: ओपीओइड्स को ज्यादातर दर्द को कम करने के लिए लिया जाता है। ये दवाएं शरीर द्वारा दर्द की धारणा को कम करती हैं। हालांकि, जब इनका अत्यधिक मात्रा में सेवन किया जाता है, तो ओपीओइड शरीर द्वारा सांस लेने के सामान्य आग्रह को दबा देती हैं जिससे व्यक्ति को सुस्ती और बेहोशी का अनुभव होता है। इस कारण मस्तिष्क को नुकसान पहुंचता है और कुछ एक्सट्रीम मामलों में व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। धीरे-धीरे या कम सांस लेना, अंगुलियों और होठों का नीला पड़ना, उल्टी आना, हाथ और पैर का लटक जाना या निष्क्रिय हो जाना आदि, ओपीओइड विषाक्तता के लक्षण हैं।

उत्तेजक औषधी: उत्तेजक दवाइयां वैसी दवाइयां हैं जो शरीर की गतिविधियों को बढ़ाने में मदद करती हैं। ये दवाइयां सतर्कता में सुधार करती हैं और व्यक्ति को अधिक सक्रिय बनाती हैं। हालांकि, जब इनका अत्यधिक मात्रा में सेवन किया जाता है, तो उत्तेजक औषधी की वजह से सिर में दर्द, चिंता, सीने में दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, दौरे, घबराहट, त्वचा में सूजन और सांस लेने में कठिनाई जैसी दिक्कतें पैदा हो सकती हैं।

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ड्रग ओवरडोज की समस्या से कैसे निपटें?
यदि आपको दवा के ओवरडोज से जुड़े ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण दिखते हैं तो तुरंत डॉक्टर को बुलाएं। आपको चिकित्सीय सहायता लेने के लिए जरूरी नहीं कि खुद में सारे लक्षण दिखने चाहिए। कभी-कभी किसी व्यक्ति के बेहोश होने पर भी उसे ओवरडोज से मरने में घंटों समय लग जाता है। जब एम्बुलेंस आती है, तो यहां कुछ कदम बताए गए हैं जिनका पालन अवश्य करना चाहिए:

  • सुनिश्चित करें कि एंबुलेंस में मरीज के साथ कोई व्यक्ति हो ताकि मरीज में दिख रहे किसी भी लक्षण को जल्दी से नोट किया जा सके।
  • व्यक्ति को कुछ भी खाने या पीने के लिए न दें।
  • उन्हें जबरन उल्टी करवाने की कोशिश न करें, विशेष रूप से शराब या अवसादक दवाइयों के ओवरडोज के मामले में क्योंकि इस दौरान व्यक्ति की सजगता सुस्त हो सकती है और इस कारण उनका दम घुट सकता है।
  • अगर व्यक्ति को दौरे पड़ रहे हों तो सुनिश्चित करें कि व्यक्ति के आसपास ऐसा कुछ भी न हो जिससे उन्हें चोट लग सकती हो।
  • यदि व्यक्ति सांस लेना बंद कर देता है तो सीपीआर देने की आवश्यकता पड़ सकती है।
  • जहां तक संभव हो व्यक्ति को सोने न दें और यदि वे बेहोश हो जाते हैं, तो उन्हें किसी रिकवरी पोजिशन में शिफ्ट कर दें ताकि किसी चीज से उनका दम न घुटे और वे ठीक से सांस ले सकें। ऐसा करने के लिए, व्यक्ति को पीठ के बल लेटे हुए व्यक्ति के घुटनों को मोड़ दें। बांह को अपने पास ले जाकर शरीर के 90 डिग्री के कोण तक ले जाएं, उस हाथ की हथेली ऊपर की ओर हो। दूसरे हाथ को व्यक्ति के विपरीत गाल पर ले जाएं ताकी हथेली का पिछला हिस्सा उनके गाल को छू रहा हो। अब उनके पैर को (उनके हाथ की तरफ वाला पैर जो उनके गाल पर है) घुटने से मोड़ें ताकि उनके कूल्हे और घुटने 90 डिग्री के कोण पर मुड़े हुए हों और व्यक्ति को आपकी तरफ घुमाएं ताकि वे करवट लेकर लेटे रहें। उनके सिर को थोड़ा ऊपर उठाएं और सुनिश्चित करें कि वे सांस ले रहे हों।
  • यदि किसी व्यक्ति को शराब की अत्यधिक मात्रा की वजह से ओवरडोज हुआ हो तो सुनिश्चित करें कि वे और अधिक शराब का सेवन न करें क्योंकि ऐसा करने से उनके खून में अल्कोहल की मात्रा बढ़ जाएगी और उनके लक्षण और बिगड़ जाएंगे। उन्हें कॉफी पीने या ठंडे पानी से स्नान करने से भी रोकें। कॉफी का सेवन करने से डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाएगी और ठंडे पानी से नहाने से हाइपोथर्मिया हो सकता है।
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